IAF प्रमुख ने Tejas विमान में देरी पर कहा_”अगर यह समयसीमा के भीतर पूरा नहीं हो पाता है तो इसकी प्रासंगिकता खत्म हो जाती है”

भारतीय वायुसेना (IAF) के प्रमुख द्वारा दिया गया यह बयान देश की मौजूदा रक्षा तैयारियों और भविष्य की जरूरतों को लेकर उनकी स्पष्ट सोच को दर्शाता है। चीन द्वारा छठी पीढ़ी के जेट विमानों का परीक्षण एक रणनीतिक चुनौती के रूप में देखा जा सकता है।

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IAF प्रमुख का बयान:

उन्होंने Tejas लड़ाकू विमानों की मौजूदा स्थिति और उनकी आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया है। तेजस भारतीय वायुसेना का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान (LCA) है, लेकिन इसकी तैनाती और बड़े पैमाने पर उत्पादन में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि पहले से स्वीकृत 40 तेजस विमानों की पूरी तरह से सेवा में शामिल होने की प्रक्रिया अभी अधूरी है।

छठी पीढ़ी के विमान:

IAF chief reacts to China testing 6th generation jets

छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान उन विशेषताओं से लैस होते हैं, जो पांचवीं पीढ़ी से कहीं अधिक उन्नत होती हैं, जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्वायत्तता, बेहतर स्टील्थ तकनीक, और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध की क्षमता। चीन द्वारा इसका परीक्षण भारत के लिए एक रणनीतिक चेतावनी हो सकती है, और इसका उद्देश्य सैन्य श्रेष्ठता को बढ़ावा देना हो सकता है।

भारत के लिए चुनौती और अवसर:

  1. तेजस के उत्पादन को गति देना: तेजस जैसे स्वदेशी परियोजनाओं को प्राथमिकता देकर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
  2. छठी पीढ़ी की योजना: भारत को भी अपनी छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकास (AMCA प्रोजेक्ट) पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
  3. रणनीतिक साझेदारी: अन्य देशों के साथ सहयोग करके रक्षा अनुसंधान और विकास को तेज करना होगा।

यह बयान भारत के लिए एक संकेत है कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बनाए रखने और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तेजस और अन्य परियोजनाओं को शीघ्रता से कार्यान्वित करना आवश्यक है।

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