होम विदेश Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का रास्ता साफ

Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का रास्ता साफ

Donald Trump अगर खुद सीनेट में आकर कहेंगे कि सब कुछ उन्होंने किया तब भी 43 या 43 से ज्यादा रिपब्लिकन उनका ही साथ देंगे और कोई भी उनके ख़िलाफ़ नही जायेगा.

Impeachment cleared against former US President Donald Trump
File Photo

Washington: अमेरिकी सीनेट में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ महाभियोग (Impeachment) की शुरुआत 13 मिनट का एक भावनात्मक वीडियो दिखाकर किया गया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि रिपब्लिकन को पता था कि कल अमेरिका में सभी की नजर इस पर होगी. इसलिए जितना भी वह इमोशनल दृश्य वीडियो में शामिल कर सकते थे, वह उन्होंने किया. ट्रंप (Donald Trump) का पक्ष रखने वाले अटॉर्नी ने भी वीडियो देखने के बाद अपनी रणनीति बदल दी और 1 घंटे से ज्यादा की भावनात्मक स्पीच दी, इतिहास की कई कहानी सुनाई और अपनी भी कहानी सुनाई. 

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ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वे इमोशन से इमोशन को काट रहे थे, वह ट्रम्प का बचाव करने से ज़्यादा सिर्फ भावनात्मक बातें कर रहे थे और इस बात में 13 मिनट के वीडियो पर वह भारी पड़े. हालांकि, डिबेट के बाद वोटिंग हुई जिसमें नतीज़ा 56-44 से ट्रायल के पक्ष में आया. 56 इस पक्ष में थे कि ट्रायल होना चाहिए, 44 रिपब्लिकन विरोध में थे.

नतीजन अब ट्रंप (Donald Trump) का ट्रायल होगा. क्योंकि 6 रिपब्लिकन ने ट्रंप के खिलाफ वोट दिया है इसीलिए यह 6 महाभियोग की वोटिंग में भी खिलाफ ही रहेंगे ऐसी उम्मीद है. अभी भी 11 रिपब्लिकन को महाभियोग के लिए और तोड़ना होगा जो कि असंभव लगता है. अभी तक की स्थिति के मुताबिक़ ट्रंप सुरक्षित नजर आते हैं. अंतिम दिन एक और रिपब्लिकन सीनेटर टूट सकता है पर कम से कम 43 ट्रंप के साथ ही रहेंगे, जबकि दोषी ठहराने के लिए 67 सीनेटर या सदन में मौजूद सीनेटरों का दो तिहाई चाहिए.

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डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अगर खुद सीनेट में आकर कहेंगे कि सब कुछ उन्होंने किया तब भी 43 या 43 से ज्यादा रिपब्लिकन उनका ही साथ देंगे और कोई भी उनके ख़िलाफ़ नही जायेगा. 

Donald Trump 2022 में होने वाले सीनेट चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के लिए तुरुप का पता हैं और पार्टी उनको हाथ से जाने नहीं देना चाहेगी. कल जो भी हुआ वह रिपब्लिकन के लिए ठीक नहीं था. असल में यह ट्रायल संवैधानिक नहीं होने देना था और सभी रिपब्लिकन को एकजुटता दिखानी थी पर ऐसा नहीं हुआ. रिपब्लिकन को अपने ही राष्ट्रपति का ट्रायल नहीं होने देना था पर वोटिंग के बाद अब यह ट्रायल संवैधानिक हो गया है.

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