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भारतीय अर्थव्यवस्था पर Ganga Vilas Cruise का प्रभाव

गंगा विलास क्रूज भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ को मजबूत करने के लिए भारतीय प्रधान मंत्री की एक सफल योजना है।

हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री ने वाराणसी में दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज, Ganga Vilas Cruise को झंडी दिखाकर रवाना किया।

आयोजन के दौरान, प्रधान मंत्री ने वाराणसी में टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया और कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

एमवी गंगा विलास दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है, जो वाराणसी से अपनी पहली यात्रा करेगा और 51 दिनों में 3,200 किलोमीटर की यात्रा कर असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा, जो 27 विभिन्न नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगा।

Ganga Vilas Cruise से संबंधित महत्वपूर्ण विषय

Impact of Ganga Vilas Cruise on Indian Economy

Ganga Vilas Cruise से जुड़ी एक महत्वपूर्ण और दिलचस्प विशेषता इसका आकार है। इसकी लंबाई 62 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर है। इस वजह से यह दुनिया की सबसे लंबी नदी का क्रूज हो जाता है।

गंगा विलास क्रूज के इंटीरियर को देश की सबसे सुसज्जित कला और संस्कृति को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जिसे भारत की कला पारखी डॉक्टर अन्नपूर्णा गरिमला ने डिजाइन किया है।

गंगा विलास क्रूज में सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। इसमें एक मिनी बार, हीटर, वार्डरोब, टेलीविजन, सलंग्न बाथरूम और हाई प्रेशर शॉवर भी है। इसलिए इसे जानकर भी इसे फाइव स्टार जैसा बता रहे हैं।

इसे पर्यावरण के अनुकूल भी बताया जा रहा है, इसमें फिल्टरिंग सिस्टम की भी सुविधा है जिसके जरिए नदी के पानी को फिल्टर कर क्रूज में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा क्रूज पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी है, जो गंगा नदी में क्रूज से प्रदूषित नहीं होगा।

इसमें लगे ऑयल टैंक की कैपेसिटी 40000 लीटर है, जिससे 30 से 40 दिनों तक टैंक के फुल रहने तक तेल की कमी नहीं होगी।

Ganga Vilas Cruise की यात्रा

Ganga Vilas Cruise का प्रबंधन निजी ऑपरेटरों द्वारा किया जाएगा, जहाजरानी, ​​बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के तहत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने परियोजना का समर्थन किया है।

यह महाबोधि मंदिर, हजारदुआरी पैलेस, कटरा मस्जिद, बोधगया, चंदननगर चर्च, चार बांग्ला मंदिर और अन्य सहित गंगा नदी के तट पर चालीस ऐतिहासिक स्थलों से गुजरेगा।

राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (NW-1) को जोड़ने के अलावा, जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र पर राष्ट्रीय जलमार्ग 2 (NW-2) शामिल हैं, क्रूज 27 नदी प्रणालियों को पार करेगा।

हल्दिया (सागर) और इलाहाबाद (1620 किमी) के बीच गंगा, भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली को 1986 में NW-1 घोषित किया गया था।

विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा के साथ 51 दिनों की क्रूज की योजना बनाई गई है।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर Ganga Vilas Cruise का प्रभाव

इस क्रूज द्वारा भ्रमण किए गए क्षेत्र आर्थिक पिछड़ेपन से जूझ रहे हैं साथ ही इस क्षेत्र में उद्योगों का विकास भी अन्य राज्यों की तुलना में काम हुआ है। इसके कारण लोग इन क्षेत्रों से पलायन करने को विवश हैं।

इसलिए अगर यह क्रूज सुचारू रूप से चलता है तो यह क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा।

क्रूज यात्रा से पर्यटन से आर्थिक लाभ की अपार संभावनाएं खुलेंगी। यह परियोजना रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देगी और भारत के लिए पर्यटन के एक नए युग का सूत्रपात करेगी। इस क्रूज को दुनिया के सामने भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया गया है।

यह यात्रा विदेशी पर्यटकों को एक अनुभवात्मक यात्रा शुरू करने और भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता में शामिल होने का अवसर देगी।

Ganga Vilas Cruise का गंगा नदी पर प्रभाव

गंगा नदी पर क्रूज का प्रभाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार में इस मुद्दे पर इसका विरोध किया जा रहा है। जानकारों की जानकारी के मुताबिक इस बात से इनकार किया जा रहा है कि इस क्रूज से गंगा नदी का पानी प्रदूषित होगा।

बल्कि इस क्रूज के जरिए पीएम मोदी गंगा नमामि गंगे का प्रचार किया जा रहा है। कारण की बात करें तो क्रूज लोगों के लिए नई परियोजनाओं का जरिया बन गया है, जिसे लोग गंगा नदी को साफ करने का प्रयास करेंगे।

साथ ही इस क्रूज में नदी को दूषित करने वाले किसी भी वास्तु का प्रयोग नहीं किया है इसलिए हम कह सकते हैं कि गंगा विलास क्रूज पर्यावरण के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।

निष्कर्ष

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए Ganga Vilas Cruise एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, क्योंकि 2020 में कोरोना वायरस महामारी ने भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया था। पर्यटन उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत था।

यह योजना भारत की जीडीपी को काफी हद तक प्रभावित करेगी, यह देश का एक सकारात्मक पहलू है।

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