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Corona Virus New Strain: भारत में 6 मरीजों में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, सभी ब्रिटेन से लौटे थे।

छह संक्रमितों में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन (Corona Virus New Strain) मिला है। ये सभी हाल ही में ब्रिटेन से लौटे थे। इनमें से तीन सैम्पल बेंगलुरु, दो हैदराबाद और एक पुणे के इंस्टीट्यूट भेजे गए थे। इनमें तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के एक-एक सैम्पल में नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई। बाकी तीन मरीज कर्नाटक के हैं।

नए स्ट्रेन (Corona Virus New Strain) के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड में आ हो गई है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मंगलवार को बताया कि 9 से 22 दिसंबर के बीच भारत आए इंटरनेशनल पैसेंजर्स, जो सिंप्टोमैटिक या संक्रमित पाए गए हैं, उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग अनिवार्य होगी। वहीं, 31 दिसंबर तक सस्पेंड UK की उड़ानें आगे भी बंद रह सकती हैं। यूनियन एविएशन मिनिस्टर हरिंदर सिंह पुरी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें अभी UK की फ्लाइट्स के सस्पेंशन को थोड़ा और बढ़ाना पड़ सकता है।’

सभी मरीज आइसोलेशन में

इन सभी को संबंधित राज्यों में राज्य सरकार के कोविड सेंटर में सिंगल रूम आइसोलेशन में रखा गया था। इनके संपर्क में आए लोगों को भी अलग क्वारैंटाइन कर दिया गया है। नए संक्रमितों के संपर्क में आए दूसरे लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से लगभग 33 हजार यात्री भारत आए। इनमें से अब तक 114 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कुछ और सैम्पल्स में नए जीनोम का पता लगाया जा रहा है।

क्या है जीनोम सिक्वेंसिंग?

जीनोम सीक्वेंसिंग किसी वायरस की पूरी जानकारी है, जिसमें वायरस का पूरा डेटा होता है। वायरस कैसा है? कैसा दिखता है? इसकी जानकारी जीनोम में मिलती है। वायरस के बड़े ग्रुप को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की प्रोसेस को जीनोम सीक्वेंसिंग कहा जाता है। इसी के जरिए कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता लगाया जा रहा है।

ब्रिटेन में कोरोना के दो नए वैरिएंट मिले

ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक दो वैरिएंट (Corona Virus New Strain) मिल चुके हैं। पहला वैरिएंट मिला इसके बाद ही भारत सरकार ने 21 दिसंबर को ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी। ये रोक 22 दिसंबर रात 11.59 बजे से 31 दिसंबर रात 11.59 बजे तक लगाई गई। जो लोग इससे पहले फ्लाइट्स से भारत पहुंचे उनका एयरपोर्ट पर ही RT-PCR टेस्ट किया गया था

वायरस का नया रूप 70% ज्यादा तेजी से फैलता है

वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है, यानी इसके गुण बदलते रहते हैं। म्यूटेशन होने से ज्यादातर वेरिएंट खुद ही खत्म हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी यह पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक हो जाता है। यह प्रोसेस इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक एक रूप को समझ भी नहीं पाते और दूसरा नया रूप सामने आ जाता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोनावायरस का जो नया रूप ब्रिटेन में मिला है वह पहले से 70% ज्यादा तेजी से फैल सकता है।

किन देशों में मिला नया स्ट्रेन?

कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (Corona Virus New Strain) के बारे में सबसे पहले ब्रिटेन में पता चला था। ब्रिटेन के अलावा इस नए स्ट्रेन के केस भारत, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, लेबनान, सिंगापुर और नाइजीरिया में सामने आ चुके हैं। उधर, दक्षिण अफ्रीका में भी कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन मिला है। यह ब्रिटेन वाले नए स्ट्रेन से अलग है।

क्या होता है म्युटेशन? क्या वायरस में म्युटेशन नॉर्मल है?

म्युटेशन का मतलब होता है कि किसी जीव के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव। जब कोई वायरस खुद की लाखों कॉपी बनाता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक या जानवर से इंसान में जाता है तो हर कॉपी अलग होती है। कॉपी में यह अंतर बढ़ता जाता है। कुछ समय बाद एकाएक नया स्ट्रेन सामने आता है।

यह बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है। वायरस अपना रूप बदलते रहते हैं। सीजनल इन्फ्लूएंजा तो हर साल नए रूप में सामने आता है। इस वजह से कोविड-19 के नए वैरिएंट्स को लेकर वैज्ञानिकों को बहुत ज्यादा आश्चर्य नहीं है। वुहान (चीन) में नोवल कोरोनावायरस सामने आया था। इसने एक साल में दस लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली। इस वायरस में कई म्युटेशन भी हुए हैं। UK के बाद दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया में सामने आए कोरोना के नए स्ट्रेन (Corona Virus New Strain).

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