यूपी के मेरठ (Meerut) जिले के एक गांव में 20 रुपये की सिगरेट पर छिड़े विवाद ने तूल पकड़ लिया। मामला दौराला थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां 20 रुपये की सिगरेट के उधार का तकादा करने पर पूरे गांव में बवाल मचा हुआ है। तकादे से नाराज युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर संप्रदाय विशेष के एक युवक की पिटाई कर डाली। इस दौरान उसके घर में तोड़फोड़ भी की गई। पुलिस इस मामले को कुछ अलग रंग दे रही है।
मेरठ (Meerut) पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए संप्रदाय विशेष के दर्जनों ग्रामीणों ने अपने घरों पर पलायन के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं। उधर, स्थानीय पुलिस इस पूरे मामले को ग्राम प्रधान चुनाव की राजनीति से जुड़ा बता रही है। दरअसल, घटना क्षेत्र के मवीमीरा गांव की है। बताया जाता है गांव का रहने वाला नौशेर अपने घर में किराने की दुकान करता है। बीती 15 दिसंबर को गांव का ही सुंदर नाम का युवक नौशेर की दुकान से सिगरेट खरीदने पहुंचा था। मगर दुकान पर बैठे नौशेर के बेटे ने सुंदर को सिगरेट उधार देने से इनकार कर दिया। इस पर वहीं पास में खड़े तैयब नाम के युवक ने अपनी गारंटी पर सुंदर को 20 रुपये की सिगरेट उधार दिला दी।
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दोस्तों के बीच टोका तो कर दिया हमला
बताया जाता है इसके बाद सुंदर ने दुकानदार के पैसे नहीं दिए तो दुकानदार नौशेर ने तैयब से 20 रुपये का तकादा शुरू कर दिया। इसी दौरान 23 दिसंबर को सुंदर अपने कुछ दोस्तों के साथ कार में सवार होकर जा रहा था। तभी रास्ते में खड़े तैयब ने उससे दुकानदार के 20 रुपये चुकाने के लिए कहा। इस दौरान दोनों के बीच कहासुनी हुई तो बड़े-बुजुर्गों ने उन्हें समझा दिया। मगर कुछ देर बाद ही सुंदर और उसके दर्जनों साथियों ने तैयब के घर पर हमला बोल दिया। आरोप है कि इस दौरान सुंदर और उसके साथियों ने तैयब के घर और गाड़ी में जमकर तोड़फोड़ करते हुए परिवार के लोगों के साथ मारपीट की। यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई।
सुनवाई ना होने पर लगाए पलायन के पोस्टर
उधर, इस मामले में पीड़ित पक्ष ने पुलिस से शिकायत की है। आरोप है कि इसके बावजूद पुलिस ने किसी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज होकर बुधवार को गांव के रहने वाले संप्रदाय विशेष के दर्जनों परिवारों ने अपने घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगा दिए। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई।
स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। मगर ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने तक पोस्टर हटाने से इनकार कर दिया। उधर, सीओ दौराला संजीव दिक्षित का कहना है कि आने वाले ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर कुछ लोग भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों की ओर से पलायन की किसी तरह की चेतावनी की बात से इनकार किया है।