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Indian Navy ने शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए

भारतीय नौसेना भारत के सशस्त्र बलों का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए जिम्मेदार है।

Indian Navy ने विभिन्न प्रविष्टियों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों के लिए पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। पात्र अविवाहित पुरुष और अविवाहित महिला उम्मीदवार भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला, केरल में जून 2025 से शुरू होने वाले पाठ्यक्रम के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सामान्य सेवा (जीएस (एक्स)/हाइड्रो कैडर) के लिए, आवेदकों को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी विषय में बीई/बीटेक होना आवश्यक है।

पायलट, Indian Navy वायु संचालन अधिकारी (वायु चालक दल) और वायु यातायात नियंत्रक के लिए, उम्मीदवारों को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी विषय में बीई/बीटेक होना आवश्यक है।

Indian Navy invites applications for Short Service Commission Officers
Indian Navy ने शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए

लॉजिस्टिक्स के लिए, आवेदकों को प्रथम श्रेणी के साथ किसी भी विषय में बीई/बीटेक या प्रथम श्रेणी के साथ एमबीए या प्रथम श्रेणी के साथ बीएससी/बीकॉम/बीएससी (आईटी) के साथ वित्त/लॉजिस्टिक्स/आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन/सामग्री प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा या प्रथम श्रेणी के साथ एमसीए/एमएससी होना आवश्यक है।

नौसेना आयुध निरीक्षणालय संवर्ग (एनएआईसी), शिक्षा, इंजीनियरिंग शाखा {सामान्य सेवा (जीएस)} और विद्युत शाखा {सामान्य सेवा (जीएस)} के लिए भी आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उम्मीदवार रिक्तियों, शैक्षिक योग्यता और आवेदन तिथियों के बारे में पूरी जानकारी देखने के लिए भारतीय नौसेना की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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चयनित उम्मीदवारों को शुरू में 10 साल के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन दिया जाएगा, जिसे सेवा आवश्यकता, प्रदर्शन, चिकित्सा योग्यता और उम्मीदवारों की इच्छा के अधीन दो कार्यकालों में अधिकतम चार साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

भारतीय नौसेना (Indian Navy)

भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री शाखा है। यह भारत के समुद्री हितों की रक्षा और इसके तटरेखा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।

Indian Navy ने शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए

इतिहास और संगठन:

उत्पत्ति: भारतीय नौसेना की जड़ें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की समुद्री सेनाओं से जुड़ी हैं।

आधुनिकीकरण: भारत की स्वतंत्रता के बाद, भारतीय नौसेना ने महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण और विस्तार किया।

संगठन: भारतीय नौसेना तीन कमांडों में संगठित है: पश्चिमी नौसेना कमान, पूर्वी नौसेना कमान और दक्षिणी नौसेना कमान।

शक्ति और क्षमताएँ:

विमान वाहक: भारतीय नौसेना विमान वाहक का संचालन करती है, जो नौसेना की शक्ति को प्रदर्शित करने और हवाई संचालन करने के लिए आवश्यक हैं।

पनडुब्बियाँ: नौसेना के पास पानी के नीचे निगरानी और हमला करने की क्षमताओं के लिए परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों सहित पनडुब्बियों का एक बेड़ा है।

सतही जहाज: भारतीय नौसेना विभिन्न प्रकार के सतही जहाजों का संचालन करती है, जैसे विध्वंसक, फ्रिगेट और कोरवेट।

समुद्री गश्ती विमान: नौसेना के पास निगरानी और टोही के लिए समुद्री गश्ती विमानों का एक बेड़ा है।

तटीय रक्षक: भारतीय तटरक्षक गृह मंत्रालय के अधीन एक अलग संगठन है, लेकिन यह समुद्री सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना के साथ मिलकर काम करता है।

भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ:

Indian Navy ने शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए

समुद्री सुरक्षा: भारतीय नौसेना भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और तस्करी, समुद्री डकैती और आतंकवाद जैसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए ज़िम्मेदार है।

आपदा राहत: नौसेना आपदा राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, चक्रवात, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करती है।

राजनयिक जुड़ाव: भारतीय नौसेना अन्य देशों के साथ अपने राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यासों और जुड़ावों में भाग लेती है।

हाल के घटनाक्रम:

Indian Navy हाल के वर्षों में आधुनिकीकरण और विस्तार के दौर से गुज़र रही है।

इसने अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हुए नए युद्धपोत, विमान और पनडुब्बियाँ हासिल की हैं। नौसेना विदेशी आयात पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए स्वदेशी रक्षा तकनीक विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।

निष्कर्ष

भारतीय नौसेना भारत के सशस्त्र बलों का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए जिम्मेदार है। युद्धपोतों, विमानों और पनडुब्बियों के अपने बेड़े के साथ, भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा बनाए रखने, आपदा राहत अभियान चलाने और कूटनीतिक गतिविधियों में संलग्न होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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