India की खुदरा महंगाई दर मार्च में घटी, CPI 3.34% पर पहुंचा

India में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2025 में घटकर 3.34% पर आ गई, जो कि पिछले छह वर्षों में सबसे निचला स्तर है। यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमतों में स्थिरता के कारण दर्ज की गई है। खुदरा मुद्रास्फीति में यह नरमी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को मौद्रिक नीति में लचीलापन अपनाने का अवसर दे सकती है, जिससे ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद बढ़ जाती है।

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India में खुदरा मुद्रास्फीति छह वर्षों में सबसे कम स्तर पर

India's retail inflation rate declined in March, CPI reached 3.34%
India की खुदरा महंगाई दर मार्च में घटी, CPI 3.34% पर पहुंचा

यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है और इससे अर्थव्यवस्था में मांग को बल मिल सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में मानसून की स्थिति और वैश्विक तेल कीमतें मुद्रास्फीति की दिशा तय करेंगी।

इस गिरावट का एक अहम कारण आपूर्ति श्रृंखला में सुधार, वैश्विक स्तर पर कमोडिटी कीमतों में स्थिरता, और सरकार की नीतिगत हस्तक्षेप रहे हैं। साथ ही, यह स्तर RBI की मुद्रास्फीति लक्ष्य सीमा (2-6%) के भीतर है, जिससे केंद्रीय बैंक को अपनी मौद्रिक नीति में लचीलापन बरतने का अवसर मिल सकता है।

India's retail inflation rate declined in March, CPI reached 3.34%
India की खुदरा महंगाई दर मार्च में घटी, CPI 3.34% पर पहुंचा

वर्तमान परिदृश्य में, यह डेटा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संभावित रूप से मौद्रिक नीति समिति (MPC) के निर्णयों को प्रभावित कर सकता है। यदि यह प्रवृत्ति बनी रहती है, तो RBI भविष्य में ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकता है, जिससे ऋण सस्ते होंगे और उपभोग तथा निवेश को बल मिलेगा।

हालाँकि, भविष्य की मुद्रास्फीति दरें अभी भी मानसून की स्थिति, वैश्विक तेल कीमतें, और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक घटनाओं पर निर्भर करेंगी। अगर मानसून सामान्य रहता है, तो खाद्य मुद्रास्फीति में और कमी देखी जा सकती है, जो समग्र CPI को और नीचे ला सकती है।

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