NewsnowसेहतNavratri व्रत में अपच-कब्ज? अपनाएं एक्सपर्ट की सलाह!

Navratri व्रत में अपच-कब्ज? अपनाएं एक्सपर्ट की सलाह!

Navratri का उपवास शरीर और मन के लिए पुनरुत्थान का समय होना चाहिए, न कि पाचन संबंधी समस्याओं का कारण। इन विशेषज्ञ सुझावों को अपनाएँ और उपवास को आरामदायक और आनंददायक बनाएं!

Navratri भक्ति, उत्सव और उपवास का समय होता है। उपवास से आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं, लेकिन यह पाचन समस्याओं जैसे अपच और कब्ज का कारण भी बन सकता है। यदि आप असहज महसूस कर रहे हैं, तो चिंता न करें! विशेषज्ञ सलाह और कुछ आहार समायोजनों के साथ, आप बिना किसी पाचन समस्या के Navratri का आनंद ले सकते हैं। जानिए उपवास के दौरान अपने पेट को खुश और स्वस्थ रखने के बेहतरीन तरीके।

Navratri के उपवास के दौरान सीमित खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है, जैसे फल, डेयरी, मेवे और कुछ अनाज जैसे कि कुट्टू, सिंघाड़ा और राजगिरा। हालांकि, कुछ सामान्य गलतियों के कारण पाचन समस्याएँ हो सकती हैं:

  • फाइबर की कमी: फाइबर युक्त भोजन की कम मात्रा से कब्ज हो सकता है।
  • पानी की कमी: पर्याप्त पानी न पीने से पाचन धीमा हो जाता है और मल कठोर हो जाता है।
  • अत्यधिक तले हुए खाद्य पदार्थ: गहरे तले हुए स्नैक्स खाने से एसिडिटी और सूजन हो सकती है।
  • बहुत अधिक स्टार्चयुक्त भोजन: साबूदाना, आलू और केला प्रधान आहार से पाचन धीमा हो सकता है।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी: कम गतिविधि से आंतों का कार्य धीमा हो जाता है।

अब जब हमें कारणों की जानकारी हो गई है, तो आइए विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए समाधान जानें।

Indigestion and constipation during Navratri fast Follow the expert's advice!

1. प्राकृतिक रूप से फाइबर का सेवन बढ़ाएं

फाइबर पाचन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। इन फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें:

  • ताजे फल जैसे पपीता, अमरूद, सेब और नाशपाती
  • सब्जियाँ जैसे लौकी, कद्दू और पालक
  • मेवे और बीज जैसे बादाम, अखरोट और अलसी
  • नारियल, जो एक प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करता है
  • कुट्टू और राजगिरा जैसे संपूर्ण अनाज

फाइबर मल को नरम बनाता है और आंतों के कार्य को सुचारू रखता है।

2. हाइड्रेटेड रहें

पानी की कमी से कब्ज और अपच बढ़ सकता है। खुद को हाइड्रेट रखें:

  • प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं
  • नारियल पानी, छाछ और नींबू पानी पिएं
  • अदरक, पुदीना या सौंफ की हर्बल चाय पिएं
  • सुबह गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पिएं

अगर आप चाय या कॉफी पीते हैं, तो संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं, क्योंकि कैफीन शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है।

3. प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें

प्रोबायोटिक्स स्वस्थ आंत वनस्पतियों को बनाए रखने में मदद करते हैं। इनमें शामिल करें:

  • ताजा घर का बना दही या छाछ
  • पनीर जैसे किण्वित खाद्य पदार्थ
  • अलसी के साथ दही का एक छोटा कटोरा

प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और सूजन से बचाते हैं।

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4. तले हुए खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन न करें

कई लोग कुट्टू के पकौड़े और सिंघाड़े की पूड़ी अधिक खाते हैं। इसके बजाय:

  • डीप-फ्राई चिप्स की जगह भुना हुआ मखाना खाएं
  • बेक या एयर-फ्राई किए गए स्नैक्स चुनें
  • घी में हल्की तली हुई सब्जियाँ खाएं

तले हुए खाद्य पदार्थ एसिडिटी बढ़ाते हैं और पाचन को धीमा करते हैं।

5. छोटे और बार-बार भोजन करें

एक बार में बहुत अधिक खाने के बजाय संतुलित आहार अपनाएं:

  • अपने भोजन को 4-5 छोटे हिस्सों में बाँट लें
  • प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा का संतुलन बनाए रखें
  • लंबे समय तक भूखे रहने से बचें

यह तरीका अपच और सूजन को रोकने में मदद करता है।

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6. प्राकृतिक रेचक का सेवन करें

कब्ज को रोकने के लिए इन उपायों को अपनाएं:

  • 2-3 अंजीर या खजूर को रातभर भिगोकर सुबह खाएं
  • सोने से पहले गुनगुने दूध में 1 चम्मच घी मिलाकर पिएं
  • दही या स्मूदी में अलसी या भीगे हुए चिया सीड्स मिलाएं
  • भिगोई हुई किशमिश और सूखे आलूबुखारे का सेवन करें
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7. व्यायाम और सक्रिय रहें

शारीरिक गतिविधि आंतों की गति को बढ़ाती है। इनमें शामिल करें:

  • पवनमुक्तासन और वज्रासन जैसे हल्के योगासन
  • भोजन के बाद टहलना
  • गहरी सांस लेने के व्यायाम
  • शरीर को स्ट्रेच करने वाले व्यायाम

बैठे रहने से पाचन धीमा हो सकता है, इसलिए हल्की गतिविधियाँ जरूरी हैं।

8. एसिडिटी को हर्बल उपायों से दूर करें

उपवास के दौरान एसिडिटी और सूजन आम समस्याएँ हैं। इनका समाधान करें:

  • जीरा या अजवाइन का पानी पिएं
  • अदरक की चाय से पेट को आराम दें
  • नींबू पानी में सेंधा नमक मिलाकर पिएं
  • कैमोमाइल चाय पीकर सूजन कम करें

ये प्राकृतिक उपाय पेट को शांत रखते हैं।

9. संपूर्ण अनाज का चुनाव करें

रिफाइंड आटे की जगह फाइबर युक्त अनाज अपनाएँ:

  • रोटियों के लिए कुट्टू या राजगिरा का आटा उपयोग करें
  • तले हुए आलू की जगह उबले या भुने हुए शकरकंद खाएं
  • बेहतर पाचन के लिए विभिन्न आटे मिलाएँ

संपूर्ण अनाज पाचन में सुधार करते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

10. पर्याप्त नींद लें

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अपर्याप्त नींद से पाचन धीमा हो सकता है। ध्यान दें:

  • 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें
  • रात का भोजन हल्का और 8 बजे तक कर लें
  • कैफीन या भारी भोजन से बचें

नींद की कमी पाचन असंतुलन पैदा कर सकती है।

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स्वस्थ Navratri उपवास के लिए अतिरिक्त सुझाव

  • खाने को अच्छी तरह चबाएं: जल्दी खाने से अपच हो सकता है।
  • कार्बोनेटेड पेय से बचें: सोडा और फिजी ड्रिंक सूजन और एसिडिटी बढ़ा सकते हैं।
  • हर्बल सप्लीमेंट्स शामिल करें: एलोवेरा जूस, त्रिफला या इसबगोल फायदेमंद हैं।
  • नमक की मात्रा पर ध्यान दें: अधिक नमक लेने से शरीर में पानी जमा हो सकता है।
  • अपने शरीर की सुनें: यदि असहज महसूस हो, तो आहार में बदलाव करें।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि इन उपायों के बावजूद कब्ज, सूजन या एसिडिटी बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

अंतिम शब्द

Navratri का उपवास शरीर और मन के लिए पुनरुत्थान का समय होना चाहिए, न कि पाचन संबंधी समस्याओं का कारण। इन विशेषज्ञ सुझावों को अपनाएँ और उपवास को आरामदायक और आनंददायक बनाएं!

आपको स्वस्थ और सुखद Navratri उपवास की शुभकामनाएँ!

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