Iran and America के बीच संबंध हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं। यह तनाव कई ऐतिहासिक, राजनीतिक और धार्मिक कारणों से उत्पन्न हुआ है।
मुख्य कारण:
1979 की इस्लामी क्रांति: 1979 में हुई इस्लामी क्रांति ने ईरान के राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया। शाह की शासन व्यवस्था का अंत हुआ और एक इस्लामी गणराज्य की स्थापना हुई। अमेरिका ने इस क्रांति को एक बड़ा धक्का लगा और दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ गए।
अमेरिकी दूतावास पर कब्जा: 1979 में ही ईरानी छात्रों ने तेहरान में अमेरिकी दूतावास पर कब्जा कर लिया और 52 अमेरिकी नागरिकों को बंधक बना लिया। यह घटना दोनों देशों के बीच संबंधों में एक और बड़ा झटका थी।
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परमाणु कार्यक्रम: ईरान का परमाणु कार्यक्रम अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। इन देशों का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है, जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
मध्य पूर्व में प्रभाव: दोनों देश मध्य पूर्व में अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने की कोशिश करते हैं। ईरान इस क्षेत्र में शिया मुसलमानों का एक प्रमुख देश है, जबकि अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी सैन्य और आर्थिक शक्ति का उपयोग करता है।
प्रॉक्सी वॉर: Iran and America सीधे युद्ध में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन वे क्षेत्रीय संघर्षों में एक-दूसरे के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर लड़ते हैं। उदाहरण के लिए, सीरिया और यमन में चल रहे युद्ध में दोनों देश अलग-अलग गुटों का समर्थन करते हैं।
Iran and America की वर्तमान स्थिति
Iran and America के बीच तनाव अभी भी जारी है। दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। हाल ही में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
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