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Lalu Prasad Yadav को जमानत के लिए और इंतजार करना पड़ेगा, सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है

चारा घोटाले से जुड़े मामले में जेल में बंद लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav)को जमानत पर सुनवाई के लिए एक और महीना इंतजार करना पड़ेगा. उनकी जमानत याचिका पर शुक्रवार की सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है.

Patna: चारा घोटाले (Fodder Scam) से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की शुक्रवार को होने वाली सुनवाई को छह हफ्तों के लिए टाल दिया गया है. ख़बरों के मुताबिक, सुनवाई को इसलिए टाला गया, क्योंकि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की सज़ा का आधा वक्फा खत्म नहीं हुआ है, और जल्दी रिहाई के लिए यह ज़रूरी शर्त है. इस वक्फे के पूरा होने में 40 दिन शेष हैं.

इससे पहले यह सुनवाई इसलिए टली थी, क्योंकि CBI ने झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में अपना पक्ष दाखिल नहीं किया था. भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की कैद की सज़ा काट रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को कई अन्य मामलों में ज़मानत मिल चुकी है. 

यह लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आखिरी मामला है, और इस बार उन्हें इसमें भी ज़मानत पर रिहा हो जाने की उम्मीद है.पिछले माह हुई सुनवाई में उनके वकील कपिल सिब्बल ने CBI पर ‘जानबूझकर ज़मानत अर्ज़ी में देरी किए जाने’ का आरोप लगाया था.

‘दुमका ट्रेज़री केस’ बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेज़री से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है, और इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेज़री केस में अक्टूबर में ही ज़मानत मिल गई थी. लेकिन ‘दुमका ट्रेज़री केस’ की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा.

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता दिसंबर, 2017 में दोषी करार दिए जाने के बाद से जेल में ही हैं. उन्होंने अपनी सज़ा का अधिकतर हिस्सा झारखंड में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (RIMS) अस्पताल में बिताया है.

उनकी गैरमौजूदगी में उनके पुत्र तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) RJD का नेतृत्व करते रहे हैं और हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय उन्हें दिया जा रहा है. यह पिछले 40 साल में पहला मौका था, जब लालू प्रसाद यादव ने राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं किया.

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में पार्टी (RJD) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई, लेकिन विपक्षी गठबंधन बहुमत का आंकड़ा छूने में नाकाम रहा. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा था कि उनके पिता (Lalu Prasad Yadav) ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई के बाद 9 नवंबर को रिहा हो जाएंगे, और अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की ‘विदाई’ हो जाएगी. लेकिन नीतीश कुमार सत्ता में बने रहे.

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