नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को Land scam के मामले में सीबीआई अदालत ने आज जमानत दे दी।
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Land scam मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी
लालू यादव तीन महीने पहले सिंगापुर में गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद अपनी पहली अदालत में पेशी के लिए व्हीलचेयर पर पहुंचे थे।
लालू यादव और राबड़ी देवी, दोनों पूर्व मुख्यमंत्री, और उनके कुछ बच्चे, जिनमें बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हैं, की जांच बिहार Land scam के रूप में की जा रही है।
श्री यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नौकरियों के बदले जमीन सस्ते में खरीदने का आरोप है।
सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि नियमों का उल्लंघन कर रेलवे में ”अनियमित नियुक्तियां” की गईं। इसका आरोप है कि इसके एवज में जिन लोगों को नौकरियां मिलीं, उन्होंने यादवों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीनें बेचीं।
लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
पिछले साल जुलाई में सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके सहयोगी थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा है कि लालू यादव के परिवार द्वारा नौकरियों के बदले कथित रूप से अधिग्रहीत भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 200 करोड़ रुपये है।
प्रवर्तन निदेशालय ने संपत्ति सूचीबद्ध की है कि यह आरोप है कि श्री यादव के परिवार ने दिल्ली, पटना, मुंबई और रांची में 24 स्थानों पर तलाशी के बाद अधिग्रहण किया था। केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि उसे यादव के परिवार के सदस्यों के नाम पर 1 करोड़ रुपये नकद, 1,900 डॉलर की विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोना बुलियन, 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण और 1.25 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज मिले।
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तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित घर पर सीबीआई ने इस सप्ताह की शुरुआत में तलाशी ली थी। ईडी ने उनकी बहन रागिनी यादव और अन्य से जुड़ी संपत्तियों की भी तलाशी ली।
तेजस्वी यादव के करीबी सूत्रों ने इस कदम के समय की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने भाजपा से इस तरह की प्रतिशोध की राजनीति की कभी उम्मीद नहीं की थी। उनकी बहन ने कहा कि उनके परिवार को केवल इसलिए “यातना” दी जा रही है क्योंकि उनका परिवार “फासीवादियों और दंगाइयों” के सामने कभी नहीं झुका।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर चल रही राजनीतिक जंग के बीच पिछले हफ्ते आठ विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।