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Farmers Chakka Jam: चक्का जाम के आहवान पर राजस्थान में कांग्रेस का मिला समर्थन

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Jaipur: नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों की ओर से शनिवार को देश में कई जगह चक्का जाम (Chakka Jam) किया गया। चक्का जाम (Chakka Jam) आह्वान के तहत राजस्थान के भी विभिन्न जिलों के राजमार्गों पर दोपहर बारह से अपराह्न तीन बजे तक किसानों ने रास्ते रोके।

प्रदेशभर में हुए चक्का जाम (Chakka Jam) का सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी का भी पूरा समर्थन मिला। जहां एक प्रदेश के कई जिलों में चक्का जाम किया गया। वहीं राजधानी जयपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी ट्रैक्टर लगाकर रास्ते रोककर जाम लगाया गया। इसके अलावा पत्थर और सड़कों का घेराव कर भी जाम लगाया गया। खास बात यह है कि इन जामों में कई जगहों पर महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।

जब तक माँगे नहीं मानी जाएँगी किसान घरों को नहीं लौटेंगे- राकेश टिकैत

प्रदेश के हाडौती में भी कई जगह सड़कों पर बैठकर किसानों ने चक्का जाम (Chakka Jam) किया।12 से 3 बजे तक यहां जाम रहा। इधर कोटा में कांग्रेस जिला कमेटी की ओर से ट्रेक्टर रैली (Tractor Rally) भी निकाली गई। वहीं कोटा दशहरा पशुमेला ग्राउंड में सभा आयोजित की गई। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व मंत्री व सांगोद विधायक भरत सिंह, पीसीसी सचिव राखी गौतम इस दौरान मंच पर मौजूद रहे। साथ ही कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर तीन कृषि कानून (Farm Laws) को लेकर जमकर निशाना साधा । 

दिल्ली बॉर्डर पर बढ़ता जा रहा किसानों का जमावड़ा

वहीं धौलपुर में बाड़ी रोड पर तलाबशाही के पास nh-11 वी पर किसानों ने चक्का जाम (Chakka Jam) कर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यहां हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे थे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को डायवर्ट किया। ताकि लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। धौलपुर में बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा भी किसानों के समर्थन में दिखे। 

UP के भदोही में पुलिस ने छापा मार लाखों की नकली शराब बरामद की

UP: उत्तर प्रदेश (UP) के भदोही (Bhadohi) जिले में पुलिस ने नकली शराब बनाने के बड़े कारोबार का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान 62 गैलन स्प्रिट, एक मैजिक वाहन, शीशियां और अन्य तमाम उपकरण बरामद किए गए हैं। यह कारोबार कोइरौना थाना क्षेत्र के बेरवा पहाड़पुर गांव में चल रहा था।

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कोइरौना पुलिस ने थानाक्षेत्र के बेरवा पहाड़पुर गांव में मुखबिर की सूचना पर छापेमारी की। वहां से 62 गैलन स्प्रिट, बड़ी मात्रा में रैपर, खाली शीशी, शराब बनाने का सामान और एक मैजिक गाड़ी को कब्जे में लिया गया। पकड़े गए माल की कीमत चार लाख से अधिक बताई जा रही है। थानेदार के अनुसार, एक घर में छापा मारकर नकली शराब बनाने का सामान बरामद किया गया।

Farmers Chakka Jam: जब तक माँगे नहीं मानी जाएँगी किसान घरों को नहीं लौटेंगे- राकेश टिकैत

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New Delhi: किसानों का देश भर में तीन घंटे का चक्का जाम (Farmers Chakka Jam) सफल और शांतिपूर्ण रहा. यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली को इससे अलग रखा गया था. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने चक्का जाम (Farmers Chakka Jam) खत्म होने के बाद दो टूक कहा कि कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी की मांग नहीं माने जाने तक किसान घरों को नहीं लौटेंगे. 

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टिकैत ने कहा कि केंद्र से बातचीत करने को लेकर किसान संगठनों पर कोई दबाव नहीं है. दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन (Farmers Protest) दो अक्टूबर तक चलेगा और तब तक केंद्र सरकार के पास इन कानूनों को वापस लेने की मोहलत है. अगर तब तक सरकार नहीं मानती है तो किसान संगठन विरोध प्रदर्शन की अगली रणनीति तैयार करेंगे.

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टिकैत चक्का जाम (Farmers Chakka Jam) के सफल और शांतिपूर्ण ढंग से पूरा होने पर जोश में नजर आए. यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली को छोड़कर उत्तर भारत के सभी राज्यों दक्षिण भारत में तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना भी चक्काजाम के आह्वान का असर देखने को मिला. कांग्रेस, वामपंथी दलों के अलावा तमाम राजनीतिक दलों का भी किसानों को साथ मिला.

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किसानों ने सोनीपत में अपने ट्रैक्टर और बड़े ट्रक लगाकर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफ़ेरेल एक्सप्रेसवे बंद किया. किसान एंबुलेंस और अन्य आपात सेवा के वाहनों को जाने दे रहे थे.  किसानों ने सोनीपत में कुंडली बॉर्डर के पास केजीपी-केएमपी पर जाम लगाया. चक्का जाम (Farmers Chakka Jam) के दौरान, किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे, अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे, शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम (Farmers Chakka Jam) किया.

Prakash Raj द्वारा किसान आंदोलन को लेकर किया गया ट्वीट खूब वायरल हो रहा है

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New Delhi: भारत में चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर भारत सहित अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी लगातार अपना पक्ष रख रही हैं. बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज (Prakash Raj) भी लगातार ट्वीट के जरिए अपनी राय पेश कर रहे हैं. उन्होंने फिर से एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आप जिसके साथ खेलना पसंद करते हैं उसके बिना भी खेल जारी रहता है. प्रकाश राज (Prakash Raj) का यह ट्वीट हमेशा की तरह सोशल मीडिया पर खूब पढ़ा जा रहा है. उनके इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स खूब रिएक्शन भी दे रहे हैं.

Prakash Raj ने ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा- किसानों को मेरा समर्थन जारी

प्रकाश राज (Prakash Raj) ने ट्वीट किया: “यह वो दौर है…जब आप किसी के साथ बॉल गेम खेलना पसंद करते हैं, लेकिन उसके बिना भी खेलना जारी रखते है.” प्रकाश राज लगभग हर समसामयिक मुद्दे पर खुलकर अपनी राय पेश करते हैं और इस बार भी उन्होंने यही किया है. प्रकाश राज ने अपने ट्वीट में हैशटैग #FarmersProtest #IStandWithFarmers #justasking का भी उपयोग किया है.

दिल्ली छोड़ बाकी समूचे देश में राजमार्गों पर करेंगे चक्का जाम

किसान आंदोलन (Farmers Protest) के अपटेड की बात करें तो कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान अब शनिवार यानी 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करेंगे. किसान संगठनों ने शुक्रवार को कहा कि  दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर बाकी समूचे देश में राजमार्गों पर चक्का जाम करेंगे. किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हम कल दिल्ली में चक्का जाम नहीं कर रहे हैं. हम सभी बार्डरों पर शांतिपूर्ण तरह से बैठे रहेंगे. हम दिल्ली के अलावा पूरे देश में राष्ट्रीय और राज्य हाईवे बंद करेंगे. दोपहर 12 से 3 बजे तक ही चक्का जाम रहेगा. वहीं, किसान नेता बलबीर सिंह राजोवाल और राकेश टिकैत की बैठक हुई. राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड में भी कल चक्का जाम नहीं होगा.

Farm Laws: INLD के नेता अभय चौटाला का ऐलनाबाद सिरसा महापंचायत में सम्मान

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New Delhi: कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में और किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा देने वाले इनेलो (INLD) नेता अभय सिंह चौटाला (Abhay Chautala ) का शुक्रवार को सिरसा जिले के एलेनाबाद सीट पर हुई किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में सम्मान किया गया. चौटाला उनकी पार्टी (INLD) के एकमात्र विधायक थे, जो एलेनाबाद (Ellanabad) से जीते थे.

Farmers Protest: दिल्ली बॉर्डर पर बढ़ता जा रहा किसानों का जमावड़ा

57 साल के चौटाला ने 11 जनवरी को विधानसभा स्पीकर को लिखे पत्र में कहा था कि अगर केंद्र सरकार 26 जनवरी तक केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस नहीं लेती है तो इसे विधानसभा से उनका त्यागपत्र समझा जाए. उन्होंने कहा था कि किसानों पर अलोकतांत्रिक तरीके से किसानों पर काला कानून थोपा था. कृषि बाहुल्य क्षेत्र के ज्यादातर राजनीतिक दलों की तरह अभय चौटाला भी कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के साथ खड़े होने का दबाव झेल रहे हैं.

दिल्ली छोड़ बाकी समूचे देश में राजमार्गों पर करेंगे चक्का जाम

एलेनाबाद (Ellanabad) में किसानों की भारी भीड़ के समक्ष चौटाला ने कहा, वह सभी किसान नेताओं को सिरसा में होने वाली अगली महापंचायत में शामिल होने का न्योता देते हैं. चौटाला ने कहा कि हम किसान मोर्चा की अगली घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. जो भी फैसला किसान नेता लेते हैं. उसे हमारा पूरा समर्थन रहेगा. चौटाला ने कहा, शनिवार को चक्का जाम के दौरान हम सुनिश्चित करेंगे कि राजस्थान से कोई भी वाहन हरियाणा में प्रवेश न करने पाए. 

Jayant Chaudhary का बीजेपी पर हमला, कृषि कानूनों को लेकर कही बड़ी बात।

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New Delhi: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को नए कृषि कानूनों (New Farm Laws 2020) को निरस्त करने के सिवा कुछ भी मंजूर नहीं है और कृषकों के खिलाफ सरकार की कठोर रणनीति काम नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि सड़कों पर बिछायी गयी कीलें भाजपा के ‘‘राजनीतिक ताबूत’’ की कीलें साबित होंगी.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ किसान पंचायतों में हिस्सा ले चुके और केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चला रहे चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि सरकार को इन कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए और किसानों की सहमति के बाद इसे तैयार करना चाहिए. राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश के मौजूदा नेतृत्व को भावनाओं की परवाह नहीं है और वह दंगे, मौत या प्रदर्शन से व्याकुल नहीं होता क्योंकि वह अपने दायरे में सिमटा हुआ है.

Farmers Protest: दिल्ली बॉर्डर पर बढ़ता जा रहा किसानों का जमावड़ा

पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘यह अधिनायकवादी शासन है. वे जमीन पर मौजूद अपने राजनीतिक लोगों की भी नहीं सुनते हैं. अगर आप भाजपा (BJP) के विधायक या सांसद से अनौपचारिक बातचीत करें तो पता चलेगा कि वे खुश नहीं है और वे भारत के लोगों के उठ खड़े होने को महसूस कर रहे हैं जिन्होंने (PM Modi) मोदी को वोट किया था.’’

चौधरी ने कहा कि वह किसानों के हर धरना स्थल पर गए हैं, किसानों की पंचायतों को संबोधित किया है और उन्हें लगता है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसानों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव बन गया है.

दिल्ली के धरनास्थलों पर इंटरनेट सेवाएं दो फरवरी की रात तक निलंबित

उन्होंने कहा, ‘‘वे एकजुट हो रहे हैं और मुझे नहीं लगता है कि वे जिस चीज (कानूनों को निरस्त करवाने) के लिए आए हैं उसके सिवा उन्हें कुछ और मंजूर होगा.’’ RLD नेता ने कहा कि किसान अपने गांव छोड़कर आए हैं, उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया है और करीब 150 किसानों की मौत हो गयी और वे सरकार का रुख कड़ा होने के बावजूद लौटना नहीं चाहते.

चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि किसानों का रुख स्पष्ट है कि ये कानून (Farm Laws) उनके लिए नहीं बनाए गए हैं और वे इन्हें स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कानून बनाना सरकार का विशेषाधिकार है लेकिन जनता की इच्छा सर्वोपरि होती है.

दिल्ली छोड़ बाकी समूचे देश में राजमार्गों पर करेंगे चक्का जाम

दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थल के आसपास सड़कों पर कीलें लगाए जाने और अवरोधक मजबूत किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ये सड़कों पर कील नहीं लगाई गई हैं, ये भाजपा के राजनीतिक ताबूत में कील की तरह हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘बहुत व्यथित करने वाली तस्वीरें दुनिया के सामने गयी है. ये वो लोग हैं जिन्होंने दिल्ली को गोरों से आजादी दिलायी, जो मुगलों के खिलाफ लड़े. जब भी दिल्ली में कोई संकट हुआ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के किसान ही सबसे पहले वहां पहुंचे. आज दिल्ली में किसान घाट (पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का स्मारक), संसद और राजघाट है और आप इन किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से भी रोक रहे हैं.’’

किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

सरकार द्वारा कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित किए जाने के प्रस्ताव पर चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि इस प्रस्ताव पर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों या खुद किसानों ने भी कोई रजामंदी नहीं दिखायी. उन्होंने कहा कि किसान सवाल पूछ रहे हैं कि 18 महीने के लिए स्थगित क्यों किया जा रहा और संसद या सरकार के काम में उच्चतम न्यायालय को क्यों शामिल किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘सख्त रणनीति का इस्तेमाल चीन या अन्य देशों के साथ होना चाहिए जिनके साथ टकराव चल रहा है, भारत के नागरिकों से निपटने के लिए सख्त रणनीति का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.’’अपने पिता और रालोद अध्यक्ष अजित सिंह द्वारा भारतीय किसान यूनियन को समर्थन दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि यह टिकैत बंधुओं (नरेश और राकेश टिकैत) के साथ गठबंधन नहीं है, किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए समर्थन दिया गया है.