Bihar Election: क्या कहते हैं एक्ज़िट पोल? क्या बेकार चली जाएगी चिराग पासवान की मेहनत.
एनडीए में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी, जेडीयू, मुकेश साहनी और जीतनराम मांझी की पार्टी साथ चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वामदल शामिल हैं. चिराग पासवान एनडीए से बाहर होकर चुनाव लड़ रहे हैं. एग्जिट पोल में एलजेपी को उम्मीद से बेहद कम सीटें मिलती दिख रही हैं. पोल ऑफ एग्जिट पोल्स में औसतन 4 सीटें मिल रही हैं.
न्यूज 24-सी वोटर के अनुसार, महागठबंधन को एनडीए की तुलना में ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. महागठबंधन को 120 सीटें जबकि एनडीए को 116 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है. चिराग पासवान की पार्टी को केवल 1 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है तो वहीं अन्य के खाते में 6 सीटें जा सकती हैं. रिपब्लिक–जन की बात के एग्जिट पोल के अनुसार NDA को 91-117 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि महागठबंधन को 138 सीटें मिल सकती हैं जो कि बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है. एलजेपी को 5-8 सीटें मिल सकती हैं.
टाइम्स नाऊ–सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार भी कांटे की टक्कर होती दिख रही है. एनडीए को जहां 104-128 सीटें मिल सकती हैं तो वहीं महागठबंधन को 108-131 सीटें. एलजेपी को 1-3 सीटें मिल सकती हैं.
इन आंकड़ों को देखा जाए तो एलजेपी फिलहाल उम्मीद से बेहद कम सीटों पर कब्जा जमा सकी है. अब 10 नवंबर को बिहार चुनाव के मतगणना में देखना होगा कि क्या चिराग पासवान की पार्टी को एक्जिट पोल के अनुसार सीटें मिलती हैं या फिर पासा पलट सकते हैं.
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के अंतिम चरण में 15 जिलों के 78 सीटों पर शनिवार को मतदान हुआ. चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में 55.22% मतदान हुआ है. चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 56.66 फीसदी मतदान हुआ था. इस चरण में करीब 2.34 करोड़ मतदाता थे. मतदान खत्म होते ही 1204 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम (EVM) में कैद हो गया. तीसरे चरण में बिहार विधानसभा अध्यक्ष और राज्य के 12 मंत्री भी चुनाव मैदान में थे.
यूपी के मंत्री बोले, हमारी सरकार ने पराली की समस्या पर काफी हद तक कंट्रोल किया.
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पराली की समस्या को लेकर कहा कि यह समस्या किसानों के नहीं पूरे समाज की समस्या है. सेहत की समस्या है. प्रदेश में हमारी सरकार ने हमारे प्रशासनिक अमले ने इसे काफी हद तक कंट्रोल किया है. अभी हरियाणा और पंजाब के अंदर देखें और उससे जो प्रभावित देश की राजधानी दिल्ली उसको देखें, पश्चिमी यूपी में थोड़ी समस्या है. हम उससे इनकार नहीं कर सकते, लेकिन पूरा प्रशासन भी लगा है और प्रसन्नता इस बात की है कि किसान जागरुक हो रहा है, खुद जागरूक हो रहा है. उत्तर प्रदेश के अंदर ऐसी समस्या हम आने नहीं देंगे उसका हम लोग भरपूर प्रयास कर रहे हैं और सरकार के स्तर पर उसकी व्यवस्था भी हो रही है.
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लखनऊ के जिलाधिकारी ने यूपी पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की सैलरी तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है। प्रदूषण नियंत्रण करने में दिखाई जा रही लापरवाही के मद्देनजर जिलाधिकारी यह फैसला लिया है। इसके अलावा जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय अधिकारी से दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है।
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