असम: Assam सरकार प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में कक्षा 5, 8 के छात्रों के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करेगी, और जो छात्र परीक्षा पास करने में विफल रहे, उन्हें पदोन्नत नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने एक ट्वीट में कहा, “असम मंत्रिमंडल ने आज प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में कक्षा पांचवीं और आठवीं कक्षा में नियमित परीक्षा आयोजित करने और परीक्षा में असफल होने पर छात्र को वापस लेने के निर्णय को मंजूरी दे दी है।”
Assam के शिक्षा मंत्री का ट्वीट
मंत्री के अनुसार, “असफल छात्रों को दो महीने की अवधि के भीतर पुन: परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। अब से, स्कूलों को किसी छात्र के पुन: परीक्षा में विफल होने पर उसे रोकने की अनुमति है।”
Healthy Breakfast खाने से आपके लंबे समय तक स्वस्थ रहने की संभावना बढ़ सकती है। नाश्ता कभी नहीं छोड़ना चाहिए, यह दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। दिन के अपने पहले भोजन के साथ आनंद लेने के लिए यहां कुछ स्वस्थ नाश्ते के विचार दिए गए हैं। जिसे आप मेन्यू ऑप्शन में ऐड कर सकते हैं।
अंडे स्वादिष्ट, स्वस्थ और पकाने में आसान होते हैं। लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि इससे बनने वाली रेसिपी से कोई कभी बोर नहीं होगा। हम सुबह एक उबला अंडा खा सकते हैं और या एक आमलेट बनाकर टोस्ट के साथ परोस सकते हैं।
दलिया
एक क्लासिक नाश्ता विकल्प जो कभी भी चलन से बाहर नहीं जाता है क्योंकि इसे बनाना बहुत ही आसान है। वे आयरन, बी विटामिन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम का भी एक अच्छा स्रोत हैं।
वेजी सलाद
नाश्ते के लिए सलाद अब विभिन्न कारणों से एक चलन है। हरी पत्तियों और अन्य सब्जियों का संयोजन सभी आवश्यक विटामिन, स्वस्थ वसा और प्रोटीन प्रदान करता है और इस प्रकार, वे आहार फाइबर का स्रोत हैं।
साबुत गेहूं का टोस्ट
नाश्ते के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें फाइबर और जटिल कार्ब्स अधिक होते हैं, जो धीरे-धीरे पचते हैं और हमारे रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि नहीं करते हैं। हम इसे और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए फलों या अंडों से सैंडविच बना सकते हैं।
फल
आप अपनी पसंद के फलों से बहुत सी चीजें बना सकते हैं जैसे फ्रूट सलाद या स्मूदी। संतुलित नाश्ते के लिए, आप इसे अन्य उच्च प्रोटीन या फाइबर खाद्य पदार्थों के साथ भी जोड़ सकते हैं।
चिया बीज का हलवा
अगर आप कुछ स्वादिष्ट और आसानी से बनने वाले नाश्ते की तलाश में हैं तो यह डिशआपके लिए है। चिया सीड्स और भी ज्यादा फायदेमंद होते हैं अगर हम उन्हें ग्रीक योगर्ट, पनीर या प्रोटीन शेक जैसे हाई प्रोटीन फूड के साथ खाएं।
पोहा
आसानी से बनने वाला नाश्ता जो सुबह के समय आवश्यक पोषण प्रदान करता है। अपनी कुछ पसंदीदा सब्जियों और मसालों के साथ पके हुए चावल एक अच्छी सुबह की थाली बना सकते हैं।
प्रतापगढ़/यूपी: Pratapgarh में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मोहम्मद साहब की शान में 9 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को शानो शौकत से जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से निकाला गया। इस दौरान लंगर का भी वितरण किया गया।
जुलूस में सुरक्षा-व्यवस्था की दृष्टिकोण से पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे। इस दौरान मोहम्मद साहब की शान में नात व कसीदे भी पढे़ गये। इस दौरान जगह-जगह शहरों में चिरागा किया गया।
जुलूस में गुम्बदे खजरा की झांकियां लोगों में आकर्षण का केन्द्र रही।
Pratapgarh के पल्टन बाजार से निकला जुलूस
बारह रबीअव्वल को पल्टन बाजार स्थित अंजुमन गुलामाने रसूल गुलशने मदीना व अंजुमन कारिए-मिल्लत पल्टन बाजार द्वारा नाजिमे आला मौलाना मेराज अहमद हबीबी की अगुवाई में जोहर की नमाज के बाद दोपहर दो बजे जुलूसे मोहम्मदी का जुलूस शानो शौकत से पल्टन बाजार से निकाला गया।
यह जुलूस टेजरी चौराहा, राजापाल टंकी, बकरा मण्डी, बेगम वार्ड, कपूर चौराहा, सिप्तैन रोड, जामा मस्जिद, चौक घंटाघर होते हुए जुलूस नसीर इलेक्ट्रिक श्रीराम तिराहा पहुंचा। यहां पर जुलूस जलसा में तब्दील हो गया।
जलसे में मदरसे के प्रधानाचार्य मौलाना मुख्तार अहमद हबीबी ने कहा कि इस्लाम के संस्थापक मोहम्मद सल्ल0 अलैह वसल्लम अल्लाह का संदेश देने के लिये इस धरती पर आए थे क्योंकि उस समय लोगों में शराबखोरी, जुआखोरी, लूटमार थी।
उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में हमारे नबी ने जन्म लेकर लोगों को अल्लाह का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारे नबी ने इस्लाम के लिये बहुत सी कुर्बानियां दी हैं। लोगों से नेक राह पर चलने के लिये कहते थे और इंसानियत का पैगाम देते थे। हमारे नबी की बातों से लोग उस वक्त बहुत मुतास्सिर हुआ करते थे।
जलसे में मुफ्ती मोहम्मद सलीम मिस्बाही ने कहा कि मोहम्मद साहब 571 ईसवी में मक्के की सरजमीं पर तशरीफ लाए जिन्होंने इंसानियत का पैगाम दिया। बुराईयों व फितना को खत्म किया और लोगों को अमन व शांति का पैगाम दिया। इसके बाद जलूस श्रीराम तिराहा से निकलकर स्टेशन रोड, पुराना माल गोदाम, भंगवा चुंगी, बलीपुर होते हुए गुलशने मदीना, पल्टन बाजार में खत्म हुआ।
जलसे में एजाज अहमद, मोहम्मद आजाद, मौलाना अनीस, मौलाना अख्तर, मौलाना इरशाद, रौशन अली, रेहान अहमद, मोहम्मद अयाज उर्फ मोनू, हाफिज मो0 दाऊद, रिजवान अहमद, कदीम अहमद, मो0 फिरोज आदि लोग मौजूद रहे।
सुल्तानपुर/यूपी: Sultanpur में आज होजरी कपड़ों के थोक व्यापारी की दुकान में आग लग गई। आग लगने से व्यापारी के लाखों के कपङे जलकर खाक हो गए। संभावना जताई जा रही है कि शार्ट सर्किट से ये आग लगी है। बहरहाल सूचना मिलते ही दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग को काबू में किया।
दरअसल ये मामला है नगर कोतवाली के गंदानाला स्थित घोसियाना गली की। इसी गली में आसिफ होजरी के नाम से होजरी व थोक में कपड़ो की दुकान है। रविवार के चलते दुकान बंद थी।
दोपहर करीब डेढ़ बजे इसी दुकान से लोगों ने धुंआ निकलता देखा तो लोग चौंक उठे। आनन फानन दुकान के मालिक समसुद्दीन और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। तत्काल दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची और गली में पाइप लगाकर आग बुझाई तब जाकर आग को काबू में किया जा सका।
आग लगने से मायूस दुकान मालिम समसुद्दीन की माने तो दुकान पहले ही काफी मात्रा में मालपड़ा हुआ था, परसों भी स्टॉक मंगाकर रखा गया।
उनकी माने तो करीब 20 लाख रुपये के होजरी के कपड़े जलकर खाक हो गए।
वहीं मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना जताई है।
बरेली/यूपी: साल 2014 में Bareilly की एक अदालत ने चांद मुहम्मद को पांच साल ‘आतंकवादी’ के तौर पर जेल में बिताने के बाद निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया। चांद मुहम्मद (53) आज भी अपने ऊपर लगे कलंक को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हालांकि ‘आतंकवादी’ के ठप्पे के चलते न तो उन्हें कहीं नौकरी मिली और न ही अपने पड़ोसियों के तानों से कभी निजात।
चांद कहते हैं कि मैं ‘आतंकवादी’ के ठप्पे के साथ ही मरूंगा, यह मुझे हर दिन सताता है। मैं अपना जीवन नए सिरे से शुरू नहीं कर पाया, क्योंकि मेरे दोस्त और रिश्तेदार अभी भी पुलिस कार्रवाई के डर से मुझसे जुड़ना नहीं चाहते हैं।
चांद ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि मैं नौकरी करना चाहता हूं, लेकिन कोई मुझे नौकरी नहीं देगा। मेरी प्रतिष्ठा और वर्षों के नुकसान के लिए मुझे कोई मुआवजा नहीं दिया गया। मैं जीवन की बुनियादी जरूरतों के लिए भी पूरी तरह से अपने बेटों पर निर्भर हूं।
Bareilly के एक मंदिर में सेवा करते हैं चाँद
इन दिनों चांद अपना अधिकांश समय बरेली शहर के बाहर स्थित एक मंदिर में सांत्वना के लिए सेवा करने में बिताते हैं। साल 2009 में बरेली शहर के प्रेमनगर थाने के अधिकारियों ने किला नदी के पास जुआ खेलने वाले लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी की थी।
पुलिस को देखते ही नदी में कूदने से तीन लोगों की मौत हो गई। चांद पुलिस के खिलाफ मामले में एक गवाह थे, लेकिन उनका बयान दर्ज होने से पहले ही उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया गया और उन्हें ‘आतंकवादी’ बताकर हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस ने चांद के साथ एक 11 वर्षीय लड़की, जो उनके दोस्त की बेटी है, को भी हिरासत में लिया। चांद कहते हैं कि उसे भी उस दौरान कथित रूप से प्रताड़ित किया गया। बरेली जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ADG राजकुमार ने बताया कि ऐसे मामलों में, हम गैर-जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश देते हैं, यदि पीड़ित द्वारा उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की जाती है।
ADG राजकुमार ने कहा कि अगर चांद शिकायत दर्ज करता है, तो उसकी हालत के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई संभव है। 2009 में पुलिस की यातना से बने निशानों को दिखाते हुए, चांद कहते हैं कि, जब भी मामले के बारे में बात होती है तो कुछ स्थानीय समाचार पत्र मुझे आतंकवादी कहते हैं।
चांद कहते हैं कि मुझे गिरफ्तार करने वाले निरीक्षक ने तब दावा किया था कि मैं एक आतंकवादी था, और भारत और अमेरिका में वांछित था। मांझा निर्माताओं द्वारा छोड़े गए कबाड़ को बम बनाने के लिए सामग्री के रूप में दिखाया गया था। मुझे कई दिनों तक प्रताड़ित किया गया। चांद अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं, कि अपमान और पीड़ा को सहन करने में असमर्थ, मैंने पुलिस से इसके बजाय मुझे गोली मारने का अनुरोध किया था।
13 अक्टूबर 2009 को चांद को हिरासत में लिया गया था। अगले दिन, उसके रिश्तेदारों और दोस्तों को अखबार और टीवी न्यूज में किए गए दावों से जानकारी हुई कि चांद एक ‘आतंकवादी’ था, और नाबालिग लड़की को आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहा था।
पुलिस ने यह भी दावा किया, कि चांद ने पाकिस्तान में एक आतंकी शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। पुलिस ने चांद से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ की। चांद बताते हैं, कि इस दौरान नाबालिग लड़की के भाई को कई दिन पेड़ों पर बिताने पड़े, क्योंकि पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक अभियान चला रखा था।
बाद में, चांद और नाबालिग लड़की का गुजरात के सूरत में नार्को टेस्ट किया गया, लेकिन उसमें कुछ भी सामने नहीं आया। आज नाबालिग लड़की बरेली में नर्सरी चलाती है। चांद ने कहा जब मैं पुलिस हिरासत में था, तो मैंने उनसे मुझ पर झूठे आरोप लगाने के बजाय मुझे मारने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि मैं अपने देश के प्रति वफादार हूं। चांद को न्याय दिलाने में उनकी मदद करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता योगेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि चांद अनपढ़ हैं, और यह अदालत में उनके पक्ष में गया। क्योंकि पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने चांद के कब्जे से नक्शे और आतंकवाद से संबंधित अन्य साहित्य बरामद किए थे। अदालत ने पुलिस के दावों को खारिज कर दिया, क्योंकि अदालत ने पाया कि वह पढ़-लिख नहीं सकते।
GodFather: चिरंजीवी स्टारर गॉडफादर पर फैंस की नजर है। यह मोहनलाल अभिनीत मलयालम हिट लूसिफ़ेर की रीमेक है। अब चूंकि तेलुगु दर्शकों को लोकप्रिय राजनीतिक नाटक का अपना संस्करण मिल गया है, वे इसे पसंद कर रहे हैं।
यह 5 अक्टूबर को दशहरे पर अच्छी संख्या में रिलीज के साथ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। नागार्जुन की द घोस्ट के साथ रिलीज, गॉडफादर प्रमुख तेलुगु क्षेत्रों में फिल्म देखने वालों की नंबर एक पसंद के रूप में उभरा है।
GodFather बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन 4
चिरंजीवी के गॉडफादर के वीकेंड पर अच्छे नंबर लाने की भविष्यवाणी की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म रिलीज के तीन दिनों के भीतर ही वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपये के क्लब में शामिल हो गई। भारत में, इसने चार दिनों में 55 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है, शनिवार को छुट्टी के कारण संख्या में वृद्धि देखी गई।
GodFather हिंदी संग्रह
गॉडफादर हिंदी पट्टी में दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाया है। एक कैमियो भूमिका में सलमान खान की उपस्थिति के बावजूद, डब संस्करण के लिए लेने वाले काफी कम हैं। अनुमान के मुताबिक फिल्म की हिंदी में 5 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान है, जो बहुत कम है।
इस बीच, गॉडफादर की सफलता का जश्न मनाते हुए, टीम ने हाल ही में हैदराबाद में एक सक्सेस मीट का आयोजन किया, जिसमें स्वयं मेगास्टार चिरंजीवी ने भाग लिया। अन्य कलाकार और चालक दल के सदस्य भी मौजूद थे और उन्होंने दर्शकों से मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया के बारे में बताया।
GodFather के बारे में
गॉडफादर, मोहन राजा द्वारा निर्देशित, मलयालम सुपरहिट फिल्म लूसिफ़ेर की आधिकारिक तेलुगु रीमेक है, जिसमें मोहनलाल, विवेक ओबेरॉय और मंजू वारियर ने अभिनय किया था। तेलुगु संस्करण में क्रमश चिरंजीवी, सत्यदेव कंचरण और नयनतारा ने अपनी भूमिकाओं को दोहराया।
सलमान खान ने फिल्म में एक विस्तारित कैमियो निभाया। उन्होंने अपनी भूमिका के लिए पारिश्रमिक प्राप्त करने से इनकार कर दिया। तेलुगु दर्शकों की संवेदनशीलता के अनुरूप फिल्म की पटकथा को बदल दिया गया था।