बिजनौर/यूपी: पुलिस का जिम्मा जहाँ सुरक्षा का दमखम भरने का होता है तो वहीं दुसरी तरफ Bijnor में यूपी पुलिस का एक ऐसा जवान ‘विकास’ भी है, जो पिछले कई सालों से पुलिस की ड्यूटी को अंजाम देने के बाद गरीब स्कूली बच्चों को गांव में पाठशाला चलाकर मुफ्त में शिक्षा दे रहा है। वहीं विकास की अच्छी पहल को देखते हुए डीआईजी मुरादाबाद ने भी सम्मानित किया है।
इनसे मिलिए ये है यूपी पुलिस के जवान विकास कुमार जो सहारनपुर ज़िले के रहने वाले हैं। विकास कुमार साल 2016 में यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर नियुक्त हुए।
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Bijnor के डायल 112 पर तैनात
पुलिस की ट्रेनिंग के बाद विकास कुमार की जॉब बिजनौर ज़िले में लगी, फ़िलहाल वह जनपद बिजनौर के थाना मंडावली के डायल 112 पर तैनात हैं। साल 2017 से इनके मन में आया क्यों न स्कूली बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया जाए, धीरे धीरे विकास की कोशिश से यूपी के सहारनपुर में 25-30, बुलंदशर में 5, उत्तराखंड के रुड़की में 5 व् बिजनौर में भी 5 पाठशालाएँ गाँव में चल रही हैं।
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हर पाठशाला पर 7-8 टीचर हर सब्जेक्ट पढ़ा रहे हैं, हर एक पाठशाला पर 150 बच्चे पढ़ते हैं। हालाँकि विकास कुमार की पाठशाला के ज़रिये अथक प्रयास व् कोशिश से अब तक 15 -20 स्टूडेंट्स पुलिस, रेलवे विभाग में भर्ती हो चुके हैं, वहीं कई शिक्षक बन चुके हैं।
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बिजनौर के किशनपुर में भी कॉन्स्टेबल विकास कुमार गरीब मासूम बच्चों को पाठशाला के ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाते नज़र आ रहे हैं।
बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा इन्होंने इसलिए उठाया की उनके गांव में कोचिंग सेंटर की सुविधा नहीं थी। पढ़ाई की पाठ्य सामग्री भी नहीं थी, अपने वक़्त में आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से विकास ने गरीब बच्चों को पढ़ाने का मन बनाया। वह बच्चों को हर सब्जेक्ट पढ़ाते हैं।
विकास कुमार की पाठशाला में पढ़ने वाली ग्यारवी क्लास की अमृता जो यहाँ पिछले डेढ़ साल से पढ़ रही है।
दसवीं में अमृता ने पाठशाला के ज़रिये ही 88 फीसदी अंक पाकर अपने गुरु पुलिस वाले अंकल का धन्यवाद करते हुए कहा की पुलिसिया वर्दी में विकास जी पढ़ाते हैं, बहुत अच्छा लगता है साथ ही हर सब्जेक्ट को अच्छे से समझते हैं, साथ ही छात्रा की मानें तो जब गांव में पुलिस आती थी तो बहुत डर लगता था, लेकिन जब गुरु जी पुलिस की वर्दी में पढ़ाने आए तो हमारी नज़र में पुलिस वर्दी की इज़्ज़त बहुत बढ़ गई है और खौफ भी खत्म हो गया है।
बिजनौर से संवाददाता मोहम्मद रहमान की रिपोर्ट