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‘मोटेरा स्टेडियम’ का नाम बदलकर PM Modi के नाम पर रखने को लेकर भड़की Shiv Sena

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Mumbai: अहमदाबाद के सरदार पटेल क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नाम पर रखने को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि ‘‘प्रचंड बहुमत का मतलब बेपरवाह बर्ताव करने का लाइसेंस नहीं” है. शिवसेना ने कहा कि पिछले पांच साल में आरोप लगाए गए कि कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार ने इतिहास से सरदार वल्लभ भाई पटेल का नामोनिशान मिटाने का प्रयास किया, लेकिन स्टेडियम का नाम बदले जाने से यह जाहिर हो गया है कि असल में कौन ऐसा प्रयास कर रहा है. 

Shiv Sena ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि मोदी-शाह (नरेंद्र मोदी-अमित शाह) सरकार गुजरात में हर बड़ा काम करना चाहती है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि वे भूल गये हैं कि वे देश का नेतृत्व कर रहे हैं…अहमदाबाद (Gujarat) में मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया. अब तक मेलबर्न (Australia) स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम था. अब मोदी (PM Modi) के नाम वाला यह स्टेडियम सबसे बड़ा होगा.”

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संपादकीय में कहा गया, ‘‘इस कदम की आलोचना क्यों हो रही है? इसलिए कि पहले मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखा गया था और अब इसका नाम मोदी के नाम पर रख दिया गया है.”

‘सामना’ में कहा गया है, ‘‘नि:संदेह मोदी महान नेता हैं, लेकिन यदि उनके अंधभक्तों को लगता है कि वह महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल या इंदिरा गांधी से भी महान हैं, तो इसे अंधभक्ति में एक और मुकाम मानना चाहिए.”

 संपादकीय में कहा गया कि जिन लोगों ने मोटेरा स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के नाम पर रखा है, दरअसल उन्होंने मोदी का कद घटाने का प्रयास किया है. 

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शिवसेना ने कहा, ‘‘मोदी लोकप्रिय नेता है. लोगों ने उन्हें प्रचंड जनादेश दिया, लेकिन बहुमत का मतलब बेपरवाह बर्ताव करने का लाइसेंस नहीं है. सरदार पटेल और नेहरू के पास बहुमत देश के विकास की आधारशिला रखने के लिए था.”

सामना में कहा गया, ‘‘नेहरू ने आईआईटी, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, भाखड़ा नांगल परियोजना राष्ट्र को समर्पित किया, लेकिन मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान क्या काम हुआ. सरदार पटेल के नाम पर बने स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया.”

सामना में कहा गया है, ‘‘सरदार पटेल का कल तक गुणगान करने वाले लोग एक स्टेडियम के नाम के लिए सरदार पटेल के विरोधी बन रहे हैं. ऐसा लगता है कि आज की राजनीति में पटेल का महत्व खत्म हो गया है और यही चीज पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद नेताजी (सुभाष चंद्र) बोस के साथ होगी.”

Nodeep Kaur को मिली ज़मानत, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

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New Delhi: श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता नोदीप कौर (Nodeep Kaur) को जमानत मिल गई है. वह 12 जनवरी से जेल में बंद थी. किसानों का आंदोलन (Farmers Protest), उससे पैदा हुईं कानून एवं व्यवस्था की दिक्कतें, और गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को देश का राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद हुई गिरफ्तारियों से दुनियाभर की निगाहें हिन्दुस्तान पर टिक गईं. खास फोकस पुलिस की कथित ज़्यादतियों पर रहा, जो पिछले कुछ हफ्तों में उन्होंने प्रदर्शनकारियों और असंतुष्टों के खिलाफ कीं. पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) की गिरफ्तारी और उनके तथाकथित सहयोगियों के खिलाफ दर्ज किए गए पुलिस केसों ने निरंकुशता के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर दी. 

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस उन लोगों में शुमार रहीं, जिन्होंने तथाकथित अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया. मीना हैरिस सहित कई लोगों का कहना है कि श्रमिक अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ता Nodeep Kaur उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें प्रशासन ने निशाना बनाया. सरकार द्वारा मनमानी किए जाने के आरोपों के सामने आने से बहुत पहले इस दलित युवती को गिरफ्तार किया गया था, और इसने भी पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

Nodeep Kaur पर हत्या के प्रयास का आरोप है. नोदीप ने भी आरोप लगाया है कि उसकी मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया, जो क्रिमिनल प्रोसीजर एक्ट की धारा 54 का उल्लंघन है.सरकार की ओर से उसके सहयोगी शिवकुमार की मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई है, जिस पर वही आरोप हैं, जो Nodeep Kaur पर हैं, सो, नोदीप की ज़मानत अर्ज़ी पर आज सुनवाई हुई और उन्हें जमानत मिल गई.

Nodeep Kaur ने जमानत याचिका में पुलिस के हाथों पीटे जाने का दावा किया

6 फरवरी तक Nodeep Kaur के बारे में ज़्यादा नहीं सुना गया था, जब पहली बार मीना हैरिस ने ट्वीट किया, “23-वर्षीय श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता Nodeep Kaur को गिरफ्तार किया गया, यातनाएं दी गईं और पुलिस हिरासत में यौन शोषण भी किया गया…” मीना हैरिस के ट्वीट में भीड़ की तस्वीरें थीं, जो उन्हीं की तस्वीर को जलाते हुए दिख रही थी, और एक अन्य तस्वीर में एक नकाबपोश महिला ने नोदीप की रिहाई की मांग करता पोस्टर उठा रखा था.

Nodeep Kaur को 12 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जब वह दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर पर कुंडली में श्रमिकों के एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थी. अधिक पारिश्रमिक की मांग करने के लिए आयोजित प्रदर्शन उसी समय हो रहा था, जब तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) भी जारी था. महीनों से जारी किसान आदोलन में शिरकत करने वाले बहुत-से किसान कुंडली में भी डेरा डाले हुए हैं.

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Nodeep Kaur की गिरफ्तारी के बाद उस पर बहुत-से आरोप लगाए गए – जिनमें हत्या, जबरन वसूली, चोरी, दंगा-फसाद करने, गैरकानूनी जमावड़े में शामिल होने तथा डराने-धमकाने के आरोप शामिल हैं. हरियाणा में करनाल जेल में बंद नोदीप कौर पंजाब के मुक्तसर की रहने वाली है. उसे बाद में जबरन वसूली और डराने-धमकाने के आरोप वाले दो मामलों में ज़मानत मिल गई.

Nodeep Kaur सोनीपत के कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में एक कंपनी में काम करती रही है, और उसका दफ्तर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर है, जहां दो महीने से भी ज़्यादा वक्त से किसान लगातार कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

Nodeep Kaur की बहन राजवीर कौर ने आरोप लगाया है कि नोदीप को “पुलिस स्टेशन में पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा पीटा गया और यहां तक कि उस पर यौन अपराध भी किए गए… उसके निजी अंगों में चोटें हैं… कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए…” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मज़दूरों और किसानों की एकता से डर गई है.

पुलिस ने सभी आरोपों से इंकार करते हुए उन्हें ‘मनगढ़ंत’ बताया है. उनका आरोप है कि Nodeep Kaur के हमले से पुलिसकर्मी ज़ख्मी हुए, जिनमें एक महिला कॉन्स्टेबल भी शामिल थी. यौन शोषण के आरोप को पुलिस ने ‘बाद में सोचा गया’ करार दिया है.

8 फरवरी को पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) से Nodeep Kaur को राहत सुनिश्चित करने के लिए कहा. नोदीप कौर की कथित गैरकानूनी हिरासत पर स्वतः संज्ञान लेते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया.

Bharat Bandh: कई राज्यों में दिख रहा असर, कई शहरों में सड़कें सूनी, दुकानें बंद

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देशभर के व्यापारिक संगठनों सहित कई परिवहन संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया है. यह बंद आज सुबह 6 बजे से शुरू हो चुकी है और शाम 8 बजे तक लागू रहेगी. बंद शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर कई राज्यों में इसका असर दिख रहा है. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी (GST) नियमों की समीक्षा की मांग करते हुए यह बंद बुलाया है. वहीं, ई-वे बिल और तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ भी उनका विरोध है.

बता दें कि हाल ही में जीएसटी (GST) यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स एक्ट में किए गए संशोधन किए गए हैं, जिनका ये संगठन विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये संशोधन व्यापार के प्रतिकूल हैं. परिवहन संगठन बढ़ते पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. इस बंद के तहत देशभर के बाजार बंद रहेंगे और कोई भी व्यापारिक गतिविधियां नहीं होंगी. देश के सभी राज्यों के अधिकतर व्यापारिक संगठन बंद में शामिल हो रहे हैं.

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Petrol-Diesel: दिल्ली में रिकॉर्ड स्तर पर बिक रहा पेट्रोल, लगातार बढ़ रहे फ्यूल प्राइस

Bharat Bandh: फ्यूल प्राइस, जीएसटी और ई-वे बिल के खिलाफ किए जा रहे हड़ताल के बीच ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की सड़कों पर ऐसा दिखा हाल.

Petrol-Diesel: बढ़ती कीमतों के बीच PM Modi ने, कहा यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने…..

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के भारत बंद (Bharat Bandh) आह्वान का असर दिल्ली के बाजार पर नहीं दिख रहा है. यहां के व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी (GST) के प्रावधान बहुत ही जटिल, कठोर और पीछे ले जाने वाले हैं, लेकिन यहां पर बंद रखने को समाधान न मानते हुए बाजार खुले रखे गए हैं. बता दें कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में तेजी के विरोध और ई-वे बिल कानूनों को खत्म करने को लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.

Tejashwi Yadav: कोई कारख़ाने नहीं, आर्थिक मोर्चे पर उपलब्धि नहीं, जीडीपी में वृद्धि कैसे?

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Patna: बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar Assembly Budget session) में अब तक दो बात की चर्चा सबसे अधिक हो रही हैं.एक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को ग़ुस्सा क्यों आता हैं जिसके बाद उन्हें खुद सफ़ाई देनी पड़ी कि वो किसी सदस्य को धमकी नहीं देते और दूसरा, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपने भाषण में कैसे नीतीश कुमार सरकार के सारे दावों की पोल खोल देते हैं. गुरुवार को बिहार विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान में बोलते हुए Tejashwi Yadav ने सरकार से पूछा कि जब कोई कल कारख़ाने नहीं लगे, आर्थिक मोर्चे पर राज्य में कोई उपलब्धि भी सरकार नहीं गिना पाई तब जीडीपी (GDP) में 10 प्रतिशत के दर से आर्थिक वृद्धि कैसे हुई. Tejashwi Yadav ने आंकड़े पेश करके ये साबित करने की कोशिश कि देखिए जब लालू -राबडी शासन था तब भी बजट के आकार में आठ गुना बढ़ोतरी हुई और अब नीतीश कुमार के शासनकाल में भी उतनी ही वृद्धि हुई हैं और केंद्र के बजट के विकास में समान वृद्धि का प्रतिशत हैं .

Tejashwi Yadav: बिहार के किसानों को भिखारी बनने से रोकें

वैसे, Tejashwi Yadav जब बोल रहे थे तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद नहीं थे. इसके बावजूद पूरी तैयारी कर आये तेजस्वी ने सीएम पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सबसे ख़ास बात यह थी कि सत्‍ता पक्ष के लोग भी उनके भाषण को ध्यानपूर्वक सुन रहे थे. तेजस्वी ने अख़बार की क्लिपिंग लहराते हुए भाजपा के मंत्रियों को कहा कि देखिए आप लोगों की संख्या भले मंत्रिमंडल में अधिक हो, लेकिन बजट के आवंटन में नीतीश और उनके मंत्रियों के पास आपसे दुगुनी राशि है.

Rupesh Murder: सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़के

राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद पिछले तीन दिन के दौरान बिहार विधान सभा में यह दूसरा मौक़ा था जब Tejashwi Yadav अपने भाषण में तथ्यों के आधार पर नीतीश कुमार के दावों की पोल खोलने का प्रयास कर रहे थे. हालांकि पूर्व की तुलना में उनके भाषण में तल्ख़ी कम थी लेकिन पहली बार वो शेरोंशायरी का भी सहारा लेते भी नजर आए

Anti Love Jehad Ordinance: यूपी विधान परिषद में भी पास हुआ विधेयक

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Lucknow: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में गुरुवार को योगी सरकार (Yogi Government) के सबसे महत्वपूर्ण विधेयक उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 यानी एंटी लव जिहाद विधेयक (Anti Love Jehad Ordinance) को पारित कर दिया गया है. इसे अब राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा. उसके बाद यह एक कानून बन जाएगा. 

बजट सत्र के छठवें दिन उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन विधेयक 2021 (Anti Love Jehad Ordinance) को विधान परिषद में भी पास कर दिया गया. इस दौरान सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए ये मसौदा तैयार किया था. बजट से पहले कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश का प्रस्ताव भी पास किया गया था.

क्या कहता है नियम

दरअसल, यूपी में धर्मांतरण कानून पहले ही बन चुका है. लेकिन, पहले अध्यादेश लाकर बिल को मंजूरी दी गई और फिर राज्यपाल की सहमति के बाद इसे कानून बना दिया गया. लेकिन, अध्यादेश के नियमों के तहत सरकार को 6 महीने के भीतर सदन में बिल पेश करके प्रस्ताव पास कराना होता है. यूपी के दोनों सदनों में सरकार विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन विधेयक 2021 को पास करा चुकी है.

अध्यादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लव जिहाद यानी गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या धर्म छिपाकर शादी करने के मामले में सख्त सजा का प्रावधान होगा. शादी से पहले धर्म परिवर्तन के लिए 2 माह पहले नोटिस देना होगा. स्थानीय जिलाधिकारी ऐसे मामलों में अनुमति देंगे. नाम और धर्म छिपाकर शादी करने, सामूहिक रूप से अवैध धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल होगी. महिला, एससी/एसटी या वल्नरबल ग्रुप का अवैध रूप से धर्म परिवर्तित कराने पर 2 साल से 10 साल तक की जेल की सजा भुगतनी होगी.

सजा और जुर्माने का है प्रावधान

बुधवार को बजट सत्र में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन विधेयक 2021 (Anti Love Jehad Ordinance) को विधानसभा में ध्वनि मत से पारित कराने के बाद बृहस्पतिवार को इसे विधान परिषद में भी पास करा दिया गया है. इस कानून के तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले को एक साल से लेकर 10 साल तक की सजा के साथ-साथ अधिकतम 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

लोकतंत्र की हत्या कर रही है बीजेपी

विधान परिषद में ‘एंटी लव जिहाद’ विधेयक (Anti Love Jehad Ordinance) पास होन के बाद सपा एमएलसी राजेंद्र चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि बीजेपी (BJP) के लोगों को लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है. बीजेपी रोजाना लोकतंत्र की हत्या कर रही है. उन्होंने कहा कि विधान परिषद में एक बार फिर लोकतंत्र की हत्या की गई है, यहां समाजवादी पार्टी का बहुमत है लेकिन बीजेपी सदन की सारी मान्यताओं को नेस्तनाबूद करने पर लगी हुई है.

नोटिस पर चर्चा नहीं हुई

राजेंद्र चौधरी ने कहा कि हमारे नोटिस पर चर्चा नहीं हुई, नियम के अनुसार ‘एंटी लव जिहाद’ विधेयक (Anti Love Jehad Ordinance) पास नहीं हुआ है. जनप्रतिनिधियों की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है. सदन में कोई ऐसा काम नहीं बचा है, जिससे लोकतंत्र की हत्या न हुई हो. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव लगातार लोकतंत्र को बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं. चौधरी ने कहा कि हमारे बहुमत की कोई परवाह किए बिना विधेयक पास किए जा रहे हैं, सत्ता का लगातार दुरुपयोग किया जा रहा है.

Shivpal Yadav बोले परिवार का एक होना जरूरी, Akhilesh मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ें

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Amroha: उत्तर प्रदेश (UP) के अमरोहा (Amroha) पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने कहा कि हमारी पार्टी विलय नहीं करेगी बल्कि गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरेगी. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत चुनाव में हम अपने प्रत्याशी उतारेंगे और गठबंधन के साथ लड़ेंगे. बीजेपी (BJP) के वादे खोखले साबित हो रहे हैं.

Shivpal Yadav ने कहा कि हम 2022 के चुनाव में छोटी-छोटी पार्टियों से गठबंधन करेंगे और सरकार बनाएंगे. हमारी सरकार में हम एक कानून ऐसा भी बनाएंगे जिसमें हर घर के एक बच्चे को सरकारी नौकरी मिलेगी. Shivpal Yadav ने कहा कि मैंने Akhilesh Yadav से भी अपील की है कि वह हम सब के साथ 2022 में चुनाव लड़ें क्योंकि पहले परिवार का एक होना जरूरी है.

Farmers Protest: गाजीपुर बॉर्डर पर किसान की मौत विचलित करने वाली, अखिलेश यादव

मुरादाबाद (Moradabad) मंडल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने मंच से जमकर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा. उन्होंने कृषि कानून (Farm Laws) को किसान विरोधी बताया और कहा कि जो कानून पास किए गए हैं वह केवल उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं. किसान तो मजदूर बनकर ही रह जाएगा.

शिवपाल यादव ने कहा कि हम हर छोटी-छोटी पार्टियों को एक जगह इकट्ठा कर लड़ेंगे. उत्तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) के राज में जो काम पहले ₹500 में हो जाया करता था आज उस काम के ₹5000 रुपये लेकर भी अधिकारी काम नहीं करते. कानून व्यवस्था बिल्कुल ठप हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अखिलेश अगर अहंकार में रहे तो कुछ नहीं होने वाला. प्रदेश में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है. जो यूरिया खाद पहले ढाई सौ रुपए का आ जाता था आज 350 रुपये मे भी 45 किलो दिया जा रहा है.