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Farm Laws: INLD के नेता अभय चौटाला का ऐलनाबाद सिरसा महापंचायत में सम्मान

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New Delhi: कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में और किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा देने वाले इनेलो (INLD) नेता अभय सिंह चौटाला (Abhay Chautala ) का शुक्रवार को सिरसा जिले के एलेनाबाद सीट पर हुई किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में सम्मान किया गया. चौटाला उनकी पार्टी (INLD) के एकमात्र विधायक थे, जो एलेनाबाद (Ellanabad) से जीते थे.

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57 साल के चौटाला ने 11 जनवरी को विधानसभा स्पीकर को लिखे पत्र में कहा था कि अगर केंद्र सरकार 26 जनवरी तक केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस नहीं लेती है तो इसे विधानसभा से उनका त्यागपत्र समझा जाए. उन्होंने कहा था कि किसानों पर अलोकतांत्रिक तरीके से किसानों पर काला कानून थोपा था. कृषि बाहुल्य क्षेत्र के ज्यादातर राजनीतिक दलों की तरह अभय चौटाला भी कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के साथ खड़े होने का दबाव झेल रहे हैं.

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एलेनाबाद (Ellanabad) में किसानों की भारी भीड़ के समक्ष चौटाला ने कहा, वह सभी किसान नेताओं को सिरसा में होने वाली अगली महापंचायत में शामिल होने का न्योता देते हैं. चौटाला ने कहा कि हम किसान मोर्चा की अगली घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. जो भी फैसला किसान नेता लेते हैं. उसे हमारा पूरा समर्थन रहेगा. चौटाला ने कहा, शनिवार को चक्का जाम के दौरान हम सुनिश्चित करेंगे कि राजस्थान से कोई भी वाहन हरियाणा में प्रवेश न करने पाए. 

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New Delhi: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को नए कृषि कानूनों (New Farm Laws 2020) को निरस्त करने के सिवा कुछ भी मंजूर नहीं है और कृषकों के खिलाफ सरकार की कठोर रणनीति काम नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि सड़कों पर बिछायी गयी कीलें भाजपा के ‘‘राजनीतिक ताबूत’’ की कीलें साबित होंगी.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ किसान पंचायतों में हिस्सा ले चुके और केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चला रहे चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि सरकार को इन कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए और किसानों की सहमति के बाद इसे तैयार करना चाहिए. राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश के मौजूदा नेतृत्व को भावनाओं की परवाह नहीं है और वह दंगे, मौत या प्रदर्शन से व्याकुल नहीं होता क्योंकि वह अपने दायरे में सिमटा हुआ है.

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पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘यह अधिनायकवादी शासन है. वे जमीन पर मौजूद अपने राजनीतिक लोगों की भी नहीं सुनते हैं. अगर आप भाजपा (BJP) के विधायक या सांसद से अनौपचारिक बातचीत करें तो पता चलेगा कि वे खुश नहीं है और वे भारत के लोगों के उठ खड़े होने को महसूस कर रहे हैं जिन्होंने (PM Modi) मोदी को वोट किया था.’’

चौधरी ने कहा कि वह किसानों के हर धरना स्थल पर गए हैं, किसानों की पंचायतों को संबोधित किया है और उन्हें लगता है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसानों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव बन गया है.

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उन्होंने कहा, ‘‘वे एकजुट हो रहे हैं और मुझे नहीं लगता है कि वे जिस चीज (कानूनों को निरस्त करवाने) के लिए आए हैं उसके सिवा उन्हें कुछ और मंजूर होगा.’’ RLD नेता ने कहा कि किसान अपने गांव छोड़कर आए हैं, उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया है और करीब 150 किसानों की मौत हो गयी और वे सरकार का रुख कड़ा होने के बावजूद लौटना नहीं चाहते.

चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि किसानों का रुख स्पष्ट है कि ये कानून (Farm Laws) उनके लिए नहीं बनाए गए हैं और वे इन्हें स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कानून बनाना सरकार का विशेषाधिकार है लेकिन जनता की इच्छा सर्वोपरि होती है.

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दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थल के आसपास सड़कों पर कीलें लगाए जाने और अवरोधक मजबूत किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ये सड़कों पर कील नहीं लगाई गई हैं, ये भाजपा के राजनीतिक ताबूत में कील की तरह हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘बहुत व्यथित करने वाली तस्वीरें दुनिया के सामने गयी है. ये वो लोग हैं जिन्होंने दिल्ली को गोरों से आजादी दिलायी, जो मुगलों के खिलाफ लड़े. जब भी दिल्ली में कोई संकट हुआ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के किसान ही सबसे पहले वहां पहुंचे. आज दिल्ली में किसान घाट (पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का स्मारक), संसद और राजघाट है और आप इन किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से भी रोक रहे हैं.’’

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सरकार द्वारा कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित किए जाने के प्रस्ताव पर चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि इस प्रस्ताव पर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों या खुद किसानों ने भी कोई रजामंदी नहीं दिखायी. उन्होंने कहा कि किसान सवाल पूछ रहे हैं कि 18 महीने के लिए स्थगित क्यों किया जा रहा और संसद या सरकार के काम में उच्चतम न्यायालय को क्यों शामिल किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘सख्त रणनीति का इस्तेमाल चीन या अन्य देशों के साथ होना चाहिए जिनके साथ टकराव चल रहा है, भारत के नागरिकों से निपटने के लिए सख्त रणनीति का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.’’अपने पिता और रालोद अध्यक्ष अजित सिंह द्वारा भारतीय किसान यूनियन को समर्थन दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा कि यह टिकैत बंधुओं (नरेश और राकेश टिकैत) के साथ गठबंधन नहीं है, किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए समर्थन दिया गया है.

RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, GDP में 10.5% की ग्रोथ का अनुमान

New Delhi: अगर आपने होम लोन, ऑटो लोन या किसी भी तरह का लोन लिया है तो यह अभी सस्ता नहीं होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 4% और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% बरकरार रखा है। RBI से कर्ज लेने पर बैंक जिस रेट पर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। वहीं, अपनी बचत RBI के पास रखने पर बैंकों को जो ब्याज मिलता है, वह रिवर्स रेपो रेट कहलाता है।

रिजर्व बैंक (RBI) हर दो महीने में दरों को बदलने या न बदलने के बारे में मीटिंग करता है। इसमें उसकी 6 लोगों की टीम होती है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 10.5% की ग्रोथ का अनुमान जताया है। MPC की बैठक बुधवार 3 फरवरी से शुरू हुई थी।

ICICI सिक्योरिटीज की सीनियर इकोनॉमिस्ट अनघा देवधर ने कहा कि MPC का यह निर्णय उम्मीद के मुताबिक रहा। आने वाले दिनों में महंगाई से राहत मिल सकती है। ऐसे में RBI दरों में भी कमी आएगी। कुल मिलाकर MPC का निर्णय विकास और वित्तीय स्थिरता के लिए अच्छा है।

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जानकारों ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि RBI रेपो रेट में कटौती से बचेगा। रेपो रेट का अर्थ RBI द्वारा बैंकों को दिए जाने लोन पर ब्याज दर है। एक फरवरी को पेश बजट 2021-22 के बाद RBI की यह पहली बैठक है। रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।

रिवर्स रेपो रेट भी स्थिर

MPC ने पिछली 3 बार के बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। मौजूदा समय में रेपो रेट 4% है, जो 15 साल के न्यूनतम स्तर पर है। वहीं, RBI ने रिवर्स रेपो रेट भी 3.35% पर बरकरार रखा है। इसी दर पर बैंक अपने पास जमा रकम को रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं।

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बता दें कि आने वाले समय में लोन की दरें ऊपर जा सकती हैं। क्योंकि रिजर्व बैंक (RBI) ने दरों में कमी करने का फैसला रोक रखा है। रिजर्व बैंक अब महंगाई और ग्रोथ पर फोकस कर रहा है। सरकार भी ग्रोथ बढ़ाने पर ही फोकस कर रही है। इस तरह से ग्रोथ बढ़ने पर ब्याज दरों में कमी रुक जाएगी और आगे चलकर इसमें बढ़त हो सकती है। कुछ बैंक के चेयरमैन का मानना है कि मई-जून के बाद ब्याज दरें ऊपर की ओर जा सकती हैं। क्योंकि तब तक आर्थिक स्थिति सही हो सकती है और मांग बढ़ सकती है। कोरोना पर काफी काबू तब तक हो जाएगा। ऐसे में आप अगर लोन लेना चाहते हैं तो यह सस्ते लोन का अंतिम दौर हो सकता है।

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चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए उपभोक्ता महंगाई दर (CPI) 5.2% रहने का अनुमान जताया गया है। इसका पहले अनुमान 5.8% का था। शक्तिकांत दास ने कहा कि विदेशी निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जता रहे हैं। इसका ही नतीजा रहा कि हाल के महीनों में FDI और FPI निवेश का फ्लो लगातार बढ़ा है।

Jewellery shop से करीब 40 लाख रुपये के आभूषण चोरी करने वाला बदमाश गिरफ्तार

Haryana-Faridabad: सराय ख्वाजा थाना एरिया स्थित जूलरी शॉप (Jewellery Shop) की तिजोरी को गैस कटर से काटकर करीब 40 लाख रुपये के आभूषण चोरी करने वाले बदमाश को क्राइम ब्रांच बदरपुर बॉर्डर की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित के कब्जे से चोरी की गई 40 लाख रुपये कीमत की जूलरी भी बरामद कर ली गई है। पुलिस ने गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

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पुलिस प्रवक्ता आदर्श दीप सिंह ने गुरुवार को सेक्टर-21 स्थित कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार आरोपित राशिद अली मूलरूप से यूपी के बुलंदशहर का रहने वाला है। वह फिलहाल नोएडा के परी चौक के पास किराए पर रह रहा था। पुलिस की टीम ने अपने विशेष सूत्रों के माध्यम से आरोपित को कालिंदी कुंज दिल्ली से अरेस्ट किया है। राशिद ने 28 जनवरी की रात थाना सराय ख्वाजा एरिया स्थित एक जूलरी शॉप (Jewellery Shop) में घुसकर गैस कटर से तिजोरी काटकर 40 लाख रुपये के आभूषण चोरी कर लिए थे। इस मामले में उसके खिलाफ थाना सराय ख्वाजा में चोरी का मामला दर्ज किया गया था।

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पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने एसीपी क्राइम अनिल कुमार की देखरेख में क्राइम ब्रांच बदरपुर बॉर्डर को इस मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर सेठी मलिक ने एएसआई नरेंद्र, एचसी रविन्द्र, एचसी भूपेंद्र, एचसी दीपक, एचसी संदीप, सिपाही फारूख और अखंड प्रताप की टीम गठित कर आरोपित को अरेस्ट करने में कामयाबी हासिल की है। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि वह पहले भी चोरी की कई वारदात कर चुका है। वह अब तक दिल्ली में 4, रोहतक में 1, पानीपत में 1, गाजियाबाद में 6 और अलवर राजस्थान में चोरी की 1 वारदात अंजाम दे चुका है। आरोपित गाजियाबाद, रोहतक, अलवर और पानीपत की जेल में सजा भी काट चुका है।

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पुलिस पूछताछ में राशिद ने बताया कि सराय ख्वाजा स्थित जूलरी शॉप (Jewellery Shop) में चोरी करने से पहले उसने कई दिन तक सराय ख्वाजा, सेक्टर 37 व बदरपुर बॉर्डर के मार्केट में घूमकर रेकी की थी। इस दुकान के पास लोहे की सीढ़ी होने के कारण यहां चोरी करने का प्लान बनाया था। नया गैस सिलेंडर व गैस कटर का सामान खरीदकर एक बड़े बैग में डाला और रात के समय साथ वाली दुकान से ऊपर जाकर शोरूम (Jewellery Shop) का गेट गैस कटर से काटकर उसमें दाखिल हो गया। इसके बाद तिजोरी को गैस कटर से काटकर गोल्ड व डायमंड के जेवरात चोरी करके ले गया था।

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राशिद ने बताया कि वह हमेशा अकेला ही चोरी की वारदात को अंजाम देता था। उसने यह भी बताया कि वह जूलरी की दुकान खोलना चाहता था। इसके लिए वह जूलरी इकट्ठी कर रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से सोने की नोज पिन 139, सोने की अंगूठी 49, सोने की नथ 9, सोने की बाली 192, सोने की टॉप्स 42, सोने की कान की लटकन 20, सोने के चांद-सूरज 31, सोने के झाले 2, कान की चेन 2, मांग टीका 1, मंगलसूत्र 9, लॉकेट डायमंड 6, चूड़ी 4, सोने की चेन 1, सोने के लॉकेट 60, चोरी करते समय गैस कटर से जली हुई प्लास्टिक से चिपका हुआ कुछ सोने का सामान, आर्टीफिशियल जूलरी, वारदात में प्रयोग स्कूटी, गैस कटर, एलपीजी सिलेंडर व ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद किया है।

Farm Laws: किसानों को भड़काया गया, आंदोलन बस एक राज्य तक सीमित- राज्यसभा में बोले कृषि मंत्री

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New Delhi: कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) ने शुक्रवार को संसद के बजटीय सत्र के दौरान शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) के तीन नए कृषि सुधार कानूनों (Farm Laws) पर किसानों को भड़काया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) बस एक राज्य के किसानों तक ही सीमित है. विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने कृषि कानूनों (Farm Laws) और किसान आंदोलन पर सरकार की वकालत करने के लिए कृषि मंत्री का आज सदन में संबोधन रखा गया था.

कृषि कानूनों में संशोधन के लिए कई प्रस्‍ताव दिए गए किसानों को-कृषि मंत्री तोमर

मंत्री ने कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के बाद किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर टिप्पणियां कीं और कहा कि इन कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह किया गया है. उन्होंने इस बात का दावा भी किया कि विरोध करने वाले इन्हें काला कानून बता रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई यह नहीं बता पाया है कि इसमें काला क्या है. उन्होंने कहा कि ‘मैं विपक्ष और किसान यूनियनों से दो महीनों से पूछ रहा हूं कि इन कानूनों में काला क्या है, ताकि हम उसे ठीक कर सकें. लेकिन कोई कुछ नहीं बता पाया है.’ 

Narendra Singh Tomar: हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, सरकार के भेजे प्रस्ताव पर विचार करें किसान संगठन

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और नए कानूनों का मकसद किसानों की आय में वृद्धि करना है. तोमर ने नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को एक राज्य का मसला बताया और कहा कि नए कानूनों में ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं जिनसे किसानों की जमीन छिन जाने का खतरा हो.

नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर यूपी के भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने नए कृषि कानूनों का समर्थन किया।

तोमर ने राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्षी नेता नए कानूनों (New Farm Laws) को काला कानून बता रहे हैं लेकिन वे यह नहीं बता रहे हैं कि इसमें गड़बड़ी क्या है.

कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि सरकार आत्मनिर्भर पैकेज के तहत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ का फंड जारी किया है और यह सुनिश्चित कर रही है कि यह फंड कृषि क्षेत्र में पहुंचे.

Farmers union: दिल्ली छोड़ बाकी समूचे देश में राजमार्गों पर करेंगे चक्का जाम

New Delhi: केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन (Farmers Protest) के बीच किसान शनिवार यानी 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम (Chakka Jam) करेंगे. किसान संगठनों (Farmers union) ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली को छोड़कर बाकी समूचे देश में राजमार्गों पर चक्का जाम करेंगे.

किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हम कल दिल्ली में चक्का जाम नहीं कर रहे हैं. हम सभी बार्डरों पर शांतिपूर्ण तरह से बैठे रहेंगे. हम दिल्ली के अलावा पूरे देश में राष्ट्रीय और राज्य हाईवे बंद करेंगे. दोपहर 12 से 3 बजे तक ही चक्का जाम रहेगा.  

Farmers Protest: दिल्ली बॉर्डर पर बढ़ता जा रहा किसानों का जमावड़ा

किसान नेता ने कहा कि हम सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर शांतिपूर्ण तरीक़े से बैठे रहेंगे. दोपहर 3 बजे जब चक्का जाम ख़त्म होगा तो हम एक साथ एक मिनट के लिए अपनी गाड़ियों का हार्न बजाएंगे. उन्होंने कहा कि इंटरनेट बंद होने से हमें काफ़ी समस्या हो रही है. पूरा संयुक्त किसान मोर्चा यहीं से चक्का जाम कोर्डिनेट करेगा.