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Kangana Ranaut ने दिलजीत को बताया ‘भेड़ की खाल में भेड़िया’ बोलीं- खालिस्तानी

New Delhi: हॉलीवुड पॉप स्टार रिहाना (Rihanna) के किसान आंदोलन (Farmer’s Protest) को लेकर ट्वीट करने के बाद से लगातार सोशल मीडिया पर बॉलीवुड सेलेब्स के रिएक्शन आ रहे हैं. जहां एक तरफ कुछ सेलेब्रिटीज रिहाना का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं, कुछ उनके विपक्ष में हैं.

ट्विटर पर Kangana Ranaut और Diljit Dosanjh में जंग

इसी बीच ट्विटर पर एक बार फिर से कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) में जंग छिड़ गई है. इससे पहले भी कंगना और दिलजीत में किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर काफी बहसबाजी हुई थी. ऐसे में एक बार फिर से रिहाना के ट्वीट के बाद दोनों में बहसबाजी शुरू हो गई है. 

Kangana Ranaut: वीडियो शेयर कर कहा, मिल रही है रेप और जान से मारने की धमकी।

दरअसल, दिलजीत (Diljit Dosanjh) ने रिहाना (Rihanna) को लेकर एक ट्वीट किया, जिसके बाद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने उनका जवाब देना शुरू कर दिया. बाद में दोनों की बीच काफी बहस शुरू हो गई. दिलजीत दोसांझ ने लिखा, “हम सारे भाई भारत के साथ हैं, जो भी कोई गलत काम करेगा, उसको सरकार देखेगी, वह उसका काम है. तू और मैं थोड़ी यह डिसाइड करेंगे. तुम्हारी बात कभी खत्म नहीं होती हैं. जा यार, बहुत बोर करती है तू.” इसका जवाब देते हुए कंगना (Kangana Ranaut) ने लिखा, “मुझे पता था कि तू कभी नहीं बोलेगा की तू खालिस्तानी नहीं है. यह हर किसी को देखना चाहिए. भेड़ की खाल में भेड़िये.”

Kangana Ranaut: किसानों को ‘आतंकवादी’ कहा, इसलिए मेरे 6 ब्रांड कॉन्टेक्ट रद्द हुए

इसके बाद कंगना (Kangana Ranaut) का जवाब देते हुए दिलजीत (Diljit Dosanjh) ने लिखा, “आज के बाद मैं तेरा कोई जवाब नहीं दूंगा. क्योंकि तुझे ट्वीट-ट्वीट खेलने में मजा आता है. बंदे को सौ काम होते हैं. वैसे भी तेरी बातों का कोई तुक नहीं बनता. बंदा कितना सिर मार ले तेरे साथ. हम तुझे जवाब क्यों दे, तू मास्टरनी है कहीं की.” वहीं, एक्ट्रेस ने इसका जवाब देते हुए लिखा, “चल ठीक है, सिर्फ बोल दे की तू खालिस्तानी नहीं है. क्यों इतनी बातें घुमा रहा है. आसान सा है बोल दे, क्यों नहीं बोल सकता? सारा डिस्कसन बंद हो जाएगा और मेरा डाउट भी साफ हो जाएगा. प्लीज बोल दे.”

Delhi Corona Update: हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़े दिल्ली वाले, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन

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New Delhi: राजधानी दिल्ली वालों के लिए एक खुशखबरी ये है कि यहां कोरोना वायरस (Corona Virus) लगातार कम होता जा रहा है। दिल्ली में 56 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है। मतलब ये वे लोग हैं, जिन्हें कोरोना हुआ और उन्हें पता भी नहीं चला और वे ठीक हो गए। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सीरो सर्वे (Delhi Sero Survey) से पता चलता है कि 56 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी विकसित हुई हैं।

WHO: Corona Vaccination के बावजूद 2021 में ‘हर्ड इम्यूनिटी’ बनने की संभावना कम 

दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendra Jain) ने कहा, ‘दिल्ली के लोग कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ जंग में जीत की ओर बढ़ रहे हैं। दिल्ली में 56 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है। मतलब ये वे लोग हैं, जिन्हें कोरोना हुआ और उन्हें पता भी नहीं चला और वे ठीक हो गए। अब उनके शरीर में इस वायरस के खिलाफ प्राकृतिक रूप से एंटीबॉडी है। ‘

पांचवें सीरो सर्वे में सामने आई बात

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) द्वारा किए गए दिल्ली के पांचवें सीरो सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। इससे पहले चौथे सीरो सर्वे की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी मिली है। इस सीरो सर्विलांस के आधार पर कहा जा सकता है कि दिल्ली हर्ड इम्युनिटी के करीब पहुंच गई है और कहीं न कहीं यही वजह है कि दिल्ली में अब कोविड के मामले भी कम आ रहे हैं।

एमएमएसी द्वारा किए गए इस पांचवें सीरो सर्वे में अब तक सबसे ज्यादा 28 हजार सैंपल की जांच की गई है। सभी 280 वॉर्ड से सौ-सौ सैंपल लिए गए थे। इसकी जांच इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज में की गई। सीरो सर्विलेंस में 56.13% सैंपल में एंटीबॉडी पॉजिटिव पाई गई। यह अब तक की सबसे बड़ी रिपोर्ट है। इसमें न केवल सैंपल साइज बहुत बड़ा है, बल्कि रिपोर्ट बहुत ही पॉजिटिव संकेत वाली है, क्योंकि जिस प्रकार दिल्ली में पिछले दो सीरो सर्वे की रिपोर्ट आई थी, वह संतोषजनक नहीं थी। इस बार उम्मीद से बेहतर रिपोर्ट है।

अब तक हुए सीरो सर्वे

पहले सीरो सर्वे: पहले सीरो सर्वे में 23.48% लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी। उस समय यह सैंपल 27 जून से लेकर 5 जुलाई के बीच लिया गया था। इस सर्वे में कुल 21,387 सैंपल लिए गए थे।

दूसरे सीरो सर्वे: इस सर्वे में 1 से 7 अगस्त के बीच कुल 15,239 सैंपल लिए गए थे। इसमें से 29.1% सैंपल में एंटीबॉडी पाई गई थी।

तीसरा सीरो सर्वे: तीसरा सीरो सर्वे चौंकाने वाला रहा। इसमें 25.1% लोगों में ही एंटीबॉडी पाई गई। यानी दूसरे सर्वे से 4 फीसदी कम। तीसरे सर्वे में 1 से 7 सितंबर के बीच सैंपल लिए गए थे।

चौथा सीरो सर्वे: यह 15 से 21 अक्टूबर के बीच दिल्ली के सभी वॉर्डों में किया गया था। कुल 15,162 सैंपल लिए गए। इनमें से 15015 सैंपल की जांच की गई और 25.53% सैंपल में एंटीबॉडी पाई गई।

Farm Laws में संशोधन के लिए कई प्रस्‍ताव दिए गए किसानों को-कृषि मंत्री तोमर

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New Delhi: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि सरकार ने पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की है तथा नए कृषि कानूनों (Farm laws) से जुड़े मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता (11 round talk) में कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार ने एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं.

Farm Laws से MSP पर कोई असर नहीं

कृषि मंत्री ने यह भी दोहराया कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 

हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, सरकार के भेजे प्रस्ताव पर विचार करें किसान संगठन

लोकसभा में ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, के. सुरेश, नुसरत जहां रूही, बदरूद्दीन अजमल, उत्तम कुमार रेड्डी, कनिमोई करुणानिधि और माला राय सहित कई सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जवाब दिया.

नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर यूपी के भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने नए कृषि कानूनों का समर्थन किया।

कृषि मंत्री से पूछा गया था कि ‘‘क्या सरकार संसद द्वारा तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को पारित करने और कानून बनने से पहले किसानों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करने में असफल रही.”

उनसे यह भी पूछा गया था कि ‘‘क्या सरकार को नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में हजारों किसानों के पिछले दो महीने से प्रदर्शन करने की जानकारी है और उनके साथ वार्ता के बाद सरकार क्या उनकी जायज मांगों पर विचार करने के बारे में सोच रही है.”तोमर ने कहा, ‘‘मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है और सरकार ने कृषि कानूनों (Farm Laws) में संशोधन के बारे में एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में कृषि सुधार कानूनों (Farm Laws) के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की गई.”

किसानों को बताया कि सरकार सभी मुद्दों को हल निकालने की कोशिश करेगी : कृषि मंत्री

कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार कृषि विपणन क्षेत्र में सुधारों के लिये लगभग 2 दशकों से राज्यों के साथ सक्रिय रूप से गहनता से कार्य कर रही है. इसका उद्देश्य किसी भी समय और किसी भी जगह बेहतर मूल्य पर अपनी उपज की बिक्री करने के लिये पहुंच वाली मंडियों एवं बाधा मुक्त व्यापार की सुविधा प्रदान करना है.

कृषि मंत्री तोमर ने स्पष्ट किया कि कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020 किसानों एवं प्रायोजकों के बीच किसानों की उपज के कृषि समझौते के लिये है, न कि किसानों की भूमि की संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के बारे में. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अध्याय 3 के खंड 15 में यह बताया गया है कि किसानों की कृषि भूमि के विरूद्ध किसी भी राशि की वसूली के लिये कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

Corona Vaccine: रूस की Sputnik V वैक्‍सीन को ट्रायल में पाया गया 91.6% प्रभावी

रूस की Sputnik V (स्‍पूतनिक 5) वैक्‍सीन (Corona Vaccine) को Symptomatic (लक्षण वाले) कोविड-19 के खिलाफ 91.6 फीसदी तक प्रभावी पाया गया है. लेंसेट में मंगलवार को प्रकाशित रिजल्‍ट के अनुसार स्‍वतंत्र विशेषज्ञों ने इस टीके (Sputnik V) को भरोसेमंद बताया है. गौरतलब है कि रूस ने दुनिया में सबसे पहले 11 अगस्त को ही कोरोना का टीका स्पूतनिक 5 (Sputnik V) तैयार कर लेने का ऐलान किया था. रूस ने इस वैक्सीन (Corona Vaccine) का नाम स्‍पूतनिक-5 रखा था  कि जो उसके एक उपग्रह का भी नाम है. दावा किया गया था कि इस टीके से Covid-19 के खिलाफ स्थाय़ी इम्यूनिटी विकसित की जा सकती है. 

भारत ने बांग्लादेश और नेपाल को भेजी Corona Vaccine की खेप

इस वैक्‍सीन (Sputnik V) को रूस में अंतिम चरण के ट्रायल्‍स के परिणाम आने के पहले ही मंजूरी दे दी थी, इस कदम के कारण उसे विशेषज्ञों की आलोचना का सामना करना पड़ा है. अब 20 हजार लोगों पर किए गए इस वैक्‍सीन के फेज-3 के ट्रायल के विश्‍लेषण के अनुसार, टीके के दो डोज सिम्‍पटमेटिक कोविड-19 के खिलाफ 90 फीसदी से अधिक असरकारी पाए गए हैं. 

यह परिणाम Sputnik V को फाइजर/बायोनटेक और माडर्ना के टीकों के साथ सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन वाले उन टीकों में शामिल करते हैं, जिन्‍होंने 90 फीसदी से अधिक प्रभावशीलता दिखाई है. 

लेसेंट के अनुसार, स्‍पूतनिक V वैक्‍सीन के विकास की प्रक्रिया की अनजाने में, जल्‍दबाजी में और पारदर्शिता के अभाव में आलोचना की गई थी. लेकिन यहां जो इसके परिणाम आए हैं, वे स्‍पष्‍ट हैं, इसके मायने हैं कि कोविड-19 के खिलाफ ‘जंग’ के लिए एक और वैक्‍सीन (Sputnik V) का विकल्‍प दुनिया के सामने है.

Corona Vaccine को लेकर केंद्र की गाइडलाइंस जारी, जानें वैक्‍सीन आपको कब और कैसे मिलेगी?

भारत में भी रूसी टीके स्पूतनिक वी के परीक्षण हुए थे. गौरतलब है कि रूस के कोरोना वायरस (Corona Virus) वैक्सीन (Sputnik V) का भारत में तीसरे चरण का ट्रायल रेड्डी लैबोरेटरी (Reddy’s Lab) कर रही है. रसियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) और रेड्डीज लैबोरेट्रीज (DRL) के बीच इसका समझौता हुआ था.

Farmers Protest: दिल्ली के धरनास्थलों पर इंटरनेट सेवाएं दो फरवरी की रात तक निलंबित

New Delhi: गृह मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) स्थल सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन की अवधि मंगलवार रात तक के लिए बढ़ा दी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.  इन तीन बॉर्डर पर किसान केंद्र के नए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ नंवबर से प्रदर्शन कर रहे हैं. इन स्थानों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. यह व्यवस्था 31 जनवरी को रात 11 बजे से आरंभ हुई और दो फरवरी को रात 11 बजे तक जारी रहेगी.

Farmers Protest: दिल्ली बॉर्डर पर बढ़ता जा रहा किसानों का जमावड़ा

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम सेवाओं के अस्थायी निलंबन (जन आपातकाल या जन सुरक्षा) नियम 2017 के तहत यह फैसला ‘‘सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने तथा जन आपातकाल से बचने” की खातिर लिया गया है. पहले, इन तीन सीमाओं तथा आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को 29 जनवरी रात 11 बजे से लेकर 31 जनवरी रात 11 बजे तक के लिए निलंबित किया गया था.

Farmers Protest: बड़ौत में पुलिस ने जबरन खत्म कराया किसानों का धरना

इससे पहले, किसानों की ट्रैक्टर परेड (tractor Rally) के दौरान हिंसा के मद्देनजर दिल्ली के कुछ इलाकों में 26 जनवरी को इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया था.

Tractor Rally: किसान नेता बोले- आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने रविवार को 14 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने की अवधि बढ़ाकर एक फरवरी शाम पांच बजे तक कर दी थी ताकि तीनों कृषि कानूनों (farm Laws) के विरोध में किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को देखते हुए ‘किसी भी तरह से शांति एवं कानून-व्यवस्था बाधित” न हो सके. 

Tractor Rally: हिंसा मामले में 6 किसान नेताओं के खिलाफ FIR

सरकार ने यहां एक बयान जारी कर अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर जिलों में एक फरवरी शाम पांच बजे तक मोबाइल इंटरनेट बंद रखने के निर्देश दिए.

Budget 2021 में Petrol-Diesel पर लगाया गया कृषि सेस

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New Delhi: Budget 2021: वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की ओर से पेश किए गए Budget 2021 में डीजल और पेट्रोल (Petrol-Diesel) पर कृषि सेस लगाने का फैसला किया है.  पेट्रोल पर ढाई रुपये प्रति लीटर और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर कृषि सेस लगाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इस सेस का उपभोक्‍ताओं को अतिरिक्‍त बोझ नहीं पड़ेगा. 

दिल्‍ली में Petrol की कीमतें 85 रुपये के पार, Diesel भी रिकॉर्ड ऊंचाई के नजदीक

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि सेस (Imposition of Agriculture Infrastructure and Development Cess) को बढ़ाने के साथ ही बेसिक एक्‍साइज ड्यूटी और एडीशन एक्‍साइज ड्यूटी के रेट को कम कर दिया गया है. इसके कारण उपभोक्‍ता पर समग्र रूप से कृषि सेस का कोई अतिरिक्‍त भार नहीं पड़ेगा.

Petrol-Diesel Prices: पेट्रोल-डीजल इस हफ्ते में चौथी बार हुआ महंगा

इसके साथ ही अनब्रांडेड पेट्रोल (1.4 रुपये प्रति लीटर) और डीजल (1.8 रुपये प्रति लीटर)  बेसिक एक्‍साइज ड्यूटी को आकर्षित करेगा. स्‍पेशल एडीशनल एक्‍साइज ड्यूटी (SAED) के रेट पेट्रोल (Petrol) के लिए 11 रुपये प्रति लीटर और डीजल (Diesel) के लिए आठ रुपये प्रति लीटर है. वित्‍त मंत्री ने बताया कि यह रेट ब्रांडेड पेट्रोल पर भी लागू हैं.