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दो सगी बहनों से मकान मालिक ने किया Rape, पुलिस केस दर्ज करने में करती रही आनाकानी

Pilibhit: पीलीभीत में दो सगी नाबालिग बहनों के साथ में एक 65 वर्षीय शख्स ने दुष्कर्म (Rape) की वारदात को अंजाम दिया. मामले में पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुये मामला दर्ज करने में ढिलाई बरती. लेकिन एसपी के बाद शिकायत पहुंचने पर आरोपी सतनाम सिंह उर्फ कारमेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, एसपी ने पीड़िता की सुनवाई न करने वाले आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ़ भी जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. घटना थाना हजारा क्षेत्र के भुर्जगुनिया गांव की है.

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दरअसल थाना हजारा क्षेत्र की रहने वाली दोनों नाबालिग लड़कियां अपने परिवार के साथ आरोपी सतनाम सिंह के घर रहकर मजदूरी कर अपना पालन पोषण करती थीं. जिनका आरोप है कि 65 वर्षीय आरोपी मकान मालिक एक साल से उसकी बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म (Rape) करता रहा, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई. उसके बाद छोटी बहन के साथ भी आरोपी ने रेप (Rape) किया. जिसको लेकर जानकारी होने पर पीड़ित परिवार ने थाने पर मामले की शिकायत की.

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पीड़ित परिजनों का आरोप है कि दो महीने से लगातार न्याय के लिए थाने के चक्कर काटने के बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत तहसील दिवस में की थी. जिसके बाद सात दिनों की चली जांच में पुलिस अधीक्षक ने आरोपी के खिलाफ थाने में गम्भीर धाराओं में केस दर्ज करवा कर रिपोर्ट न लिखने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

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पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने बताया कि थाना हजारा के अन्तर्गत एक प्रार्थना पत्र के आधार पर 376 का अभियोग पंजीकृत किया गया है. इस प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी पूरनपुर द्वारा की जा रही थी. जांच के दौरान यह पता चला कि, बच्चियों द्वारा समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसको लेकर मामले में सभ्रांत व्यक्तियों द्वारा घटना का समझौता भी करवा दिया गया था, जो कि गलत था. थानाध्यक्ष को पीड़िया की तहरीर पर एफआईआर (FIR) दर्ज करके जांच करनी चाहिए थी, जो उसने नहीं किया. फिलहाल मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है, और लापरवाह थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय जांच करवाकर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

Rupesh Murder: सुशील मोदी रूपेश के परिजनों से मिले, बेटी लिपटकर रोने लगी।

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सुशील मोदी गुरुवार को छपरा में रूपेश के परिजनों से मिलने के लिए पहुंचे तो मृतक की बेटी उनसे लिपटकर रोने लगी। नन्ही सी बच्ची आराध्या को रोता देख सुशील मोदी की आंखें भी नम हो गईं।

In Rupesh Murder case Sushil Modi met Rupesh's family
नन्ही सी बच्ची आराध्या को रोता देख सुशील मोदी की आंखें भी नम हो गईं।

बच्ची ने सांसद से कहा कि अपराधी पकड़े जाएंगे तो उसकी मम्मी उन्हें पहली गोली मारेगी। 

मोदी से बच्ची ने कहा कि मैं रोई नहीं क्योंकि मम्मी को बुरा लगेगा। उसने कहा कि उसे केवल अपने पिता के लिए न्याय चाहिए। पूर्व उपमुख्यमंत्री रूपेश के गांव संवरी बख्शी पहुंचे थे। यहां उन्होंने उनके परिजनों से मुलाकात करने के बाद कहा कि जल्द ही रूपेश के हत्यारे पकड़े जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार विशेष कार्य कर रही है। उन्होंने रूपेश के परिजनों से मिलकर संवेदना जताई। 

Rupesh Murder: सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़के

हत्याकांड में अबतक क्या हुआ 

पुलिस लगातार इस हत्याकांड की तफ्तीश कर रही है। सूत्रों के अनुसार हत्यारे पटना हवाई अड्डे से ही रूपेश के पीछे लगे हुए थे। हालांकि उन्हें पूरे रास्ते मौका नहीं मिला और आखिर में उन्होंने रूपेश को उनके अपार्टमेंट के बाहर ही गोली मार दी। पटना पुलिस की एक टीम गुरुवार को छानबीन करने के लिए हवाई अड्डे भी पहुंची। पुलिस को इस केस में कुछ अहम सुराग मिले हैं। इन्हें फिलहाल जाहिर नहीं किया गया है। इसके अलावा उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है।

Rupesh Murder: सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़के

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बिहार की राजधानी पटना में इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या (Rupesh Murder) के बाद जनता में काफी आक्रोश है। पटना के अलावा छपरा में स्थित उनके आवास पर भी मातम पसरा हुआ है. वहीं घटना पर सवाल पूछे जाने पर सूबे के मुख्यमंत्री नाराज हो गए। इतना ही नहीं उन्होंने डीजीपी को पत्रकारों के सामने ही फोन मिला दिया। 

सवाल पूछे जाने पर भड़के नीतीश कुमार, डीजीपी को मिलाया फोन 

रूपेश हत्याकांड (Rupesh Murder) पर सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आपको जानकारी है तो बताइए। रूपेश के हत्यारे नहीं बचेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकारों से पूछ लिया कि आप किस पार्टी से हैं। बिहार में 15 साल जब अपराध होता था तब कोई नहीं बोलता था। आज अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।

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नीतीश ने कहा कि स्पेशल टीम मामले की जांच कर रही है। हत्या के पीछे कोई न कोई कारण होता है। अगर आपको पास किसी अपराध के बारे में जानकारी है तो सीधा हमें बताइए।

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पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री से पूछा कि आखिर वे किसे सूचना दें तो इसपर नीतीश ने कहा कि आप सीधे बिहार के डीजीपी को जानकारी दीजिए। पत्रकारों ने आरोप लगाया कि बिहार के डीजीपी फोन नहीं उठाते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद डीजीपी को फोन मिलाया। मुख्यमंत्री के फोन को डीजीपी एसके सिंघल ने दो रिंग के बाद ही उठा लिया। फिर नीतीश ने उनसे कहा कि डीजीपी साहब फोन उठाया करिए। 

CoWIN: शुरुआत में कोविन एप्लीकेशन का इस्तेमाल स्वास्थ्यकर्मियों तक ही सीमित रहेगा

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) कल सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिये देशभर के 3600 अलग अलग केंद्रों पर कोविड-19 वैक्सीन (Covid Vaccination) अभियान की शुरुआत करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री CoWIN मोबाइल एप्लीकेशन भी जारी करेंगे. CoWIN एप्लीकेशन बैकएंड से चलकर लाभार्थी तक इस वैक्सीन के पहुंचने का पूरा ब्यौरा रखेगी. हालांकि शुरुआत में केंद्र और राज्य के स्तर पर CoWIN मोबाइल एप्लीकेशन का सीमित इस्तेमाल ही हो पाएगा.

आम जनता के लिए एक महीने बाद उपलब्ध होगी CoWIN एप्लीकेशन

इस अभियान से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, “आम जनता के लिए ‘CoWIN’ एक महीने के अंदर उपलब्ध कर दिया जाएगा. आम जनता ऑनलाइन वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन दोनों ही के द्वारा इसका इस्तेमाल कर सकती है.” कोरोना के खिलाफ कल से शुरू हो रहे अभियान में CoWIN एप्लीकेशन बेहद महत्वपूर्ण है. इस अभियान की योजना, उसको लागू करने और इस पर नजर बनाए रखने का कार्य इस एप्लीकेशन के जरिए किया जाएगा.

कोरोना वैक्सीन के लिए Co-WIN ऐप पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन

शुरुआत में इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल स्वास्थ्यकर्मियों तक ही सीमित रखा गया है. इस दौरान ये स्वास्थ्यकर्मी इस एप्लीकेशन पर अपनी जानकारी दे पायेंगे और साथ ही अपनी वैक्सीनेशन (Covid Vaccination) से जुड़ी जानकारी ले पाएंगे. लगभग एक करोड़ स्वास्थ्यर्मियों का नाम पहले से ही इस प्लेटफ़ॉर्म पर दर्ज किया जा चुका है.

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क्या है CoWIN एप्लीकेशन

कोरोना महामारी से बचने के लिए जल्द ही पूरे भारत में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की जाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से CoWIN ऐप को लॉन्च किया जाएगा. इस ऐप के जरिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid Vaccination) के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे. को-विन ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त उपलब्ध होगा. वहीं इस ऐप के जरिए किसी शख्‍स के वैक्‍सीन लेने के बाद किसी भी संभावित साइड इफेक्ट पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. दरअसल, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से कोविड-19 के इलाज के लिए दो वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. जिनमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन शामिल हैं.

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तीन चरणों में किया जाएगा वैक्सीनेशन 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोविड-19 का वैक्सीनेशन (Covid Vaccination) तीन चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे. इसके बाद इमरजेंसी वर्कर्स का वैक्सीनेशन होगा. वहीं, तीसरे चरण में वैसे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उनका वैक्सीनेशन किया जाएगा. बता दें कि एक व्यक्ति के वैक्सीनेशन का समय लगभग 30 मिनट का हो सकता है.

CBI ने करप्शन केस में अपने ही 4 अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की FIR

New Delhi: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने गुरुवार को अपने ही चार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इनमें डीएसपी, इन्स्पेक्टर, स्टेनो और एडवोकेट शामिल हैं।

चारों अधिकारियों पर कुछ विशिष्ट मामलों की जांच के दौरान बाहरी आर्थिक लाभ के विचार से समझौता करने का आरोप लगाया गया है। सीबीआई (CBI) ने इस संबंध में 14 स्थानों पर छापेमारी की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से अपने ही अधिकारियों के खिलाफ अचानक ऐक्शन लेने से हर कोई सकते में आ गया।

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जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा समेत कई इलाकों में दिल्ली के सीबीआई (CBI) अफसरों के घर पर बुधवार को अचानक से छापेमारी की गई थी। भ्रष्टाचार के आरोप में गाजियाबाद में सीबीआई के बड़े अधिकारी के घर छापे की खबर सबसे पहले आई। पूर्व अधिकारी के फ्लैट को चारों तरफ से घेर कर सीबीआई (CBI) ने तलाशी की। इसके अलावा दिल्ली और नोएडा में भी सीबीआई के दूसरे अफसरों के घर पर छापे मारे गए।

गाजियाबाद के अलावा नोएडा और दिल्ली के कई ठिकानों पर भी सीबीआई (CBI) की टीमें पहुंचीं। एक मामले से जुड़े अन्य सीबीआई अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। गुरुवार शाम को सीबीआई (CBI) की टीम ने अपने ही चार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले में और जानकारी की प्रतीक्षा है।

Google ने Play Store से हटाईं कई Personal Loan App, सुरक्षा नीति का कर रही थीं उल्लंघन

New Delhi:  प्रौद्योगिकी क्षेत्र (Technology Sector) की दिग्गज कंपनी गूगल (Google) ने भारत में सैकड़ों की संख्या में व्यक्तिगत ऋण ऐप (Personal Loan App) की समीक्षा की है और इनमें से कई को अपने प्ले स्टोर (Play Store) से हटा दिया है। प्रयोगकर्ताओं और सरकारी एजेंसियों ने कंपनी से इन ऐप को लेकर चिंता जताई थी।

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गूगल ने बृहस्पतिवार कहा कि जो व्यक्तिगत ऋण ऐप (Personal Loan App) उपयोक्ता सुरक्षा नीतियों का उल्लंघन कर रही थीं, उन्हें तत्काल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। गूगल ने शेष ऐप के डेवलपर्स से कहा है कि वे यह दर्शाएं कि किस तरीके से स्थानीय कानूनों और नियमनों का अनुपालन कर रहे हैं। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उनकी व्यक्तिगत ऋण ऐप (Personal Loan App) को भी प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा। 

Google Meet पर वीडियो कॉलिंग के लिए आया शानदार फीचर

गूगल (Google) ने ब्लॉगपोस्ट में कहा, ‘‘गूगल के उत्पादों तक सुरक्षित अनुभव प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारी वैश्विक उत्पाद नीतियां इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर डिजाइन और क्रियान्वित की गई हैं। हम प्रयोगकर्ता की सुरक्षा में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं।’’ हालांकि, गूगल ने यह नहीं बताया कि उसने किन व्यक्तिगत ऋण ऐप (Personal Loan App) को हटाया है। 

ब्लॉगपोस्ट में कहा गया है, ‘‘हमने भारत में सैकड़ों की संख्या में व्यक्तिगत ऋण ऐप (Personal Loan App) की समीक्षा की। इनको लेकर प्रयोगकर्ताओं और सरकारी एजेंसियों ने चिंता जताई थी। प्रयोगकर्ता सुरक्षा नीति का उल्लंघन कर रही ऐप को प्ले स्टोर से तत्काल हटा दिया गया है।’’