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Arvind Kejriwal: केंद्र सरकार सभी लोगों को मुफ्त लगाए कोरोना वैक्सीन

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New Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार से मांग की है कि ‘कोरोना वैक्सीन’ (Corona Vaccine) सभी देशवासियों को मुफ़्त लगवाई जाए. इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान डॉ हर्षवर्धन से मांग की थी कि दिल्ली और देश के सभी राज्यों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) मुफ़्त दी जाए. केंद्र सरकार ने कहा है कि पहले चरण में हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी.

गुरुवार को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने यूके (UK) से आ रही फ्लाइट पर प्रतिबंध 31 जनवरी तक बढ़ाने की मांग की थी. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के साथ राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की हुई बैठक के दौरान भी यह मांग उठाई थी लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया और 8 जनवरी से ब्रिटेन से फ्लाइट सर्विस शुरू कर दी.

सरकार प्राथमिकता श्रेणी वाले लोगों को टीके लगाने के लिए पूरी तरह तैयार

इसके बाद दिल्ली सरकार ने ब्रिटेन (Britain) में नए कोरोनावायरस स्ट्रेन (Coronavirus New Strain) के बीच वहां से भारत आने वाली फ्लाइट फिर शुरू होने पर अहम आदेश जारी किया. दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक यूके (UK) से आने वाले सभी यात्रियों का दिल्ली एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट अनिवार्य रूप से किया जाएगा और इसका खर्चा भी वही यात्री देंगे.

केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार ने केंद्र की SoP से अलग हटकर नए निर्देश भी जारी किए, जिसके मुताबिक जो यात्री नेगेटिव पाए जाएंगे, उन्हें 7 दिन के लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन किया जाएगा और फिर 7 दिन के लिए होम क्वारन्टीन किया जाएगा. दिल्ली सरकार ने यह आदेश ट्रायल बेसिस पर 14 जनवरी तक के लिए जारी किया है.

Mayawati: मायावती ने किसान-सरकार वार्ता बेनतीजा रहने पर चिंता जताई

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Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने किसानों व केंद्र सरकार के बीच अब तक हुई वार्ता (Farmers-Govt Talks) के बेनतीजा रहने पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि सरकार को नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की किसानों की मांग को स्वीकार करके इस समस्या का शीघ्र समाधान करना चाहिए.

बसपा अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने शनिवार को ट्वीट किया, “काफी समय से दिल्ली की सीमाओं पर आन्दोलन (Farmers Protest) कर रहे किसानों व केन्द्र सरकार के बीच वार्ता कल एक बार फिर से नाकाम रही, जो अति-चिन्ता की बात है.” 

उन्होंने कहा, “केन्द्र से पुनः अनुरोध है कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की किसानों की मांग को स्वीकार करके इस समस्या का शीघ्र समाधान करे.”

Makar Sankranti: मकर संक्रांति 2021 पर ग्रहों का बन रहा है अद्भूत संयोग

Makar Sankranti 2021: पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2021 को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के पर्व का लोग वर्षभर इंतजार करते है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, पूजा और दान का विशेष महत्व बताया गया है।

Makar Sankranti कब है?

ज्योतिष गणना के अनुसार जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को Makar Sankranti के नाम से जाना जाता है. मकर राशि में सूर्य प्रवेश का विशेष महत्व माना गया है। सूर्य देव मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण होते है इसे सूर्य का राशि परिवर्तन भी कहते है।

मकर संक्रांति इस बार क्यों विशेष है

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) इस बार की कई मायनों में विशेष है। मकर संक्रांति का पर्व इस वर्ष वृहस्पतिवार को पड़ रही है. देव गुरु बृहस्पति मकर राशि में ही विराजमान रहेंगे. इसलिए इसे एक विशेष संयोग के तौर भी देखा जा रहा है.

मकर संक्रांति पर बन रहा है 5 ग्रही संयोग

मकर संक्रांति पर इस बार विशेष 5 ग्रही संयोग बनने जा रहा है. मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर मकर राशि में 5 ग्रह एक साथ विराजमान रहेंगे. मकर संक्रांति पर मकर राशि में सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध और चंद्रमा का गोचर रहेगा।

मकर संक्रांति पुण्य काल

14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य देव प्रात: 8 बजकर 20 मिनट के करीब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा।

मकर संक्रांति पर सूर्योदय का समय

पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय प्रात: 7 बजकर 15 मिनट 13 सेकेंड पर होगा. वहीं सायं 5 बजकर 45 मिनट पर सूर्य देव अस्त होंगे. मकर संक्रांति पर पुण्यकाल 9 घंटे से अधिक समय तक रहेगा।

मकर संक्रांति पर क्या करें

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर सूर्योदय से पूर्व पवित्र नदी में स्नान करें. यदि पवित्र नदी में स्नान संभव न हो तो जल में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान करें. इसके बाद पूजा करें और उगते हुए सूर्य को तीन बार जल अर्पित करें। मकर संक्रांति पर दान का भी विशेष महत्व है। इस दान जरूरतमंदों को दान करें।

Farmers Protest on Farm Laws: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर कसा तंज। 

Farmers Protest:  नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जारी है। इस आंदोलन (Farmers Protest) को समाप्त करने के लिए किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन उनका कोई ठोस परिणाम अब तक नहीं निकल सका है। ऐसा ही कुछ आज की बैठक में हुआ, जिसके बाद वार्ता की अगली तारीख तय कर दी गई। इसी को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर तंज कसा।  

राहुल गांधी ने एक ट्वीट में केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए शायराना अंदाज में लिखा, ‘नीयत साफ नहीं है जिनकी, तारीख पे तारीख देना स्ट्रैटेजी है उनकी!’ बता दें कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसान समेत विपक्षी दल भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाते आए हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों (Farm Laws) की आड़ में सरकार कृषि क्षेत्र को भी कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है और इन कानूनों के आने से छोटे किसानों के लिए संकट उत्पन्न हो जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) शुक्रवार को 44वें दिन में प्रवेश कर गया। लेकिन अब तक इसे लेकर शुरू हुआ गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। किसानों को मनाने के लिए आज हुई आठवें दौर की वार्ता भी एक बार फिर बेनतीजा रही। अब अगली बैठक 15 जनवरी को आयोजित होगी। किसान यूनियनें कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द करने से कम पर राजी नहीं हैं, जबकि सरकार बार-बार इसमें संशोधन करने की बात कह रही है।  

किसान पेश नहीं कर पाए कोई अन्य विकल्प: नरेंद्र सिंह तोमर 

उधर, बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेता कोई विकल्प पेश नहीं कर पाए। तोमर ने कहा, कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। सरकार ने अनुरोध किया कि अगर किसान यूनियनें कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प देती हैं तो हम उस पर विचार करेंगे। लेकिन, किसान यूनियों ने कोई विकल्प पेश नहीं किया, इसलिए बैठक समाप्त कर दी गई और अगली बैठक करने का फैसला किया गया।  

कानून वापसी से पहले पीछे नहीं हटेंगे किसान: राकेश टिकैत 

उधर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि जब तक नए कृषि कानून (Farm Laws) वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा और किसान पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सरकार संशोधनों के बारे में बात करना चाहती थी। लेकिन, हम कानूनों के हिस्सों पर चर्चा नहीं करना चाहते। हम केवल यह चाहते हैं कि नए कानून निरस्त किए जाएं।’ 

Farmers Protest: बैठक के बाद बोले कृषि मंत्री, कोई विकल्प नहीं दे पाए किसान नेता।

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New Delhi: किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेता कोई विकल्प नहीं दे पाए। ऐसे में अब 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच बैठक होगी। इससे पहले 30 दिसंबर को हुई बैठक में केंद्र ने किसानों की ओर से उठाए गए चार मुद्दों में से दो पर रजामंदी जताई थी। 

तोमर ने कहा, कानूनों (Farm Laws) पर चर्चा हुई लेकिन किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। सरकार ने अनुरोध किया कि अगर किसान यूनियनें कानूनों को वापस लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प देती हैं तो हम उस पर विचार करेंगे। लेकिन, किसान यूनियों ने कोई विकल्प पेश नहीं किया, इसलिए बैठक समाप्त कर दी गई और फैसला लिया गया कि अगली बैठक का आयोजन 15 जनवरी को किया जाएगा।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा, ‘वो लोग जो प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं उनका ये मानना है कि कानूनों (Farm Laws) को वापस लिया जाना चाहिए। लेकिन, कई ऐसे भी हैं जो इन कानूनों (Farm Laws) का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उन किसान यूनियनों से लगातार बात कर रही है जो इन कानूनों के विरोध में हैं। जब उन लोगों ने मिलने का अनुरोध किया, जो कानूनों के समर्थन में हैं तो हमने उन्हें भी समय दिया। 

तोमर ने कहा, लाखा सिंह (कालेरन स्थित नानकसार गुरुद्वारा के अध्यक्ष) इस बात से व्यथित थे कि किसान सर्दी के मौसम में आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं। उन्होंने हमारे सामने किसानों का पक्ष रखा और हमने उनके सामने सरकार की बात रखी। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वह किसान यूनियनों के नेताओं से बात करें। हमने उनसे संपर्क नहीं किया बल्कि उन्होंने किसानों के दर्द के कारण हमसे बात की। 

राकेश टिकैत: कानून वापसी से पहले पीछे नहीं हटेंगे किसान

उधर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि जब तक नए कृषि कानून (Farm Laws) वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा और किसान पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सरकार संशोधनों के बारे में बात करना चाहती थी। हम कानूनों के हिस्सों पर चर्चा नहीं करना चाहते। हम केवल यह चाहते हैं कि नए कानून (Farm Laws) निरस्त किए जाएं।’

Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट जाना है या नहीं हम खुद तय करेंगे, किसान नेता

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New Delhi: सरकार हमें कोर्ट जाने का सुझाव नहीं दे सकती. सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को महत्वपूर्ण सुनवाई होगी. बरार ने कहा कि हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारा आंदोलन (Farmers Protest) तब तक चलता रहेगा जब तक तीनों कानून (Farm Laws) रद्द नहीं किए जाते चाहे फैसला जो भी हो. 

ऑल इंडिया किसान सभा के नेता बालकरण सिंह बरार ने कहा है कि केंद्र सरकार के साथ आठवें दौर की वार्ता में भी कोई नतीजा नहीं निकला है. अगले दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी. शुक्रवार की बैठक में सरकार ने किसान संगठन के नेताओं से कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चल रहे मामले में पार्टी बनना चाहिए. 

किसान नेताओं ने सरकार से साफ शब्दों में कह दिया है कि इस मामले में हम सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाएंगे या नहीं यह फैसला सभी 40 किसान संगठन के नेता एक साथ मिलकर करेंगे.

किसानों ने साफ किया है कि वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे. किसानों की ओर से वार्ता में शामिल किसान नेता बलवंत सिंह बहरामके ने कुछ ऐसा ही रुख जाहिर किया. बहरामके ने अपनी टेबल पर डायरी पर पंजाबी में लिख रख था कि हम मरेंगे या जीतेंगे. किसान नेताओं की यह दृढ़ता दिखा रही है कि सरकार भले ही वार्ता को लंबा खींचकर उन्हें थकाने और अलग-थलग करने का प्रयास करेंगे. लेकिन वे डिगने वाले नहीं हैं.

पिछले 44 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) को खत्म कराने के लिए केंद्र और किसान नेताओं के बीच 8वें दौर की बातचीत हुई. बैठक में 40 किसान नेताओं ने हिस्सा लिया. केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेल एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने इस बैठक में शिरकत की. किसानों ने मांगें नहीं मानने पर गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर राजधानी में ट्रैक्टर रैली निकालने की धमकी दे रखी है. किसानों के साथ अगले दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी.