Haryana: नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों द्वारा शनिवार को आहूत ‘चक्का जाम’ (Chakka Jam) के दौरान किसानों व अन्य संगठनों ने जिले में 51 स्थानों पर राष्ट्रीय, राज्य राजमार्गों एवं स्थानीय मार्गों पर जाम लगाया। इसके चलते जींद-रोहतक, जींद-पटियाला, जींद-कैथल, जींद-करनाल, जींद-सफीदों, असंध-पानीपत, जींद-हिसार, जींद-हिसार, जींद-बरवाला, नरवाना-टोहाना, जींद-गोहाना मार्ग तीन घंटे के लिए बाधित रहे। प्रदर्शनकारियों ने एसपी आवास के सामने सफीदों बाईपास पर भी जाम लगाया। किसानों ने सड़कों पर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तीन घंटे के चक्का जाम (Chakka Jam) के कारण काफी संख्या में वाहन राष्ट्रीय, राज्य राजमार्गों एवं स्थानीय मार्गों पर फंस गए। इसके चलते वाहन चालकों तथा यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। किसान संगठनों के चक्का जाम (Chakka Jam) के आह्वान के चलते पुलिस बल अलर्ट पर रहा। चक्का जाम (Chakka Jam) वाले स्थानों पर तीन बजे ट्रैक्टर व अन्य वाहनों के हॉर्न बजाकर चक्का जाम खोल दिया गया।
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संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान जिले में शनिवार को 51 जगह पर किसानों ने मार्गों को जाम (Chakka Jam) किया। हालांकि प्रशासन को 15 जगह पर मार्ग जाम होने की उम्मीद थी और उसी के हिसाब से तैयारियां की हुई थी। जहां पर मार्ग जाम (Chakka Jam) होने की उम्मीद थी प्रशासन ने सुबह ही उन रास्तों पर नाके लगा लिए थे और दोपहर 12 बजते ही इन रास्तों से वाहनों को जाने पर रोक लगाकर लिंक रास्तों से वाहनों को निकाला जा रहा था, लेकिन प्रशासन की उम्मीद के विपरित ग्रामीणों ने कई जगह पर जाम लगाया। इसके चलते वाहन चालकों को परेशानी झेलनी पड़ी। सबसे पहला जाम (Chakka Jam) जींद-कैथल मार्ग पर गांव कंडेला में लगा। जहां पर कंडेला खाप के प्रधान टेकराम कंडेला के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पहले तो मार्ग पर खड़े होकर वाहनों को रोका। इसके बाद सड़क के बीच में कुर्सियां लगाकर बैठ गए। हालांकि जाम के दौरान एंबुलेंस को नहीं रोका। अगर किसी मार्ग से एंबुलेंस निकली तो ग्रामीणों ने मार्ग के ऊपर से खड़े होकर उसके आगे जाने दिया। हालांकि इस दौरान वाहन ग्रामीण क्षेत्रों से निकलते रहे। किसानों ने लिंक मार्ग को रोकने की बजाए मुख्य मार्गों पर ही फोकस रखा। हालांकि अधिकतर जाम (Chakka Jam) स्थल पर किसान ही वाहन चालकों को लिंक रास्तों के बारे में बताते रहे।
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किसानों ने अपने ऐलान के मुताबिक सभी प्रमुख स्थानों पर जाम (Chakka Jam) लगाया। शनिवार को निर्धारित समय से पहले ही काफी संख्या में किसान चिन्हित किए गए 11 स्थानों पर जुटने लगे थे। इसके बाद ठीक 12 बजे जाम शुरू कर दिया गया। जिले में किसानों का सबसे ज्यादा फोकस दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे स्थित बसताड़ा टोल प्लाजा पर रहा। जबकि अन्य स्थानों में उन्होंने मेरठ रोड, निसिंग में गुरुद्वारे के समीप, इंद्री में अनाज मंडी के पास, जलमाना में प्योंत टोल प्लाजा और असंध में जींद हाईवे सहित कुल 11 जगह जाम लगाकर अपनी एकजुटता दर्शाई।
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बसताड़ा टोल प्लाजा पर जुटे किसानों को जाम के दौरान अलग-अलग ड्यूटी सौंपी गई थी। इसके तहत युवाओं ने वाहनों को रोकने का मोर्चा संभाला जबकि बुजुर्ग स्टेज पर चल रहे भाषणों के अलावा रागिनी का आनंद लेते रहे। इस दौरान हुक्का गुडगुडाने से लेकर कुल्फी खिलाने तक का इंतजाम किया गया था। जबकि लंगर भी पूरी समयावधि में लगातार चलता रहा।
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यमुनानगर में किसानाें ने दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक 10 जगहों पर चक्का जाम (Chakka Jam) किया गया। हालांकि किसानों ने सात जगहों पर जाम लगाने की घोषणा की थी। परंतु किसानाें ने तीन जगहों खुंडेवाला गांव के मोड़ पर, बहरामपुर व सुढल गांव के पास भी जाम लगा दिया। जगाधरी-अंबाला बाइपास पर भंभौली गुरुद्वारा के नजदीक तिकौना चौक पर सबसे ज्यादा किसान एकत्रित हुए। किसानों ने दोपहर का भोजन भी यहीं पर किया। जाम में महिलाएं भी अच्छी खासी संख्या में हिस्सा लेने पहुंची। एसपी कमलदीप गोयल ने उन सभी जगहों पर निरीक्षण किया जहां पर किसानों ने जाम लगाया था। वैसे तो किसानों के जाम का आमजन पर कोई खास असर नहीं हुआ। परंतु तीन अन्य जगहों पर अचानक जाम लगाने से बाइपास व लिंक मार्गों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से 22 जगहों पर नाके लगाए थे।
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पानीपत में जो लोग जाम में फंसे, उनके लिए लंगर का इंतजाम था। सभी से कहा जा रहा था कि तीन घंटे तक वाहन आगे नहीं जा सकते। आप लोग यहां पर लंगर खा सकते हैं। लाइन से लंगर वरताया जा रहा था। पानीपत में नेशनल हाईवे पर टोल के पास ही ये लंगर लगाया गया