New Delhi: किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेता कोई विकल्प नहीं दे पाए। ऐसे में अब 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच बैठक होगी। इससे पहले 30 दिसंबर को हुई बैठक में केंद्र ने किसानों की ओर से उठाए गए चार मुद्दों में से दो पर रजामंदी जताई थी।
तोमर ने कहा, कानूनों (Farm Laws) पर चर्चा हुई लेकिन किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। सरकार ने अनुरोध किया कि अगर किसान यूनियनें कानूनों को वापस लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प देती हैं तो हम उस पर विचार करेंगे। लेकिन, किसान यूनियों ने कोई विकल्प पेश नहीं किया, इसलिए बैठक समाप्त कर दी गई और फैसला लिया गया कि अगली बैठक का आयोजन 15 जनवरी को किया जाएगा।
कृषि मंत्री तोमर ने कहा, ‘वो लोग जो प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं उनका ये मानना है कि कानूनों (Farm Laws) को वापस लिया जाना चाहिए। लेकिन, कई ऐसे भी हैं जो इन कानूनों (Farm Laws) का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उन किसान यूनियनों से लगातार बात कर रही है जो इन कानूनों के विरोध में हैं। जब उन लोगों ने मिलने का अनुरोध किया, जो कानूनों के समर्थन में हैं तो हमने उन्हें भी समय दिया।
तोमर ने कहा, लाखा सिंह (कालेरन स्थित नानकसार गुरुद्वारा के अध्यक्ष) इस बात से व्यथित थे कि किसान सर्दी के मौसम में आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं। उन्होंने हमारे सामने किसानों का पक्ष रखा और हमने उनके सामने सरकार की बात रखी। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वह किसान यूनियनों के नेताओं से बात करें। हमने उनसे संपर्क नहीं किया बल्कि उन्होंने किसानों के दर्द के कारण हमसे बात की।
राकेश टिकैत: कानून वापसी से पहले पीछे नहीं हटेंगे किसान
उधर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि जब तक नए कृषि कानून (Farm Laws) वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा और किसान पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सरकार संशोधनों के बारे में बात करना चाहती थी। हम कानूनों के हिस्सों पर चर्चा नहीं करना चाहते। हम केवल यह चाहते हैं कि नए कानून (Farm Laws) निरस्त किए जाएं।’