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संसदीय समिति की बैठक में उठाया गया पंजाब में पराली जलाए जाने का मुद्दा

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नईदिल्ली: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) की गंभीर स्थिति के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में लगातार पराली जलाए जाने की घटनाओं का मुद्दा उठाया है. संसदीय सूत्रों ने बताया कि आप सांसद एनडी गुप्ता ने संसदीय समिति की बैठक में पंजाब मेंपराली जलाए (Parali Burning) जाने की घटनाओं की ओर सभी सदस्यों का ध्यान खींचा. इस बीच दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तरबेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है.

सांसद एनडी गुप्ता ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मामलों से जुड़ी समिति की बैठक में अपनी बात रखी. समिति की बैठक शुक्रवार को संसद में हुई. सूत्रों का कहना है कि एनडी गुप्ता ने संसद में रखे गए उस डेटा का उल्लेख किया. जिसमें कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फैले प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है.

संसदीय समिति के चेयरमैन और बीजेपी के वरिष्ठ सांसद रमेश बिधूड़ी ने  कहा, पराली दिल्ली एनसीआर इलाके में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण नहीं, सबसे ज्यादा प्रदूषण गाड़ियों के चलने से उठने वाले धूल और धुआं की वजह से होता है. दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की है, केजरीवाल ने कितनी बार हरियाणा पंजाब या यूपी के मुख्यमंत्री से बैठक कर पराली की समस्या से निपटने के लिए रणनीति पर चर्चा की. एमसीडी ने अगर धूल साफ करने वाली मशीन खरीदी होती और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई होती तो आज दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के बेहतर नतीजे सामने आते हैं.

बैठक में कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका मंत्रालय किसानों के लिए प्रोत्साहन योजना लाने पर काम कर रहा है. ताकि उन्हें पराली (Stubble Burning) न जलाने के लिए मनाया जा सके. संसदीय समिति की बैठक का आधिकारिक एजेंडा “गैर पारंपरिक ईंधन के उत्पादन की प्रगति की समीक्षा, विशेषकर जैव ईंधन के संदर्भ में” था.

बेहदगंभीरश्रेणीमें Delhi-NCR केशहरोंमेंप्रदूषण

दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर (Pollution) गंभीर स्थिति में पहुंच गया है. एनसीआर में सबसे बुरा हाल नोएडा (Noida) का है. दिल्ली-एनसीआर के शहरों का एयर इंडेक्स 400 से ऊपर ‘गंभीर श्रेणी’ में आ गया. नोएडा में PM 2.5 का स्तर शुक्रवार को 610 पर पहुंच गया है. वहीं, दिल्ली के कई इलाकों में आज भी PM 2.5 का स्तर 500 के पार है. दिल्ली यूनिवर्सिटी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 540 तो आईआईटी दिल्ली का आंकड़ा 563 पर है.

रिलांयस जियो के ये 3 प्लान दे रहे हैं साल भर की वैलिडिटी और 504 जीबी तक डाटा, इन यूजर्स को मिलेगा फायदा

जियो फोन का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स इन प्लान के तहत 504जीबी डेटा या 336 दिन तक वैलिडिटी हासिल कर सकते हैं. ये एनुअल प्लान उन जियो फोन यूजर्स के लिए बेहतरी हैं जो हर महीने के रिचार्ज से छुटकारा चाहते हैं. वे साल में एक बार रिचार्ज कर इससे छुटकारा पा सकते हैं. जियो फोन एनुअल प्रीपैड प्लान के तहत आने वाले 1,001 ऑल-इन-वन एनुअल प्लान में 150 एमबी प्रतिदिन डेटा मिलेगा साथ ही इसकी स्पीड 64केबीपीएस तक ही रहेगी.

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अनलिमिटेड कॉल और 100 एसएमएस प्रतिदिन

इस प्लान के तहत आपको जियो से जियो अनलिमिटेड वॉयस कॉल और जियो से अन्य नेटवर्क पर बात करने के लिए 12,000 मिनट मिलेंगे. आपको प्रतिदिन 100 एसएमएस और जियो ऐप्स का सब्क्रिप्शन मिलेगा. इस प्लान की वैलिडिटी अन्य दो प्लान की तरह 336 दिनों कर रहेगी. जबकि 1,301 रुपए वाले प्लान में 164 जीबी डाटा मिलेगा जिसे आप 500 एमबी प्रतिदिन के हिसाब से खर्च कर सकते हैं. ये प्लान 1,001 रुपए वाले प्लान की तरह ही होगा.

एक साल तक 504 जीबी डाटा

आखिरी में 1,501 रुपए वाले प्लान में आपको 504 जीबी डाटा मिलेगा, जिसे आप 1.5 जीबी प्रतिदिन के हिसाब से खर्च कर सकते हैं. इसके बाद इसकी स्पीड कम हो जाएगी. बाकी प्लान अन्य दो प्लान की तरह ही है. इसमें जियो से जियो अनलिमिटेड बात कर सकते हैं, जबकि जियो से अन्य नेटवर्क पर 12 हजार मिनट मिलेंगे. इसकी वैलिडिटी भी 336 तक रहेगी.

एयरटेल के एनुअल प्लान को टक्कर

इस साल के मध्य में एयरटेल ने एनुअल प्लान लॉन्च किया था. जिसे देखते हुए जियो ने ये प्लान निकाला है. जियो के ऑल-इन-प्लान एयरटेल के मुकाबले आधी कीमत पर है.  एयरटेल के एनुअल प्लान की कीमत 2498 रुपए.  इस प्लान में एयरटेल यूजर्स को 365 दिनों की वैलिडिटी देता है जबकि  2जीबी डाटा और प्रतिदिन 100 एसएमएस देरा है.  यूजर्स को इस प्लान में अनलिमिटेड कॉलिंग भी मिल रही है.

हरियाणा विधानसभा ने राज्य में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने वाला बिल पास किया।

हरियाणा विधानसभा ने राज्य में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने वाला बिल पास कर दिया है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। हरियाणा सरकार में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने चुनावों के दौरान जनता से यह वादा किया था।

50 हजार से कम सैलरी वाली नौकरी में लागू होगा आरक्षण

हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल केंडिडेट बिल 2020 के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में 50 हजार रुपए से कम वाली नौकरियों में ही यह आरक्षण लागू होगा। जिस जिले में कंपनी स्थापित है, उस जिले के केवल 10% युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा। अन्य 65% आरक्षण प्रदेश के दूसरे जिलों के युवाओं को दिया जाएगा।

10 साल के लिए लागू होगा आरक्षण

प्रारंभिक तौर पर यह आरक्षण 10 साल के लिए लागू होगा। हालांकि, राज्य के राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही यह बिल कानून बन पाएगा। बिल के मुताबिक, प्राइवेट कंपनी, सोसायटी, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्मों पर यह आरक्षण लागू होगा। यदि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित उम्मीदवार नहीं मिलेंगे तो स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर नौकरी के योग्य बनाया जाएगा।

डिप्टी सीएम ने पेश किया था बिल

हरियाणा विधानसभा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को यह बिल विधानसभा में पेश किया था। इस समय हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। इस बिल के मुताबिक, राज्य के स्थायी निवासी को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। हरियाणा में जन्मे या बीते 15 सालों से निवास कर रहे युवाओं को स्थायी निवासी माना जाएगा।

JJP नेता ने की आलोचना

प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने के सरकार के फैसले का JJP नेता राम कुमार गौतम ने आलोचना की है। राम कुमार का कहना है कि यह कानून गलत मिसाल पेश करेगा और दूसरे राज्य हरियाणा के युवाओं को नौकरी देना बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि यदि दूसरे राज्य हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने से मना कर देंगे तो वे कहां जाएंगे? क्या आप दूसरे राज्य के किसी व्यक्ति को यहां काम करने से रोक सकते हैं?

Hathras case: CBI की टीम तीसरी बार घटनास्थल पहुंची, फॉरेंसिक टीम है साथ

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड (Hathras) में जुटी सीबीआई (CBI) से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने पूछ लिया है कि आखिर जांच कब पूरी होगी? साथ ही हाईकोर्ट ने सीबीआई से 25 नवंबर को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। 

हाईकोर्ट के निर्देश के एक दिन बाद ही शुक्रवार को सीबीआई (CBI) टीम एक बार फिर घटनास्थल पर पहुंची. बता दें ये तीसरा मौका है, जब सीबीआई टीम फॉरेंसिक टीम (Forensic Team) के साथ घटनास्थल पर पहुंची है।

मां को याद कर रो रही बच्ची की पिता ने ही गुस्से में गला दबाकर कर दी हत्या

रोती पीड़िता की मां को चुप कराती दिखी सीबीआई अफसर

मौके पर किसी भी बाहरी व्यक्ति के पहुंचने पर रोक है और सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ (CRPF) की तैनाती की गई है। यहां घटनास्थल पर सीबीआई टीम एक बार फिर क्राइम सीन रिक्रिएट कर रही है, यही नहीं घटनास्थल पर ही टीम पीड़िता के परिवार सभी अलग-अलग पूछताछ करती दिखाई दी। 

सीबीआई (CBI) की अधिकारी सीमा पाहूजा पूछताछ कर रही हैं। इस दौरान पीड़िता की मां को दूर बिठाकर उसके भाई से पूछताछ की गई। वहीं सीबीआई के सवालों का सामना करने के बाद खेत की मेढ़ पर बैठकर मां रोती दिखाई दी। बिलखकर रोती मां को सीबीआई की महिला अधिकारी चुप कराती दिखीं।

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भाई ने किया था खुलासा- CBI ने पूछा- तुमने ही अपनी बहन को मारा है?

बता दें हाल ही में पीड़िता के भाई ने सीबीआई की पूछताछ को लेकर खुलासा किया था कि टीम ने उससे पूछा कि तुमने ही अपनी बहन को मारा है? इस पर भाई ने जवाब दिया कि मैं अपनी बहन को मारता तो उसे लेकर थाने क्यों जाता? पीड़िता के भाई ने बताया अगर हमें उसे मारना होता तो घर पर ही मार देते। 

बुधवार को मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टी के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में पीड़िता के भाई ने ये खुलासा किया। मानवाधिकार संगठन के लोगों ने सीबीआई की पूछताछ को लेकर परिवार के बातचीत की. परिवार के लोगों ने सीबीआई द्वारा पूछे गए सवालों को लेकर विरोध जाहिर किया था।

US Election 2020: अमेरिकी टीवी चैनलों ने बंद किया डोनाल्‍ड ट्रंप का लाइव भाषण “झूठ पर झूठ बोल रहे थे”

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में हार की ओर बढ़ते डोनाल्‍ड ट्रंप के एक के बाद एक ‘झूठ’ से आजिज आकर अमेरिका के कई टीवी चैनलों ने उनका लाइव भाषण बंद कर दिया। टीवी चैनलों ने कहा कि राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। इससे पहले ट्रंप ने चुनावी रात के बाद पहली बार दिए अपने 17 मिनट के भाषण के दौरान कई बार भड़काऊ बयान दिया था और तथ्‍यहीन दावे किए थे।एमएसएनबीसी के एंकर ब्रायन विलियम्‍स ने कहा, ‘ओके, हम यहां पर एक बार फिर से एक असामान्‍य स्थिति में हैं और न केवल अमेरिका के राष्‍ट्रपति को टोक रहे हैं बल्कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति के बयानों को सही कर रहे हैं।’ टीवी चैनल ने थोड़ी ही देर बाद उनके लाइव प्रसारण को बंद कर दिया। यही नहीं अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी और एबीसी ने भी ट्रंप के भाषण के लाइव प्रसारण को बंद कर दिया।

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डोनाल्‍ड ट्रंप ने फिर से अपनी जीत के दावे को दोहराया

सीएनएन के जैक टेप्‍पर ने कहा, ‘अमेरिका के लिए कितनी दुखद रात है जब उन्‍हें अपने राष्‍ट्रपति से यह सुनने को मिल रहा है जो लोगों पर चुनाव पर कब्‍जा करने का झूठा आरोप लगा रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने जीत के दावे को दोहराया है। साथ ही आशंका जताई है कि अवैध वोटों के जरिए इस चुनाव को ‘चुराने’ की कोशिश की जा रही है। ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर आप लीगल वोट गिनें तो मैं आराम से जीत रहा हूं। लेकिन अगर आप अवैध (मेल इन बैलट्स) वोट गिनेंगे तो वे (डेमोक्रेट) इसके जरिए हमसे जीत छीनने की कोशिश कर सकते हैं। मैं कई बड़े राज्य ऐतिहासिक मार्जिन के साथ जीत चुका हूं।’

ट्रंप ने ओपिनियन पोल्स को फर्जी बताते हुए कहा, ‘ओपिनियन पोल्स करने वालों ने जानबूझकर पूरे देश में ब्लू वेव (डेमोक्रेट के पक्ष में) दिखाई। असल में ऐसी कोई वेव नहीं थी। पूरे देश में बड़ी रेड वेव (रिपब्लिकन के पक्ष में) है, इसका मीडिया को भी अंदाजा था मगर हमें इसका फायदा नहीं हुआ।’ मेल इन बैलट्स में गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘हैरानी की बात है कि मेल इन बैलट्स किस तरह एक पक्ष (डेमोक्रेट) की तरफ ही दिख रहे हैं। यह एक भ्रष्ट प्रैक्टिस है और लोगों को भी भ्रष्ट बनाती है, भले ही वे अंदर से ऐसे न हों।

तेजस्वी यादव के दस लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे ने बेरोजगारी को चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बना दिया।

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बिहार में तीन चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव का शोर गुरुवार को समाप्त हो गया। अंतिम चरण के लिए 78 सीटों पर वोटिंग 7 नवंबर को होगी जबकि 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। 28 अक्तूबर को 71 सीट और 3 नवंबर को 94 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इस बार बिहार विधानसभा का चुनावी प्रचार का यह सफर कई मायनों में अहम रहा। खासकर कोविड महामारी के बीच हो रहे चुनाव में कई नए प्रयोग और समीकरण देखने को मिले। तेजस्वी यादव के दस लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे ने बेरोजगारी को चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बना दिया। शुरुआत में तो एनडीए की तरफ से इस वादे का मजाक बनाने की कोशिश हुई लेकिन असर को भांपने के बाद लगभग सभी पार्टियां किसी न किसी रूप में युवाओं को रोजगार देना का वादा करती दिखीं। महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव को राजनीत का नौसखिया माना जा रहा था लेकिन उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए 250 से अधिक रैलियां कर एक रेकार्ड भी बनाया। कांग्रेस ने भी पूरी ताकत झोंकी और पार्टी के सीनियर नेता रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक नेता तीन हफ्ते के दौरान राज्य में कैंप करते रहे। पार्टी को गठबंधन में 70 सीटें दी गईं। गठबंधन में लेफ्ट को जगह मिलने के बाद उसे भी खुद को राज्य में उभरने का एक मौका मिला है और खासकर माले का कॉडर इस बार जमीन पर सक्रिय दिखा। मध्य बिहार की कई सीटों पर माले का प्रभाव क्षेत्र रहा है। पहले दो चरणों की वोटिंग में कांटे की टक्कर के अनुमान के बाद तीसरे चरण के लिए सभी गठबंधनों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। तीसरे चरण वाले मतदान का बड़ा हिस्सा मुस्लिम बहुल माना जाता है। तेजस्वी यादव इस इलाके में दो दिनों तक कैंप करते रहे तो कांग्रेस ने अपना हेडक्वार्टर भी पटना से उठाकर पूर्णिया कर दिया। महागठबंधन की सबसे अधिक कोशिश मुस्लिम-यादव वोट बैंक आगे बढ़ाने की रही है। इसी वजह से तेजस्वी यादव सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की बात करते रहे हैं। प्रचार में लालू प्रसाद का नाम भी कम लिया गया और वे पोस्टर से दूर रखे गए। कुल मिलाकर विपक्षी गठबंधन नीतीश के पंद्रह सालों की एंटी इनकंबेंसी और रोजगार के मुद्दे को ही केंद्र में रखकर चुनाव लड़ता रहा।

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एनडीए को बदलनी पड़ी रणनीति

जेडीयू और बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए चुनाव में उतरा तो शुरू में उसकी जीत पर कोई संदेह नहीं था। मोदी और नीतीश की जोड़ी को अजेय माना जा रहा था। एनडीए को न तो एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का असर दिखने का अंदाजा था और न ही तेजस्वी से परिपक्वता दिखाने की कोई आशंका थी लेकिन लेकिन चुनाव अभियान जैसे जैसे आगे बढ़ा, एनडीए को जमीनी हालात देखकर परेशानी का सामना करना पड़ा। एनडीए ने अपना प्रचार मूल रूप से केंद्र और राज्य सरकार के कामकाज पर ही केंद्रित किया। अभियान के दौरान एनडीए को अपनी चुनावी रणनीति भी बदलनी पड़ी। महागठबंधन के आक्रामक चुनाव अभियान को काउंटर करने के लिए आक्रामक तेवर अपनाने का फैसला हुआ। दूसरे चरण से ठीक पहले नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए ने जंगलराज की याद ताजा करते हुए तगड़ा हमला किया। फिर पूरा एनडीए विपक्ष पर हमलावर हुआ। एनडीए की मूल चिंता अपने वोट बैंक के बिखराव को रोकने की रही है। रणनीति बदलने के बाद एनडीए नेताओं को भरोसा है कि वे अपने वोट बैंक का बिखराव रोकने में कामयाब रहे हैं। जो संदेश वे वोटर तक पहुंचाना चाहते थे, उसमें भी वे कामयाब रहे हैं। नीतीश कुमार ने महिला वोटरों को अपने पक्ष में बनाए रखने में पूरी ताकत लगाई। दूसरे चरण में महिलाओं का पुरुष के मुकाबले पड़े 6 फीसदी से अधिक वोट को एनडीए ने अपने पक्ष में माना। साथ ही अंतिम चरण में मुस्लिम बहुल सीटों पर ध्रुवीकरण के कारण एनडीए का मानना है कि उसे लाभ होगा। इसके पीछे हालिया ट्रेंड भी है जिसमें ऐसी सीटों पर बीजेपी उम्मीद से बेहतर करती रही है। कुल मिलाकर एनडीए ने शुरू में लड़खड़ाने के बाद संभलने का संदेश दिया। एनडीए की तरफ से यह उम्मीद भी की जा रही थी कि महागठबंधन का कोई न कोई नेता हिट विकेट होकर उसे बढ़त बनाने का मौका दे देगा लेकिन इस बार महागठबंधन के नेताओं ने इस तरह के मौके एनडीए को दिए नहीं।

चिराग को लेकर सस्पेंस

इस चुनाव में सरप्राइज फैक्टर रहा चिराग पासवान का नीतीश कुमार के प्रति बागी तेवर। राज्य में एनडीए से अलग होने के बावजूद चिराग अपने को बीजेपी और नरेंद्र मोदी के साथ बताते रहे है लेकिन नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर रहे और उन्हें जेल तक भेजने की धमकी देते रहे। चिराग के इस नए अंदाज से राज्य में एनडीए वोटर के बीच उलझन साफ दिखी। चिराग पासवान की पार्टी के अधिकतर उम्मीदवार बीजेपी के पूर्व नेता थे जिससे हालात और पेचीदा हुए। भागलपुर में तो जेडीयू सांसद खुलकर इसे बीजेपी की साजिश बताते सुने गए। हालांकि बीजेपी लगातार चिराग से दूरी बनाए रही। एनडीए घटक दलों के बीच बिखराव का कितना असर चुनावी नतीजों पर पड़ेगा यह देखना रोचक होगा। चिराग की रैलियों में भी अच्छी भीड़ देखी गई। उपेंद्र कुशवाहा, मायावती और ओवौसी की पार्टी ने भी चुनाव के दौरान गठबंधन बनाकर समीकरण को प्रभावित किया। उत्तर प्रदेश से सटी सीटों पर मायावती के प्रभाव के कारण इस गठबंधन ने दोनों मजबूत राजनीतिक गठबंधन के लिए बेचैनी पैदा की है। उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने इलाकों में मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। उधर सीमांचल में कम से कम 12 सीटों पर ओवैसी ने मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार उतारे। इन सीटों पर 40 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोटर हैं। इनकी रैलियों में भीड़ भी बहुत अधिक आई। पप्पू यादव का गठबंधन मधेपुरा,सहरसा जिले के कुछ सीटों पर अपना प्रभाव छोड़ने की कोशिश कर रहा है।

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