कश्मीरा शाह ने हाल ही में ये फोटोशूट कराया है. (Photo- @krushna30/Instagram?
मुंबई. कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक (Krushna Abhishek) अपनी पत्नी कश्मीरा शाह (Kashmera Shah) के ट्रांसफॉर्मेशन को देखकर दंग हैं. जी हां, आलम कुछ ऐसा है कि कृष्णा ने अपनी ही पत्नी को ‘बिरियानी’ कह डाला है. एक समय पर फिल्मों में अपनी एक्टिंग और डांस के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस कश्मीरा शाह लंबे समय से पर्दे से दूर हैं. हालांकि इस बीच उन्होंने एक फिल्म का निर्देशन भी किया है. लेकिन लगता है अब कश्मीरा एक बार फिर पर्दे पर वापसी की तैयारी कर रही हैं. ऐसे में कश्मीरा ने अपना पूरा अंदाज ही बदल लिया है.
‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) में सपना के किरदार में सभी को हंसाने वाले कृष्णा ने कश्मीरा की एक ताजा तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘जब आपको घर पर ही बिरियानी खाने को मिल जाए तो आप बाहर जाकर दाल मक्खनी क्यों खाएंगे ? मुझे तुम पर गर्व है कैश (कश्मीरा) कि तुमने फिर से अपने हॉट अंदाज में वापसी की है.’
नईदिल्ली। फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के बाद उठे विवाद और फ्रांस में हुई आतंकी घटनाओं पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने इंडिया टीवी से कहा है फ्रांस में प्रोफेट मोहम्मद का कार्टून बनाए जाने से उन्हें तकलीफ है और उस तकलीफ को वे बयान भी नहीं कर सकते, लेकिन ये जो घटनाएं (आतंकी घटनाएं) हो रही हैं, ये पूरी तरह गलत हैं। ओवैसी ने कहा कि आप जिस देश में रहते हैं उस देश के कानून को मानना है, वहां कोर्ट है, अदालत है, कोई कैसे किसी की जान ले सकता है।
ओवैसी ने इंडिया टीवी से कहा कि जो लोग जिहाद के नाम पर मासूमों का कल्त करते हैं वो कातिल हैं और वो पूरी तरह इस्लाम के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस में जिन लोगों ने आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है उनका इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है।
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के बाद वहां के मुस्लिम नागरिकों ने कड़ी आपत्ती जताई थी और उस कार्टून के बाद फ्रांस में आतंकी घटनाएं हुई थी। फ्रांस के नीस शहर में बृहस्पतिवार को एक गिरजाघर पर इस्लामिक चरमपंथी हमलावर द्वारा चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद फ्रांस के लियोन शहर में शनिवार को एक यूनानी पादरी को उनके गिरजाघर के बाहर गोली मारने के मामले में रविवार को पुलिस ने एक संदिग्ध से पूछताछ की जबकि अन्य की तलाश जारी है।
कार्टून को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को कहा कि वह पैगंबर मोहम्मद के कार्टून से क्षुब्ध मुसलमानों का सम्मान करते हैं लेकिन यह हिंसा के लिए बहाना नहीं हो सकता है।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ऐसे एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जो अफसर बनकर मॉस्क न पहनने वालों के चालान काट रहा है. दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर उसने कोरोना के नियमों (Covid-19 Rules) के उल्लंघन को लेकर दर्जनों चालान कर रकम वसूली और अपनी जेब में रख ली.
दिल्ली पुलिस ने आरोपी युवक उपेंद्र के पास से एक हजार रुपये बरामद किए, जो उसने दो व्यक्तियों से कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन की एवज में वसूले थे. उसका मोबाइल फोन भी पुलिस ने बरामद किया है. उसके पास से वाहनों की चार नंबर प्लेट भी मिली हैं. आरोपी के पास से एक स्विफ्ट डिजायर कार भी पुलिस को मिली है.
उत्तर पश्चिमी पुलिस के उपायुक्त के मुताबिक, 23 साल का उपेंद्र सिंह (पिता लेफ्टिनेंट चंद्रशेखर सिंह) स्वरूप नगर का रहने वाला है. उसे ठगी और फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उपेंद्र 29-30 अक्टूबर की दरमियानी रात दिल्ली पुलिस अफसर बनकर अशोक विहार के गेट पर पहुंचा. उसने सोसायटी गेट पर बिना मॉस्क लगाए कई लोगों के नाम लिखे और उससे कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन के आरोप में पैसे वसूल लिए. सोसायटी के सिक्योरिटी गार्ड नरेंद्र को उस पर शक हुआ. नरेंद्र ने जब उससे पूछा कि किस थाने में उसकी तैनाती है तो वह कार से भाग निकला.
सिक्योरिटी गार्ड ने यह वाकया सोसायटी के सदस्यों को बताया, जिन्होंने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने मोबाइल नंबर और अन्य पहचान के आधार पर उपेंद्र को धर दबोचा. उसके पास दिल्ली पुलिस की यूनिफॉर्म और चार नंबर प्लेटें भी बरामद की गईं.
पूछताछ के दौरान उपेंद्र ने बताया कि उसने सिविल डिफेंस के लिए आवेदन किया है और वह दिल्ली पुलिस का कोई अफसर नहीं है. उपेंद्र के मुताबिक, परिवार की खराब माली हालत के बाद वह पुलिस अफसर बनकर लोगों से वसूली के काम में जुट गया. उसने दिल्ली के मुखर्जी नगर से यूनिफॉर्म खरीदी थी. कोविड-19 के दौरान उसने पुलिस अफसरों को नियमों के उल्लंघन में चालान काटते देखा और उसने भी गैरकानूनी तरीके से यह काम शुरू कर दिया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम की टीम ने सोमवार को पूर्व मंत्री आजमखान की बहन निकहत अफलाक को आवंटित रिवर बैंक कॉलोनी के घर को सील कर दिया। यह बंगला वर्ष 2007 में मुलायम सरकार के दौरान नियमों को ताक पर रखकर आवंटित किया गया था। रामपुर के निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर नगर निगम ने जांच की और मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था।
नगर आयुक्त डॉ. अर्चना द्विवेदी की मौजूदगी में नगर निगम की टीम सोमवार को रिवर बैंक कॉलोनी पहुंची। भवन संख्या ए2/1 के मुख्य गेट का ताला बंद था। लगभग आधे घंटे तक गेट खटखटाया गया। गेट नहीं खुला तो ताला तोड़ दिया गया। बंगले के अंदर कमरों के दरवाजों पर भी ताला लटक रहा था। नगर निगम ने सभी दरवाजों पर अपना भी एक ताला लगा दिया। बंगले के पीछे एक और गेट था जो खुला मिला। अंदाजा लगाया जा रहा है कि बंगले के अंदर मौजूद लोग पीछे के गेट से बाहर निकल गए होंगे। सीलिंग की कार्रवाई के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई।
उधर, आजम खान की बहन ने नोटिस को साक्ष्य विहीन बताते हुए कहा था कि वह मकान में लगातार रह रही हैं और बिजली का बिल और किराया भी जमा कर रही हैं। मगर इसके बाद नगर निगम ने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि आजम खान की बहन लखनऊ की निवासी नहीं है। दूसरा यह कि नगर निगम कर्मचारी नहीं है। वहीं, नगर निगम ने नोटिस में कहा था कि आजम खान की बहन रामपुर में पढ़ाती हैं और वहीं पर रह रही हैं।
आसपास के लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि मकान में ताला लगा रहता है। उन्हें 15 अक्टूबर को नोटिस जारी कर 15 दिन में आवास खाली करने को कहा गया था। मगर जब आवास खाली नहीं हुआ तो सोमवार सुबह नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर आवास को सील कर अपने कब्जे में ले लिया।
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि 2007 में यह आवंटन नियमों के खिलाफ किया गया था और तब आजम खान की बहन रामपुर में शिक्षक के पद से रिटायर थी, लखनऊ की निवासी भी नहीं थी। इसलिए विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए मकान को खाली करने का नोटिस दिया गया था। समयावधि बीतने के बाद नगर निगम की टीम ने सोमवार सुबह रिवर बैंक कॉलोनी आवास पर गई, अनाउंसमेंट कराया गया और मकान को सील कर दिया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने उर्दू शायर मुनव्वर राना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उनपर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में आईपीसी की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। राना ने पिछले दिनों फ्रांस में एक शिक्षक का सिर कलम करने को सही ठहराया था। राना का तर्क था कि पैगंबर मोहम्मद का ‘भद्दा’ कार्टून बनाने वाले के साथ यही होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि ‘अगर कोई हमारी मां का या हमारे बाप का ऐसा कार्टून बना दे तो हम तो उसे मार देंगे।’
अगर अभी कोई शख्स मेरे बाप का कार्टून कोई ऐसा बना दे गंदा, मेरी मां का कार्टून कोई ऐसा गंदा बना दे तो हम तो उसको मार देंगे। अगर कोई हमारे हिंदुस्तान में हमारे किसी देवी-देवता का, मां सीता का या भगवान राम का ऐसा कोई कार्टून बना दे कि गंदा हो तो हम उसको मार देंगे। मुनव्वर राना, शायर
एमएफ हुसैन का दिया था उदाहरण
मुनव्वर राना ने एक चैनल से बातचीत में यह बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘एमएफ हुसैन ने हिंदू देवी-देवताओं की विवादित पेंटिंग्स बनाईं तो उस बुजुर्ग शख्स, 90 साल के बूढ़े आदमी को देश छोड़कर भागना पड़ा।’ मुनव्वर कहते हैं कि ‘एमएफ हुसैन इस बात को जान चुके थे कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें मार दिया जाएगा। गैर मुल्क में उसकी मौत हुई।’ मुनव्वर राना ने यह भी कहा, ‘जब हिंदुस्तान में हजारों साल से ऑनर किलिंग को जायज मान लिया जाता है कोई सजा नहीं होती है तो फ्रांस की घटना को नाजायज कैसे कहा जा सकता है।’
‘इस्लाम को बदनाम करने के लिए बनाते हैं ऐसे कार्टून’
राना का कहना था कि आपत्तिजनक कार्टून पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम को बदनाम करने की नीयत से बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों की वजह से भी लोग ऐसे कदम उठाने को मजबूर होते हैं जैसा फ्रांस में हुआ। राना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए भारत के फ्रांस का समर्थन करने को भी गलत बताया। राना का आरोप था कि मोदी ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि राफेल सौदा बीच में आ रहा है। मोदी ने फ्रांस में आतंकी घटनाओं की निंदा करते हुए पीड़ितों के प्रति शोक जताया था।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस नेता कमलनाथ के स्टार प्रचारक का छीने जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग ने कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द कर दिया था। शनिवार को कमलनाथ ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार सुबह शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा था, “आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना को लेकर आयोग मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का, राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।” आयोग ने कहा था कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। अब से अगर कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा, जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।
आयोग ने अपने फैसले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कमलनाथ की टिप्पणी का उल्लेख किया। कमलनाथ ने एक हालिया चुनावी कार्यक्रम में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ‘माफिया और मिलावट खोर’ शब्दों का इस्तेमाल किया था। आयोग ने पिछले हफ्ते कमलनाथ को चुनाव प्रचार में ‘आइटम’ जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करने को कहा था। कमलनाथ ने एक रैली में मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी पर निशाना साधने के लिए ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल किया था।