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Mutual Funds: कहां निवेश करना आपके लिए रहेगा फायदेमंद ?

इक्विटी म्यूचुअल फंड में लार्ज कैप में निवेश ज्‍यादा सुरक्षित समझा जाता है। इन फंड में निवेश का पैसा बड़ी कंपनियों में लगाया जाता है

  • अपनी उम्र, रिस्क क्षमता, वित्तीय लक्ष्य, और रिटर्न उम्मीद के आधार पर ही निवेश के लिए म्यूचुअल फंड की कैटेगरी को चुनना चाहिए

  • अगर आप एक यंग निवेशक हैं और ज्यादा रिटर्न के लिए ज्यादा रिस्क ले सकते हैं तो आप स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं

इन दिनों अगर आप म्यूचुअल फंड निवेश में करने का प्लान बना हैं, लेकिन इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप और स्मॉल-कैप में से कहां निवेश करना सही रहेगा, तो परेशान न हों। एक्सपर्ट्स मानना है कि अपनी उम्र, रिस्क क्षमता, वित्तीय लक्ष्य, और रिटर्न उम्मीद के आधार पर ही निवेश के लिए म्यूचुअल फंड की कैटेगरी को चुनना चाहिए। आज हम बता रहे हैं कि आपको किस आधार पर लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप और स्मॉल-कैप को निवेश के लिए चुन सकते हैं।

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स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में इन्वेस्टमेंट

अगर आप एक कम उम्र (यंग) के निवेशक हैं और अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं और इसके लिए ज्यादा रिस्क ले सकते हैं तो आप टॉप-रेटेड स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में निवेश करF सकते हैं। आप जितनी जल्दी इसमें निवेश की शुरुआत करेंगे, आपके इन्वेस्टमेंट को बढ़ने और मनचाहा नतीजा देने के लिए उतना ज्यादा समय मिलेगा। लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट पीरियड, स्मॉल और मिड-कैप फंड्स से जुड़े रिस्क को कम करने में भी मदद करता है।

आपकी उम्र ज्यादा हो जाए तो आप अपने इन्वेस्टमेंट को धीरे-धीरे ज्यादा-रिस्की ऑप्शंस से थोड़े कम-रिस्की और स्थिर रहने वाले फंड्स में ट्रांसफर कर सकते हैं जो तब भी अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। इसके अलावा, रिस्क को कम करने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए अपने इन्वेस्टमेंट को अलग-अलग म्यूचुअल फंड कंपनियों, अलग-अलग एसेट क्लास और अलग-अलग शेयरों में डाइवर्सिफाई करना भी जरूरी है।

स्मॉल-कैप फंड क्या हैं?

स्मॉल-कैप म्युचुअल वैसे फंड होते हैं, जो कम मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। शेयर बाजार में सूचीबद्ध ऐसी कंपनियों के कारोबार में वृद्धि की तेज संभावनाओं का आंकलन करने के बाद इनकी पहचान की जाती है। मार्केट कैप के लिहाज से शेयर बाजार की शीर्ष 250 कंपनियों को छोड़कर बाकी कंपनियों में स्मॉल-कैप म्युचुअल निवेश करती हैं। स्मॉल-कैप म्युचुअल अपने निवेश की रकम का 65% तक छोटी कंपनियों में लगाते हैं। इसके बाद बची 35% रकम को फंड मैनेजर मिड, लार्ज या स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों में लगाते हैं।

निवेश करने के लिए टॉप स्मॉलकैप फंड

फंड का नाम 1 साल का रिटर्न (%) 3 साल का रिटर्न 5 साल का रिटर्न
Axis 9.73 8.50 11.31
SBI 14.34 4.39 12.74
निप्पोन इंडिया 14.55 1.06 10.04
कोटक 16.90 2.50 8.55
HDFC -1.42 -1.65 7.51

मिड-कैप इक्विटी फंड क्या हैं?

मिड-कैप इक्विटी फंड म्यूचुअल फंड हैं जो मुख्य रूप से मिड कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।सेबी द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, मार्केट कैपिटलाइजेशन में 101 वीं से 250 वीं सबसे बड़ी कंपनियों के बीच हैं। इन फंडों में जोखिम और रिटर्न का सही मिश्रण होता है क्योंकि ये इन कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं और बाज़ार में परिवर्तन आने पर अपने निवेश में भी बदलाव करता हैं।

निवेश करने के लिए टॉप मिड-कैप फंड

फंड का नाम 1 साल का रिटर्न (%) 3 साल का रिटर्न 5 साल का रिटर्न
कोटक इमर्जिंग इक्विटी फंड 18.70 12.76 12.10
DSP मिड कैप फंड 17.99 11.95 11.45
L&T मिडकैप फंड 8.33 11.07 11.08
इंवेसको इंडिया मिड कैप फंड 13.28 14.25 11.00
एक्सिस मिडकैप फंड 19.46 18.75 11.00

मल्टी-कैप फंड्स में इन्वेस्टमेंट

हाल ही में, SEBI ने बताया कि एक मल्टी-कैप फंड में इक्विटी सम्बन्धी एलोकेशन, उसमें रखे पैसे का कम-से-कम 75% होना चाहिए। 75% में से, कम-से-कम 25-25% लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप इक्विटी सिक्योरिटीज में होना चाहिए। इससे पहले, मल्टी-कैप फंड्स के फंड मैनेजर्स अपने मन मुताबिक अलग-अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली इक्विटीज में पैसे इन्वेस्ट कर सकते थे।

यदि आप इक्विटी फंड्स में इन्वेस्ट करना चाहते हैं लेकिन ज्यादा-रिस्की एक्सपोजर लेना नहीं चाहते, तो आप टॉप-रेटेड मल्टी-कैप फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। मार्केट कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से ये फंड्स अच्छी तरह डाइवर्सिफाइड भी होते हैं। ये फंड्स, मार्केट के स्थिर रहने पर, स्मॉल और मिड-कैप फंड्स की तुलना में कम रिटर्न दे सकते हैं लेकिन अस्थिर मार्केट कंडीशन में ये फंड्स कम रिस्की होते हैं। इसलिए, यदि आप एक ऐसा फंड चाहते हैं जिसमें काम रिस्क हो तो आप मल्टी-कैप फंड्स आपके लिए सही इन्वेस्टमेंट चॉइस हो सकता है।

मल्टी-कैप फंड क्या हैं?

मल्टी-कैप मूलरूप से सभी मौसम के फंड होते हैं क्योंकि ये बाजार के हर चक्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं। मल्टी-कैप फंड लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप सभी को समाहित करते हैं और बाजार के सभी पूंजीकरण में यह प्रदर्शन करते हैं। उपरोक्त तीनों कटेगरी के अपने-अपने अवसर और जोखिम होते हैं, जिनको मल्टी कैप अपने हिसाब से समावेश करता है। सेबी के नियमों के मुताबिक बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप होती हैं जबकि उसके बाद मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां होती हैं।

निवेश करने के लिए टॉप मल्टी-कैप फंड

फंड का नाम 1 साल का रिटर्न (%) 3 साल का रिटर्न 5 साल का रिटर्न
Axis 3.73
कोटक 4.09 3.95 8.97
SBI -1.21 1.58 7.79
मोतीलाल ओसवाल 1.37 0.12 7.64
एडलवाइस 2.60 3.35 7.66

लार्ज-कैप फंड्स में इन्वेस्टमेंट

अगर आपकी उम्र ज्यादा है और डेब्ट फंड्स से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं लेकिन ज्यादा इन्वेस्टमेंट रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो आप लार्ज-कैप फंड्स में पैसा लगा सकते हैं। ये अस्थिर मार्केट में स्थिर रिटर्न दे सकते हैं। इनमें कम रिस्क होता है जिससे ये मिड और स्मॉल-कैप इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर वाले फंड्स की तुलना में मध्यम रिटर्न देते हैं। यदि आप रिटायरमेंट के करीब हैं या आप ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते हैं तो टॉप-रेटेड लार्ज-कैप फंड्स, आपके लिए सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट चॉइस हो सकता है।

लार्ज-कैप फंड क्या हैं?

इक्विटी म्यूचुअल फंड में लार्ज-कैप में निवेश ज्‍यादा सुरक्षित समझा जाता है। इन फंड में निवेश का पैसा बड़ी कंपनियों में लगाया जाता है। इस कैटेगरी में सभी म्यूचुअल फंड की ढेरों स्कीम हैं। सेबी ने पिछले साल अक्टूबर में कैटेगरी के नए नियम लागू किए हैं। इसके बाद लार्ज कैप फंड किन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, यह तय कर दिया गया है। म्यूचुअल फंड कंपनियों ने भी अपनी स्‍कीम्‍स में सेबी के नए नियमों के हिसाब से बदलाव कर लिया है।

निवेश करने के लिए लार्ज-कैप फंड

फंड का नाम 1 साल का रिटर्न (%) 3 साल का रिटर्न 5 साल का रिटर्न
Mirae Asset 5.64 4.82 11.28
Axis ब्लूचिप फंड 7.25 8.65 11.59
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप फंड 3.23 3.32 9.08
SBI ब्लूचिप फंड 2.70 7.78 7.83
निप्पोन इंडिया लार्ज कैप फंड -2.15 0.82 6.89

कहां लगाएं पैसा?

किसी अन्य इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट की तरह, इक्विटी म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट्स को भी अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर चुनना चाहिए। अगर आपके वित्तीय लक्ष्य बहुत दीर्घकालिक हैं और आप ज्यादा रिस्क लेना चाहते हैं तो आप स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में अपने इक्विटी एलोकेशन का बड़ा हिस्सा इन्वेस्ट कर सकते हैं। यदि आपके वित्तीय लक्ष्य, मध्यकालिक से दीर्घकालिक हैं और आप कम रिस्क लेना चाहते हैं तो आप मल्टी-कैप फंड्स में अपने पैसे का एक बड़ा हिस्सा लगा सकते हैं। यदि आपके वित्तीय लक्ष्य, मध्यकालिक हैं और आप बहुत कम रिस्क लेना चाहते हैं तो आप लार्ज-कैप फंड्स में अपने इक्विटी एलोकेशन का बड़ा हिस्सा इन्वेस्ट कर सकते हैं।

Bihar: JDU सरकार में क्या वाकई नियंत्रित हुए अपराध?

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के मद्देनज़र यह मुद्दा गूंज रहा है कि बिहार में पिछली सरकारों की तुलना में नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) के कार्यकाल में अपराध कम (Crime Rate) हुए हैं और अपराधियों पर लगाम लगी है. 

चुनाव से पहले भी इसी मुद्दे पर नीतीश कुमार को ‘सुशासन बाबू’ जैसे नाम मिले और इस तरह की कई रिपोर्ट्स प्रकाशित हुईं कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) सरकार के समय जैसे बिहार में जंगल राज (Jungle Raj) था, उसका कायापलट जेडीयू सरकार (JDU Government) ने किया, बयानबाज़ी अपनी जगह, लेकिन आंकड़े क्या कहते हैं? वास्तव में सूरते हाल क्या है?

चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) तक बिहार (Bihar) की जनता को यह याद दिला रहे हैं कि लालू सरकार के समय में बिहार की ‘आपराधिक राज्य’ की छवि थी, जो एनडीए के साथ जुड़े नीतीश कुमार की सरकार में ‘सुशा सन’ में बदल गई. बिहार में अपराध कंट्रोल कर लिये गए. लेकिन क्राइम रिकॉर्ड्स का हवाला तो सियासी रैलियों में नहीं दिया जाता. चलिए इन रिकॉर्ड्स में देखते हैं कि माजरा क्या है.

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क्राइम रिकॉर्ड: लालू बनाम नीतीश सरकार1990 के दशक में लालू प्रसाद यादव और फिर उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज़ रहे। साल 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनी और पिछले 15 साल से बिहार में नीतीश सरकार कायम है. दोनों के समय के आंकड़े देखे जाएं तो 2004 में राबड़ी देवी सरकार के समय बिहार में प्रति एक लाख आबादी पर क्राइम की दर 122.4 थी.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार इस दर में 2019 में 34.6 फीसदी का इज़ाफा देखा गया और 15 साल बाद क्राइम दर 164.8 रही. इन आंकड़ों में एक और तथ्य यह है कि 2004 में, देश के अपराध में बिहार (Bihar) का कुल हिस्सा 5.9 फीसदी का था. उस वक्त, 7 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश देश की आपराधिक दर में सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी रखते थे.

हालांकि 2014 से 2019 के बीच बिहार की अपराध दर कुछ कम होती ज़रूर दिखी, इसके बावजूद देश के क्राइम रेट में बिहार (Bihar) का हिस्सा बढ़ा है और इस लिस्ट में बिहार प्रतिशत के हिसाब से दो रैंक बढ़कर ज़्यादा क्राइम वाला राज्य बन गया है.

बिहार पुलिस के डेटा से यह खुलासा होता है कि 2014 से 2019 के बीच पूर्ण संख्या के हिसाब से संज्ञेय अपराधों में आश्चर्यजनक तौर पर 133.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई. इन्हीं रिकॉर्ड्स से यह भी खुलासा हुआ कि महिलाओं के प्रति अपराध भी बेतहाशा बढ़े. 2004 में जहां महिलाओं के खिलाफ 8091 अपराध दर्ज हुए, वहीं 2019 में 18,587 यानी दोगुने से भी ज़्यादा.

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बिहार (Bihar) में अपराध के आंकड़ों का विश्लेषण हमेशा ही दिलचस्प रहा है. 2004 और 2019 के आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन में डकैती के केसों में पहले की तुलना में 80 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. जेडीयू सरकार को इस बात का श्रेय भी मिलना चाहिए कि बिहार में हत्याओं के अपराधों में भी 42.2 फीसदी कमी आई है. अगर डकैती और हत्या के अपराध इतने कम हुए हैं, तो अपराध बढ़े कहां हैं?

जेडीयू सरकार (JDU Government) के कार्यकाल में हत्या के प्रयास के केस 82.3 फीसदी बढ़े हैं. यानी हत्याओं के मामले जितने कम हुए हैं लेकिन हत्या के मकसद से हमले के मामले उसके करीब दोगुने ढंग से बढ़े हैं. दूसरी तरफ, चोरी की घटनाएं बेतहाशा 130 फीसदी से ज़्यादा बढ़ी हैं. साथ ही, 2009 से 2019 के बीच रॉबरी के अपराध भी 17.6 प्रतिशत ज़्यादा हो गए हैं.

तो ये हैं बिहार (Bihar) में क्राइम के आंकड़े और ध्यान रखने की बात यह भी है कि बिहार की आबादी 2001 की जनगणना के अनुसार करीब 8 करोड़ 30 लाख थी और 2011 की जनगणना के मुताबिक 10 करोड़ 41 लाख. बहरहाल, इन आंकड़ों के आईने में सियासी बयानों की हकीकत आपको ही देखना है.

Haryana: निकिता मामले में नाराज भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव

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Faridabad: हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में छात्रा निकिता की हत्या मामले में रविवार को महापंचायत के बाद बवाल हो गया है। महापंचायत में आए लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान लोगों ने पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाएं। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को तितरबितर किया।

जानकारी के मुताबिक, बल्लभगढ़ में छात्रा निकिता की हत्या मामले में आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर रविवार को 36 समुदायों के लोगों की ओर से एकमहापंचायतबुलाई गई। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान ही कुछ लोगों ने हंगामा शुरू किया। इस दौरान महापंचायत में से निकलकर कुछ लोगों ने सड़क जाम कर दिया। वहीं कुछ शरारती तत्वों ने भीड़ का फायदा उठाकर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज

महापंचायत के दौरान पथराव होने से मौके पर अफरातफरी मच गई। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितरबितर करने के लिए लाठीचार्ज भी किया। इसके बाद भीड़ ने आगजनी और पथराव भी किया। इसके बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।

उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि बल्लभगढ़ की घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। ये विषय लव जिहाद के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। हम इसे केंद्र और राज्य स्तर पर बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों ये हमारी पूरी कोशिश हैं।

इससे पहले हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में छात्रा निकिता की हत्या मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। पुलिस ने इस मामले में तीसरे आऱोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी तौसीफ (Tausif) को वारदात में इस्‍तेमाल देशी कट्टा मुहैय्या कराने वाला अपराधी अजरु को छापेमारी के बाद नूंह ज़िले से गिरफ़्तार कर लिया था। इस मामले की जानकारी फरीदाबाद पुलिस ने ट्वीट कर साझा की है।

इस हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, जिसमें तौसीफ पहले तो निकिता के अपहरण का प्रयास करता नज़र आता है, लेकिन कामयाबी नहीं मिलने पर उसे सिर में गोली मारकर वहां से सफेद रंग की गाड़ी से फरार हो जाता है। इस मामले में पुलिस ने गाड़ी और हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद कर लिया है।

तौसीफ और निकिता दोनों फरीदाबाद के एक स्‍कूल में साथ पड़े थे। निकिता 12वीं की बोर्ड टॉपर्स में थी और सिविल सविर्सिज एग्‍जाम की तैयारी कर रही थी। 2018 में स्‍कूल खत्‍म होने के बाद दोनों अलग-अलग कॉलेज में पढ़ने लगे। पुलिस के अनुसार, उसी साल तौसीफ ने निकिता का अपहरण किया था। मामला दर्ज हुआ था लेकिन पंचायत के बाद वापस ले लिया गया। निकिता के परिवार का आरोप है कि उनपर तौसीफ के रिश्‍तेदारों ने दबाव बनाया था। नूंह में तौसीफ के परिवार का दबदबा है और निकिता के परिवार को भरोसा दिया गया था कि तौसीफ आगे कुछ नहीं करेगा।

निकिता हत्याकांड का मुख्य आरोपी तौसीफ उसका अपहरण कर अपने साथ ले जाना चाहता था। उसने जब मना किया और भागने लगी तो उसने उसे गोली मार दी। यह खुलासा आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में किया है। उसने यह भी बताया कि अगर वह रास्ते में उनके हाथ नहीं आता तो पुलिस उसे कभी ढूंढ़ नहीं पाती। पुलिस दो दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर रही है।

Canada: क्यूबेक प्रांत में हमलावर ने लोगों को चाकुओं से गोदा, दो की मौत

Canada: कनाडा (Canada) के क्यूबेक (Quebec) प्रांत में बड़ा हमला सामने आया है. इसमें संदिग्ध हमलावर ने भीड़ के बीच चाकू से हमला कर दिया।

घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए, पुलिस ने संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है. 

कनाडा पुलिस (Canada Police) का कहना है कि हमलावर ने चाकुओं से कई लोगों को निशाना बनाया। क्यूबेक सिटी पुलिस सेंटर ने ट्विटर पर बयान जारी कर कहा, रात एक बजे के करीब हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया।

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पुलिस ने लोगों से जांच पूरी होने तक घरों में रहने को कहा है। पुलिस को ऐसी और वारदात होने का अंदेशा है.

पुलिस ने हमले की वजह से हमलावर की पहचान के बारे में अभी कोई खुलासा नहीं किया है. पिछले कई दिनों में फ्रांस हमले की तीन घटनाएं हुई हैं. जिसमें चार लोगों की मौत हुई है।

फ्रांस में पूरा मामला पैंगबर मोहम्मद के विवादित कार्टून के प्रकाशन के बाद शुरू हुआ था, इसके बाद एक शिक्षक की हत्या हुई. पिछले हफ्ते एक चर्च में हमलावर ने तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया. हालांकि कनाडा पुलिस Canada Police) ने अभी फ्रांस से इस मामले का कोई संबंध होने का उल्लेख नहीं किया है. 

गाजीपुर : मुख्तार अंसारी के होटल गजल पर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर

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Gazipur UP बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. मुख्तार की पत्नी आफसा और दोनों बेटों अब्बास और उमर के नाम से चलने वाले होटल गजल पर गाजीपुर जिला प्रशासन ने सीमांकन के बाद ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया है. इसके लिए शनिवार रात से ही कई थानों की पुलिस और प्रशासन की फोर्स होटल गजल पहुंच गई थी. टीम के पहुंचते ही होटल में स्थित दुकानदारों में अफरातफरी मच गई. सुबह होते ही भारी मशीने लगा दी गईं और जिला प्रशासन ने छह घंटे में जमींदोज कर दिया।

होटल पर रविवार सुबह प्रशासन के बुलडोजर चलवाना शुरू किया। जिसे दाेपहर तक तोड़ दिया गया। सुबह सात बजे  एसपी सिटी और एडीएम के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस फोर्स की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण शुरू हुआ। इससे पहले रातभर होटल के बाहर दुकानों को खाली करने का काम चलता रहा। कार्रवाई के दौरान महुआबाग और मिश्र बाजार को बैरीकेडिंग करते हुए वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई होटल का ध्वस्तीकरण देखने के लिए सैकड़ाें लोगों की भीड़ जुटी रही। 

बता दें, 8 अक्टूबर को एसडीएम ने होटल के ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था. जिसके बाद मुख्तार के पक्ष ने इस आदेश पर स्टे के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को डीएम के सामने अपील पेश करने का निर्देश दिया था. शनिवार को डीएम की अध्यक्षता वाले 8 सदस्यीय बोर्ड द्वारा उस अपील को खारिज कर दी गई. इस फैसले के बाद से मुख्तार अंसारी के होटल गजल के ध्वस्तीकरण का रास्ता साफ हो गया है.

Bihar Election 2020: समस्तीपुर में पीएम मोदी के निशाने पर RJD

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पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार के समस्तीपुर में आयोजित चुनावी सभा में विपक्ष पर जमकर हमला बोला। पीएम ने कहा कि बरौनी का खाद कारखाना अपने आप बन्द नहीं हुआ था, ये उनकी गलत नीतियों के कारण बन्द हुआ था जो आज बड़ी बड़ी बातें करके, लोक लुभावनी चर्चाएं करते हैं। आज आपके आशीर्वाद से बरौनी के खाद कारखाने को भी नया जीवन मिल रहा है।

पीएम ने कहा कि रघुवंश बाबू ने हमेशा सोशलिस्ट मूल्यों को आगे बढ़ाया, अपना पूरा जीवन बिहार की सेवा में लगा दिया। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनको कैसे अपमानित किया गया, ये पूरे बिहार ने देखा है। पहले चरण के मतदान के बाद साफ नजर रहा है कि नीतीश बाबू के नेतृत्व में एनडीए की सरकार दोबारा बन रही है। प्रथम चरण में आपने एनडीए को जो भारी समर्थन के संकेत दिए हैं और जिन्होंने मतदान किया है, उनका मैं अभिनंदन करता हूं। पीएम ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने एक इंटरव्यू में कहा थासत्ता के आसपास अवसरवादियों को शरण या तरजीह बिल्कुल नहीं मिलनी चाहिए। वर्ना वो मुझे नहीं तो मेरे बेटे या संबंधियों को भ्रष्ट करेंगे। कर्पूरी ठाकुर जी के बाद, बिहार के लोगों ने इस बात को 100 फीसदी सच होते देखा है।

जंगलराज के युवराज क्या बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं?

पीएम मोदी ने कहा कि आप मुझे बताइए, जंगलराज की विरासत, जंगलराज के युवराज क्या बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं? जो वामपंथी, नक्सलवाद को हवा देते हैं, जिनका उद्योगों और फैक्ट्रियों को बंद कराने का इतिहास रहा है, वो निवेश का माहौल बना सकते हैं क्या? जिनकी नीयत खराब हो, जिनकी नीति सिर्फ गरीबों का धन लूटने की हो, जो निर्णय सिर्फ अपने और अपने परिवार को ध्यान में रखकर लेते हों, वो विकास के हर प्रयास का विरोध ही करेंगे।

पीएम ने आगे कहा कि सिर्फ और सिर्फ अपनेअपने परिवार के लिए काम कर रही इन पारिवारिक पार्टियों ने आपको क्या दिया? बड़ेबड़े बंगले बने, तो किसके बनेमहल बने, तो किसके बने? बड़ीबड़ी करोड़ों की गाड़ियां आईं, गाड़ियों का काफिला बना, तो किसका बना। सरदार साहब ने पूरा जीवन सिर्फ और सिर्फ देश के लिए लगाया की नहीं? सरदार साहब कांग्रेस पार्टी के थे कि नहीं? फिर भी कांग्रेस पार्टी कल सरदार पटेल की जन्म जयंती पर उनका स्मरण तक नहीं किया।

जिन बहनोंबेटियों को गरिमा दी, अंधेरे के इंतज़ार से मुक्ति दी, वो एनडीए की सरकार बना रही हैं

पीएम ने आगे कहा कि आज देश में एक तरफ लोकतंत्र के लिए पूर्ण रूप से समर्पित, एनडीए का गठबंधन है। वहीं दूसरी तरफ अपने निहित स्वार्थ को समर्पित पारिवारिक गठबंधन हैं। बिहार के बेटेबेटियां, जिन्हें आज मुद्रा लोन मिल रहा है, बैंकों ने जिनके लिए दरवाजे खोल दिए हैं, जिन्हें आईआईटी, आईआईएम, एम्स मिल रहा है, वो आज अपने उज्जवल भविष्य के लिए एनडीए पर भरोसा कर रहे हैं। जिन बहनों को पीने के पानी के संघर्ष से मुक्ति मिली वो एनडीए के पक्ष में वोट डाल रही हैं। जीवन भर धुएं में उलझती उन बहनों का वोट एनडीए के लिए है, जिनके घर में उज्जवला का सिलेंडर पहुंचा है। वो जीविका दीदियां, जो आज आत्मनिर्भर परिवार और आत्मनिर्भर बिहार की प्रेरणा बन रही हैं, वो एनडीए को ताकत दे रही हैं। घरघर, स्कूलस्कूल बने शौचालयों ने जिन बहनोंबेटियों को गरिमा दी, अंधेरे के इंतज़ार से मुक्ति दी, वो एनडीए की सरकार बना रही हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज अगर हर आंकलन, हर सर्वे NDA की जीत का दावा कर रहा है तो उसके पीछे ठोस और मजबूत कारण है। आज NDA की फिर से सरकार हमारी माताएंबहनें बना रही हैं जिनको हमारी सरकार, नीतीश सरकार ने सुविधाओं और अवसरों से जोड़ा है। कोरोना की बंदिशों के बीच भी इतनी भारी संख्या में आना, ये आपका जोश और उत्साह साफसाफ बता रहा है कि नतीजे क्या होने वाले हैं। यहां हर कोने में विजय का विश्वास है, उमंग है, उत्साह है और बिहार के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प मैं देख रहा हूं।

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