spot_img
होम ब्लॉग पेज 1930

Bihar: हथियारबंद अपराधियों ने घर में घुसकर की इंजीनियरिंग के छात्र की हत्या, कई महीनों से मिल रही थी धमकी।

जमुई. बिहार (Bihar) के जमुई जिले में खैरा थाना इलाके के अरुणवाबांक गांव में हथियारबंद अपराधियों (Criminals) ने इंजीनियरिंग के छात्र की गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी. घटना से इलाके में कोहराम मच गया. छात्र रविवार रात घर के छत पर सोया हुआ था. उसी दौरान अपराधियों ने उसकी हत्या कर दी. घटना के पीछे पंचायत चुनाव को लेकर रंजिश की बात सामने आई है।

मृतक के पिता ने बताया कि पिछले 6 महीने से उन्हें और उनके बेटे को जान से मारने की धमकी मिल रही थी. इसकी शिकायत पुलिस से की गई थी. लेकिन पुलिस ने परिवार की सुरक्षा को लेकर कोई पहल नहीं की।

जानकारी के मुताबिक रविवार रात को 20 साल के अंकित यादव घर के छत पर सोया हुआ था. जबकि परिवार के बाकी लोग घर के अंदर सोए हुए थे. तभी हथियारबंद अपराधी घर से होकर छत पर पहुंचे और कहासुनी के बाद अंकित को गोली मार दी. जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

Bihar: JDU सरकार में क्या वाकई नियंत्रित हुए अपराध?

मृतक के पिता मुद्रिका यादव ने बताया कि सभी लोग सोए हुए थे. उनका बेटा अंकित छत पर सोया हुआ था. तभी पुरानी रंजिश को लेकर इलाके के कुछ लोग हथियार से लैस होकर आए. और छत पर चढ़कर बेटे को गोली मार दी.

दिल्ली में पढ़ाई कर रहा था छात्र

पिता के अनुसार बेटा अंकित इंजीनियरिंग का छात्र था और वह दिल्ली में पढ़ाई करता था. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बीते कई महीने से वह गांव में ही रह रहा था. पिता के मुताबिक पिछले पंचायत चुनाव में वह कुछ वोट से हार गये थे. चुनावी रंजिश में ही इस घटना को अंजाम दिया गया है.

हत्या की सूचना मिलने पर बिहार (Bihar) के खैरा थाने की पुलिस गांव पहुंची और शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा.

नक्सली संगठन से जुड़े लोगों पर आरोप 

एसडीपीओ डॉ राकेश कुमार ने कहा कि अपराधियों ने इंजीनियरिंग के छात्र की गोली मारकर हत्या दी. परिजनों के बयान पर केस दर्ज पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है. अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी. मृतक के पिता ने नक्सली संगठन से जुड़े डीपी यादव के लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है.

Google Meet पर वीडियो कॉलिंग के लिए आया शानदार फीचर.

Google Meet में नया फीचर ऐड किया गया है, जिससे आपको काफी फायदा होगा.

Google अपने वीडियो मीटिंग ऐप गूगल मीट पर एक नया फीचर शामिल कर रहा है. अब वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कस्टम बैकग्राउंड शामिल कर पाएंगे. फिलहाल यह सुविधा मीट के वेब क्लाइंट तक सीमित है और बाद में इसे एंड्रॉइड और iOS ऐप में स्लेट किया जाएगा. बैकग्राउंड बदलने के विकल्प के साथ यूजर्स Google की अपनी लाइब्रेरी से इमेज चुन सकते हैं जिसमें ऑफिस स्पेस, परिदृश्य और अब्सट्रैक्ट बैकग्राउंड शामिल हैं. यूजर्स लाइव वीडियो कॉल के दौरान अपने कस्टम इमेज भी अपलोड कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें : मैसेंजर का क्रॉस मैसेजिंग फीचर भारत में लॉन्च

Google ने 31 अक्टूबर को प्रकाशित एक ब्लॉग पोस्ट में इसके बारे में घोषणा की. कंपनी का कहना है कि बैकग्राउंड बदलने का विकल्प डिफ़ॉल्ट रूप से बंद है और Google Meet के यूजर्स को इसे मैन्युअल रूप से चालू करना होगा. गूगले मीट वीडियो में बैकराउंड बदलने से पहले यूजर्स को पहले मीटिंग सलेक्ट करनी होगी और बाद चेंज बैंकराउंड चुनना होगा. यह स्क्रीन के दाएं तरफ सबसे नीचे से सलेक्ट होगा.

ऐसे बदल सकते हैं Background

अगर लाइव कॉल के दौरान आप बैकग्राउंड बदलने के लिए दाएं तरफ नीचे की तीन वर्टिकल लाइन पर क्लिक करें और बैकग्राउंड का चयन करें. इसके अलावा गूगल मीट बैकग्राउंड के धुंधलेपन को भी एडजस्ट किया जा सकता है. गूगल ने कहा है कि कस्टम बैकग्राउंड का ऑप्शन सीधे ब्राउजर में काम करेगा और इसके लिए किसी अतिरिक्त सॉफ्टवेयर या एक्सटेंशन की आवश्यकता नहीं होगी.गूगल ने कस्टम बैकग्राउंड ChromeOS और Chrome ब्राउजर विंडो तथा Mac डेस्कटॉप के लिए होगा. यह ऑप्शन वीडियो के दौरान आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए लाया गया है. गूगल मीट के नियमित यूजर्स और गूगल वर्कस्पेस के अलावा एंटरप्राइज यूजर्स के लिए फीचर उपलब्ध होगा.

G Suite For Education के यूजर्स इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे. फीचर 6 नवम्बर तक आने की सम्भावना है. इससे पहले सितम्बर में गूगल ने गूगल मीट में अवांछित नॉईस हटाने के लिए कैंशलेशन फीचर भी शामिल किया था. हालांकि यह अभी सिर्फ G Suite For Education और एंटरप्राइज कस्टमरों के लिए ही उपलब्ध है.

अखिलेश यादव का जवाब: 2019 लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा से क्यों किया गठबंधन?

लखनऊ. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया था। हालांकि गठबंधन के बावजदू दोनों दलों को कोई खास सफलता नहीं मिली थी। मायावती की बसपा तो 10 सीटें जीतने में सफल रही थी लेकिन अखिलेश यादव की सपा महज 5 सीटों पर सिमट गई थी और उसे फिरोजाबाद और कन्नौज जैसे गढ़ों में हार का सामना करना पड़ा था। अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि ‘‘सांप्रदायिक’’ भाजपा को रोकने के लिए 2019 में बसपा के साथ गठबंधन करना जरूरी था। अखिलेश ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि डॉक्‍टर राम मनोहर लोहिया और डॉक्‍टर भीम राव आंबेडकर की विचारधारा एक रथ के दो पहिए की तरह है, इसीलिए बसपा के साथ गठबंधन किया था।’’

उन्‍नाव की पूर्व सांसद अनु टंडन को सोमवार को सपा में शामिल कराने के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की एक ही चाहत समाजवादी पार्टी को हराना है। उन्‍होंने योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व वाली राज्‍य सरकार और बसपा पर जमकर प्रहार किया। राज्‍य की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को ‘लिटमस टेस्‍ट’ बताते हुए अखिलेश ने कहा कि जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए समय का इंतजार कर रही है।

ये भी पढ़ें : बीजेपी के साथ कभी गठबंधन नहीं करेगी बीएसपी, राजनीति से संन्यास मंजूर है।

मायावती ने सोमवार की सुबह मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया, “उप चुनाव में सपा और कांग्रेस हमारी पार्टी के खिलाफ साजिश में जुटी है और गलत ढंग से प्रचार कर रही है ताकि मुस्लिम समाज के लोग बसपा से अलग हो जाएं।” मायावती ने यह भी कहा कि बसपा कभी भाजपा के साथ समझौता नहीं कर सकती है। पूर्व सांसद अनु टंडन ने हाल में प्रदेश नेतृत्‍व पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्‍तीफा दे दिया था। इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी और पूर्व बसपा सांसद त्रिभुवन दत्‍त समेत कई प्रमुख नेताओं ने समाजवादी पार्टी की सदस्‍यता ग्रहण की थी।

अखिलेश ने मुख्‍यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसी सरकार नहीं होनी चाहिए जिसकी भाषा और शब्‍दों का चयन ठीक न हो। उन्‍होंने कहा, ‘‘सरकार चलाने वालों की भाषा ‘ठोको’ है और सच यह है कि ठोको नीति वाले सरकार चला रहे हैं। सरकार के पास प्रदेश चलाने का विजन नहीं है।’’ उन्‍होंने कहा कि सपा नेता आजम खान और मुनव्‍वर राना के खिलाफ सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने कार्रवाई की है, जो अनुचित है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने दलितों का बहुत नुकसान किया है। सरकार न विकास पर चर्चा करना चाहती है और न ही किसानों की बात करना चाहती है। कोरोना काल में लोगों को इलाज तक नहीं मिल रहा है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा को रोकना है और इसके लिए सबको जोड़ने की जरूरत है।

राज्यसभा चुनाव में सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए, बीजेपी संग कांग्रेस ने भी बनाया ‘इतिहास’

0

लखनऊ: राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए। सोमवार को नाम वापस लेने की अवधि खत्म होते ही चुनाव अधिकारी ने प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की। इसी के साथ इतिहास में बीजेपी पहली बार राज्यसभा में सबसे बेहतर स्थिति में पहुंच गई है और कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे खराब हाल में।

उत्तर प्रदेश की इन सीटों से राज्यसभा पहुंचे लोगों में बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, पूर्व डीजीपी बृजलाल, नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, बीएल शर्मा और सीमा द्विवेदी शामिल हैं। वहीं एक सीट समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव और एक सीट बहुजन समाज पार्टी के रामजी गौतम के खाते में गई है।

बीजेपी ने यूपी में चला था दांव

आपको बता दें कि 25 नवंबर को राज्यसभा के 10 सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें तीन सांसद बीजेपी के, चार समाजवादी पार्टी के, दो बीएसपी के और एक कांग्रेस के नेता शामिल हैं। राज्यसभा चुनावों में बीजेपी यूपी में 9 प्रत्याशी जीतने की स्थिति में थी, लेकिन उसने सिर्फ 8 प्रत्याशी उतारते हुए एक सीट खाली छोड़ दी थी। बीजेपी के इस दांव ने जहां सबको चौंका दिया था, वहीं कांग्रेस और एसपी ने बीजेपी और बीएसपी के गठजोड़ का आरोप लगाया था।

बदल गया राज्यसभा का गणित

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्यसभा की 11 सीटों पर नतीजे साफ होने के बाद राज्यसभा में बीजेपी अब तक के शिखर पर है, वहीं कांग्रेस की सीटें इतिहास में सबसे कम हो गई हैं। अब बीजेपी के पास कुल 92 सीटें हो जाएंगी, वहीं कांग्रेस के पास सिर्फ 38 सीटें बचेंगी। अगर बात करें एनडीए की तो अब राज्यसभा में एनडीए की कुल सीटों की संख्या 112 हो जाएगी। यह संख्या बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 10 सीटें दूर है। आपको बता दें कि राज्यसभा में कुल सीटें 245 हैं जिनमें से 12 सीटों पर राष्ट्रपति सदस्यों को नामांकित करते हैं। बाकी सीटों पर चुनाव होता है।

पाकिस्तान में बैठे आकाओं की जी हुजूरी, हमले का प्लान, पुलिस को मिला गोला-बारूद और…

0

(Source Navbharat Times)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में 6 अक्टूबर को आतंकियों ने नन्नेर गांदेरबल में बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष गुलाम कादिर पर हमला कर दिया था। इस दौरान एक आतंकी शाबिर-ए-शाह पर जवाबी कार्रवाई में काबू पा लिया गया। वहीं, इस हमले में मोहम्मद अल्ताफ नाम का एक कॉन्स्टेबल शहीद हो गया था। दरअसल, अल्ताफ को दोनों ओर से फायरिंग के दौरान गोली लगी थी। इस बात की जानकारी एसएसपी गांदेरबल के पोसवाल ने दी।

पुलिस की ओर से यह भी बताया गया कि जांच के दौरान हॉस्पिटल के सिक्यॉरिटी गार्ड के रूप में काम कर रहे कैसर अहमद शेख की भूमिका को लेकर खुलासा हुआ। वह हिज्बुल मुजाहिदीन का एक सक्रिय सदस्य था। उसके दो साथी जो एसकेआईएमएस और एसएमएचएस में एटीएम के प्राइवेट गार्ड थे, उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

‘हथियार, पाकिस्तान का झंडा और…’


एसएसपी ने बताया, ‘वे युवाओं को आतंक में शामिल कराने के लिए एक मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते थे। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि वे और हमलों की योजना बना रहे थे और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से संपर्क में थे। हमने दो पिस्टल, मैग्जीन्स और गोला-बारूद बरामद किया है। यही नहीं, इन लोगों के पास से पाकिस्तानी झंडा भी मिला है।’

हिज्बुल का सरगना भी हुआ ढेर

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे में लगी भारतीय सेना को लगातार बड़ी कामयाबी मिल रही है। सेना ने हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैफुल्लाह (Hizbul Mujahideen chief Saifullah) को मार गिराया है। इससे पहले मई महीने में सेना ने हिज्बुल के टॉप कमांडर रियाज नायकू (Riyaz Naikoo killed) को ढेर किया था।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

Afghanistan: काबुल विश्वविद्यालय पर आतंकवादी हमला, ख़बर के मुताबिक़ 20 लोग मारे गए।

अफगानिस्तान: काबुल विश्वविद्यालय में सोमवार को हुए आतंकी हमले में कम से कम 20 लोगों के मारे जाने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अबतक 40 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों की आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी है। पूरे कैंपस को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। कैंपस के अंदर से अब भी गोलीबारी की आवाजें सुनाई दे रही हैं।

पहले भी हमले का शिकार हो चुका है विश्वविद्यालय

पिछले साल इस विश्वविद्यालय के गेट पर बम विस्फोट में आठ लोगों की जान चली गयी थी। वर्ष 2016 में बंदूकधारियों ने एक अमेरिकी विश्वविद्यालय पर हमला किया था और 13 लोगों को मार डाला था। पिछले ही महीने इस्लामिक स्टेट ने राजधानी के शिया बहुल दश्त-ए-बार्ची के एक शिक्षण केंद्र में एक आत्मघाती बम हमलावर भेजा था जिसके हमले में 24 विद्यार्थियों की मौत हो गयी थी।

किसी भी संगठन ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी

अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने काबुल विश्वविद्यालय पर हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इन दिनों तालिबान का शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहा है। इस बीच आतंकियों के लगातार बढ़ते भीषण हमले से बातचीत के ऊपर भी असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।

Malaika Arora का हॉट फोटोशूट हॉटनेस का ओवरडोज प्राकृतिक रूप से Breast Size को कैसे कम करें इन खाद्य पदार्थों के साथ अपने Sexual Health में सुधार करें Janhvi Kapoor एसिड येलो में स्टनिंग लगी Alia Bhatt ने हरे रंग के कट-आउट गाउन में ग्लैमर का तड़का लगाया Disha Patani; बीच डेस्टिनेशन पर छुट्टियां मना रही अभिनेत्री विश्वसुंदरी Aishwarya ने वैश्विक मंच पर किया राज