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Kolkata Biryani बनाने की पारंपरिक और स्वादिष्ट रेसिपी

Kolkata Biryani भारत की सबसे प्रसिद्ध बिरयानियों में से एक है, जो अपनी अनोखी खुशबू और स्वाद के लिए जानी जाती है। Kolkata Biryani मुख्य रूप से मटन या चिकन के साथ बनाई जाती है और इसमें आलू का उपयोग किया जाता है, जो इसे अन्य बिरयानियों से अलग बनाता है। बंगाली मसालों, केसर और खुशबूदार चावल के मिश्रण से बनने वाली यह बिरयानी हर खाने के शौकीन के लिए एक परफेक्ट डिश है। Kolkata Biryani पारंपरिक रूप से दही रायता या सलाद के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है।

कोलकाता बिरयानी बनाने की पारंपरिक और स्वादिष्ट रेसिपी

Delicious Recipe of Kolkata Biryani

Kolkata Biryani भारत की सबसे प्रसिद्ध बिरयानी में से एक है, जो अपने हल्के मसालों और आलू के अनोखे स्वाद के लिए जानी जाती है। यह लखनवी (अवधी) बिरयानी से प्रेरित है और इसमें उबले हुए आलू और उबले अंडे डाले जाते हैं, जो इसे अन्य बिरयानी से अलग बनाते हैं।

Kolkata Biryani की खासियत यह है कि यह हल्के मसालों में बनी होती है और इसका स्वाद बेहद सुगंधित और स्वादिष्ट होता है। इस रेसिपी में आपको Kolkata Biryani बनाने की पूरी विधि विस्तार से दी गई है।

आवश्यक सामग्री:

मुख्य सामग्री:

  • बासमती चावल – 2 कप (लंबे दाने वाला चावल लें)
  • चिकन – 500 ग्राम (बड़े टुकड़ों में कटा हुआ)
  • आलू – 2 बड़े (छिले और दो टुकड़ों में कटे हुए)
  • उबले अंडे – 2 (वैकल्पिक)
  • घी – 3 बड़े चम्मच
  • तेल – 4 बड़े चम्मच
  • दही – ½ कप
  • प्याज – 2 बड़े (बारीक कटे हुए)
  • टमाटर – 1 (बारीक कटे हुए)
  • दूध – ¼ कप
  • केसर – ½ छोटा चम्मच (गर्म दूध में घोला हुआ)

साबुत मसाले:

  • तेज पत्ता – 2
  • बड़ी इलायची – 2
  • छोटी इलायची – 3-4
  • लौंग – 5-6
  • दालचीनी स्टिक – 1 इंच
  • जावित्री – 1 टुकड़ा
  • जायफल पाउडर – ¼ छोटा चम्मच
  • शाही जीरा – 1 छोटा चम्मच

पिसे हुए मसाले:

  • धनिया पाउडर – 1 छोटा चम्मच
  • लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
  • हल्दी पाउडर – ½ छोटा चम्मच
  • गर्म मसाला – ½ छोटा चम्मच
  • नमक – स्वादानुसार

अन्य सामग्री:

  • केवड़ा पानी – 1 छोटा चम्मच
  • गुलाब जल – ½ छोटा चम्मच
  • भुनी हुई प्याज (बिरिस्ता) – ½ कप
  • पुदीना और धनिया पत्ती – ½ कप (बारीक कटी हुई)

कोलकाता बिरयानी बनाने की विधि:

Delicious Recipe of Kolkata Biryani

चरण 1: चावल पकाने की तैयारी

  1. सबसे पहले, बासमती चावल को 30 मिनट के लिए पानी में भिगो दें।
  2. एक बड़े भगोने में 6-7 कप पानी उबालें और उसमें तेज पत्ता, बड़ी इलायची, छोटी इलायची, लौंग, दालचीनी और शाही जीरा डाल दें।
  3. अब इसमें भीगे हुए चावल और थोड़ा सा नमक डालें और 80% तक पकने दें।
  4. चावल पकने के बाद इसे तुरंत छान लें और एक तरफ रख दें।

चरण 2: चिकन और आलू पकाना

  1. एक कढ़ाई में 2 बड़े चम्मच तेल गर्म करें और उसमें कटे हुए आलू डालकर सुनहरा होने तक भून लें।
  2. अब इन्हें निकालकर अलग रख दें।
  3. उसी कढ़ाई में घी डालें और उसमें प्याज डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
  4. फिर टमाटर डालें और नरम होने तक पकाएं।
  5. अब इसमें दही, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक डालें।
  6. चिकन के टुकड़े डालें और अच्छी तरह मसालों के साथ मिलाकर 10-15 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
  7. भुने हुए आलू डालें और इसे ढककर 10 मिनट तक पकाएं।
  8. जब चिकन अच्छी तरह गल जाए और ग्रेवी गाढ़ी हो जाए, तो गैस बंद कर दें।

चरण 3: बिरयानी की परतें जमाना

  1. एक बड़े भगोने या हैंडी में घी लगाएं और उसमें सबसे पहले आधा चावल फैलाएं।
  2. अब चिकन और आलू की लेयर लगाएं।
  3. फिर ऊपर से भुनी हुई प्याज, पुदीना और धनिया पत्ती डालें।
  4. अब केसर वाला दूध, केवड़ा पानी और गुलाब जल डालें।
  5. इसके ऊपर बचा हुआ चावल फैला दें और फिर से पुदीना, धनिया और केसर दूध डालें।
  6. ऊपर से थोड़ा घी डालें और ढक्कन लगाकर धीमी आंच पर 20-25 मिनट दम पर पकाएं।

चरण 4: परोसने की तैयारी

  1. Kolkata Biryani को 10 मिनट तक ढक्कन बंद रखकर रहने दें, ताकि उसमें अच्छे से स्वाद आ जाए।
  2. अब इसे हल्के हाथों से मिलाएं और गरमा-गरम रायते या सादे दही के साथ परोसें।

कोलकाता बिरयानी की खास बातें

  1. Kolkata Biryani आलू का उपयोग किया जाता है, जो इसे अन्य बिरयानी से अलग बनाता है।
  2. यह हल्के और सुगंधित मसालों में बनाई जाती है, जिससे इसका स्वाद बहुत खास और शाही होता है।
  3. Kolkata Biryani केवड़ा पानी और गुलाब जल का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी सुगंध लाजवाब होती है।
  4. इस बिरयानी में अंडे भी डाले जाते हैं, जो इसे और भी स्वादिष्ट बनाते हैं।

बिरयानी को और स्वादिष्ट बनाने के टिप्स

  • बासमती चावल हमेशा अच्छे ब्रांड का लें, ताकि दाने लंबे और सुगंधित रहें।
  • चावल को 80% तक ही पकाएं, क्योंकि बाद में दम पर यह पूरी तरह से पक जाएगा।
  • मसाले अच्छे से भूनें ताकि बिरयानी का स्वाद बढ़िया आए।
  • अगर आपको और ज्यादा स्वादिष्ट बिरयानी चाहिए तो इसमें थोड़ा सा मेवा (काजू और किशमिश) भी डाल सकते हैं।
  • इसे हमेशा दम पर पकाएं, ताकि सभी मसाले अच्छे से चावल में मिल जाएं।

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Delicious Recipe of Kolkata Biryani

कोलकाता बिरयानी को परोसने के तरीके

Kolkata Biryani को रायते, सलाद या बूंदी रायता के साथ परोसा जाता है। आप इसके साथ मिर्च का अचार और प्याज के लच्छे भी रख सकते हैं।

निष्कर्ष

Kolkata Biryani अपनी खास खुशबू, हल्के मसाले और आलू के अनोखे स्वाद के लिए जानी जाती है। Kolkata Biryani बनाना आसान है, लेकिन अगर आप इसे सही तरीके से बनाएंगे तो इसका स्वाद बेहद लाजवाब होगा। इस रेसिपी को एक बार जरूर आजमाएं और शाही स्वाद का आनंद लें।

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PM Modi के सुझाव और FSSAI की डाइट टिप्स!

PM Modi: मोटापा भारत और विश्वभर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। यह डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी कई गंभीर बीमारियों से जुड़ा हुआ है। इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जोर देकर कहा कि मोटापे को छोटे लेकिन निरंतर प्रयासों के माध्यम से कम किया जा सकता है। इस दिशा में, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने संतुलित आहार बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो वजन प्रबंधन और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।

छोटे कदम, बड़ा प्रभाव: मोटापे से बचाव के लिए PM Modi की सलाह

PM Modi हमेशा स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर जोर देते आए हैं। उनका मानना है कि मोटापे को नियंत्रित करने के लिए छोटे-छोटे, लेकिन प्रभावी बदलाव करना आवश्यक है, बजाय इसके कि लोग अचानक कठोर और अस्थायी उपाय अपनाएं। उनके बताए गए कुछ महत्वपूर्ण छोटे कदम इस प्रकार हैं:

PM Modi's suggestions and FSSAI's diet tips!
  1. सतर्कता से भोजन करें: शरीर की भूख के संकेतों को समझें और आवश्यकता से अधिक खाने से बचें। धीरे-धीरे और सही ढंग से चबाकर खाने से पाचन बेहतर होता है और अधिक खाने से बचा जा सकता है।
  2. नियमित शारीरिक गतिविधि: रोज़मर्रा की गतिविधियों में सरल व्यायाम जैसे चलना, योग और स्ट्रेचिंग शामिल करने से कैलोरी बर्न होती है और मेटाबॉलिज़म संतुलित रहता है।
  3. प्रोसेस्ड फूड से बचाव: जंक फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने से शरीर को अतिरिक्त वसा और शुगर से बचाया जा सकता है।
  4. पर्याप्त पानी पिएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से भूख पर नियंत्रण रहता है, पाचन क्रिया सुधरती है और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
  5. अच्छी नींद लें: अपर्याप्त नींद हार्मोन असंतुलन का कारण बनती है, जिससे भूख और वजन बढ़ सकता है। रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना आवश्यक है।
  6. तनाव प्रबंधन: तनाव के कारण अत्यधिक खाने की आदत विकसित हो सकती है। मेडिटेशन, गहरी सांस लेने के अभ्यास और शौक पूरा करने से तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है।

PM Modi: वजन नियंत्रण के लिए FSSAI का संतुलित आहार मार्गदर्शन

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का उद्देश्य लोगों को सही पोषण के बारे में जागरूक करना है। उनके अनुसार, संतुलित आहार में सभी आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन और खनिज सही मात्रा में शामिल होने चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ रहे और वजन नियंत्रित किया जा सके।

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1. PM Modi: उचित मात्रा में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का संतुलन

PM Modi: संतुलित आहार में तीन प्रमुख पोषक तत्व होते हैं—कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा। इनका सही अनुपात में सेवन करने से ऊर्जा स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है और स्वस्थ वजन घटाने में सहायता मिलती है।

  • कार्बोहाइड्रेट (50-55%): साबुत अनाज, फल और सब्जियों जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट को प्राथमिकता दें और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट (जैसे सफेद ब्रेड और मीठे स्नैक्स) से बचें।
  • प्रोटीन (15-20%): प्रोटीन के अच्छे स्रोतों जैसे दालें, मछली, अंडे, पनीर और टोफू का सेवन करें ताकि मांसपेशियों की मरम्मत हो सके और लंबे समय तक पेट भरा महसूस हो।
  • वसा (20-30%): बादाम, बीज, जैतून का तेल और एवोकाडो जैसे स्वस्थ वसा का सेवन करें और तली-भुनी तथा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में मौजूद ट्रांस फैट से बचें।

2. भाग नियंत्रण और भोजन के समय का ध्यान

PM Modi's suggestions and FSSAI's diet tips!

अत्यधिक भोजन से बचने के लिए संतुलित मात्रा में भोजन करना आवश्यक है। FSSAI छोटे-छोटे अंतराल पर भोजन करने की सलाह देता है:

  • नाश्ता: दिन की शुरुआत प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा से भरपूर नाश्ते से करें।
  • दोपहर का भोजन: साबुत अनाज, सब्जियों और दुबले प्रोटीन के साथ संतुलित आहार लें।
  • रात का भोजन: रात का खाना हल्का रखें और देर रात भारी भोजन करने से बचें ताकि पाचन तंत्र ठीक से काम कर सके।
  • स्वस्थ स्नैक्स: अनहेल्दी स्नैक्स की जगह नट्स, दही और फल खाएं।

3. शरीर के लिए आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स

PM Modi: वजन प्रबंधन और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखने में विटामिन और खनिज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। FSSAI निम्नलिखित आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की अनुशंसा करता है:

  • विटामिन डी और कैल्शियम: हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक; दूध, हरी पत्तेदार सब्जियों और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।
  • आयरन और जिंक: शरीर में ऑक्सीजन परिवहन और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए आवश्यक; दालें, नट्स और दुबला मांस इसका अच्छा स्रोत हैं।
  • फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट: पाचन सुधारने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं; यह फल, सब्जियां और साबुत अनाज में पाए जाते हैं।

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4. PM Modi: हाइड्रेशन और डिटॉक्सिफिकेशन

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना (कम से कम 8-10 गिलास प्रतिदिन) वजन नियंत्रण के लिए आवश्यक है। FSSAI बिना अतिरिक्त शक्कर के हर्बल चाय और ताजे फलों के रस के सेवन की भी सलाह देता है, जिससे शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन बेहतर होता है।

निष्कर्ष

PM Modi द्वारा सुझाए गए छोटे लेकिन प्रभावी जीवनशैली परिवर्तन, और FSSAI के वैज्ञानिक आहार दिशानिर्देश, मोटापे से लड़ने में मदद कर सकते हैं। सही खानपान की आदतें अपनाकर, नियमित शारीरिक गतिविधि को शामिल करके और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेकर, लोग अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं और बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं। इन छोटे कदमों को लगातार अपनाने से दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ और मोटापे से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है।

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Sikandar के बाद, सलमान की 1000 करोड़ी तैयारी?

Sikandar– सलमान खान, बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक, हमेशा अपनी बड़ी फिल्मों और भारी बॉक्स-ऑफिस कलेक्शन के लिए चर्चा में रहते हैं। तीन दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने बॉलीवुड को कुछ सबसे बड़ी हिट फिल्में दी हैं। लेकिन अब चर्चा उनके अगले बड़े प्रोजेक्ट Sikandar को लेकर है। इस फिल्म का क्या हुआ? क्या यह अभी भी बन रही है? और सबसे महत्वपूर्ण बात, क्या सलमान खान 1000 करोड़ की ब्लॉकबस्टर देने की तैयारी कर रहे हैं? आइए जानते हैं Sikandar के पीछे की कहानी और इसका बॉलीवुड के बॉक्स ऑफिस पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

Sikandar: वो ड्रीम प्रोजेक्ट जो गायब हो गया?

Sikandar की खबरें सबसे पहले तब आईं जब पता चला कि साजिद नाडियाडवाला, जो बॉलीवुड के सबसे सफल प्रोड्यूसर्स में से एक हैं, सलमान खान के साथ एक भव्य प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को निर्देशित करने वाले थे ए. आर. मुरुगदोस, जो गजनी और हॉलीडे जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। यह सहयोग एक सिनेमाई महाकाव्य होने की उम्मीद थी, और फैंस इसे लेकर काफी उत्साहित थे।

After Sikandar, Salman preparing for 1000 crore film?

हालांकि, समय बीतने के साथ, Sikandar गायब सा हो गया। न तो कोई आधिकारिक घोषणा हुई, न कोई शूटिंग अपडेट, और न ही सलमान खान या उनकी टीम की ओर से कोई खबर आई। अफवाहें फैलने लगीं—क्या यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया, या फिर कुछ वजहों से इसमें देरी हो रही है?

Sikandar में देरी क्यों हुई?

कुछ कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से Sikandar में देरी हुई या इसे रोका गया:

  1. स्क्रिप्ट और क्रिएटिव अंतर – बॉलीवुड फिल्मों में अक्सर स्क्रिप्ट में बदलाव किए जाते हैं। यदि सलमान खान को स्क्रिप्ट या फिल्म की दिशा पसंद नहीं आई, तो यह प्रोजेक्ट फिलहाल रोक दिया गया हो सकता है
  2. बॉक्स ऑफिस ट्रेंड्स – महामारी के बाद से दर्शकों की पसंद में काफी बदलाव आया है। कई बड़े बजट की फिल्मों की असफलता के कारण मेकर्स इस फिल्म के कांसेप्ट पर फिर से विचार कर रहे होंगे।
  3. सलमान खान का व्यस्त शेड्यूल – सलमान पहले से ही टाइगर 3 और कभी ईद कभी दीवाली (अब किसी का भाई किसी की जान) जैसी फिल्मों में व्यस्त थे। शायद उनके व्यस्त कार्यक्रम की वजह से यह फिल्म अभी रुकी हुई है
  4. बजट और प्रोडक्शन चुनौतियाँ – इतनी बड़ी फिल्म बनाने के लिए भारी निवेश की जरूरत होती है। हो सकता है कि बॉक्स ऑफिस की अनिश्चितताओं के कारण प्रोड्यूसर्स बजट को लेकर सावधान हो गए हों।

बड़ी वापसी: 1000 करोड़ की फिल्म की तैयारी?

जबकि Sikandar को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है, इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि सलमान खान कुछ और भी बड़ा करने की योजना बना रहे हैं—एक ऐसी फिल्म जो बॉक्स ऑफिस के सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है और 1000 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकती है

जैसे पठान और जवान ने बॉलीवुड में नए बेंचमार्क सेट किए हैं, सलमान खान अब एक ऐसी स्क्रिप्ट की तलाश में हैं जो इनसे भी बड़ी हिट साबित हो। उनकी अगली फिल्म को 1000 करोड़ की ब्लॉकबस्टर बनाने के लिए कुछ अहम फैक्टर्स होंगे:

1. पैन-इंडिया अप्रोच

केजीएफ: चैप्टर 2, आरआरआर और जवान की सफलता ने दिखाया है कि पैन-इंडिया फिल्में भविष्य हैं। अगर सलमान की अगली फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम बाजारों में अच्छी तरह रिलीज होती है, तो यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग कमाई कर सकती है

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2. दमदार डायरेक्टर-प्रोड्यूसर टीम

एस. एस. राजामौली, एटली और सुकुमार जैसे डायरेक्टर्स ने साबित कर दिया है कि एक फिल्म की सफलता में निर्देशक की बहुत अहम भूमिका होती है। यदि सलमान किसी दिग्गज निर्देशक के साथ काम करते हैं, तो यह फिल्म ग्लोबल लेवल पर पहचान बना सकती है

3. हाई-ऑक्टेन एक्शन और वीएफएक्स

आज के दर्शक हॉलीवुड लेवल के वीएफएक्स और एक्शन की उम्मीद करते हैं। सलमान खान की सबसे बड़ी हिट फिल्मों (टाइगर ज़िंदा है, किक, बजरंगी भाईजान) में बड़े पैमाने पर एक्शन और इमोशन का मिश्रण था। अगर उनकी अगली फिल्म अत्याधुनिक वीएफएक्स और जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस के साथ आए, तो यह बॉक्स ऑफिस पर छा सकती है।

4. ग्लोबल रिलीज रणनीति

अब भारतीय फिल्में सिर्फ बॉलीवुड तक सीमित नहीं हैं। यदि सलमान की अगली फिल्म को चीन, मिडिल ईस्ट और पश्चिमी देशों में सही तरीके से प्रमोट किया जाए, तो यह फिल्म ऐतिहासिक कमाई कर सकती है

सलमान खान की बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस: क्या 1000 करोड़ संभव है?

सलमान खान ने पहले भी बॉक्स ऑफिस पर बड़े-बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं। उनकी कुछ सबसे बड़ी हिट्स हैं:

  • बजरंगी भाईजान (₹900+ करोड़ वर्ल्डवाइड)
  • सुल्तान (₹600+ करोड़ वर्ल्डवाइड)
  • टाइगर ज़िंदा है (₹565+ करोड़ वर्ल्डवाइड)
  • किक (₹377+ करोड़ वर्ल्डवाइड)
  • भारत (₹325+ करोड़ वर्ल्डवाइड)

इस ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर सलमान सही स्क्रिप्ट और डायरेक्टर चुनते हैं, तो वह 1000 करोड़ क्लब में शामिल हो सकते हैं।

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यह फिल्म किस बारे में हो सकती है?

अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन अफवाहों की मानें तो सलमान खान की अगली फिल्म एक जबरदस्त एक्शन थ्रिलर या ऐतिहासिक युद्ध फिल्म हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में माइथोलॉजिकल ड्रामा की भी चर्चा है, जो हाल ही में आदिपुरुष और ब्रह्मास्त्र जैसी फिल्मों के चलते ट्रेंड में है।

एक और संभावना यह भी है कि Sikandar ही फिर से रिवाइव किया जाए, लेकिन इस बार और बड़े स्तर पर, नई कहानी के साथ और जबरदस्त बजट के साथ

क्या सलमान खान 1000 करोड़ का जादू चला पाएंगे?

जहाँ Sikandar की किस्मत अब भी अज्ञात है, यह तो तय है कि सलमान खान बॉलीवुड में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं

अगर वह सही स्क्रिप्ट चुनते हैं, बड़े बजट के साथ पैन-इंडिया अप्रोच अपनाते हैं, और एक दमदार डायरेक्टर के साथ काम करते हैं, तो सलमान खान की अगली फिल्म बॉलीवुड के इतिहास की सबसे बड़ी हिट साबित हो सकती है

अब देखना यह है कि सलमान खान कब इस बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा करते हैं, और क्या यह 1000 करोड़ क्लब का नया बादशाह बन सकता है!

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Puttu बनाने की सम्पूर्ण विधि: एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजन

Puttu एक प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जिसे चावल के आटे और ताजे नारियल से बनाया जाता है। यह हल्का, पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है, जिसे पारंपरिक रूप से स्टीम करके तैयार किया जाता है। इस लेख में Puttu बनाने की पूरी विधि, आवश्यक सामग्री और सर्व करने के विकल्पों के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही, Puttu के स्वास्थ्य लाभ और इसके विविधता से जुड़ी जानकारी भी दी गई है, जिससे आप इसे घर पर आसानी से बना सकते हैं और इसका लुत्फ उठा सकते हैं।

Puttu एक लोकप्रिय दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जो विशेष रूप से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटका में पसंद किया जाता है। यह विशेष रूप से नाश्ते के रूप में तैयार किया जाता है, लेकिन इसे हल्के भोजन के रूप में भी खाया जा सकता है। पुट्टु मुख्य रूप से चावल के आटे और नारियल के मिश्रण से बनता है और इसे स्टीम करके पकाया जाता है। यह स्वाद में हल्का, पौष्टिक और ताजगी से भरा होता है। इसे पारंपरिक तरीके से एक विशेष Puttu मेकर में तैयार किया जाता है। आइए, Puttu बनाने की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से जानते हैं।

पुट्टु बनाने की सामग्री:

Puttu Banane Ki Sampoorna Vidhi

सामग्री (2-3 लोगों के लिए):

  • 1 कप चावल का आटा (पूरे अनाज का चावल आटा इस्तेमाल करें, इससे पुट्टु का स्वाद बढ़ता है)
  • 1/2 कप ताजा नारियल (कसा हुआ)
  • 1/2 चम्मच नमक
  • 1/2 कप पानी (आवश्यकतानुसार)
  • 1/2 चम्मच शक्कर (वैकल्पिक, स्वाद अनुसार)

पुट्टु सर्व करने के लिए:

  • शक्कर या गुड़ (स्वाद अनुसार)
  • नारियल की चटनी (वैकल्पिक)

पुट्टु बनाने की विधि:

1. पुट्टु आटा तैयार करना:

सबसे पहले, चावल के आटे और ताजे नारियल को अच्छे से मिला लें। अगर आप Puttu को स्वादिष्ट बनाना चाहते हैं, तो ताजे नारियल का इस्तेमाल करें। नारियल के छोटे टुकड़े आटे में अच्छे से मिलाने से यह पुट्टु को एक शानदार स्वाद देगा।

  1. चावल का आटा और नारियल का मिश्रण: एक बड़े बर्तन में चावल का आटा और कसा हुआ नारियल डालें। अच्छे से मिला लें ताकि दोनों एकसाथ मिल जाएं। नारियल की मात्रा कम या ज्यादा आप अपनी पसंद के अनुसार घटा-बढ़ा सकते हैं।
  2. नमक डालना: अब मिश्रण में स्वाद के अनुसार नमक डालें। यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि नमक से Puttu का स्वाद संतुलित होता है।
  3. पानी डालना: धीरे-धीरे पानी डालते हुए आटे को गूंथ लें। आटा न ज्यादा गीला होना चाहिए और न ही बहुत सूखा। आटे की बनावट थोड़ी गीली रेत जैसी होनी चाहिए, जो आसानी से हाथ से दबने पर चिपक जाए।

2. पुट्टु बनाने के लिए पुट्टु मेकर का उपयोग करना:

Puttu को पारंपरिक रूप से एक पुट्टु मेकर में तैयार किया जाता है। पुट्टु मेकर में कई भाग होते हैं, जिनमें नीचे से आटा डालने के लिए एक ट्यूब होती है, और ऊपर से स्टीम को प्रवेश करने के लिए एक ढक्कन होता है। पुट्टु मेकर को कैसे इस्तेमाल करना है, यह जानना जरूरी है।

Puttu Banane Ki Sampoorna Vidhi
  1. पुट्टु मेकर तैयार करें: Puttu मेकर को अच्छे से धोकर सुखा लें। इसके निचले हिस्से में थोड़ी सी पानी भरें ताकि स्टीम उत्पन्न हो सके।
  2. आटा डालना: पुट्टु मेकर के ट्यूब में सबसे पहले थोड़ी सी ताजी नारियल की परत डालें। इसके ऊपर थोड़ा सा आटा डालें। फिर से नारियल की परत डालें और फिर आटा। इस प्रक्रिया को दोहराते हुए, ट्यूब को भरें, लेकिन ध्यान रखें कि आटा ज्यादा भरकर न डालें क्योंकि स्टीम को अच्छे से चलने की जगह चाहिए।
  3. पुट्टु मेकर को स्टीम करना: Puttu मेकर को स्टीम करने के लिए गैस पर रख दें और ढक्कन बंद कर दें। लगभग 10-12 मिनट तक स्टीम होने दें। पुट्टु पकने के बाद, उसमें से स्वादिष्ट और खुशबूदार पुट्टु तैयार हो जाएगा।

3. पुट्टु को बाहर निकालना और सर्व करना:

स्टीम होने के बाद, Puttu मेकर से पुट्टु को सावधानीपूर्वक बाहर निकालें। गर्म पुट्टु को किसी प्लेट पर निकालें और इसे अपनी पसंदीदा चटनी या गुड़ के साथ सर्व करें। पुट्टु को शक्कर या गुड़ के साथ भी खा सकते हैं, जो इसे और भी स्वादिष्ट बनाता है।

पुट्टु के साथ सर्व करने के विकल्प:

  1. नारियल की चटनी: पुट्टु को सबसे ज्यादा नारियल की चटनी के साथ सर्व किया जाता है। नारियल की चटनी बनाने के लिए ताजे नारियल, हरी मिर्च, अदरक, और जीरा को पीसकर तैयार किया जाता है। इसमें थोड़ा नमक और नींबू का रस डालकर स्वाद बढ़ा सकते हैं।
  2. गुड़ या शक्कर: यदि आप पुट्टु को मीठा पसंद करते हैं, तो इसे गुड़ या शक्कर के साथ खा सकते हैं। यह एक पारंपरिक तरीका है और दक्षिण भारत में यह काफी लोकप्रिय है।
  3. दाल या करी: कुछ लोग पुट्टु को दाल या करी के साथ भी सर्व करते हैं। खासकर, कोझिकोड (केरल) में इसे मसालेदार करी के साथ खाया जाता है।
  4. प्याज और टमाटर का सलाद: पुट्टु को हल्का और ताजगी से भरा रखने के लिए प्याज और टमाटर का सलाद भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें थोड़ा सा नींबू, हरा धनिया और काली मिर्च डालकर इसका स्वाद बढ़ाया जा सकता है।

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पुट्टु बनाने के फायदे:

  1. पौष्टिकता: पुट्टु चावल के आटे और नारियल से तैयार होता है, जो पोषण से भरपूर होते हैं। चावल का आटा ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है, जबकि नारियल में फाइबर, स्वस्थ वसा और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
  2. हल्का और पचने में आसान: पुट्टु हल्का और पचने में आसान होता है, इसलिए यह नाश्ते के लिए एक आदर्श विकल्प है। यह पेट को भरने के साथ ही वजन नियंत्रित रखने में मदद करता है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: पुट्टु में मौजूद नारियल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, चावल के आटे में जिंक और आयरन जैसे खनिज भी पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए अच्छे होते हैं।
  4. फाइबर से भरपूर: पुट्टु में मौजूद नारियल और चावल दोनों में ही फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को सुधारने और पेट साफ रखने में मदद करता है।

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पुट्टु से जुड़ी कुछ रोचक बातें:

  • पुट्टु की उत्पत्ति दक्षिण भारत के केरल राज्य से मानी जाती है, लेकिन यह तमिलनाडु, कर्नाटका और श्रीलंका में भी प्रचलित है।
  • पारंपरिक रूप से, पुट्टु को बांस के लंबे ट्यूब में पकाया जाता था, लेकिन आजकल इसे स्टेनलेस स्टील के पुट्टु मेकर में पकाया जाता है।
  • पुट्टु का आकार भी अलग-अलग हो सकता है; कुछ जगहों पर इसे छोटा और गोल आकार दिया जाता है, जबकि कुछ जगहों पर इसे लंबा और मोटा पकाया जाता है।
  • पुट्टु का सेवन विशेष रूप से दक्षिण भारतीय त्योहारों और अवसरों पर किया जाता है।

निष्कर्ष:

पुट्टु एक सरल और स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जिसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। इसकी पौष्टिकता और स्वाद इसे एक आदर्श नाश्ता बनाते हैं। पुट्टु का स्वाद और रूप बदलने के लिए विभिन्न तरीकों से इसे सर्व किया जा सकता है। अगर आप स्वादिष्ट, हल्का और सेहतमंद नाश्ता तलाश रहे हैं, तो पुट्टु एक बेहतरीन विकल्प है।

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Puliyodharai (इमली चावल) बनाने की सम्पूर्ण विधि: एक स्वादिष्ट और पौष्टिक दक्षिण भारतीय व्यंजन

Puliyodharai (इमली चावल) एक प्रसिद्ध और स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जो इमली, मसालों, और ताजे तिल के मिश्रण से तैयार किया जाता है। यह खासकर तमिलनाडु, कर्नाटका, और आंध्र प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है। Puliyodharai व्यंजन की खासियत उसका खट्टापन और तीव्र मसाले होते हैं, जो इसे एक बेहतरीन स्वाद प्रदान करते हैं। इस लेख में Puliyodharai बनाने की पूरी विधि, सामग्री, और सर्व करने के विकल्पों के साथ-साथ इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी जानकारी दी गई है।

पुलियोधरई (इमली चावल) बनाने की सम्पूर्ण विधि

Puliyodharai (Tamarind Rice) Recipe

Puliyodharai (Puliogare) या इमली चावल दक्षिण भारतीय व्यंजन है जो अपनी खास खटास और तीव्र स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। यह खासकर तमिलनाडु, कर्नाटका, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोकप्रिय है। इसे चावल, इमली, मसाले और ताजे ताजे तिल के साथ पकाया जाता है, जो एक बेहतरीन स्वाद और पाचकता प्रदान करता है। पुलियोधरई आमतौर पर नाश्ते या लंच में खाया जाता है और इसे खासतौर पर त्योहारी अवसरों, पूजा या त्योहारों पर तैयार किया जाता है।

Puliyodharai व्यंजन ताजगी और पोषण से भरपूर होता है। इमली के खट्टेपन और मसालों की सही मिलावट इसे एकदम लाजवाब बनाती है। Puliyodharai को बनाने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है, लेकिन एक बार यह बन जाए तो इसके स्वाद को पाकर कोई भी खुश हो जाता है।

आइए, Puliyodharai बनाने की विस्तृत विधि और इसके सभी पहलुओं को समझते हैं।

पुलियोधरई बनाने की सामग्री:

सामग्री (4-5 लोगों के लिए):

  • चावल (Basmati या सामान्य): 1 कप (2-3 लोगों के लिए)
  • इमली: 1/4 कप (ताजे इमली का उपयोग करें या इमली का पेस्ट)
  • तलने के लिए तेल: 2-3 बड़े चम्मच
  • सरसों: 1/2 चम्मच
  • जीरा: 1/2 चम्मच
  • हल्दी: 1/4 चम्मच
  • मिर्च पाउडर (लाल): 1/2 चम्मच
  • धनिया पाउडर: 1 चम्मच
  • सौंफ: 1/2 चम्मच
  • तिल (तिल का पेस्ट): 2 चम्मच (ताजा तिल को भूनकर पेस्ट बना लें)
  • नींबू का रस (वैकल्पिक): 1 चम्मच
  • नमक: स्वाद अनुसार
  • पानी: इमली को उबालने के लिए
  • हिंग (असाफेटिडा): 1/4 चम्मच
  • काजू और मूंगफली (वैकल्पिक): 1/4 कप
  • करी पत्ते: 6-7 पत्तियां

पुलियोधरई बनाने की विधि:

1. चावल पकाना:

Puliyodharai बनाने के लिए सबसे पहले चावल को अच्छे से धोकर पका लें। चावल को हल्का नरम और फुला हुआ पकाना चाहिए।

  • चावल को पकाने का तरीका: एक बर्तन में 2 कप पानी और चावल डालकर उसे अच्छे से पकाएं। चावल पूरी तरह से पककर नरम हो जाए तो इसे छलने में डालकर अतिरिक्त पानी निकाल लें।

आप चाहें तो चावल को प्रेशर कुकर में भी पका सकते हैं। इसमें 2 सीटी लगाकर चावल पकाया जा सकता है। जब चावल तैयार हो जाएं तो इसे एक तरफ रख दें ताकि वह ठंडा हो सके।

2. इमली का पेस्ट तैयार करना:

Puliyodharai (Tamarind Rice) Recipe

इमली चावल के प्रमुख तत्व में इमली का खट्टापन होता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इमली को सही से तैयार किया जाए।

  • इमली को उबालना: एक बर्तन में इमली डालें और उसमें 1/2 कप पानी डालकर उबालें। 5-7 मिनट तक उबालने के बाद इमली को ठंडा होने दें।
  • इमली का पेस्ट बनाना: उबाली हुई इमली को हाथों से अच्छे से मसल लें ताकि उसका गूदा बाहर निकल आए। अब उस गूदे को छानकर उसका पेस्ट तैयार कर लें। अगर इमली का पेस्ट ज्यादा गाढ़ा हो तो थोड़ा पानी डालकर उसे पतला कर सकते हैं।

3. मसाला तैयार करना:

Puliyodharai का स्वाद मसालों और इमली के पेस्ट से आता है। यह मसाला पुलियोधरई को खास बनाता है।

  • तलना: एक कढ़ाई में 2-3 चम्मच तेल डालें और उसमें सरसों, जीरा, करी पत्ते और हिंग डालें। इसे थोड़ा भूनने के बाद, उसमें सौंफ, लाल मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर डालें। इसे अच्छे से मिला लें।
  • इमली का पेस्ट डालना: अब इस मसाले में इमली का पेस्ट डालें और उसे अच्छे से भूनने दें। जब इमली का पेस्ट थोड़ा गाढ़ा हो जाए और उसमें से खुशबू आने लगे तो समझिए कि मसाला तैयार है।
  • तिल का पेस्ट डालना: अब इस मिश्रण में तिल का पेस्ट डालें और उसे अच्छे से मिलाएं। तिल का पेस्ट Puliyodharai को एक विशेष स्वाद देता है।

4. चावल में मसाला मिलाना:

अब जब मसाला तैयार हो जाए और चावल भी ठंडे हो जाएं, तो दोनों को मिलाने का समय है।

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  • चावल में मसाला मिलाना: पके हुए चावलों को एक बड़े बर्तन में डालें और उसमें तैयार इमली और मसाले का मिश्रण डालें। इसे अच्छे से मिला लें ताकि मसाला पूरे चावल में समा जाए। आप चाहें तो थोड़ा सा नींबू का रस भी डाल सकते हैं ताकि खट्टापन और बढ़ जाए।
  • काजू और मूंगफली डालना (वैकल्पिक): अगर आप काजू और मूंगफली डालना चाहते हैं तो उन्हें तलकर चावल में मिला सकते हैं। यह चावलों को क्रंच और स्वाद देता है।

5. पुलियोधरई का अंतिम रूप:

Puliyodharai अब तैयार है। इसे आप परोसने से पहले कुछ देर के लिए ढककर रख सकते हैं ताकि सारे मसाले अच्छे से चावलों में समा जाएं और स्वाद पूरी तरह से विकसित हो।

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पुलियोधरई के साथ सर्व करने के विकल्प:

  • प्याज और टमाटर का सलाद: Puliyodharai के साथ एक हल्का सा सलाद भी परोसा जा सकता है। प्याज, टमाटर और हरी मिर्च का सलाद इस व्यंजन के स्वाद को और भी बढ़ा देता है।
  • नारियल की चटनी: यह चटनी Puliyodharai के खट्टेपन के साथ अच्छा तालमेल बैठाती है। नारियल, हरी मिर्च और ताजे धनिये से बनी चटनी का स्वाद पुलियोधरई के साथ बेहतरीन लगता है।
  • पापड़: Puliyodharai के साथ एक कुरकुरी पापड़ भी अच्छा लगता है, जो इसके स्वाद को बढ़ा देता है।

पुलियोधरई के स्वास्थ्य लाभ:

Puliyodharai (Tamarind Rice) Recipe
  1. पौष्टिकता से भरपूर: पुलियोधरई में चावल, तिल, मूंगफली और इमली होते हैं, जो प्रोटीन, फाइबर, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण मिनरल्स से भरपूर होते हैं।
  2. पाचन में मदद: इमली और ताजे मसाले पाचन को उत्तेजित करते हैं और आंतों की सफाई में मदद करते हैं। पुलियोधरई पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक है।
  3. ऊर्जा का स्रोत: चावल एक अच्छा ऊर्जा का स्रोत है, जो दिनभर के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। तिल और मूंगफली से प्राप्त स्वस्थ वसा भी शरीर के लिए फायदेमंद होती है।
  4. वजन नियंत्रण: पुलियोधरई का सेवन यदि सीमित मात्रा में किया जाए तो यह वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है।

निष्कर्ष:

पुलियोधरई (इमली चावल) एक स्वादिष्ट और पौष्टिक दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जो किसी भी दिन के भोजन को विशेष बना सकता है। इमली के खट्टेपन, मसालों की तीव्रता और तिल के पेस्ट का संयोजन इस व्यंजन को अनोखा और स्वादिष्ट बनाता है। यह न केवल स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद है। इसे नाश्ते, लंच या विशेष अवसरों पर बनाया जा सकता है।

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केरला स्पेशल Kumbalangi Erissery (कद्दू करी) बनाने की पारंपरिक रेसिपी

केरला की पारंपरिक डिश Kumbalangi Erissery, जिसे कद्दू करी भी कहा जाता है, एक स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर व्यंजन है। यह डिश खासतौर पर ओणम और अन्य त्यौहारों में बनाई जाती है। इसमें कद्दू, नारियल और दाल का अनूठा मेल होता है, जो इसे बेहद लजीज बनाता है।

Kumbalangi Erissery रेसिपी में पीले कद्दू (पंपकिन) को अरहर दाल या मूंग दाल के साथ पकाया जाता है और इसे नारियल, लाल मिर्च और मसालों के साथ टेंपरिंग दी जाती है। यह एक हल्की लेकिन स्वादिष्ट सब्जी होती है जो केरला के साद्या (त्यौहार थाली) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है।

अगर आप दक्षिण भारतीय भोजन के शौकीन हैं और कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं तो Kumbalangi Erissery आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इसे चावल या अप्पम के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।

कुंबलंगी एरिशेरी (कद्दू करी) बनाने की विस्तृत रेसिपी

Kerala Special Kumbalangi Erissery

Kumbalangi Erissery, जिसे केरल के पारंपरिक व्यंजनों में गिना जाता है, एक स्वादिष्ट और पौष्टिक करी है। यह कद्दू (पंपकिन) और चना दाल (या लाल मसूर) से बनाई जाती है और इसमें नारियल तथा मसालों का बेहतरीन मिश्रण होता है। यह व्यंजन ओणम और विषु जैसे खास मौकों पर सद्या थाली में परोसा जाता है। Kumbalangi Erissery हल्का मीठा और मसालेदार स्वाद इसे अन्य करी से अलग बनाता है।

कुंबलंगी एरिशेरी (कद्दू करी) के लिए आवश्यक सामग्री

मुख्य सामग्री

  • कद्दू (पका हुआ) – 2 कप (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)
  • चना दाल – ½ कप (भिगोया हुआ)
  • हल्दी पाउडर – ½ चम्मच
  • लाल मिर्च पाउडर – ½ चम्मच
  • नमक – स्वादानुसार
  • पानी – 2 कप

नारियल पेस्ट के लिए

  • ताजा नारियल – ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
  • हरी मिर्च – 2 (कटी हुई)
  • जीरा – 1 चम्मच
  • पानी – 2-3 बड़े चम्मच (पीसने के लिए)

तड़के के लिए

  • नारियल तेल – 2 बड़े चम्मच
  • राई (सरसों के बीज) – 1 चम्मच
  • सूखी लाल मिर्च – 2
  • कड़ी पत्ता – 10-12 पत्ते
  • कद्दूकस किया हुआ नारियल – 2 बड़े चम्मच (भूनने के लिए)

कुंबलंगी एरिशेरी (कद्दू करी) बनाने की विधि

1. चना दाल पकाना

  1. सबसे पहले चना दाल को 30-40 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। इससे यह जल्दी पक जाएगी।
  2. अब एक प्रेशर कुकर में भीगी हुई चना दाल, 1 कप पानी, हल्दी पाउडर और थोड़ा सा नमक डालें।
  3. इसे मध्यम आंच पर 2-3 सीटी आने तक पकाएं, ताकि दाल अच्छी तरह नरम हो जाए।
  4. प्रेशर निकलने के बाद इसे अच्छे से मिला लें।

2. कद्दू पकाना

Kerala Special Kumbalangi Erissery
  1. एक कढ़ाई में कटे हुए कद्दू के टुकड़े डालें और इसमें 1 कप पानी डालें।
  2. इसमें थोड़ा सा नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कद्दू पूरी तरह नरम न हो जाए।
  3. कद्दू को हल्का सा मैश कर लें ताकि करी को एक अच्छी क्रीमी टेक्सचर मिले।

3. नारियल पेस्ट तैयार करना

  1. मिक्सर में कद्दूकस किया हुआ नारियल, हरी मिर्च और जीरा डालें।
  2. इसमें 2-3 चम्मच पानी डालकर एक चिकना पेस्ट बना लें।
  3. इस पेस्ट को कद्दू और दाल के मिश्रण में डालकर अच्छी तरह मिलाएं।

4. करी को तैयार करना

  1. अब इस मिश्रण को धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकाएं ताकि सभी फ्लेवर आपस में अच्छे से घुल जाएं।
  2. यदि करी ज्यादा गाढ़ी लगे, तो थोड़ा पानी डालकर इसे मनचाही कंसिस्टेंसी में ला सकते हैं।

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5. तड़का तैयार करना

  1. एक छोटे पैन में नारियल तेल गरम करें।
  2. इसमें सरसों के बीज डालें और उन्हें चटकने दें।
  3. अब सूखी लाल मिर्च और कड़ी पत्ता डालें और कुछ सेकंड के लिए भूनें।
  4. Kumbalangi Erissery बाद कद्दूकस किया हुआ नारियल डालें और इसे सुनहरा भूरा होने तक भूनें।
  5. इस तड़के को तैयार करी में डाल दें और अच्छे से मिला लें।

कुंबलंगी एरिशेरी को सर्व करने का तरीका

  • इसे गरम-गरम चावल के साथ परोसा जाता है।
  • इसे केरल सद्या थाली में सांभर, रसम, अवियल और अन्य व्यंजनों के साथ खाया जाता है।
  • Kumbalangi Erissery साथ पापड़ और अचार का स्वाद इसे और भी खास बना देता है।

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कुंबलंगी एरिशेरी बनाने के कुछ खास टिप्स

  1. असली केरल स्वाद पाने के लिए नारियल तेल का ही इस्तेमाल करें।
  2. करी को ज्यादा पतला न करें, यह थोड़ी गाढ़ी और क्रीमी होनी चाहिए।
  3. कद्दू को ज़्यादा मैश न करें, हल्का नरम होने दें ताकि उसका स्वाद और टेक्सचर बरकरार रहे।
  4. तड़के में नारियल को हल्का सुनहरा भूरा होने तक भूनें ताकि उसका स्वाद बढ़िया आए।

कुंबलंगी एरिशेरी के फायदे

Kerala Special Kumbalangi Erissery
  • कद्दू फाइबर, विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
  • नारियल और नारियल तेल हृदय के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
  • चना दाल प्रोटीन और आयरन का अच्छा स्रोत होती है।
  • Kumbalangi Erissery व्यंजन हल्का और सुपाच्य होता है, जिससे यह पाचन के लिए अच्छा रहता है।

निष्कर्ष

Kumbalangi Erissery एक पारंपरिक केरलियन करी है जो स्वाद, पोषण और सेहत का बेहतरीन मिश्रण है। नारियल और कद्दू के स्वाद के साथ इसमें जो हल्की मिठास और मसालों का संतुलन होता है, वह इसे एक अनोखा व्यंजन बनाता है। Kumbalangi Erissery बनाना आसान है और इसे आप रोज़ाना के खाने में भी शामिल कर सकते हैं। इस पारंपरिक रेसिपी को ट्राई करें और अपने खाने में केरल का स्वाद लाएं!

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iQOO Z10x होगा 11 अप्रैल को पेश, डिजाइन और फीचर्स आए सामने

टेक प्रेमियों और स्मार्टफोन के दीवानों, तैयार हो जाइए! iQOO अपने नवीनतम मिड-रेंज पावरहाउस iQOO Z10x को 11 अप्रैल, 2025 को लॉन्च करने जा रहा है। अत्याधुनिक परफॉर्मेंस, शानदार डिज़ाइन और प्रीमियम फीचर्स के साथ यह स्मार्टफोन पहले ही बाजार में धूम मचा रहा है।

iQOO Z10x: डिज़ाइन की पहली झलक

iQOO हमेशा से ही अपने आकर्षक स्मार्टफोन डिज़ाइन के लिए जाना जाता है, और iQOO Z10x इस परंपरा को जारी रखे हुए है। यह फोन प्रीमियम ग्लास बैक और एल्युमिनियम फ्रेम के साथ आएगा, जो इसे शानदार लुक देगा। फोन ऑब्सिडियन ब्लैक, ऑरोरा ब्लू और कॉस्मिक सिल्वर जैसे आकर्षक रंगों में उपलब्ध होगा।

डिस्प्ले

iQOO Z10x में 6.72-इंच की AMOLED डिस्प्ले होगी, जिसमें फुल HD+ रेजोल्यूशन (2400 x 1080 पिक्सल) दिया गया है। 120Hz रिफ्रेश रेट की मदद से यूजर्स को स्मूद स्क्रॉलिंग, बेहतरीन गेमिंग और शानदार मल्टीमीडिया अनुभव मिलेगा। इसके अलावा, HDR10+ सपोर्ट कलर एक्यूरेसी और कॉन्ट्रास्ट को बेहतर बनाएगा।

परफॉर्मेंस और हार्डवेयर

iQOO Z10x में दमदार Qualcomm Snapdragon 7 Gen 3 प्रोसेसर होगा, जो मल्टीटास्किंग, AI-एन्हांस्ड गेमिंग और तेज़ 5G कनेक्टिविटी के लिए शानदार प्रदर्शन देगा। यह फोन तीन अलग-अलग वेरिएंट में उपलब्ध होगा:

iQOO Z10x will be launched on April 11, design and features revealed
  • 6GB RAM + 128GB स्टोरेज
  • 8GB RAM + 256GB स्टोरेज
  • 12GB RAM + 512GB स्टोरेज

LPDDR5 RAM और UFS 3.1 स्टोरेज की मदद से फोन की स्पीड और स्मूथनेस जबरदस्त होगी।

बैटरी और चार्जिंग

iQOO के स्मार्टफोन हमेशा बेहतरीन बैटरी बैकअप के लिए जाने जाते हैं, और iQOO Z10x इस मामले में एक कदम आगे है। इसमें 6000mAh की विशाल बैटरी दी गई है, जिससे पूरे दिन बिना चार्ज किए आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

फोन 80W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है, जिससे बैटरी को 0% से 100% तक केवल 40 मिनट में चार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा, यह वायरलेस चार्जिंग और रिवर्स चार्जिंग को भी सपोर्ट करेगा।

कैमरा सेटअप: फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए शानदार विकल्प

iQOO Z10x में ट्रिपल-कैमरा सेटअप दिया गया है:

  • प्राइमरी सेंसर: 64MP (f/1.8, OIS) – उच्च-गुणवत्ता वाली इमेज कैप्चर करने के लिए ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइज़ेशन (OIS) के साथ।
  • अल्ट्रा-वाइड सेंसर: 12MP (f/2.2, 120° फील्ड ऑफ व्यू) – बेहतरीन लैंडस्केप और ग्रुप फोटोज़ के लिए।
  • मैक्रो सेंसर: 5MP (f/2.4) – शानदार क्लोज़-अप शॉट्स के लिए।

सेल्फी के लिए, फोन में 32MP का फ्रंट कैमरा दिया गया है, जो AI ब्यूटीफिकेशन और पोर्ट्रेट मोड के साथ आएगा। कैमरा सेटअप में 4K वीडियो रिकॉर्डिंग, नाइट मोड 2.0 और AI स्टेबलाइजेशन जैसे फीचर्स भी होंगे।

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सॉफ्टवेयर और यूजर एक्सपीरियंस

iQOO Z10x Funtouch OS 14 पर चलेगा, जो Android 14 पर आधारित होगा। कंपनी ने 3 साल के सॉफ़्टवेयर अपडेट्स और 4 साल के सिक्योरिटी पैच देने का वादा किया है, जिससे यह एक फ्यूचर-प्रूफ इन्वेस्टमेंट बनता है।

गेमिंग फीचर्स

गेमिंग के दीवानों के लिए, iQOO Z10x कई शानदार फीचर्स के साथ आएगा:

  • 4D गेम वाइब्रेशन: वास्तविक हप्टिक फीडबैक अनुभव के लिए।
  • डेडिकेटेड गेमिंग मोड: परफॉर्मेंस को बूस्ट करता है।
  • डुअल स्टीरियो स्पीकर: Hi-Res सर्टिफाइड ऑडियो एक्सपीरियंस के साथ।
  • लिक्विड कूलिंग सिस्टम: डिवाइस को ज़्यादा गर्म होने से बचाने के लिए।
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कनेक्टिविटी और अन्य फीचर्स

iQOO Z10x 5G सक्षम है और यह कई 5G बैंड को सपोर्ट करेगा। अन्य कनेक्टिविटी फीचर्स में शामिल हैं:

  • Wi-Fi 6 – सुपर-फास्ट इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए।
  • Bluetooth 5.3 – वायरलेस एक्सेसरीज से जुड़ने के लिए।
  • NFC सपोर्ट – कॉन्टैक्टलेस पेमेंट्स के लिए।
  • इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर – सिक्योरिटी के लिए।
  • डुअल SIM सपोर्ट
  • IP54 रेटिंग – धूल और पानी से सुरक्षा के लिए।

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संभावित कीमत और उपलब्धता

iQOO ने अभी आधिकारिक कीमत की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, iQOO Z10x की कीमत इस प्रकार हो सकती है:

  • 6GB + 128GB – लगभग $249 (₹20,000)
  • 8GB + 256GB – लगभग $299 (₹25,000)
  • 12GB + 512GB – लगभग $349 (₹30,000)

यह स्मार्टफोन 11 अप्रैल से iQOO की आधिकारिक वेबसाइट, Amazon और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होगा। शुरुआती खरीदारों को विशेष ऑफर्स और डिस्काउंट भी मिल सकते हैं।

अंतिम विचार

iQOO Z10x एक शानदार मिड-रेंज स्मार्टफोन साबित हो सकता है। इसका स्टाइलिश डिज़ाइन, दमदार प्रोसेसर, बेहतरीन बैटरी लाइफ और हाई-क्वालिटी कैमरा सेटअप इसे हर तरह के यूजर्स के लिए एक परफेक्ट ऑप्शन बनाता है। चाहे आप एक गेमिंग लवर हों, फोटोग्राफी के शौकीन हों, या एक पावरफुल डेली ड्राइवर की तलाश में हों, iQOO Z10x आपके लिए एक बेहतरीन चॉइस हो सकता है।

तो बने रहिए 11 अप्रैल को होने वाले आधिकारिक लॉन्च इवेंट के लिए, जहां हमें इस स्मार्टफोन के बारे में और भी जानकारी मिलेगी!

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शादी के बाद Sonakshi का खुलासा: ससुराल में कैसा है हाल?

Sonakshi; शादी किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है, खासकर एक महिला के लिए जो एक नए घर में कदम रखती है और नए रिश्तों को अपनाती है। बॉलीवुड अभिनेत्री Sonakshi सिन्हा, जिन्होंने हाल ही में शादी की, ने आखिरकार अपनी शादी के बाद की जिंदगी के बारे में बात की और बताया कि उनके ससुराल में उनका कैसा स्वागत हुआ। उनके फैंस और फॉलोअर्स यह जानने के लिए उत्सुक थे कि वह इस नए दौर में कैसे ढल रही हैं, और उनकी बातें सुनकर सभी को खुशी हुई।

शादी और उम्मीदें

Sonakshi सिन्हा, जो अपनी मजबूत ऑन-स्क्रीन उपस्थिति और जोशीली पर्सनालिटी के लिए जानी जाती हैं, ने एक भव्य शादी की थी। शादी की घोषणा के बाद से ही फैंस यह जानने के लिए बेताब थे कि उनकी शादीशुदा जिंदगी कैसी चल रही है। क्या वह अपने नए परिवार में सहज महसूस कर रही हैं? उनके सास-ससुर कैसे हैं? इन सवालों के जवाब अब सामने आ चुके हैं।

Sonakshi reveals after marriage: How is the situation in your in-laws' house?

शादी के बाद पहली बार बोलीं Sonakshi

शादी के बाद पहली बार Sonakshi ने अपनी ससुराल में जिंदगी के बारे में खुलकर बात की। एक खास इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि शादी के बाद उनका अनुभव कैसा रहा और एक बहू के रूप में उन्हें कैसा महसूस हो रहा है। उनकी बातें प्यार, खुशी और आभार से भरी हुई थीं।

“मुझे इतना प्यार करने वाला परिवार मिलने के लिए खुद को धन्य मानती हूँ। मेरे ससुराल वालों ने पहले दिन से ही मुझे बहुत समर्थन और स्नेह दिया है,” Sonakshi ने कहा। “शादी बदलाव लाती है, लेकिन जब आपके आसपास समझदार और देखभाल करने वाले लोग होते हैं, तो सब कुछ आसान हो जाता है।”

सास के साथ रिश्ता

बहू और सास के रिश्ते को लेकर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन Sonakshi के लिए यह रिश्ता बेहद खास और सुखदायक रहा।

“मेरी सास एक अद्भुत महिला हैं। उन्होंने मुझे खुली बाहों से अपनाया और मुझे हमेशा घर जैसा महसूस कराया। हमारे घर में पारंपरिक ‘सास-बहू’ का समीकरण नहीं है,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।

उन्होंने आगे बताया कि उनकी सास न केवल उनकी मार्गदर्शक हैं बल्कि एक अच्छी दोस्त भी हैं। वे दोनों एक मजबूत रिश्ता साझा करते हैं, जिसमें आपसी सम्मान और समझ है। वे साथ में रेसिपी एक्सचेंज करती हैं, फिल्में देखती हैं और दिल खोलकर बातें करती हैं।

“मैं उनसे कुछ भी बात कर सकती हूँ। मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाता कि मुझे बदलना चाहिए; बल्कि, वे मुझे अपने तरीके से जीने के लिए प्रेरित करती हैं,” Sonakshi ने बताया।

ससुर का समर्थन

कई महिलाओं के लिए ससुराल में ढलना मुश्किल हो सकता है, लेकिन Sonakshi अपने ससुर को इस बदलाव को आसान बनाने का श्रेय देती हैं।

“मेरे ससुर बेहद दयालु व्यक्ति हैं। वे मुझे अपनी बेटी की तरह मानते हैं और हमेशा मेरी खुशी और आराम का ख्याल रखते हैं,” उन्होंने कहा।

Sonakshi ने यह भी बताया कि उनके ससुर उनके करियर विकल्पों का सम्मान करते हैं और हर तरह से उनका समर्थन करते हैं। “वह हमेशा कहते हैं कि मेहनत करो और अपने सपनों को कभी मत छोड़ो। इस तरह का समर्थन मिलना बहुत मायने रखता है,” उन्होंने बताया।

Sonakshi reveals after marriage How is the situation in your in-laws' house

नई जिंदगी में ढलना

एक नए परिवार में एडजस्ट करना अपने आप में एक प्रक्रिया होती है, लेकिन Sonakshi का मानना है कि समझदारी और खुला संचार इसे आसान बनाते हैं।

“कुछ छोटे-छोटे बदलाव तो होते ही हैं—नई दिनचर्या अपनाना, अलग तरीकों को समझना—लेकिन मैंने कभी खुद को बाहरी महसूस नहीं किया। मेरे ससुराल वालों ने पहले दिन से ही मुझे परिवार का हिस्सा बना लिया,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी रिश्ते में सम्मान और स्पेस जरूरी होता है। “मेरे ससुराल वालों की सबसे अच्छी बात यह है कि वे मेरी व्यक्तिगतता का सम्मान करते हैं। वे मुझ पर कोई चीज थोपते नहीं हैं, बल्कि मुझे अपनी बात खुलकर कहने के लिए प्रेरित करते हैं,” उन्होंने जोड़ा।

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निजी और प्रोफेशनल जिंदगी में संतुलन

एक सफल अभिनेत्री होने के साथ-साथ निजी जिंदगी को संभालना मुश्किल हो सकता है, लेकिन Sonakshi को इस बात की खुशी है कि उनके ससुराल वाले उनके करियर को लेकर बेहद सहायक हैं।

“वे मेरे काम की प्रकृति को समझते हैं और कभी मुझे व्यस्त रहने के लिए दोषी महसूस नहीं कराते। मेरी सास अक्सर कहती हैं, ‘अपने सपनों को पूरा करो, हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं,’ और यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है,” Sonakshi ने भावुक होकर कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि उनका पति और ससुराल वाले सेट पर उनसे मिलने जाते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। “इस तरह का समर्थन मिलना दिल को सुकून देता है और निजी तथा पेशेवर जीवन को संतुलित करना आसान हो जाता है,” उन्होंने जोड़ा।

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त्योहारों और खास अवसरों का जश्न

Sonakshi ने यह भी बताया कि वह अपने नए परिवार के साथ त्योहार और खास मौके कितने उत्साह से मनाती हैं।

“हमारा पहला त्योहार साथ में मनाने का अनुभव अविस्मरणीय था। मेरी सास और मैंने मिलकर कई पारंपरिक व्यंजन बनाए, और मेरे ससुर ने यह सुनिश्चित किया कि हर कोई जश्न का हिस्सा बने। यह मेरे लिए घर जैसा अहसास था,” उन्होंने याद किया।

उन्होंने यह भी बताया कि उनका परिवार परंपराओं का सम्मान करता है, लेकिन आधुनिक सोच को भी अपनाता है। “हम ऐसे तरीके से त्योहार मनाते हैं जो परंपराओं का सम्मान भी करता है और नए विचारों के लिए भी जगह बनाता है। यह एक आदर्श संतुलन है,” उन्होंने कहा।

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नई बहुओं के लिए Sonakshi की सलाह

Sonakshi ने उन महिलाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं, जो शादी के बाद नए घर में प्रवेश कर रही हैं।

“हर परिवार अलग होता है, और समायोजन जीवन का एक हिस्सा है। मुख्य बात यह है कि खुले संचार, आपसी सम्मान और रिश्तों को समय देना बहुत जरूरी है। जब प्यार और सम्मान बुनियाद होते हैं, तो बाकी सब कुछ अपने आप ठीक हो जाता है,” उन्होंने कहा।

उन्होंने महिलाओं को बदलाव को सकारात्मक रूप से अपनाने की सलाह दी। “बदलाव कभी-कभी भारी लग सकता है, लेकिन यह नए अवसरों और खुशियों के दरवाजे भी खोलता है। इससे डरने की जरूरत नहीं है,” उन्होंने जोड़ा।

निष्कर्ष

Sonakshi सिन्हा की शादीशुदा जिंदगी एक प्रेरणा है कि प्यार, सम्मान और समझदारी से एक खुशहाल घर बनाया जा सकता है। पारंपरिक रूढ़ियों के विपरीत, उन्होंने एक ऐसा परिवार पाया है जो उन्हें अपनी बेटी की तरह मानता है।

उनकी कहानी यह दर्शाती है कि शादी केवल समझौते करने के बारे में नहीं है, बल्कि नए रिश्तों को खुले दिल से अपनाने के बारे में भी है। जब आपके आसपास सही लोग होते हैं, तो हर बदलाव एक आशीर्वाद की तरह महसूस होता है।

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Indian Railways: लंगर ट्रेन, भरपेट भोजन मिलेगा!

Indian Railways: Langar Train, you will get full meal!

कल्पना करें कि आप एक ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं, जहां ताजे पके हुए खाने की खुशबू हवा में फैल रही हो, और आपके साथ यात्रा करते हुए एकता और सहानुभूति की भावना सवारी कर रही हो। भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क में एक ऐसी विशेष ट्रेन है, जहां यात्री सिर्फ यात्री नहीं होते, बल्कि एक बड़े परिवार का हिस्सा होते हैं, जो एक साथ भोजन साझा करते हैं, जो एक बहुत ही दिल छूने वाली परंपरा—लंगर—के माध्यम से किया जाता है। जी हां, आपने सही पढ़ा!

इस ट्रेन में यात्रियों को मुफ्त में खाना परोसा जाता है, जो पूरी तरह से नि:स्वार्थ सेवा का प्रतीक है। हालांकि, इसका एक छोटा सा नियम है—आपको अपना प्लेट और कटोरी साथ लानी होगी!

Indian Railways: लंगर क्या है?

लंगर एक सदियों पुरानी परंपरा है, जो सिख धर्म से जुड़ी हुई है, जहां हर किसी को उनके जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव किए बिना मुफ्त भोजन दिया जाता है। यह शुभ कार्य गुरुद्वारों (सिख मंदिरों) में शुरू हुआ था और अब यह धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं को पार कर चुका है। लंगर का उद्देश्य समानता, नि:स्वार्थ सेवा और समुदाय सेवा के महत्व को दिखाना है। अब कल्पना करें कि आप इस परंपरा का अनुभव एक ट्रेन में यात्रा करते हुए करें—एक ऐसा अनुभव, जो हमेशा के लिए आपके साथ रहेगा।

लंगर देने वाली विशेष ट्रेन

Indian Railways Langar Train, you will get full meal!

Indian Railways: भारत में कुछ विशेष ट्रेनें हैं, जो धार्मिक यात्राओं से जुड़ी हुई हैं और जो यात्रियों को लंगर की सेवा प्रदान करती हैं। एक ऐसी ट्रेन है श्री माता वैष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस, जो तीर्थयात्रियों को पवित्र वैष्णो देवी मंदिर तक ले जाती है। एक और प्रसिद्ध ट्रेन है गोल्डन टेम्पल मेल, जो अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों के लिए है।

इन यात्राओं के दौरान, स्वयंसेवक या रेलवे स्टाफ यात्रियों को साधारण लेकिन स्वादिष्ट भोजन परोसते हैं, जिससे एकता और भक्ति की भावना मजबूत होती है। यह परंपरा केवल सिख तीर्थयात्रियों तक सीमित नहीं है; कोई भी यात्री इस दयालु भोजन सेवा का लाभ उठा सकता है।

मेनू में क्या होता है?

लंगर में परोसा जाने वाला भोजन सरल लेकिन स्वादिष्ट होता है। एक सामान्य लंगर भोजन में निम्नलिखित चीजें होती हैं:

  • दाल: एक पौष्टिक और स्वादिष्ट दाल, जो यात्रा के दौरान ऊर्जा देती है।
  • रोटी (चपाती): मुलायम, घर की बनी हुई रोटियां, जो दाल के साथ परफेक्ट होती हैं।
  • सब्जी: एक साधारण और स्वादिष्ट सब्जी, जो उपलब्धता के आधार पर बदल सकती है।
  • चावल: हल्के स्वाद वाले चावल, जो दाल और सब्जी के साथ अच्छे लगते हैं।
  • खीर (चावल का हलवा): कभी-कभी, यात्रियों को खीर के रूप में एक मीठा स्वादिष्ट भोजन भी मिलता है।
  • अचार और चटनी: खाने के साथ स्वाद को बढ़ाने के लिए अचार और चटनी दी जाती है।

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Indian Railways: प्लेट और कटोरी क्यों लानी चाहिए?

लंगर परंपरा में, यात्रियों से अपना प्लेट और कटोरी लाने के लिए कहा जाता है, जबकि सामान्य रेलवे खानपान सेवाओं में डिस्पोजेबल कंटेनरों का उपयोग होता है। यह परंपरा भोजन के प्रति सम्मान और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देती है। यह मदद करता है भोजन की बर्बादी को कम करने में और सुनिश्चित करता है कि सभी को संयमित तरीके से भोजन मिले।

सामुदायिक भावना और स्वयंसेवी सेवा

Indian Railways: लंगर सेवा का एक बहुत ही सुंदर पहलू यह है कि इसमें स्वयंसेवक सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। ये स्वयंसेवक अक्सर भक्त होते हैं, जो यात्रियों को भोजन परोसने, बर्तन साफ करने और सहायता प्रदान करने में अपना योगदान देते हैं। उनकी नि:स्वार्थ सेवा सिख धर्म के उन सिद्धांतों को दर्शाती है, जो गुरु नानक देव जी ने दिए थे—समानता और जरूरतमंदों की मदद करना।

Indian Railways: लंबी यात्राओं के दौरान, यह भोजन सेवा यात्रियों के बीच एकजुटता और सामूहिक भावना को बढ़ाती है। अजनबी एक-दूसरे के मित्र बन जाते हैं, और ट्रेन के डिब्बे में एक अपनापन महसूस होता है। बहुत से यात्रियों के लिए यह अनुभव सिर्फ भूख शांत करने का नहीं, बल्कि मुस्कान, कहानियों और अच्छे विचारों को साझा करने का होता है।

विश्वास और उदारता से भरी यात्रा

Indian Railways: बहुत से यात्रियों के लिए, खासकर जो तीर्थ यात्रा पर होते हैं, यह ट्रेन यात्रा सिर्फ एक गंतव्य तक पहुंचने का साधन नहीं होती, बल्कि यह विश्वास और भक्ति के अनुभव का हिस्सा होती है। चाहे वह मंत्रों का उच्चारण हो, एक-दूसरे की मदद करते हुए लोगों को देखना हो, या फिर वह साधारण लेकिन आत्मा को संतुष्ट करने वाला भोजन हो, हर पल में एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है।

Indian Railways Langar Train, you will get full meal!

यात्री अक्सर इस सेवा के लिए गहरी आभार व्यक्त करते हैं। कई लोग अतिरिक्त खाद्य सामग्री लाकर योगदान देते हैं, वितरण में मदद करते हैं, या इस महान पहल के बारे में दूसरों को बताते हैं। कुछ तो अपनी मंजिल पर पहुंचने के बाद गुरुद्वारों का दौरा करने का भी निर्णय लेते हैं, ताकि देने की परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके।

अधिक ट्रेनें लंगर सेवा को अपनाने की ओर

Indian Railways: हालाँकि यह परंपरा धार्मिक यात्राओं से जुड़ी कुछ ट्रेनों में अधिक सामान्य है, लेकिन इसके विस्तार की संभावनाएं बढ़ रही हैं। भारतीय रेलवे और चैरिटी संगठनों के सहयोग से, यह विचार किया जा रहा है कि अन्य लंबी दूरी की ट्रेनों में भी सामुदायिक भोजन सेवा शुरू की जाए, खासकर त्योहारों के दौरान या आपातकालीन स्थितियों में जैसे बाढ़ या लॉकडाउन के समय।

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Indian Railways: आप कैसे इस अनुभव का हिस्सा बन सकते हैं?

यदि आप इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  1. ट्रेन की उपलब्धता चेक करें: यदि आप तीर्थ यात्रा पर जा रहे हैं, तो चेक करें कि क्या आपकी ट्रेन लंगर सेवा प्रदान करती है।
  2. अपना बर्तन साथ लाएं: इस परंपरा का हिस्सा बनने के लिए एक साधारण प्लेट और कटोरी ही काफी हैं।
  3. सेवा का सम्मान करें: भोजन की बर्बादी से बचें और अपने नंबर आने पर धैर्य रखें।
  4. संभव हो तो स्वयंसेवक बनें: अगर अवसर मिले, तो भोजन परोसने में मदद करें—यह एक ऐसा अनुभव होगा जिसे आप हमेशा याद करेंगे।
  5. अनुभव साझा करें: इस महान सेवा के बारे में दूसरों को बताएं ताकि और लोग इसका लाभ उठा सकें।

निष्कर्ष

Indian Railways: भारतीय रेलवे सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं है; यह संस्कृति, परंपराओं और मानव संबंधों का एक अद्भुत संगम है। ट्रेनों में लंगर की परंपरा भारत की भावना को प्रकट करती है—विविधता में एकता, नि:स्वार्थता और साझा करने की खुशी। चाहे आप एक भक्त यात्री हों या एक साहसी यात्री, यह अद्वितीय अनुभव आपके दिल में एक स्थायी छाप छोड़ जाएगा।

तो अगली बार जब आप ऐसी किसी ट्रेन में सवार हों, जो लंगर सेवा प्रदान करती हो, तो अपना प्लेट और कटोरी जरूर साथ लाएं। आप केवल बर्तन ही नहीं, बल्कि करुणा और एकता की भावना भी साथ ले कर चलेंगे। शुभ यात्रा और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लें!

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Malaika Arora का दिल क्रिकेटर पर? फोटो वायरल!

Malaika Arora, जो अपनी शानदार खूबसूरती, बेहतरीन फैशन सेंस और दिलकश डांस मूव्स के लिए जानी जाती हैं, हमेशा ही मीडिया की सुर्खियों में बनी रहती हैं। उनकी हर हरकत, हर तस्वीर और हर पोस्ट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन जाती है। लेकिन इस बार इंटरनेट पर सनसनी तब मच गई जब उनकी एक वायरल तस्वीर ने एक नई अफवाह को जन्म दिया—क्या Malaika Arora को एक मशहूर क्रिकेटर से प्यार हो गया है?

वायरल तस्वीर जिसने फैलाई अफवाहें

सोशल मीडिया तब आग की तरह जल उठा जब Malaika Arora और एक अनजान शख्स की तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर में दोनों के बीच गजब की केमिस्ट्री, बेफिक्र हंसी और एक खास नजदीकी देखी जा सकती थी। फैंस और मीडिया हाउस ने तुरंत ही अनुमान लगाना शुरू कर दिया कि आखिर यह शख्स कौन है, और जल्द ही पता चला कि यह कोई और नहीं बल्कि एक मशहूर क्रिकेटर हैं जो हाल ही में अपनी शानदार परफॉर्मेंस के कारण चर्चा में रहे हैं।

Malaika Arora's heart is on a cricketer Photo goes viral!

कौन है यह क्रिकेटर?

हालांकि, Malaika Arora और उस क्रिकेटर ने इस वायरल तस्वीर पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इस रहस्य को सुलझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कुछ लोगों का मानना है कि तस्वीर में दिख रहे शख्स की शक्ल भारतीय क्रिकेट टीम के एक प्रमुख खिलाड़ी से मिलती-जुलती है।

कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि Malaika Arora और यह क्रिकेटर कई मौकों पर साथ देखे गए हैं, जिससे इन अफवाहों को और बल मिला है। लेकिन क्या इसमें कोई सच्चाई है या यह सिर्फ सोशल मीडिया की एक और कल्पना है?

Malaika Arora का प्यार भरा अतीत: एक नजर

Malaika Arora हमेशा से अपनी निजी जिंदगी के बारे में खुलकर बात करती रही हैं। उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता और निर्माता अरबाज खान से 19 साल तक शादी निभाई थी, लेकिन बाद में दोनों आपसी सहमति से अलग हो गए। तलाक के बाद, उन्होंने अभिनेता अर्जुन कपूर के साथ रिश्ते में रहने की पुष्टि की, और यह रिश्ता काफी चर्चा में रहा।

हालांकि, हाल ही में ऐसी खबरें आ रही हैं कि Malaika Arora और अर्जुन कपूर अब अलग हो चुके हैं, जिससे उनके कथित नए रिश्ते की अफवाहें और तेज हो गई हैं। अगर यह सच है, तो यह उनकी प्रेम कहानी का एक नया अध्याय होगा, जिसे लेकर उनके प्रशंसक बेहद उत्साहित हैं।

बॉलीवुड और क्रिकेट: एक पुरानी मोहब्बत की कहानी

बॉलीवुड और क्रिकेट के बीच रिश्ता कोई नया नहीं है। वर्षों से, कई क्रिकेटरों के नाम बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ जुड़े हैं और कुछ ने तो शादी तक कर ली है। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा, हार्दिक पांड्या और नताशा स्टैंकोविच जैसी जोड़ियां इसकी बेहतरीन मिसाल हैं।

अगर Malaika Arora सच में किसी क्रिकेटर को डेट कर रही हैं, तो वह भी उन बॉलीवुड हसीनाओं की लिस्ट में शामिल हो जाएंगी जिन्होंने क्रिकेट जगत में अपना प्यार ढूंढा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह रिश्ता वाकई में गंभीर है?

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फैंस की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर हंगामा

जैसे ही यह तस्वीर वायरल हुई, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ फैंस Malaika Arora को नए प्यार के लिए बधाई दे रहे थे, तो कुछ लोग इस खबर को लेकर संदेह जता रहे थे। ट्विटर, इंस्टाग्राम और रेडिट पर मीम्स, बहसें और चर्चाएं छा गईं।

सबसे चर्चित प्रतिक्रियाएं कुछ इस प्रकार थीं:

  • “Malaika Arora की पसंद हमेशा टॉप क्लास रही है! पहले अर्जुन कपूर और अब एक क्रिकेटर? वाह!”
  • “हो सकता है यह सिर्फ एक दोस्ताना मुलाकात हो, लेकिन सोशल मीडिया को तो मसाला चाहिए।”
  • “बॉलीवुड और क्रिकेट—यह जोड़ी हमेशा कमाल की लगती है!”
  • “क्या हम Malaika Arora को उनकी जिंदगी जीने नहीं दे सकते बिना कोई अफवाह फैलाए?”

मिश्रित प्रतिक्रियाओं के बावजूद, यह तो तय है कि इस कथित रोमांस की चर्चा अभी जल्द खत्म नहीं होने वाली।

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आगे क्या होगा? क्या Malaika Arora तोड़ेंगी चुप्पी?

फिलहाल, Malaika Arora ने इस वायरल तस्वीर और डेटिंग अफवाहों पर कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन वह जानती हैं कि कैसे अपने फैंस को उत्सुक बनाए रखना है।

उनके पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए, यह संभव है कि वह जल्द ही किसी इंटरव्यू या सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इन अफवाहों पर प्रतिक्रिया देंगी। तब तक, इंटरनेट पर लोग इस नई प्रेम कहानी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाते रहेंगे।

क्या सच में प्यार की हवा चल रही है?

यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि Malaika Arora वास्तव में किसी क्रिकेटर के साथ रिश्ते में हैं या नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि वह सुर्खियों में रहना अच्छे से जानती हैं! वायरल तस्वीर ने उनके निजी जीवन में एक नया मोड़ जोड़ दिया है, और उनके फैंस यह जानने के लिए बेताब हैं कि आगे क्या होगा।

अगर यह सच हुआ, तो यह एक और शानदार बॉलीवुड-क्रिकेट प्रेम कहानी होगी जो करोड़ों लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेगी। लेकिन जब तक खुद Malaika Arora इसकी पुष्टि नहीं कर देतीं, तब तक हम सिर्फ अनुमान ही लगा सकते हैं।

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70 की Rekha का ग्लैमरस फोटोशूट, सिर्फ 20 मिनट में!

उम्र सिर्फ एक संख्या है, और दिग्गज अभिनेत्री Rekha ने इसे एक बार फिर सच साबित कर दिया है। बॉलीवुड की यह सदाबहार दिवा, जो दशकों से अपनी बेमिसाल खूबसूरती और अनोखी अदाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध करती आई हैं, हाल ही में अपने शानदार फोटोशूट से फिर चर्चा में आ गईं। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने पूरे फोटोशूट को मात्र 20 मिनट में पूरा कर लिया!

अब 70 साल की हो चुकी रेखा आज भी आकर्षण और शैली का पर्याय हैं। जहां अधिकांश कलाकारों और मॉडलों को एक बेहतरीन तस्वीर पाने के लिए घंटों लग जाते हैं, वहीं रेखा ने अपने आत्मविश्वास और अनुभव से इसे बेहद सहज और प्रभावशाली बना दिया। उनका यह लेटेस्ट फोटोशूट इस बात का प्रमाण है कि उनका आकर्षण समय के साथ और निखरता ही जा रहा है। आइए, इस शानदार फोटोशूट की हर दिलचस्प बात को विस्तार से जानते हैं।

Rekha: उम्र को मात देने वाली सदाबहार दिवा

दशकों से, रेखा भारतीय फिल्म उद्योग की सबसे बड़ी स्टाइल आइकॉन रही हैं। उनकी कांजीवरम साड़ियों से लेकर बोल्ड और एक्सपेरिमेंटल लुक तक, वे हमेशा से ट्रेंडसेटर रही हैं। 70 की उम्र में भी वे उसी रौनक और शान के साथ नजर आती हैं, जिसने उन्हें एक सुपरस्टार बनाया।

70's Rekha's glamorous photoshoot, in just 20 minutes!

बहुत से लोग उम्र बढ़ने के साथ सुस्त हो जाते हैं, लेकिन रेखा आज भी नए अवसरों को उसी उत्साह और जुनून के साथ अपनाती हैं। उनका हालिया फोटोशूट इस बात का एक और प्रमाण है कि आत्मविश्वास और पेशेवर दक्षता के साथ कुछ भी संभव है। सिर्फ 20 मिनट में उन्होंने अपनी खूबसूरती और चार्म को बखूबी कैमरे में कैद करा लिया।

अविश्वसनीय 20-मिनट का फोटोशूट

सेलिब्रिटी फोटोशूट आमतौर पर एक लंबी प्रक्रिया होती है। सही लाइटिंग सेट करने से लेकर परफेक्ट आउटफिट, पोज और एक्सप्रेशंस तक, बेहतरीन तस्वीर पाने के लिए घंटों लग सकते हैं। लेकिन Rekha ने इसे पूरी तरह बदल दिया और इतनी जल्दी एक बेहतरीन शूट पूरा किया कि पूरी टीम दंग रह गई।

यह फोटोशूट एक शानदार इनडोर लोकेशन पर हुआ, जहां एक साधारण लेकिन खूबसूरत बैकड्रॉप रखा गया था। रेखा, अपनी सिग्नेचर कांजीवरम साड़ी, बोल्ड लिपस्टिक और गहरी काजल से भरी आंखों के साथ, किसी महारानी की तरह सेट पर उतरीं। कैमरे के सामने आते ही वे इतनी सहजता से पोज़ देने लगीं कि पूरे शूट में एक भी रीटेक की जरूरत नहीं पड़ी।

फोटोशूट की खास बातें:

  • परफेक्ट पोज़िंग: रेखा ने अपने अनुभव से हर पोज़ इतनी सहजता से दिया कि कोई रीटेक की जरूरत नहीं पड़ी।
  • कम से कम एडिटिंग: उनकी प्राकृतिक सुंदरता और आत्मविश्वास के कारण पोस्ट-प्रोडक्शन में ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं पड़ी।
  • तेजी और सटीकता: उन्होंने हर एक्सप्रेशन और मूवमेंट को इतनी परफेक्शन से दिया कि फोटोग्राफर को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी।
  • अद्भुत ऊर्जा: 70 साल की उम्र में भी रेखा की एनर्जी कमाल की थी, जिससे यह साफ हो गया कि असली खूबसूरती आत्मविश्वास और जुनून से आती है।

फोटोग्राफर का अनुभव

इस फोटोशूट के फोटोग्राफर, जो इंडस्ट्री के सबसे अनुभवी लोगों में से एक हैं, उन्होंने Rekha के बारे में जो कहा, वह सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

“मैंने कई बड़े सितारों के साथ काम किया है, लेकिन रेखा जी के साथ यह शूट एक अलग ही अनुभव था। वे आईं, सेट पर अपनी जगह लीं, और कुछ ही मिनटों में हमें सभी बेहतरीन शॉट्स मिल गए। न कोई हिचकिचाहट, न कोई रीटेक – बस कैमरे के सामने शुद्ध जादू।”

उन्होंने यह भी कहा कि रेखा कैमरे और लाइटिंग को इतनी अच्छी तरह समझती हैं कि किसी एडजस्टमेंट की जरूरत ही नहीं पड़ती। जहां नए मॉडल्स को सेट पर सहज होने में वक्त लगता है, वहीं रेखा को देखकर ऐसा लगा मानो कैमरा उनके लिए ही बना हो।

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Rekha के फोटोशूट पर फैन्स की प्रतिक्रिया

जैसे ही इस फोटोशूट की तस्वीरें सामने आईं, सोशल मीडिया पर फैन्स के कमेंट्स की बाढ़ आ गई। हर कोई उनकी खूबसूरती और स्टाइल की तारीफ कर रहा था।

  • “वे आज भी उतनी ही खूबसूरत हैं जितनी 80 के दशक में थीं।”
  • “यकीन नहीं होता कि वे 70 साल की हैं! रेखा जी तो उम्र को मात दे रही हैं।”
  • “ये फोटोशूट साबित करता है कि आत्मविश्वास और गरिमा ही असली खूबसूरती है।”
  • “सिर्फ 20 मिनट? लोग तो मेकअप में ही इतना समय ले लेते हैं! कमाल है।”

Rekha की खूबसूरती का राज

कई लोग जानना चाहते हैं कि रेखा 70 की उम्र में भी इतनी यंग और खूबसूरत कैसे दिखती हैं। उन्होंने कई बार अपने ब्यूटी और हेल्थ सीक्रेट्स शेयर किए हैं, जिनकी वजह से उनकी चमक बरकरार है।

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1. अनुशासित स्किनकेयर रूटीन

रेखा हमेशा अपनी त्वचा का ध्यान रखती हैं। वे नियमित रूप से क्लींजिंग, मॉइस्चराइजिंग और नैचुरल ऑयल्स का इस्तेमाल करती हैं।

2. आयुर्वेद पर भरोसा

वे घरेलू नुस्खों और आयुर्वेदिक उपचारों में यकीन रखती हैं। उनके फेस पैक और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में ज्यादातर प्राकृतिक तत्व होते हैं।

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3. हेल्दी डाइट

उनका खान-पान बेहद संतुलित होता है। वे ज्यादा पानी पीती हैं, फल और हरी सब्जियां खाती हैं और जंक फूड से दूर रहती हैं।

4. योग और मेडिटेशन

Rekha नियमित रूप से योग और ध्यान करती हैं, जिससे उनकी त्वचा और स्वास्थ्य दोनों चमकते हैं।

5. पॉजिटिव सोच

सबसे ज्यादा, रेखा मानती हैं कि खूबसूरती आत्मविश्वास और पॉजिटिव सोच से आती है। उनका आत्म-प्रेम और जिंदादिली ही उनकी असली खूबसूरती का राज़ है।

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निष्कर्ष

Rekha का यह 20-मिनट का फोटोशूट इस बात का सबूत है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। वे आज भी इंडस्ट्री में सबसे बड़ी स्टाइल और ग्रेस आइकॉन बनी हुई हैं। यह शूट केवल उनकी सुंदरता का नहीं, बल्कि उनके आत्मविश्वास और प्रतिभा का भी जश्न है।

Rekha ने एक बार फिर साबित किया कि असली खूबसूरती आत्मविश्वास और जुनून में बसती है। उनकी यह तस्वीरें देखकर एक बात तो तय है – रेखा सिर्फ एक सितारा नहीं, बल्कि एक ऐसा नाम हैं, जो हमेशा चमकता रहेगा।

क्या आपको रेखा का यह फोटोशूट पसंद आया? अपने विचार हमारे साथ शेयर करें और इस लेजेंडरी आइकॉन की जादुई खूबसूरती का जश्न मनाएं!

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Papaya के पत्तों का जूस: सेहत का खजाना!

जब हम Papaya के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में इसके रसदार, नारंगी गूदे की तस्वीर आती है, जो विटामिन और फाइबर से भरपूर होता है। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि पपीते के पत्ते भी उतने ही मूल्यवान हैं, यदि अधिक नहीं, जब स्वास्थ्य लाभ की बात आती है। पारंपरिक चिकित्सा में पपीते के पत्तों का उपयोग सदियों से किया जाता रहा है, और अब आधुनिक अनुसंधान इसके शक्तिशाली उपचार गुणों की पुष्टि कर रहा है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने से लेकर पाचन में सुधार करने और यहां तक कि पुरानी बीमारियों से लड़ने तक, पपीते के पत्तों का रस एक प्राकृतिक उपाय है जो अधिक ध्यान देने योग्य है। यदि आप डेंगू, पाचन समस्याओं या त्वचा रोगों जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो अपने आहार में पपीते के पत्तों का रस शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

इस लेख में, हम Papaya के पत्तों के कई स्वास्थ्य लाभों, उन्हें तैयार करने और सेवन करने के तरीके और क्यों यह प्राकृतिक औषधि आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, इस पर चर्चा करेंगे।

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और वायरल संक्रमण से लड़ता है

पपीते के पत्तों के रस का सबसे प्रसिद्ध लाभ इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की क्षमता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स, एल्कलॉइड्स और टैनिन जैसे शक्तिशाली यौगिक होते हैं जो शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।

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डेंगू बुखार का इलाज

वैज्ञानिक रूप से यह सिद्ध हो चुका है कि पपीते के पत्तों का रस डेंगू बुखार के लिए एक प्रभावी उपाय है। डेंगू प्लेटलेट काउंट को कम कर देता है, जिससे गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं। अध्ययन बताते हैं कि Papaya के पत्तों का रस प्लेटलेट स्तर को तेजी से बढ़ाता है, जिससे जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। इसके जैव सक्रिय यौगिक बुखार, शरीर में दर्द और थकान को कम करने में सहायता करते हैं।

अन्य वायरल संक्रमण

डेंगू के अलावा, पपीते के पत्ते इन्फ्लूएंजा, सामान्य सर्दी और यहां तक कि मलेरिया जैसे अन्य वायरल संक्रमणों के इलाज में भी मदद करते हैं। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली विशेषताएँ इन्हें सिंथेटिक दवाओं के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक विकल्प बनाती हैं।

2. पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है

Papaya के पत्तों में पपेन और काइमोपपेन जैसे एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन को तोड़ने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। ये एंजाइम विशेष रूप से सूजन, अपच और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी हैं।

पेट के अल्सर को रोकता है

पपीते के पत्तों के रस की एंटी-इंफ्लेमेटरी विशेषताएँ पेट की परत की सुरक्षा करती हैं और अल्सर को रोकती हैं। इसका नियमित सेवन गैस्ट्रिक सूजन को कम करता है और एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न से राहत दिलाता है।

शरीर को डिटॉक्स करता है

Papaya के पत्तों में शक्तिशाली डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं जो यकृत और रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं। यह इसे फैटी लिवर, पीलिया या हेपेटाइटिस जैसी यकृत विकारों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए अत्यधिक लाभकारी बनाता है।

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3. रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है

मधुमेह के रोगियों के लिए पपीते के पत्तों का रस लाभकारी होता है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स, जैसे कि क्वेरसेटिन, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और अग्न्याशय को नुकसान से बचाते हैं।

अध्ययनों से पता चला है कि पपीते के पत्तों का अर्क इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करके रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। यह इसे टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक पूरक बनाता है।

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4. स्वस्थ त्वचा और बालों को बढ़ावा देता है

Papaya के पत्ते एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन A, C और E और शक्तिशाली एंजाइमों से भरपूर होते हैं जो त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

मुँहासे और त्वचा संक्रमण से लड़ता है

Papaya के पत्तों के अर्क में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। यह सूजन, लाली और त्वचा में जलन को कम करता है। पपीते के पत्तों के रस का नियमित रूप से उपयोग करने से स्पष्ट और स्वस्थ त्वचा पाई जा सकती है।

बुढ़ापा धीमा करता है

इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जिससे झुर्रियाँ, महीन रेखाएँ और अन्य बुढ़ापे के संकेत कम होते हैं। यह त्वचा की लोच को बढ़ाता है और रंगत में सुधार करता है।

बालों के विकास को बढ़ावा देता है

पपीते के पत्तों का रस बालों की जड़ों को मजबूत करता है, डैंड्रफ को रोकता है और बालों के विकास को प्रोत्साहित करता है। इसमें मौजूद विटामिन और खनिज खोपड़ी को पोषण देते हैं, जिससे बाल अधिक चमकदार और स्वस्थ बनते हैं।

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कैसे बनाएं Papaya के पत्तों का रस

घर पर पपीते के पत्तों का रस बनाना सरल है और इसके लिए केवल कुछ सामग्री की आवश्यकता होती है।

सामग्री:

  • 5-6 ताजे पपीते के पत्ते
  • 1 कप पानी
  • 1 चम्मच शहद (स्वाद के लिए वैकल्पिक)

विधि:

  1. Papaya के पत्तों को अच्छी तरह से धोकर साफ करें।
  2. पत्तों को छोटे टुकड़ों में काट लें।
  3. एक कप पानी के साथ मिलाकर ब्लेंड करें।
  4. मिश्रण को छानकर रस निकाल लें।
  5. स्वाद के लिए शहद मिलाएँ।
  6. ताजा सेवन करें।

खुराक: सर्वोत्तम परिणामों के लिए प्रतिदिन 2-3 चम्मच Papaya के पत्तों का रस पिएं।

निष्कर्ष

Papaya के पत्तों का रस स्वास्थ्य लाभों का खजाना है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का प्राकृतिक समाधान प्रदान करता है। इसकी नियमित खपत से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, पाचन में सुधार और रक्त शर्करा के स्तर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

इसका स्वाद थोड़ा कड़वा हो सकता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ इतने प्रभावशाली हैं कि यह असुविधा नगण्य लगती है। नियमित रूप से सेवन करने से आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

तो क्यों न इस प्राकृतिक औषधि को आज़माएँ? आपका शरीर आपको इसके लिए धन्यवाद देगा!

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Mukesh Ambani ने Google की नींद उड़ाई, फायदा करोड़ों को!

Mukesh Ambani: तेज़ी से बदलती डिजिटल दुनिया में नवाचार, प्रतिस्पर्धा और बड़ी कंपनियाँ अक्सर तकनीकी उन्नति के मार्ग को आकार देती हैं। एक ऐसा नाम जो पिछले कुछ वर्षों से सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर चर्चा में रहा है, वह है Mukesh Ambani। रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस बillionaire चेयरमैन को पेट्रोकेमिकल्स से लेकर टेलीकॉम तक के क्षेत्रों में उनके साहसिक कदमों के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में अंबानी का सबसे अधिक disruptive प्रभाव डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में रहा है, खासकर उनके महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जिओ के माध्यम से।

Mukesh Ambani: एक ऐसी साहसिक पहल ने, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया, Mukesh Ambani के रिलायंस जिओ ने एक ऐसी इनोवेशन पेश की, जिसे हम कह सकते हैं कि इसने “गूगल की नींद उड़ा दी।” लेकिन यह कैसे हुआ और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लाखों यूज़र्स को इसका फायदा कैसे हुआ? इसका उत्तर है, जिओ के टेलीकॉम क्षेत्र में प्रवेश और उसके बाद की पेशकशों ने कैसे भारत में इंटरनेट के इस्तेमाल को फिर से परिभाषित किया और वैश्विक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को नया आकार दिया।

रिलायंस जिओ का उदय: एक विद्रोही ताकत

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2016 में, रिलायंस जिओ का भारत में आगमन हुआ और टेलीकॉम उद्योग हमेशा के लिए बदल गया। जिओ का प्रवेश एक क्रांतिकारी कदम था, क्योंकि इसने दुनिया का सबसे बड़ा 4G नेटवर्क शुरू किया था, जिसमें उच्च गति का इंटरनेट और बेहद सस्ते दाम थे। इसके डेटा-संचालित मॉडल ने भारत की बड़ी आबादी को लक्षित किया, जो अब तक किफायती इंटरनेट से वंचित थी। इसके परिणामस्वरूप, लाखों यूज़र्स जो पहले 2G नेटवर्क का उपयोग कर रहे थे, अचानक उच्च गति वाले इंटरनेट से जुड़ गए।

Mukesh Ambani: लेकिन जिओ ने सिर्फ सस्ता इंटरनेट देने तक ही सीमित नहीं रहा। इसने वीडियो स्ट्रीमिंग, म्यूजिक प्लेटफॉर्म और डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशंस जैसी कई डिजिटल सेवाएँ पेश कीं। अपने “जिओफोन” पहल के साथ, यहां तक कि सबसे साधारण मोबाइल फोन उपयोगकर्ता भी इंटरनेट का उपयोग करने में सक्षम हो गए, जिससे डिजिटल सुलभता नई ऊँचाइयों तक पहुँच गई। यहीं पर जिओ ने एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला: इसने न केवल शहरी अभिजात वर्ग को लक्षित किया, बल्कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों उपयोगकर्ताओं को भी डिजिटल दुनिया में खींच लिया।

गूगल की ‘नींद’ और जिओ से खतरा

अब, यह समझने के लिए कि Mukesh Ambani ने “गूगल की नींद कैसे उड़ा दी,” हमें जिओ और गूगल के बीच संबंधों को समझने की जरूरत है, जो डिजिटल दुनिया के दो विशालकाय खिलाड़ी हैं।

Mukesh Ambani: गूगल का भारत में दबदबा सालों से निर्विवाद था। वर्षों से, यह खोज इंजन, क्लाउड सेवाएँ, और एंड्रॉयड जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए जाने जाते थे। लेकिन जिओ के आगमन के साथ, इंटरनेट पर एक भूकंपीय बदलाव आया। गूगल, और कई अन्य तकनीकी कंपनियाँ, ने जिओ के द्वारा लाई गई विशाल क्रांति का पूर्वानुमान नहीं किया था। सस्ते 4G डेटा और नए उपयोगकर्ताओं का उफान इंटरनेट की दुनिया में आया। अचानक, लाखों उपयोगकर्ता जो पहले साधारण मोबाइल फोन का उपयोग करते थे, अब स्मार्टफोन, सोशल मीडिया, और डिजिटल कंटेंट के साथ अधिक जुड़ गए थे।

जहाँ गूगल का दबदबा अब भी खोज और डिजिटल विज्ञापन में बना हुआ था, जिओ के द्वारा लाए गए नए यूज़र बेस ने उसे चुनौती दी। जिओ ने अपनी खुद की ऐप्स जैसे जिओ सर्च और जिओ टीवी लॉन्च किए, जो उपयोगकर्ताओं के लिए एक स्थानीयकृत अनुभव प्रदान करते थे, जो गूगल के प्राथमिक डेमोग्राफिक से बाहर थे। इसके अलावा, जिओ के प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण ने गूगल की प्रमुख सेवाओं को वस्तु बना दिया, जिससे इसे भारत के उभरते डिजिटल बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखना मुश्किल हो गया।

Mukesh Ambani का रणनीतिक कदम

जिओ के डिजिटल क्षेत्र में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए Mukesh Ambani ने कई रणनीतिक निवेश किए। अंबानी, यह समझते हुए कि गूगल की पकड़ कमजोर हो रही है, ने फेसबुक के साथ एक साझेदारी की, जिसमें फेसबुक ने 2020 में जिओ में 5.7 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी खरीदी। इस साझेदारी ने फेसबुक के व्हाट्सएप को जिओ के प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकृत करने की अनुमति दी, जिससे जिओ उपयोगकर्ताओं को गूगल के ऐप्स की आवश्यकता के बिना लोकप्रिय मैसेजिंग और सोशल मीडिया सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो गई।

यह कदम गूगल के लिए भारत में अपने प्रभुत्व को बनाए रखने में एक गंभीर चुनौती बन गया। हालांकि गूगल अब भी खोज और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार में एक मजबूत शक्ति है, लेकिन जिओ द्वारा लाई गई सस्ती डेटा योजनाओं और व्यापक सेवा प्रस्तावों ने उसे नए तरीके से चुनौती दी है।

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Mukesh Ambani: जिओ प्लेटफ़ॉर्म्स का उदय: लाखों उपयोगकर्ताओं को फायदा हुआ

तो, जिओ के इस परिवर्तन से लाखों उपयोगकर्ताओं को कैसे लाभ हुआ? इसका उत्तर है जिओ द्वारा उपलब्ध कराए गए कई सेवाओं में।

  1. सस्ती इंटरनेट सेवाएँ: जिओ से पहले, भारत में मोबाइल डेटा की कीमत बहुत अधिक थी। औसत उपभोक्ता उस तरह के डेटा उपयोग की कल्पना भी नहीं कर सकता था, जो अब विकसित देशों में सामान्य हो चुका है। जिओ की मूल्य निर्धारण नीति, जो एक महीने के लिए महज 1 डॉलर थी, ने भारत के प्रत्येक वर्ग को इंटरनेट तक पहुँच प्रदान की। इस डेटा डेमोक्रेटाइजेशन के कारण लाखों लोग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी, अब इंटरनेट का उपयोग कर सकते थे। यह डिजिटल दुनिया में भाग लेने का अवसर था, जो पहले उन्हें नहीं मिल पाता था।
  2. जिओ का कंटेंट इकोसिस्टम: जिओ के विशाल कंटेंट लाइब्रेरी के साथ, लाखों उपयोगकर्ताओं को डिजिटल मनोरंजन का एक नया अनुभव मिला। जिओ सिनेमा और जिओ टीवी ऐप्स ने फिल्में, टीवी शो और लाइव स्ट्रीमिंग विकल्प प्रदान किए, जिनमें से कई भारतीय दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए बनाए गए थे। इससे गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब को भी कड़ी चुनौती मिली, क्योंकि जिओ का स्थानीयकृत कंटेंट भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक आकर्षक था।
  3. जिओ के वित्तीय और भुगतान सेवाएँ: अंबानी ने डिजिटल वित्तीय सेवाओं में भी कदम रखा, जैसे जिओमनी और अन्य फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी। इन सेवाओं ने लाखों उपयोगकर्ताओं को डिजिटल बैंकिंग और मोबाइल भुगतान की सुविधा दी, जिससे लोग दूरदराज के क्षेत्रों में भी लेन-देन कर सकते थे। इसने उन सेवाओं तक पहुँच प्रदान की, जो पहले उनके लिए उपलब्ध नहीं थीं, जैसे त्वरित धन ट्रांसफर और बिल भुगतान।
  4. शिक्षा और सशक्तिकरण: सस्ती डेटा के साथ नए अवसर खुले। ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म पनपे, क्योंकि अब लोग स्टडी मटीरियल्स तक पहुँच सकते थे, कोर्स कर सकते थे, और अपनी स्किल्स को बेहतर बना सकते थे। यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण था, जहाँ पारंपरिक शैक्षिक अवसंरचना की कमी थी। अंबानी के जिओ का दृष्टिकोण लाखों लोगों को ऑनलाइन कोर्सेज़ करने और नए करियर अवसरों की खोज करने का अवसर प्रदान किया।
  5. छोटे व्यापारों का सशक्तिकरण: जिओ का छोटे व्यापारों पर भी गहरा असर पड़ा है। जिओफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ, भारत के छोटे विक्रेताओं को अब अपने व्यापारों को ऑनलाइन लाने का मौका मिला। जिओ के इकोसिस्टम से जुड़े ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स ने इन छोटे व्यापारियों को डिजिटल बाजारों तक पहुँच प्रदान की। यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए एक बड़ा बढ़ावा था और छोटे उद्यमियों को ऐसे टूल्स दिए जो पहले उनके पास नहीं थे।
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गूगल पर प्रभाव: अब नींद नहीं आ रही

Mukesh Ambani के “गूगल की नींद उड़ा देने” के संदर्भ में, सच्चाई यह है कि जिओ के आगमन ने गूगल की रणनीतियों को हिला दिया और इसे भारत के बाजार में अपने दृष्टिकोण पर पुनः विचार करने पर मजबूर किया। जबकि गूगल अब भी खोज, विज्ञापन, और क्लाउड सेवाओं में एक मजबूत खिलाड़ी है, जिओ के कारण आए नए इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की लहर ने गूगल को इस तेजी से बदलते हुए वातावरण में अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती दी। गूगल को अब यह समझना पड़ा कि भारत जैसे विशाल और विविध बाजार में सिर्फ वैश्विक सेवाएँ पेश करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उसे स्थानीय समाधान देने होंगे।

गूगल की प्रतिक्रिया में स्थानीय टेलीकॉम प्रदाताओं के साथ साझेदारियाँ करना, एंड्रॉयड को और अधिक स्थानीय बनाना और गूगल पे जैसी सेवाएँ पेश करना शामिल था। हालांकि, जिओ द्वारा लाई गई सस्ती डेटा योजनाएँ और व्यापक सेवा प्रस्तावों ने यह साबित कर दिया कि गूगल अब भारत में अपने प्रभुत्व को लेकर आराम नहीं कर सकता।

Mukesh Ambani: एक नया डिजिटल सूर्योदय

Mukesh Ambani का जिओ सिर्फ भारतीय टेलीकॉम उद्योग के लिए एक गेम-चेंजर नहीं था, बल्कि यह एक रणनीतिक परिवर्तन था जिसने वैश्विक कंपनियों जैसे गूगल को भी प्रभावित किया। सस्ता डेटा, स्थानीयकृत कंटेंट, और डिजिटल वित्तीय और शैक्षिक सेवाएँ प्रदान करके, जिओ ने उन लाखों उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट को नया रूप दिया, जो पहले इससे बाहर थे।

जिओ का उदय न केवल भारत में डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बदल चुका है, बल्कि इसने वैश्विक तकनीकी दिग्गजों को यह संदेश भी दिया है कि भविष्य के इंटरनेट का मालिक वही होगा जो सबसे समग्र डिजिटल अनुभव प्रदान करेगा। Mukesh Ambani का जिओ ने यह सिद्ध कर दिया, और इसने गूगल को यह अहसास दिला दिया कि अब वे आराम से नहीं सो सकते।

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होंठों पर दिनभर लाली, बनाएं lipstick स्मज प्रूफ

अगर आप बोल्ड लिप्स पसंद करती हैं, तो आपको यह जानकर कितनी निराशा होती है जब आपकी lipstick बीच दिन में ही मिटने या स्मज हो जाती है। चाहे आप कॉफी पी रही हों, लंच खा रही हों या बस बात कर रही हों, आखिरी चीज जो आप चाहेंगी वो यह है कि बार-बार镜र में देखना पड़े कि लिपस्टिक अभी भी सही जगह पर है या नहीं। अच्छी बात यह है कि आपको बार-बार टच-अप करने की ज़रूरत नहीं है! सही तकनीक और उत्पादों के साथ, आप अपनी लिपस्टिक को स्मज-प्रूफ बना सकती हैं और यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि आपके होंठ पूरे दिन लाल और परफेक्ट दिखें।

इस गाइड में, हम आपको विभिन्न तरीकों और ट्रिक्स के बारे में बताएंगे, जिनकी मदद से आप अपनी lipstick को लंबा समय तक बनाए रख सकती हैं, उसे सही जगह पर रख सकती हैं और उसे स्मज से बचा सकती हैं। तो चलिए जानते हैं कि कैसे आप एक बोल्ड, रेड लिप लुक पा सकती हैं, जो कभी भी घिसेगा नहीं!

lipstick स्मज क्यों होती है?

इससे पहले कि हम हल निकलें, यह समझना ज़रूरी है कि लिपस्टिक स्मज क्यों होती है। स्मज तब होता है जब लिपस्टिक आपके होठों की सीमाओं से बाहर जाती है, और यह कई कारणों से हो सकता है:

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  • प्राकृतिक तेल: आपके होंठ दिनभर तेल का उत्पादन करते हैं, जो lipstick को तोड़ सकता है।
  • खाना और पीना: खाना और ड्रिंक्स लिपस्टिक को जल्दी से हटा सकते हैं, खासकर अगर लिपस्टिक क्रीमी या कम टिकाऊ है।
  • पसीना: अगर आप सक्रिय हैं, तो पसीना मेकअप को घिसने का कारण बन सकता है।
  • होंठों की बनावट: अगर आपके होंठ सूखे या दरारों वाले हैं, तो lipstick इन जगहों पर चिपक कर असमान तरीके से घिस सकती है।

अब जब हम समझ गए हैं कि लिपस्टिक क्यों स्मज होती है, तो आइए जानते हैं कि इसे कैसे रोका जा सकता है!

Step 1: सही लिपकेयर से शुरुआत करें

लंबे समय तक टिकने वाली और स्मज-प्रूफ लिपस्टिक की नींव स्वस्थ, चिकने होंठों से बनती है। तो आइए जानें कि आप अपने होंठों को लिपस्टिक लगाने के लिए कैसे तैयार कर सकती हैं:

  1. अपने होंठों को एक्सफोलिएट करें: सूखे और झड़ते होंठ लिपस्टिक के लिए आदर्श नहीं होते। एक हल्का लिप स्क्रब या DIY चीनी स्क्रब का उपयोग करके अपने होंठों को एक्सफोलिएट करें। इससे मृत त्वचा कोशिकाएं हट जाएंगी और लिपस्टिक के लिए एक चिकनी सतह तैयार होगी। आप एक नरम टूथब्रश का भी उपयोग करके हल्के गोलाई में अपने होंठों की त्वचा को धीरे-धीरे साफ कर सकती हैं।
  2. होंठों को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज करें: जब आपके होंठ एक्सफोलिएट हो जाएं, तो एक अच्छा मॉइस्चराइजिंग लिप बाम लगाएं। यह आवश्यक है कि आपके होंठ नरम और ताजे रहें। एक गैर-चिपचिपा बाम चुनें जो जल्दी से अवशोषित हो जाए, ताकि lipstick के आवेदन में कोई रुकावट न आए। बाम लगाने के बाद कुछ मिनटों के लिए उसे अवशोषित होने दें।

Step 2: लिप्स को लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए प्राइम करें

जैसे आप अपना चेहरा मेकअप के लिए प्राइम करती हैं, वैसे ही अपने होंठों को प्राइम करने से lipstick बेहतर तरीके से चिपकती है और लंबी देर तक रहती है।

  1. लिप प्राइमर: लिप प्राइमर होंठों को चिकना और समान बनाता है, जिससे लिपस्टिक अच्छे से चिपकती है। लिप प्राइमर को अपने होंठों पर हल्के से लगाएं। यह लिपस्टिक के फैलने और स्मज होने को रोकने के लिए एक बाधा पैदा करेगा।
  2. कंसीलर या फाउंडेशन: एक और तरीका यह है कि आप अपने होंठों पर हल्के से कंसीलर या फाउंडेशन का एक पतला लेयर लगाएं। इससे आपके स्वाभाविक होंठों का रंग न्यूट्रल हो जाएगा, और लिपस्टिक का रंग अधिक सटीक दिखाई देगा। यह एक चिकनी बेस के रूप में काम करता है जो लिपस्टिक को स्थिर बनाए रखता है।
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Step 3: सही lipstick फॉर्मूला चुनें

जिस लिपस्टिक का आप चयन करती हैं, वह इस बात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि आपकी लिपस्टिक कितनी देर तक टिकेगी। सभी लिपस्टिक एक जैसे नहीं होते, खासकर टिकाऊपन के मामले में।

  1. मैट lipstick: मैट फॉर्मूला लंबे समय तक टिकने के लिए जाना जाता है क्योंकि ये क्रीमी फॉर्मूला से ज्यादा ड्राई होते हैं। इससे लिपस्टिक लंबे समय तक टिकती है और स्मज होने की संभावना कम होती है। हालांकि, मैट लिपस्टिक्स थोड़े सूखे हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक रहने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
  2. लिक्विड लिपस्टिक्स: लिक्विड लिपस्टिक्स ऐसी फॉर्मूला होती हैं जो सूखने पर स्मज-प्रूफ बन जाती हैं। यह फॉर्मूला लंबे दिनों के लिए आदर्श है जब आपको अपनी लिपस्टिक को बिना टच-अप किए रखना होता है। ये अत्यधिक पिगमेंटेड होते हैं और आसानी से ट्रांसफर नहीं होते, जिससे ये एक बोल्ड और स्मज-प्रूफ लुक के लिए परफेक्ट होते हैं।
  3. लिप टिंट्स: अगर आप हल्का और कम रख-रखाव वाली लिपस्टिक चाहती हैं, तो लिप टिंट्स एक बेहतरीन विकल्प हैं। यह हल्के रंग में होंठों को रंग देते हैं जो लंबे समय तक रहते हैं। हालांकि, इनका पिगमेंट अन्य फॉर्मूला के मुकाबले हल्का हो सकता है, फिर भी यह एक नज़र और स्मज-प्रूफ लुक के लिए आदर्श होते हैं।

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Step 4: लिप लाइनर का उपयोग करें

लिप लाइनर स्मजिंग से बचने के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है। न केवल यह होंठों को परिभाषित करता है, बल्कि यह लिपस्टिक को बाहर फैलने और स्मज होने से भी बचाता है।

  1. अपने होंठों की सीमाओं को परिभाषित करें: सबसे पहले, अपनी लिपस्टिक के रंग से मेल खाते हुए लिप लाइनर से अपने होंठों की सीमाओं को परिभाषित करें। इससे एक स्पष्ट सीमा बनेगी और लिपस्टिक बाहर नहीं फैलेगी। फिर लिप लाइनर को पूरी तरह से होंठों में भरें, ताकि लिपस्टिक को अधिक अच्छा चिपकने का आधार मिले।
  2. लाइनर को ब्लेंड करें: हार्श लाइनों से बचने के लिए, हल्के से लिप लाइनर को अपने होंठों में ब्लेंड करें। इससे लिपस्टिक और लाइनर के बीच एक स्मूद ग्रेडिएंट इफेक्ट बनेगा, जिससे लुक ज्यादा नेचुरल और इवन लगेगा।

Step 5: lipstick को परतों में लगाएं

आपकी लिपस्टिक को लंबे समय तक टिकाने के लिए, इसे परतों में लगाना महत्वपूर्ण है।

  1. पहली परत: सबसे पहले, लिप ब्रश या lipstick के बुलेट से एक हल्की परत लगाएं। शुरू में ज्यादा उत्पाद न लगाएं, क्योंकि इससे स्मज होने की संभावना बढ़ जाएगी।
  2. ब्लॉट करें: पहली परत लगाने के बाद, अपने होंठों को हल्के से एक टिशू से ब्लॉट करें। इससे अतिरिक्त उत्पाद हट जाएगा और लिपस्टिक सेट हो जाएगी।
  3. दूसरी परत: पहली परत ब्लॉट करने के बाद, लिपस्टिक की एक और परत लगाएं। यह रंग को और पिगमेंटेड बनाएगा और इसे और भी लंबी देर तक बनाए रखेगा।
  4. अंतिम ब्लॉट: एक आखिरी बार टिशू से अपने होंठों को ब्लॉट करें, ताकि अतिरिक्त उत्पाद हट जाए और lipstick अच्छी तरह से चिपक जाए।

Step 6: लिपस्टिक को सेट करें

अपने लुक को और बेहतर बनाने के लिए, लिपस्टिक को सेट करना ज़रूरी है।

  1. ट्रांसलूसेंट पाउडर: अपने होंठों पर हल्का ट्रांसलूसेंट पाउडर लगाएं। एक टिशू को होंठों पर रखें और फिर एक फूला हुआ ब्रश से पाउडर लगाएं। यह लिपस्टिक को सेट करेगा और स्मज होने से बचाएगा।
  2. सेटिंग स्प्रे: कई मेकअप आर्टिस्ट लिप्स के लिए सेटिंग स्प्रे का सुझाव देते हैं। अपने मेकअप को पूरा करने के बाद सेटिंग स्प्रे का हल्का स्प्रे करें। यह लिपस्टिक पर एक प्रोटेक्टिव लेयर बना देगा, जिससे यह लंबे समय तक बनी रहेगी।
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Step 7: पूरे दिन lipstick को स्मज होने से बचाएं

अब जब आपकी लिपस्टिक सही तरह से लग गई है, तो यहां कुछ टिप्स दी जा रही हैं ताकि यह पूरे दिन ताजगी से बनी रहे:

  1. अपने होंठों को छूने से बचें: लिपस्टिक को खराब करने का सबसे आसान तरीका है अपने होंठों को छूना। दिनभर अपने होंठों को छूने से बचने की कोशिश करें। अपनी उंगलियों से होंठों को रगड़ने या फेस पर हाथ रखने से बचें, क्योंकि इससे लिपस्टिक स्मज हो सकती है।
  2. सावधानी से खाएं: खाने के दौरान अधिक तेल या चिकनाई वाले भोजन से बचें। ये लिपस्टिक को जल्दी हटा सकते हैं। हल्के और कम ट्रांसफर वाले खाद्य पदार्थों का चयन करें। अगर आपको खाने के बाद टच-अप करना पड़े, तो लिप लाइनर का उपयोग करें ताकि आप जल्दी से अपने होंठों की रूपरेखा फिर से बना सकें।
  3. टच-अप किट रखें: हालांकि आपकी लिपस्टिक पूरे दिन बनी रहनी चाहिए, फिर भी यह हमेशा अच्छा होता है कि आप एक छोटा सा टच-अप किट रखें। इसमें लिप लाइनर, मिनी lipstick और एक टिशू रखें। इस तरह, अगर आपको फौरन सुधार करने की ज़रूरत हो, तो आप बिना किसी चिंता के अपने होंठों को फिर से ताजगी से जोड़ सकती हैं।

पूरे दिन परफेक्ट, स्मज-प्रूफ लिप्स का आनंद लें

इन टिप्स और ट्रिक्स के साथ, अब आपको अपनी lipstick के फीके या स्मज होने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। चाहे आप काम पर जा रही हों, डेट नाइट पर जा रही हों या किसी खास मौके पर, ये तकनीकें यह सुनिश्चित करेंगी कि आपकी लाल लिप्स पूरी तरह से और लंबे समय तक बनी रहें। अपने होंठों की सही तरह से प्रेपिंग, सही उत्पादों का चयन और सटीक आवेदन तकनीकों के साथ, आप लंबा समय तक स्मज-प्रूफ लिप लुक पा सकती हैं।

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PM Modi का चिली दौरा: वीजा प्रक्रिया और व्यापारिक सहयोग पर चर्चा

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PM Modi ने भारत और चिली के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों को रेखांकित करते हुए दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और प्राकृतिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों देश भौगोलिक दृष्टि से अलग महाद्वीपों में स्थित हैं, लेकिन उनकी सांस्कृतिक धरोहरें और प्राकृतिक विशेषताएं उन्हें एक अद्वितीय तरीके से जोड़ती हैं।

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हिमालय और एंडीज पर्वत की उपमा देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ये पर्वत दोनों देशों के जीवन और सभ्यता के केंद्र हैं, और हजारों वर्षों से यह क्षेत्रीय और सांस्कृतिक धारा की दिशा को प्रभावित करते हैं।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि हिंद महासागर और प्रशांत महासागर की लहरें दोनों देशों के तटों को जोड़ते हुए समान ऊर्जा का संचार करती हैं, जिससे एक गहरे प्राकृतिक और सांस्कृतिक संबंध की भावना उत्पन्न होती है।

PM Modi ने भारत-चिली के सांस्कृतिक संबंधों को किया रेखांकित

इसके अलावा, PM Modi ने चिली के साथ सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय फिल्मों और शास्त्रीय नृत्य में चिली के लोगों की बढ़ती रुचि दर्शाती है कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान में काफी वृद्धि हो रही है। उन्होंने चिली के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हाल में हुए समझौते का स्वागत किया और इसे दोनों देशों के रिश्तों में एक और महत्वपूर्ण कदम बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में भी कदम उठाने की बात कही, ताकि दोनों देशों के बीच लोगों का आना-जाना और आपसी संपर्क बढ़े। इसके साथ ही, उन्होंने भारत और चिली के छात्रों के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी पुष्टि की, जिससे युवा पीढ़ी के बीच समझ और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने चिली में भारतीय समुदाय के साथ भी मुलाकात की और उनके योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि भारत और चिली के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के नागरिकों को एक-दूसरे के सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को समझने की आवश्यकता है।

PM Modi's visit to Chile: Discussion on visa process and business cooperation

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Waqf Amendment Bill पर विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए किरेन रिजिजू का बयान

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केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने Waqf Amendment Bill पर विपक्ष के विरोध और चर्चा की संभावना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर सदन को लगता है कि चर्चा के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए, तो समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अगर विपक्ष कोई बहाना बनाकर चर्चा में भाग नहीं लेना चाहता है, तो मैं इसे रोक नहीं सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि “हम चर्चा चाहते हैं और हर राजनीतिक दल को अपनी राय रखने का अधिकार है, और देश यह सुनना चाहता है कि संशोधन विधेयक पर किस राजनीतिक दल का क्या रुख है।”

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किरेन रिजिजू ने यह भी कहा कि यह रिकॉर्ड में रहेगा कि किसने विधेयक का विरोध किया और किसने समर्थन किया। उन्होंने आगे कहा कि 2 अप्रैल को प्रश्नकाल के तुरंत बाद वह विधेयक को विचार और पारित करने के लिए पेश करना चाहते हैं, और इसके बाद 8 घंटे की चर्चा के लिए सभी पक्षों के सहमति से समय तय किया गया है।

Waqf Amendment Bill के बारे में

Kiren Rijiju's statement challenging the opposition parties on the Waqf Amendment Bill

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत एक विधेयक है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार करना है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन, विकास और सही उपयोग को सुनिश्चित करना है। इसे खासतौर पर वक्फ बोर्डों और उनके कामकाज में सुधार करने के लिए लाया गया है, ताकि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जा सके और उनके समाज के लाभ के लिए बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।

विधेयक के मुख्य उद्देश्य और प्रावधान:

वक्फ संपत्तियों पर माफिया का नियंत्रण समाप्त करना: विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर माफियाओं के नियंत्रण को खत्म करना है। इससे इन संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन और उपयोग सुनिश्चित होगा।

पारदर्शिता और जवाबदेही: वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। यह सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग हो और उन्हें दुरुपयोग से बचाया जा सके।

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Kiren Rijiju's statement challenging the opposition parties on the Waqf Amendment Bill

वक्फ बोर्ड के अधिकार और जिम्मेदारियां: वक्फ बोर्डों के कार्यों में सुधार किया जाएगा और उनके अधिकारों तथा जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया जाएगा।

विधेयक में कोई धार्मिक स्थल जब्त नहीं किया जाएगा: केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने स्पष्ट किया कि विधेयक में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मस्जिद, दरगाह या अन्य धार्मिक स्थलों को सरकार द्वारा जब्त किया जाएगा। विधेयक का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और उनका उचित प्रशासन सुनिश्चित करना है।

संविधानिक और कानूनी प्रावधान: Waqf Amendment Bill संपत्तियों के प्रशासन से जुड़ी कानूनी प्रावधानों में सुधार करता है, जिससे इन संपत्तियों का उचित प्रबंधन और नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।

विपक्ष की चिंताएं:

Kiren Rijiju's statement challenging the opposition parties on the Waqf Amendment Bill

विपक्ष का आरोप है कि इस विधेयक के माध्यम से मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है और इसे धार्मिक भेदभाव के रूप में पेश किया जा रहा है। उन्हें यह डर है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के धार्मिक और सामाजिक नियंत्रण को प्रभावित कर सकता है। विपक्ष ने इसके लिए गहरी चर्चा और समीक्षा की मांग की है।

Waqf Amendment Bill 2024 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता लाने का प्रयास है, लेकिन इसके विरोध और समर्थन दोनों पक्षों की चिंता बनी हुई है। इसका उद्देश है कि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग हो और उनके द्वारा लाभ उठाने वाले समुदाय को ज्यादा लाभ मिले।

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Sambhal में “स्कूल चलो अभियान” और “संचारी रोग नियंत्रण अभियान” का शुभारंभ

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Sambhal के कलेक्ट्रेट सभागार, बहजोई में शैक्षिक सत्र 2025-26 के स्कूल चलो अभियान एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान (1 से 30 अप्रैल 2025) तथा दस्तक अभियान (10 से 30 अप्रैल 2025) के शुभारंभ का सजीव प्रसारण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री धर्मवीर प्रजापति, प्रभारी मंत्री एवं माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड्स विभाग एवं नागरिक सुरक्षा, उत्तर प्रदेश शासन ने भाग लिया।

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Sambhal में जन जागरूकता अभियान शुरू

"School Chalo Abhiyan" and "Communicable Disease Control Campaign" launched in Sambhal

उन्होंने संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जन जागरूकता रैली एवं प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रदेश के हर नागरिक को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता, टीकाकरण और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करें।

कार्यक्रम में Sambhal जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तरुण पाठक, एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। साथ ही, स्कूली बच्चों और स्थानीय नागरिकों ने भी रैली में भाग लिया और संचारी रोगों की रोकथाम एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए संकल्प लिया।


"School Chalo Abhiyan" and "Communicable Disease Control Campaign" launched in Sambhal

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तरुण पाठक ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीकाकरण, स्वच्छता और बीमारियों की रोकथाम से जुड़ी जानकारियां देंगी। वहीं, स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग का उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ना है, जिससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

अंत में, श्री धर्मवीर प्रजापति ने उपस्थित अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों, शिक्षकों एवं नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग करें, ताकि समाज में जागरूकता बढ़े और सभी को स्वस्थ एवं शिक्षित भविष्य मिल सके।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट

Kerala Parotta बनाने की पारंपरिक और स्वादिष्ट रेसिपी

Kerala Parotta दक्षिण भारतीय व्यंजनों में एक बेहद प्रसिद्ध और स्वादिष्ट ब्रेड है, जिसे मुख्य रूप से मैदा, तेल और पानी से बनाया जाता है। इसे विशेष रूप से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में पसंद किया जाता है। यह परोट्टा अपनी परतदार बनावट और मुलायम स्वाद के लिए जाना जाता है। Kerala Parotta ज्यादातर वेज और नॉन-वेज करी के साथ परोसा जाता है, खासतौर पर चिकन चेट्टीनाड, मटन करी या वेज कोरमा के साथ इसका स्वाद लाजवाब लगता है।

Kerala Parotta बनाने के लिए मैदा को अच्छे से गूंधा जाता है और इसे लंबे समय तक सेट होने दिया जाता है, जिससे आटा मुलायम हो जाता है। इसके बाद इसे पतली परतों में बेलकर खास तकनीक से रोल किया जाता है, जिससे यह परतदार बनता है। Kerala Parotta तवे पर तेल लगाकर कुरकुरा और सुनहरा भूरा होने तक सेंका जाता है। Kerala Parotta रेसिपी को सही तरीके से बनाने के लिए धैर्य और तकनीक की जरूरत होती है। घर पर केरला परोट्टा बनाकर आप दक्षिण भारतीय जायके का आनंद ले सकते हैं और अपने परिवार को एक खास अनुभव दे सकते हैं।

केरला परोट्टा बनाने की पारंपरिक और स्वादिष्ट रेसिपी

Delicious Kerala Parotta Recipe

Kerala Parotta (Malabar Parotta) दक्षिण भारत की एक बहुत ही प्रसिद्ध और स्वादिष्ट फ्लैटब्रेड है, जिसे खासकर केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में बड़े चाव से खाया जाता है। यह पराठा अपनी परतदार बनावट और नरम व कुरकुरी टेक्सचर के कारण बहुत पसंद किया जाता है। इसे मुख्य रूप से मैदा, तेल और दूध से बनाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है। Kerala Parotta आमतौर पर वेज और नॉन-वेज करी, खासतौर पर चिकन करी, मटन करी, पनीर मसाला या वेज कोरमा के साथ परोसा जाता है।

Kerala Parottaबनाने में थोड़ा समय और मेहनत जरूर लगती है, लेकिन जब आप इसे घर पर बनाएंगे, तो आपको इसका बेहतरीन स्वाद मिलेगा। इस रेसिपी में हम आपको Kerala Parotta बनाने की पूरी प्रक्रिया विस्तार से बताएंगे, ताकि आप इसे आसानी से घर पर बना सकें।

केरला परोट्टा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

1. परोट्टा के लिए आटा तैयार करने की सामग्री:

  • 2.5 कप मैदा (ऑल-पर्पस फ्लोर)
  • ½ कप दूध (नरमी और अच्छा टेक्सचर देने के लिए)
  • ½ कप पानी (आवश्यकतानुसार)
  • 2 टेबलस्पून तेल या घी
  • 1 टीस्पून चीनी
  • 1 टीस्पून नमक
  • ½ टीस्पून बेकिंग पाउडर (ऐच्छिक)

2. परोट्टा बेलने और पकाने के लिए:

  • 3 टेबलस्पून तेल
  • थोड़ा सूखा मैदा बेलने के लिए

3. तवे पर पकाने के लिए:

  • घी या मक्खन

स्टेप-बाय-स्टेप केरला परोट्टा बनाने की विधि

1. परोट्टा के लिए आटा तैयार करना

  1. सबसे पहले एक बड़े बाउल में मैदा, नमक, चीनी और बेकिंग पाउडर डालें और अच्छे से मिलाएं।
  2. अब इसमें दूध और थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए आटा गूंथना शुरू करें।
  3. जब आटा हल्का गीला और चिकना हो जाए, तो इसमें 2 टेबलस्पून तेल डालें और इसे 10-15 मिनट तक अच्छे से गूंथें।
  4. आटे को गूंथने के बाद इसे किसी गीले कपड़े से ढककर कम से कम 1-2 घंटे के लिए रख दें। इससे आटा अच्छे से सेट हो जाएगा और परोट्टा मुलायम बनेगा।

2. लोइयां बनाना और परत तैयार करना

  1. आटे को 6-8 बराबर हिस्सों में बाँट लें और छोटी-छोटी लोइयां बना लें।
  2. अब एक लोई लें और बेलन की मदद से पतली रोटी की तरह बेल लें।
  3. इसके ऊपर हल्का सा तेल लगाएं और सूखा मैदा छिड़कें।
  4. अब इसको एक पतली स्ट्रिप में मोड़ते हुए रोल कर लें (जैसे कागज का पंखा बनाया जाता है)।
  5. फिर इस रोल को घुमाते हुए गोल घोंघे की तरह बना लें और हल्का सा दबा दें।
  6. इसी तरह से सभी लोइयों को तैयार कर लें और इन्हें 15-20 मिनट के लिए फिर से ढककर रख दें।
Delicious Kerala Parotta Recipe

3. परोट्टा बेलना और पकाना

  1. अब एक लोई लें और हल्के हाथों से बेलकर गोल या ओवल शेप में बना लें।
  2. गैस पर तवा गर्म करें और इस पर बेलकर तैयार किया हुआ परोट्टा डालें।
  3. मध्यम आंच पर इसे हल्का सा सेंक लें और फिर इस पर हल्का सा तेल लगाकर पलट दें।
  4. परोट्टा को दोनों तरफ से सेकते हुए इसके ऊपर तेल या घी लगाएं।
  5. जब परोट्टा सुनहरा और कुरकुरा हो जाए, तो इसे तवे से उतार लें।
  6. अब इसे हल्के हाथों से थपथपाकर परतें अलग करें, जिससे यह फ्लेकी और परतदार बने।
  7. इसी तरह से बाकी सभी परोट्टा बना लें।

केरला परोट्टा को परोसने के तरीके

Kerala Parotta का असली मज़ा तब आता है जब इसे किसी स्वादिष्ट करी या ग्रेवी के साथ परोसा जाता है। आप इसे निम्नलिखित व्यंजनों के साथ खा सकते हैं:

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  • वेज कोरमा
  • पनीर बटर मसाला
  • चिकन करी
  • मटन करी
  • दाल मखनी
  • रायता और आचार

केरला परोट्टा बनाने के कुछ खास टिप्स

  1. मैदा का सही उपयोग: अगर आप थोड़ा हेल्दी परोट्टा बनाना चाहते हैं, तो मैदे के साथ 50% गेहूं का आटा मिला सकते हैं।
  2. आटा गूंथने में धैर्य रखें: आटे को अच्छे से गूंथना और उसे 1-2 घंटे तक सेट होने देना बहुत जरूरी है, जिससे परोट्टा मुलायम और परतदार बने।
  3. परतों के लिए रोलिंग सही तरीके से करें: बेलने से पहले तेल और सूखा मैदा लगाना जरूरी है ताकि अच्छी परतें बनें।
  4. तवा का सही तापमान: परोट्टा को मध्यम आंच पर पकाएं, ताकि यह बाहर से क्रिस्पी और अंदर से मुलायम बने।
  5. हल्का थपथपाकर परतें खोलें: जब परोट्टा पक जाए, तो इसे हल्के हाथों से थपथपाएं, जिससे परतें अलग हो जाएं और इसका लाजवाब फ्लेकी टेक्सचर बने।

केरला परोट्टा के फायदे और पोषण मूल्य

Delicious Kerala Parotta Recipe

हालांकि Kerala Parotta मैदे से बनता है और इसमें थोड़ा ज्यादा तेल इस्तेमाल होता है, फिर भी इसका स्वाद इसे खास बनाता है। इसे कभी-कभी खाने में कोई बुराई नहीं है। अगर आप इसे हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो गेहूं के आटे का उपयोग करें।

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100 ग्राम केरला परोट्टा में लगभग:

  • कैलोरी: 220-250
  • कार्बोहाइड्रेट: 35-40 ग्राम
  • प्रोटीन: 4-6 ग्राम
  • फैट: 8-10 ग्राम

निष्कर्ष

Kerala Parotta एक शानदार, स्वादिष्ट और कुरकुरा पराठा है, जिसे बनाने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन इसका स्वाद इतना जबरदस्त होता है कि यह मेहनत पूरी तरह से वाजिब लगती है। इसे आप किसी भी ग्रेवी या करी के साथ परोस सकते हैं और दक्षिण भारतीय स्वाद का आनंद ले सकते हैं। अगर आप इसे सही तरीके से बनाएंगे और ऊपर दिए गए टिप्स को फॉलो करेंगे, तो आपको एकदम होटल जैसा Kerala Parotta मिलेगा। तो आज ही घर पर केरला परोट्टा बनाएं और अपने परिवार के साथ इस स्वादिष्ट व्यंजन का मज़ा लें!

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JEE Main का दूसरा सत्र कल से शुरू होगा, अंतिम समय की टिप्स देखें

नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) कल यानी 2 अप्रैल, 2025 से संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main) सत्र 2 की परीक्षा शुरू करेगी। पेपर 1 (BE/BTech) की परीक्षा 2, 3, 4, 7 और 8 अप्रैल को होगी, जबकि पेपर 2 (BArch/BPlan) की परीक्षा 9 अप्रैल को होगी।

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परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को परीक्षा शुरू होने से कम से कम दो घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करना होगा। ट्रैफिक जाम, ट्रेन/बस की देरी या अन्य कारणों से किसी भी तरह की देरी के कारण परीक्षा हॉल में घोषित महत्वपूर्ण निर्देश छूट सकते हैं।

छात्रों को पहचान सत्यापन के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र में अपलोड की गई और एडमिट कार्ड पर उल्लिखित वही फोटो आईडी प्रस्तुत करनी होगी। उम्मीदवारों को ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करना चाहिए और एडमिट कार्ड पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।

JEE Main second session begins tomorrow, check last minute tips

प्रत्येक उम्मीदवार के पास रोल नंबर के साथ एक निर्दिष्ट सीट होगी; सीट बदलने पर अयोग्यता हो सकती है। उम्मीदवारों को यह सत्यापित करना होगा कि कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित प्रश्नपत्र उनके विषय से मेल खाता है। किसी भी विसंगति की सूचना तुरंत निरीक्षक को दी जानी चाहिए।

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JEE Main के लिए आवश्यक दस्तावेज

प्रवेश पत्र की एक मुद्रित प्रति, साथ ही NTA वेबसाइट से डाउनलोड किया गया स्व-घोषणा पत्र (A4 आकार के कागज़ पर मुद्रित)। एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर (ऑनलाइन आवेदन में अपलोड की गई तस्वीर के समान), जिसे उपस्थिति पत्रक पर चिपकाया जाना है। एक वैध, मूल और समाप्त न हुई फोटो पहचान पत्र, जैसे:

JEE Main second session begins tomorrow, check last minute tips
  • स्कूल पहचान पत्र
  • पैन कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • वोटर आईडी
  • पासपोर्ट
  • आधार कार्ड (फोटो सहित)
  • ई-आधार फोटो सहित
  • राशन कार्ड फोटो सहित
  • कक्षा 12 बोर्ड एडमिट कार्ड फोटो सहित
  • बैंक पासबुक फोटो सहित
  • एक साधारण पारदर्शी बॉलपॉइंट पेन

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Coconut Chutney बनाने की आसान और स्वादिष्ट रेसिपी

Coconut Chutney दक्षिण भारतीय व्यंजनों की एक महत्वपूर्ण और स्वादिष्ट संगत है, जिसे इडली, डोसा, वड़ा, उपमा और कई अन्य व्यंजनों के साथ परोसा जाता है। यह चटनी नारियल के ताजे स्वाद, हरी मिर्च की तीखापन और तड़के के मसालों की खुशबू का एक बेहतरीन संयोजन होती है। इसे बनाना बहुत ही आसान है और इसे विभिन्न प्रकार से तैयार किया जा सकता है, जैसे हरी धनिया नारियल चटनी, लाल मिर्च Coconut Chutney, टमाटर नारियल चटनी आदि।

Coconut Chutney को बनाने के लिए मुख्य रूप से ताजा नारियल, हरी मिर्च, अदरक, भुनी चना दाल, इमली या नींबू का रस और कुछ मसालों की आवश्यकता होती है। तड़के के लिए सरसों के दाने, करी पत्ते, सूखी लाल मिर्च और हींग का उपयोग किया जाता है, जिससे चटनी का स्वाद और सुगंध और भी बढ़ जाती है।

Coconut Chutney न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। नारियल में मौजूद फाइबर, विटामिन और हेल्दी फैट्स पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखते हैं। इसे बनाकर आप 2-3 दिनों तक फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं। घर पर बनी ताज़ी Coconut Chutney का स्वाद किसी भी होटल या रेस्तरां में मिलने वाली चटनी से कहीं अधिक अच्छा होता है।

नारियल की चटनी बनाने की सम्पूर्ण विधि

Easy and Delicious Coconut Chutney

Coconut Chutney दक्षिण भारतीय व्यंजनों का एक अभिन्न हिस्सा है। इसे डोसा, इडली, वड़ा, उपमा और अन्य स्नैक्स के साथ परोसा जाता है। यह न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि इसे बनाना भी बहुत आसान है। Coconut Chutney कई प्रकार की होती है, जैसे हरी नारियल चटनी, लाल नारियल चटनी और मूंगफली नारियल चटनी। इस विस्तृत लेख में हम आपको घर पर परफेक्ट नारियल चटनी बनाने की विधि बताएंगे।

नारियल की चटनी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

Coconut Chutney बनाने के लिए बहुत ही कम सामग्री की आवश्यकता होती है। यह सामग्री आसानी से घर पर मिल जाती है।

मुख्य सामग्री:

  1. ताजा नारियल – 1 कप (कद्दूकस किया हुआ)
  2. हरी मिर्च – 2-3 (स्वादानुसार)
  3. अदरक – 1 इंच का टुकड़ा
  4. भुनी हुई चना दाल – 2 टेबलस्पून
  5. दही – 2 टेबलस्पून (वैकल्पिक)
  6. इमली का गूदा – 1/2 टीस्पून (वैकल्पिक)
  7. नमक – स्वादानुसार
  8. पानी – आवश्यकतानुसार

तड़के के लिए सामग्री:

  1. सरसों के दाने – 1 टीस्पून
  2. करी पत्ता – 6-7 पत्तियां
  3. सूखी लाल मिर्च – 1
  4. हींग – 1 चुटकी
  5. तेल – 1 टेबलस्पून

नारियल की चटनी बनाने की विधि

चरण 1: सामग्री को तैयार करें

  1. ताजा नारियल को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें या कद्दूकस कर लें।
  2. हरी मिर्च और अदरक को काट लें ताकि पीसने में आसानी हो।
  3. अगर आपके पास भुनी हुई चना दाल नहीं है, तो आप इसे हल्का सा भून लें।

चरण 2: चटनी को पीसना

  1. मिक्सर जार में कद्दूकस किया हुआ नारियल डालें।
  2. हरी मिर्च, अदरक, भुनी हुई चना दाल और नमक डालें।
  3. इमली का गूदा या दही डालें (यह स्वाद को बढ़ाने का काम करेगा, लेकिन वैकल्पिक है)।
  4. अब इसमें थोड़ा पानी डालें और अच्छे से पीस लें।
  5. जरूरत के अनुसार और पानी डालकर चटनी को स्मूथ बना लें।

चरण 3: चटनी में तड़का लगाना

Easy and Delicious Coconut Chutney
  1. एक छोटे पैन में तेल गर्म करें।
  2. उसमें सरसों के दाने डालें और जब वे चटकने लगे तो करी पत्ता और सूखी लाल मिर्च डालें।
  3. अब इसमें एक चुटकी हींग डालें और गैस बंद कर दें।
  4. इस तड़के को तैयार की गई चटनी में डालें और अच्छी तरह मिलाएं।

नारियल की चटनी के विभिन्न प्रकार

Coconut Chutney कई प्रकार से बनाई जा सकती है। इसमें कुछ बदलाव करके अलग-अलग स्वाद की चटनी तैयार की जा सकती है।

1. हरी नारियल चटनी

हरी Coconut Chutney को बनाने के लिए धनिया पत्ती और पुदीना पत्ती मिलाई जाती हैं। यह चटनी स्वाद में ताज़गी देती है और मसालेदार होती है।

2. लाल नारियल चटनी

इस चटनी को बनाने के लिए सूखी लाल मिर्च का उपयोग किया जाता है। यह तीखी और चटपटी होती है, जो मसालेदार खाने के शौकीनों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

3. मूंगफली नारियल चटनी

Coconut Chutney में नारियल के साथ मूंगफली डाली जाती है। यह स्वाद में और भी अधिक क्रीमी और गाढ़ी होती है।

4. टमाटर नारियल चटनी

Coconut Chutney में नारियल के साथ टमाटर का भी उपयोग किया जाता है। यह हल्की खटास लिए होती है और इसे डोसा और इडली के साथ परोसा जाता है।

नारियल की चटनी के साथ खाने के बेहतरीन विकल्प

  1. इडली – यह चटनी इडली के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है।
  2. डोसा – मसाला डोसा या साधारण डोसा के साथ यह चटनी एकदम परफेक्ट लगती है।
  3. वड़ा – नारियल चटनी और सांभर के साथ वड़ा बहुत ही स्वादिष्ट लगता है।
  4. उपमा – यह चटनी उपमा के साथ भी बढ़िया लगती है।
  5. रवा डोसा – कुरकुरे रवा डोसा के साथ नारियल चटनी खाने का मजा ही अलग होता है।

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नारियल की चटनी को स्टोर कैसे करें?

  1. ताजा नारियल की चटनी ज्यादा देर तक ताजा नहीं रहती, इसलिए इसे फ्रिज में रखना जरूरी होता है।
  2. इसे एयरटाइट कंटेनर में भरकर 2 दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
  3. अगर चटनी को ज्यादा दिन तक रखना हो, तो इसे फ्रीजर में स्टोर किया जा सकता है।
Easy and Delicious Coconut Chutney

नारियल की चटनी को स्वादिष्ट बनाने के कुछ खास टिप्स

  1. ताजा नारियल का उपयोग करें – सूखे नारियल की तुलना में ताजा नारियल से बनी चटनी का स्वाद बेहतर होता है।
  2. चना दाल भूनकर डालें – इससे चटनी का स्वाद और भी बेहतरीन हो जाता है।
  3. इमली का हल्का स्वाद दें – अगर हल्की खटास पसंद हो, तो इमली का गूदा या दही डालें।
  4. गाढ़ापन संतुलित रखें – चटनी बहुत ज्यादा पतली या गाढ़ी नहीं होनी चाहिए, इसलिए पानी की मात्रा संतुलित रखें।
  5. तड़का लगाना न भूलें – तड़का लगाने से चटनी का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।

Coconut Chutney बनाने में बेहद आसान होती है और यह किसी भी दक्षिण भारतीय डिश के स्वाद को बढ़ाने का काम करती है। इसे आप अपनी पसंद के अनुसार अलग-अलग तरीकों से बना सकते हैं। सही सामग्री और विधि का उपयोग करके आप घर पर ही होटल जैसी स्वादिष्ट नारियल चटनी बना सकते हैं। अब जब आपने Coconut Chutney बनाने की पूरी विधि सीख ली है, तो इसे घर पर बनाकर जरूर ट्राई करें और अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें!

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