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Multiple Sclerosis (MS) : कारण, लक्षण, उपचार और बचाव की पूरी जानकारी

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Multiple Sclerosis (MS) एक जटिल तंत्रिका तंत्र विकार है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। इस लेख में जानिए मल्टीपल स्केलेरोसिस के कारण, लक्षण, प्रकार, निदान, उपचार और जीवनशैली में जरूरी बदलावों के बारे में विस्तार से। अगर आप Multiple Sclerosis से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में ढूंढ रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए एक सम्पूर्ण गाइड साबित होगा।

मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) : एक सम्पूर्ण जानकारी

Multiple Sclerosis (MS): Causes, Symptoms

Multiple Sclerosis (MS) एक दीर्घकालिक (क्रोनिक) बीमारी है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System – CNS), यानी मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। इस रोग में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिका तंतुओं को घेरे हुए सुरक्षात्मक कवर (मायलिन) पर हमला करती है। इससे तंत्रिकाओं में सूजन आ जाती है और संचार प्रणाली बाधित होती है।

यह रोग धीरे-धीरे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की अक्षमताएं उत्पन्न कर सकता है। समय पर उपचार से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।

मल्टीपल स्केलेरोसिस क्या है?

Multiple Sclerosis एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही ऊतकों पर हमला करती है।
एमएस में मायलिन (nerves का सुरक्षात्मक आवरण) क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिससे मस्तिष्क और शरीर के बीच संदेशों का आदान-प्रदान प्रभावित होता है।

मुख्य प्रभाव:

  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • संतुलन में गड़बड़ी
  • सोचने और याददाश्त में दिक्कत
  • थकान और सुन्नता

मल्टीपल स्केलेरोसिस के प्रकार

एमएस के विभिन्न प्रकार होते हैं:

  1. रिलैप्सिंग-रिमिटिंग एमएस (RRMS):
    • सबसे आम प्रकार (~85% रोगी)।
    • लक्षणों के बढ़ने और फिर ठीक हो जाने के एपिसोड।
  2. सेकेंडरी प्रोग्रेसिव एमएस (SPMS):
    • धीरे-धीरे लक्षण स्थायी रूप से खराब होते हैं।
  3. प्राइमरी प्रोग्रेसिव एमएस (PPMS):
    • शुरुआत से ही लक्षण लगातार बिगड़ते जाते हैं, कोई सुधार नहीं होता।
  4. प्रोग्रेसिव-रिलैप्सिंग एमएस (PRMS):
    • लगातार खराब होते लक्षण और बीच-बीच में गंभीर एपिसोड।

मल्टीपल स्केलेरोसिस के कारण

Multiple Sclerosis के वास्तविक कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन निम्नलिखित कारक जुड़े हो सकते हैं:

  • जेनेटिक्स (आनुवांशिकता):
    यदि परिवार में किसी को एमएस है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
  • इंफेक्शन:
    कुछ वायरस, जैसे एपस्टीन-बार वायरस (EBV) से संक्रमण एमएस से जुड़ा हो सकता है।
  • पर्यावरणीय कारक:
    विटामिन D की कमी और धूम्रपान जैसे कारक जोखिम बढ़ाते हैं।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी:
    शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली मायलिन पर हमला करने लगती है।

मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण

एमएस के लक्षण व्यक्ति और रोग की गंभीरता के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। सामान्य लक्षण हैं:

  • थकान
  • दृष्टि समस्याएं (धुंधला देखना, दोहरी दृष्टि)
  • हाथ-पैरों में सुन्नता या झुनझुनी
  • मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
  • संतुलन और समन्वय में समस्या
  • पेशाब या मल त्याग में कठिनाई
  • अवसाद या मूड स्विंग
  • याददाश्त और एकाग्रता में कठिनाई

मल्टीपल स्केलेरोसिस का निदान

Multiple Sclerosis का निदान करना आसान नहीं है क्योंकि इसके लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं। निदान के लिए:

Multiple Sclerosis (MS): Causes, Symptoms
  • चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण
  • एमआरआई (MRI) स्कैन
    मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में घाव या क्षति का पता लगाने के लिए।
  • स्पाइनल टैप (Lumbar Puncture)
    रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ की जांच।
  • ब्लड टेस्ट
    अन्य बीमारियों को बाहर करने के लिए।

मल्टीपल स्केलेरोसिस का उपचार

Multiple Sclerosis का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

1. दवाइयाँ:

  • इम्यूनोमॉड्युलेटरी थेरेपी:
    (Interferons, Glatiramer acetate) रोग की प्रगति को धीमा करती हैं।
  • स्टेरॉयड थेरेपी:
    सूजन को कम करने के लिए।
  • स्पास्टिसिटी के लिए दवाइयाँ:
    मांसपेशी ऐंठन को कम करने के लिए।

2. फिजियोथेरेपी:

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  • मांसपेशियों की ताकत और संतुलन सुधारने में मददगार।

3. ऑक्यूपेशनल थेरेपी:

  • रोजमर्रा के काम करने में सहायता प्रदान करना।

4. काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल:

  • अवसाद और तनाव से निपटने में मदद।

मल्टीपल स्केलेरोसिस में जीवनशैली में बदलाव

Multiple Sclerosis के साथ जीवन को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय सहायक हो सकते हैं:

  • स्वस्थ आहार:
    फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार।
  • नियमित व्यायाम:
    हल्का योग, तैराकी और स्ट्रेचिंग व्यायाम।
  • तनाव प्रबंधन:
    मेडिटेशन और ध्यान अभ्यास से तनाव कम करें।
  • पर्याप्त नींद:
    शरीर को आराम देना बेहद जरूरी है।
  • धूम्रपान छोड़ना और शराब से बचाव।

मल्टीपल स्केलेरोसिस से संबंधित जटिलताएँ

अगर Multiple Sclerosis का सही समय पर इलाज न हो तो कई जटिलताएँ हो सकती हैं:

  • मांसपेशियों की स्थायी कमजोरी
  • चलने-फिरने में गंभीर कठिनाई
  • मूत्राशय और आंत की समस्याएँ
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ (जैसे अवसाद)
  • सोचने और याददाश्त की क्षमताओं में गिरावट

मल्टीपल स्केलेरोसिस के जोखिम कारक

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Multiple Sclerosis (MS): Causes, Symptoms
  • उम्र: 20 से 40 वर्ष के बीच के लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं।
  • लिंग: महिलाओं में पुरुषों की तुलना में एमएस का खतरा अधिक होता है।
  • आनुवंशिकता: यदि परिवार में किसी को एमएस है।
  • संक्रमण: कुछ वायरस, जैसे एपस्टीन-बार वायरस से जुड़े जोखिम।
  • विटामिन डी की कमी।

मल्टीपल स्केलेरोसिस की रोकथाम

चूँकि एमएस का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, इसलिए इसकी पूर्ण रोकथाम संभव नहीं है। लेकिन कुछ सावधानियाँ अपनाकर जोखिम को कम किया जा सकता है:

  • धूम्रपान न करें।
  • नियमित धूप से विटामिन D प्राप्त करें।
  • स्वस्थ आहार लें और सक्रिय रहें।
  • संक्रमण से बचाव करें।
  • मानसिक तनाव से बचें।

निष्कर्ष

Multiple Sclerosis एक जटिल और चुनौतीपूर्ण रोग है, लेकिन सही समय पर निदान, उपचार और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से इसके प्रभाव को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना इस यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण है। जागरूकता, धैर्य और सकारात्मक सोच से एमएस के साथ भी एक गुणवत्ता-पूर्ण जीवन संभव है।

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Parkinson रोग: लक्षण, कारण, उपचार और बचाव की सम्पूर्ण जानकारी

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Parkinson रोग एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर की गतिशीलता और संतुलन को प्रभावित करती है। इस लेख में हम आपको Parkinson रोग के कारण, लक्षण, चरण, निदान, उपचार और बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। जानिए कैसे समय पर पहचान और सही देखभाल से इस रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।

पार्किंसंस रोग: कारण, लक्षण, उपचार और बचाव की सम्पूर्ण जानकारी

Parkinson's Disease: Symptoms, Causes

Parkinson रोग एक धीमी गति से बढ़ने वाली तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो व्यक्ति के चलने-फिरने, बोलने और संतुलन बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करती है। यह रोग मुख्यतः मस्तिष्क में डोपामिन नामक रसायन के स्तर में कमी के कारण होता है। आमतौर पर यह समस्या बुजुर्गों में देखी जाती है, लेकिन कभी-कभी यह युवा उम्र में भी हो सकती है। आज की इस जानकारी में हम Parkinson रोग के हर पहलू को विस्तार से जानेंगे – इसके कारण, लक्षण, निदान, उपचार और रोकथाम के उपाय।

पार्किंसंस रोग क्या है?

Parkinson रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार (Neurodegenerative Disorder) है, जिसका अर्थ है कि समय के साथ मस्तिष्क की कोशिकाएँ नष्ट होती जाती हैं। खासतौर पर, यह मस्तिष्क के उस हिस्से को प्रभावित करता है जो हमारे शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करता है।

डोपामिन नामक रसायन की कमी से मस्तिष्क शरीर को सही तरीके से संकेत नहीं भेज पाता, जिससे शरीर में कंपन (tremors), कठोरता (stiffness) और गति में मंदता (slowness) आने लगती है।

पार्किंसंस रोग के कारण

Parkinson रोग के सटीक कारण अभी पूरी तरह ज्ञात नहीं हैं, लेकिन कुछ कारक हैं जो इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं:

  1. आनुवांशिक कारण
    • यदि परिवार में किसी को यह रोग रहा है, तो अन्य सदस्यों में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. पर्यावरणीय कारक
    • कुछ विषैले रसायनों (जैसे कीटनाशक, औद्योगिक रसायन) के संपर्क में आने से पार्किंसंस होने का खतरा बढ़ सकता है।
  3. उम्र
    • यह रोग आमतौर पर 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में होता है।
  4. लैंगिक कारक
    • पुरुषों में इस रोग के होने की संभावना महिलाओं की तुलना में अधिक होती है।
  5. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
    • मस्तिष्क में फ्री रेडिकल्स की अधिकता से तंत्रिकाएँ क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।

पार्किंसंस रोग के लक्षण

Parkinson रोग के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ बढ़ते हैं। मुख्य लक्षणों को दो भागों में बाँटा जा सकता है:

1. प्रारंभिक लक्षण

  • शरीर के एक ओर हल्का कंपकंपाना
  • चेहरे पर भावों की कमी
  • लेखनी का छोटा होना (लिखावट का बिगड़ना)
  • बोलने में धीमापन

2. मुख्य लक्षण

  • कंपकंपी (Tremors)
    विश्राम की स्थिति में हाथ या पैर कांपते हैं।
  • कठोरता (Rigidity)
    मांसपेशियों में जकड़न और खिंचाव महसूस होता है।
  • गतियों में मंदता (Bradykinesia)
    चलने, उठने, बैठने जैसी सामान्य गतिविधियाँ धीमी हो जाती हैं।
  • संतुलन की समस्या (Postural Instability)
    खड़े रहने और चलने में कठिनाई होती है, जिससे गिरने का खतरा रहता है।
  • चेहरे पर भावहीनता
    रोगी का चेहरा सपाट और भावहीन दिखाई देने लगता है।
  • बोलने में कठिनाई
    आवाज धीमी और अस्पष्ट हो जाती है।

पार्किंसंस रोग के चरण (Stages of Parkinson’s Disease)

Parkinson रोग को सामान्यतः पाँच चरणों में बाँटा जाता है:

  1. चरण 1 (हल्के लक्षण)
    • शरीर के एक तरफ हल्के लक्षण।
    • दैनिक गतिविधियों पर कोई खास प्रभाव नहीं।
  2. चरण 2 (दोनों ओर प्रभाव)
    • लक्षण शरीर के दोनों ओर दिखाई देने लगते हैं।
    • संतुलन में हल्की समस्या।
  3. चरण 3 (मध्यम स्तर)
    • गिरने का खतरा बढ़ता है।
    • दैनिक कार्यों में कठिनाई।
  4. चरण 4 (गंभीर स्तर)
    • रोगी को चलने-फिरने में सहारे की जरूरत होती है।
  5. चरण 5 (बहुत गंभीर स्तर)
    • रोगी बिस्तर पर निर्भर हो सकता है।
    • पूरी तरह से सहायता पर निर्भरता।
Parkinson's Disease: Symptoms, Causes

पार्किंसंस रोग का निदान

Parkinson रोग का कोई निश्चित लैब टेस्ट नहीं है। निदान मुख्यतः रोगी के लक्षणों और चिकित्सकीय परीक्षणों पर आधारित होता है:

  • न्यूरोलॉजिकल जांच (Neurological Examination)
    डॉक्टर मांसपेशियों की गति, संतुलन और समन्वय की जांच करते हैं।
  • MRI और CT स्कैन
    अन्य बीमारियों को बाहर करने के लिए।
  • DaTSCAN
    डोपामिन ट्रांसपोर्टर स्कैन से मस्तिष्क में डोपामिन स्तर का पता लगाया जा सकता है।
  • रक्त परीक्षण
    अन्य रोगों को बाहर करने के लिए।

पार्किंसंस रोग का उपचार

Parkinson रोग का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सही उपचार से लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

1. दवाइयाँ

  • लेवोडोपा (Levodopa)
    सबसे प्रभावी दवा है, जो मस्तिष्क में डोपामिन स्तर को बढ़ाती है।
  • डोपामिन एगोनिस्ट्स
    ये दवाएं मस्तिष्क में डोपामिन रिसेप्टर्स को सक्रिय करती हैं।
  • MAO-B इनहिबिटर्स
    डोपामिन के टूटने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
  • COMT इनहिबिटर्स
    लेवोडोपा के प्रभाव को बढ़ाते हैं।

2. सर्जिकल उपचार

  • डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS)
    मस्तिष्क में एक छोटा उपकरण प्रत्यारोपित किया जाता है, जो विद्युत तरंगों द्वारा लक्षणों को नियंत्रित करता है।

3. फिजिकल थेरेपी

  • शरीर को सक्रिय बनाए रखने और संतुलन सुधारने में मदद करती है।

4. स्पीच थेरेपी

  • बोलने और आवाज सुधारने के लिए।

5. पोषण और आहार

  • फाइबर युक्त और संतुलित आहार कब्ज की समस्या को दूर करने में सहायक होता है।

पार्किंसंस रोग से बचाव के उपाय

Kidney disease क्या है? कारण, लक्षण और उपचार?

चूँकि Parkinson रोग के सटीक कारण पूरी तरह ज्ञात नहीं हैं, इसलिए पूर्ण बचाव के उपाय निश्चित नहीं हैं। फिर भी कुछ आदतें इस रोग के जोखिम को कम कर सकती हैं:

  1. नियमित व्यायाम
    • व्यायाम मस्तिष्क और शरीर दोनों के लिए लाभकारी है।
  2. स्वस्थ आहार
    • ताजे फल, सब्जियाँ और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन का सेवन करें।
  3. विषैले पदार्थों से बचाव
    • कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों के संपर्क से बचें।
  4. मानसिक व्यस्तता बनाए रखें
    • दिमागी खेल, पढ़ाई और नई चीजें सीखने से मस्तिष्क सक्रिय रहता है।
  5. तनाव कम करें
    • योग और ध्यान तनाव को कम कर सकते हैं, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

पार्किंसंस रोग और जीवनशैली

Parkinson रोग से जूझ रहे लोगों के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव बेहद मददगार हो सकते हैं:

Kidney बचाएं! इन गलतियों से करें परहेज तुरंत

Parkinson's Disease: Symptoms, Causes
  • नियमित दिनचर्या बनाए रखें।
  • सहायता समूहों से जुड़ें।
  • समय पर दवाइयाँ लें।
  • खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रखें।
  • सकारात्मक सोच बनाए रखें।

निष्कर्ष

Parkinson रोग एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय बीमारी है। समय रहते पहचान, उचित इलाज और सकारात्मक जीवनशैली अपनाकर इस रोग के प्रभाव को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता और सही जानकारी से न केवल रोगी बल्कि उनके परिवारजन भी बेहतर जीवन जी सकते हैं। याद रखें, अगर प्रारंभिक लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

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Alzheimer रोग: कारण, लक्षण, उपचार और बचाव की सम्पूर्ण जानकारी

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Alzheimer रोग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इसमें Alzheimer के कारण, लक्षण, चरण, निदान, उपचार के विकल्प और बचाव के उपायों को विस्तार से समझाया गया है। अगर आप या आपके प्रियजन इस बीमारी से जूझ रहे हैं या इसके बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। जानिए कैसे सही समय पर पहचान और देखभाल से अल्जाइमर रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

अल्जाइमर रोग: एक सम्पूर्ण जानकारी

Alzheimer's Disease: Complete Information

Alzheimer एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है, जो मुख्य रूप से वृद्धावस्था में मस्तिष्क को प्रभावित करती है। यह रोग धीरे-धीरे स्मृति, सोचने की क्षमता और व्यवहार को कमजोर कर देता है। आज के समय में Alzheimer रोग दुनियाभर में वृद्ध लोगों में डिमेंशिया (मनोभ्रंश) का सबसे सामान्य कारण बन चुका है। भारत में भी इसकी जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन अब भी सही समय पर निदान और उपचार की कमी देखने को मिलती है।

अल्जाइमर रोग क्या है?

Alzheimer एक प्रगतिशील मस्तिष्क विकार है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएँ (न्यूरॉन्स) धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होती हैं और मर जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति की याददाश्त, सोचने-समझने की क्षमता और साधारण कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। समय के साथ यह रोग इतना गंभीर हो सकता है कि व्यक्ति अपनी दैनिक गतिविधियाँ भी स्वतंत्र रूप से नहीं कर पाता।

अल्जाइमर रोग के कार

Alzheimer रोग के सटीक कारणों का अभी तक पूर्णतः पता नहीं चला है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कई कारकों का संयोजन है:

  • आनुवंशिक कारक (Genetics): यदि परिवार में किसी को अल्जाइमर रहा हो तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • उम्र (Age): बढ़ती उम्र अल्जाइमर का सबसे बड़ा जोखिम कारक है, विशेषकर 65 वर्ष की उम्र के बाद।
  • जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक: सिर में गंभीर चोटें, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान, और मानसिक निष्क्रियता अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
  • प्रोटीन असंतुलन: मस्तिष्क में अमाइलॉइड (amyloid) और ताऊ (tau) प्रोटीन का असामान्य जमाव अल्जाइमर की शुरुआत से जुड़ा होता है।

अल्जाइमर रोग के लक्षण

Alzheimer के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • स्मृति ह्रास: हाल की घटनाओं को भूलना, बार-बार वही सवाल पूछना।
  • सोचने और समझने में कठिनाई: निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने की क्षमता में गिरावट।
  • भाषा में समस्याएं: शब्द खोजने में कठिनाई, वाक्य पूरा न कर पाना।
  • दिशा भ्रम: परिचित स्थानों में रास्ता भूल जाना।
  • व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव: चिड़चिड़ापन, अवसाद, सामाजिक गतिविधियों में रुचि की कमी।
  • व्यवहार संबंधी समस्याएं: भ्रम, संदेह, अविश्वास, झुंझलाहट।

अल्जाइमर रोग के चरण (Stages)

Alzheimer रोग को सामान्यतः तीन चरणों में विभाजित किया जाता है:

  1. प्रारंभिक चरण (Early Stage):
    • हल्की भूलने की समस्या
    • नए नाम या स्थान याद रखने में कठिनाई
    • रोजमर्रा के काम करने में कुछ दिक्कतें
  2. मध्यम चरण (Moderate Stage):
    • स्पष्ट स्मृति ह्रास
    • मदद के बिना दैनिक कार्यों में कठिनाई
    • व्यवहार में परिवर्तन जैसे गुस्सा, भ्रम या अवसाद
  3. गंभीर चरण (Severe Stage):
    • बातचीत करने में असमर्थता
    • चलने, बैठने और निगलने में कठिनाई
    • पूर्ण देखभाल की आवश्यकता

अल्जाइमर रोग का निदान कैसे होता है?

Alzheimer का कोई एकल परीक्षण नहीं है, लेकिन कई प्रक्रियाओं से इसका निदान किया जाता है:

Alzheimer's Disease: Complete Information
  • चिकित्सीय इतिहास और मानसिक परीक्षण: स्मृति, सोचने और समस्या सुलझाने की क्षमता का परीक्षण।
  • न्यूरोलॉजिकल जांच: संतुलन, गति और संवेदी क्षमताओं की जांच।
  • ब्रेन इमेजिंग: MRI या CT स्कैन से मस्तिष्क में सिकुड़न या अन्य परिवर्तन देखे जाते हैं।
  • लैब परीक्षण: अन्य संभावित कारणों जैसे थाइरॉइड विकार या विटामिन की कमी को खारिज करने के लिए रक्त परीक्षण।

अल्जाइमर रोग का उपचा

Alzheimer का वर्तमान में कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने और रोग की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं:

1. दवाइयाँ

  • चोलिनेस्ट्रेज़ इन्हिबिटर्स (Cholinesterase Inhibitors): जैसे डोनेपेज़िल (Donepezil) स्मृति और सोचने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं।
  • मेमांटिन (Memantine): मस्तिष्क में रासायनिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
  • अन्य दवाइयाँ: अवसाद, नींद की समस्या और चिंता का इलाज करने के लिए।

2. जीवनशैली में बदलाव

  • नियमित व्यायाम
  • स्वस्थ आहार (जैसे मेडिटेरेनियन डाइट)
  • मानसिक गतिविधियाँ (जैसे पहेली हल करना, पढ़ना)
  • सामाजिक संपर्क बनाए रखना

3. देखभाल और सहायता

  • पेशेवर देखभाल सेवाएं
  • परिवार और मित्रों का समर्थन
  • अल्जाइमर केयर सेंटर और समूहों में शामिल होना

अल्जाइमर रोग से बचाव के उपाय

हालांकि Alzheimer को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, कुछ आदतें इसके जोखिम को कम कर सकती हैं:

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  • नियमित व्यायाम करें
  • स्वस्थ और संतुलित आहार लें
  • मानसिक रूप से सक्रिय रहें (नई चीजें सीखें, पढ़ाई करें)
  • सामाजिक रूप से सक्रिय रहें
  • मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे को नियंत्रित करें
  • धूम्रपान और अत्यधिक शराब सेवन से बचें
  • नींद को पर्याप्त मात्रा में लें

भारत में अल्जाइमर की स्थिति

भारत में Alzheimer और डिमेंशिया के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। बढ़ती उम्रदराज़ आबादी और जीवनशैली में बदलाव इसके प्रमुख कारण हैं। लेकिन देश में अभी भी जागरूकता की कमी है, जिससे समय पर निदान और इलाज मुश्किल हो जाता है।

कई संगठन जैसे Alzheimer’s and Related Disorders Society of India (ARDSI) इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं।

अल्जाइमर रोग से जुड़े मिथक और सच्चाई

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Alzheimer's Disease: Complete Information
मिथकसच्चाई
अल्जाइमर सिर्फ बुजुर्गों को होता हैहालांकि यह उम्रदराज़ लोगों में आम है, लेकिन 40-50 वर्ष की उम्र में भी आरंभ हो सकता है।
स्मृति ह्रास उम्र बढ़ने का सामान्य हिस्सा हैहल्की भूलने की आदत सामान्य हो सकती है, लेकिन लगातार और गंभीर स्मृति ह्रास अल्जाइमर का संकेत हो सकता है।
अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है इसलिए कुछ किया नहीं जा सकतासही देखभाल और उपचार से जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाई जा सकती है।

निष्कर्ष

Alzheimer रोग एक गंभीर, लेकिन समझने योग्य बीमारी है। यदि इसके लक्षणों को जल्दी पहचाना जाए और उचित उपचार एवं देखभाल प्रदान की जाए तो रोगी के जीवन की गुणवत्ता को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखा जा सकता है। समाज में जागरूकता फैलाना, समय पर निदान करना और सहानुभूति से रोगियों की देखभाल करना अल्जाइमर से लड़ने के महत्वपूर्ण कदम हैं।

  • अल्जाइमर रोगियों की देखभाल करने वालों के लिए सुझाव
  • भारतीय संदर्भ में इलाज के विकल्प
  • या फिर अल्जाइमर पर कोई प्रसिद्ध कहानियाँ?

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Cancer: कारण, लक्षण, निदान, उपचार और बचाव की पूरी जानकारी

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Cancer के बारे में हिंदी में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इसमें कैंसर के प्रकार, कारण, लक्षण, निदान, उपचार और बचाव के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई है। सरल भाषा में लिखा गया यह लेख न केवल कैंसर रोग को समझने में मदद करेगा बल्कि इससे बचाव और सही समय पर इलाज कराने के लिए जागरूक भी करेगा। Cancer से जुड़ी आम भ्रांतियों और भारत में इसकी स्थिति पर भी प्रकाश डाला गया है। यदि आप Cancer के बारे में गहन जानकारी चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।

कैंसर: एक व्यापक परिचय

Cancer: Causes, Symptoms, Diagnosis, Treatment

Cancer आज के समय की सबसे घातक बीमारियों में से एक है। यह न केवल रोगी के जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डालता है। समय पर पहचान और उचित इलाज से कैंसर को काबू पाया जा सकता है। इस लेख में हम Cancer के प्रकार, कारण, लक्षण, निदान, उपचार और बचाव के बारे में विस्तार से जानेंगे।

कैंसर क्या है?

Cancer एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और आसपास के ऊतकों या अंगों में फैल जाती हैं। सामान्यतः कोशिकाएं नियंत्रित ढंग से विभाजित होती हैं और पुरानी या क्षतिग्रस्त कोशिकाएं मर जाती हैं। लेकिन कैंसर में यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है और असामान्य कोशिकाएं लगातार बढ़ती रहती हैं।

कैंसर कैसे बनता है?

  • कोशिकाओं के डीएनए में गड़बड़ी या म्यूटेशन हो जाती है।
  • यह म्यूटेशन कोशिकाओं को अनियंत्रित ढंग से विभाजित होने के लिए प्रेरित करती है।
  • कोशिकाएं एक गांठ (ट्यूमर) का रूप ले सकती हैं या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती हैं (मेटास्टेसिस)।

कैंसर के प्रकार

Cancer कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

  1. कार्सिनोमा (Carcinoma): त्वचा या अंगों की सतही परत से उत्पन्न।
  2. सारकोमा (Sarcoma): हड्डी, मांसपेशियों या संयोजी ऊतक से उत्पन्न।
  3. ल्यूकेमिया (Leukemia): रक्त और अस्थि मज्जा से उत्पन्न।
  4. लिम्फोमा (Lymphoma): लिम्फ तंत्र से उत्पन्न।
  5. माइलेलोमा (Myeloma): प्लाज्मा कोशिकाओं का कैंसर।

कुछ सामान्य कैंसर प्रकार:

  • स्तन Cancer (Breast Cancer)
  • फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer)
  • आंत का Cancer (Colorectal Cancer)
  • त्वचा का कैंसर (Skin Cancer)
  • प्रोस्टेट Cancer (Prostate Cancer)
  • मुँह का Cancer (Oral Cancer)

कैंसर के कारण

Cancer के कई कारण हो सकते हैं। इनमें कुछ आंतरिक और कुछ बाहरी कारक शामिल होते हैं:

बाहरी कारण:

  • धूम्रपान और तंबाकू सेवन
  • शराब का अत्यधिक सेवन
  • रेडिएशन (पराबैंगनी किरणें, एक्स-रे)
  • संक्रमण (जैसे HPV, हेपेटाइटिस B और C)
  • रसायनों के संपर्क (जैसे ऐसबेस्टस)
  • प्रदूषण

आंतरिक कारण:

Cancer: Causes, Symptoms, Diagnosis, Treatment
  • आनुवंशिक (जेनेटिक) गड़बड़ी
  • हार्मोनल असंतुलन
  • प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी

महत्वपूर्ण: हर व्यक्ति में कैंसर के विकसित होने की संभावना समान नहीं होती। यह जीवनशैली, पर्यावरण और वंशानुगत कारणों पर निर्भर करता है।

कैंसर के लक्षण

Cancer के लक्षण उसके प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • बिना किसी कारण के वजन कम होना
  • थकान और कमजोरी
  • लगातार बुखार
  • त्वचा में बदलाव (पीला पड़ना, गहरे धब्बे)
  • गांठ या सूजन
  • खाने या निगलने में कठिनाई
  • असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज
  • पुराना खांसी या आवाज में बदलाव
  • घाव जो भरता नहीं है

ध्यान दें: उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी अगर लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।

कैंसर का निदान (Diagnosis)

Cancer का शीघ्र निदान उपचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए विभिन्न जांचें की जाती हैं:

  1. शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर शरीर में किसी गांठ या असामान्यता की जांच करते हैं।
  2. लैब परीक्षण: रक्त, मूत्र या अन्य द्रवों की जांच।
  3. इमेजिंग तकनीकें:
    • एक्स-रे
    • अल्ट्रासाउंड
    • सीटी स्कैन
    • एमआरआई
    • पेट स्कैन
  4. बायोप्सी: संदेहास्पद ऊतक का नमूना लेकर सूक्ष्मदर्शी से जांच की जाती है।

कैंसर का उपचार (Treatment)

कैंसर के उपचार का तरीका उसके प्रकार, अवस्था और रोगी की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। मुख्य उपचार विधियाँ निम्नलिखित हैं:

1. सर्जरी

कैंसरयुक्त ऊतक को ऑपरेशन द्वारा हटाया जाता है।

2. कीमोथेरेपी

दवाओं का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।

3. रेडिएशन थेरेपी

कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए उच्च ऊर्जा विकिरण का उपयोग किया जाता है।

4. इम्यूनोथेरेपी

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने के लिए मजबूत किया जाता है।

5. हार्मोन थेरेपी

Cancer: Causes, Symptoms, Diagnosis, Treatment

कुछ कैंसर हार्मोन पर निर्भर होते हैं, जैसे स्तन या प्रोस्टेट कैंसर। हार्मोन के प्रभाव को रोकने के लिए दवाएँ दी जाती हैं।

6. टार्गेटेड थेरेपी

यह इलाज कैंसर कोशिकाओं के विशिष्ट जीन, प्रोटीन या ऊतक वातावरण को लक्षित करता है।

7. स्टेम सेल ट्रांसप्लांट

खासकर रक्त कैंसर में अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण किया जाता है।

कैंसर से बचाव (Prevention)

कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम किया जा सकता है यदि हम कुछ सावधानियाँ बरतें:

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  • धूम्रपान और तंबाकू से बचाव
  • शराब का सेवन सीमित करना
  • स्वस्थ आहार लेना (फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज)
  • नियमित व्यायाम
  • वजन नियंत्रित रखना
  • सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाव
  • समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना
  • टीकाकरण (जैसे HPV और हेपेटाइटिस B के खिलाफ)
  • हानिकारक रसायनों और प्रदूषण से बचना

कैंसर के प्रति मानसिक दृष्टिकोण

कैंसर के निदान के बाद रोगी और उसके परिवार के लिए मानसिक स्वास्थ्य भी बहुत महत्वपूर्ण है। तनाव, चिंता और अवसाद से जूझना आम है। ऐसे में:

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  • सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें।
  • मनोवैज्ञानिक सलाह लें।
  • योग और ध्यान करें।
  • परिवार और दोस्तों का सहयोग लें।
  • सपोर्ट ग्रुप्स से जुड़ें।

कैंसर से जुड़े कुछ सामान्य मिथक

Cancer: Causes, Symptoms, Diagnosis, Treatment
  1. मिथक: कैंसर संक्रामक है। सच्चाई: कैंसर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता।
  2. मिथक: कैंसर का कोई इलाज नहीं है। सच्चाई: कई कैंसर प्रकार यदि समय पर पकड़े जाएं तो पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।
  3. मिथक: दर्द होने पर ही कैंसर होता है। सच्चाई: कई बार कैंसर बिना दर्द के भी होता है।

भारत में कैंसर की स्थिति

भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्तन कैंसर, ओरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर सबसे सामान्य हैं। प्रमुख कारणों में तंबाकू का अधिक सेवन, प्रदूषण, अस्वस्थ जीवनशैली और समय पर स्क्रीनिंग का अभाव शामिल हैं। सरकारी और निजी स्तर पर कैंसर जागरूकता बढ़ाने के लिए कई पहलें की जा रही हैं।

निष्कर्ष

कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन यह अजेय नहीं है। समय पर पहचान, सही उपचार और स्वस्थ जीवनशैली के द्वारा इसे रोका और हराया जा सकता है। आज चिकित्सा विज्ञान इतनी तरक्की कर चुका है कि कई प्रकार के कैंसर अब पूरी तरह से ठीक किए जा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है – जागरूकता, नियमित जांच और सकारात्मक सोच।nजल्दी पहचान, सही इलाज, जीवन की नई शुरुआत।

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ED की बड़ी कार्रवाई: जिला कॉपरेटिव बैंक घोटाला मामले में 10 ठिकानों पर छापेमारी

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को जिला सहकारी बैंक (District Cooperative Bank) घोटाले की जांच के तहत कर्नाटक के बेंगलुरु और शिवमोगा में 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी की यह कार्रवाई करोड़ों रुपये के फर्जी लोन और धन शोधन (Money Laundering) की आशंका के चलते की गई है।

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ED's big action: Raids on 10 locations in District Cooperative Bank scam case

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बैंक के कुछ अधिकारियों और चुनिंदा खाताधारकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन पास कराए, जिन्हें बाद में चुकाया नहीं गया। इन लोन को शेल कंपनियों और बेनामी खातों के माध्यम से घुमाकर व्यक्तिगत संपत्ति खरीदने, राजनीतिक फंडिंग और बाहरी निवेश में लगाया गया।

ED ने कागजात, डिजिटल साक्ष्य और पैसे भी जब्त किए

सूत्रों के मुताबिक, ED की छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने महत्वपूर्ण कागजात, डिजिटल साक्ष्य और नकदी जब्त की है। ED की टीम ने बैंक से जुड़े कई उच्च अधिकारियों और स्थानीय कारोबारियों से पूछताछ भी की। माना जा रहा है कि इस घोटाले की जड़ें राजनीतिक नेटवर्क से भी जुड़ी हो सकती हैं, और इस संबंध में कई बड़े नामों की भूमिका की जांच जारी है।

ED's big action: Raids on 10 locations in District Cooperative Bank scam case

कर्नाटक के कुछ जिला सहकारी बैंकों पर पहले भी भ्रष्टाचार और फर्जी लोन स्कीम्स के आरोप लगते रहे हैं। यह मामला उन्हीं में से एक बड़े घोटाले से जुड़ा है, जिसकी जांच अब राष्ट्रीय स्तर पर तेज कर दी गई है।

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Adani Group के शेयरों में उछाल, निवेशकों में लौटा भरोसा

भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की, और इस तेजी का असर Adani Group की लिस्टेड कंपनियों पर साफ तौर पर देखा गया। बाजार में बने सकारात्मक माहौल (Positive Sentiment) ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया, जिससे अदाणी समूह के अधिकांश शेयर हरे निशान में ट्रेड करते नजर आए।

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Adani Group shares surge, investors' confidence returns

इस दौरान Adani Enterprises, Adani Green Energy, Adani Total Gas, और Adani Energy Solutions जैसी कंपनियों के शेयरों में अच्छी तेजी दर्ज की गई। अदाणी पोर्ट्स पहले से ही 4% की बढ़त के साथ मार्केट कैप में ₹15,500 करोड़ का इजाफा कर चुका था, और अब ग्रुप की अन्य कंपनियां भी निवेशकों की पसंद बनती दिख रही हैं।

इसके अलावा, अडानी पोर्ट्स ने कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) में परिचालन शुरू करने की घोषणा की, जो $800 मिलियन का बड़ा निवेश है। इससे श्रीलंका में कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ेगी और हजारों नौकरियों का सृजन होगा। ​

Adani Group के शेयरों में 4% तक की वृद्धि देखी गई

Adani Group shares surge, investors' confidence returns

इन सकारात्मक विकासों के परिणामस्वरूप, अडानी पोर्ट्स के शेयरों में 4% तक की वृद्धि देखी गई, जिससे कंपनी के बाजार पूंजीकरण में लगभग ₹15,500 करोड़ का इजाफा हुआ। ​ हालाँकि वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में अडानी समूह के शेयरों में 21% तक की गिरावट आई थी, जिससे ग्रुप का कुल मार्केट कैप ₹3.4 लाख करोड़ तक घट गया था। लेकिन अप्रैल की शुरुआत से तेजी के साथ यह गिरावट अब कुछ हद तक संतुलित होती दिख रही है।

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Stock Market: सेंसेक्स, निफ्टी मजबूती के साथ खुले, आईटी शेयरों में सुधार

Stock Market: मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच मंगलवार, 08 अप्रैल, 2025 को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल आया। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 875.83 अंक उछलकर 74,013.73 पर खुला, जबकि निफ्टी 415.95 अंक चढ़कर 22,446.75 पर कारोबार की शुरुआत कर रहा था। गुरुवार को आखिरी कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 73,137.90 और निफ्टी 50 22,161.60 पर बंद हुआ था। शुरुआती कारोबार में बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में करीब 2 फीसदी की तेजी आई।

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Stock Market में लौटी रौनक

Stock Market: Sensex, Nifty opened strongly, IT stocks improved
Stock Market: सेंसेक्स, निफ्टी मजबूती के साथ खुले, आईटी शेयरों में सुधार

Stock Market से, टाटा स्टील, टाइटन, टाटा मोटर्स, अडानी पोर्ट्स, एक्सिस बैंक और इंफोसिस शुरुआती कारोबार में सबसे ज्यादा लाभ में रहे, जिसमें टाटा स्टील में करीब 5.02 फीसदी की तेजी आई। दूसरी ओर, सन फार्मा एकमात्र ऐसा शेयर था जो शुरुआती कारोबार के दौरान लाल निशान में कारोबार कर रहा था। शुरुआती कारोबार में शेयर में 0.28 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में निफ्टी पैक में 1,864 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 102 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। 56 शेयर अपरिवर्तित रहे।

इससे पहले, इक्विटी मार्केट इंडेक्स के लिए शुरुआती संकेतक गिफ्ट निफ्टी ने निफ्टी 50 के लिए सकारात्मक शुरुआत का संकेत दिया क्योंकि यह 22,331 के पिछले बंद के मुकाबले 22,599.50 पर हरे रंग में खुला।

एशियाई बाजार

Stock Market: Sensex, Nifty opened strongly, IT stocks improved
Stock Market: सेंसेक्स, निफ्टी मजबूती के साथ खुले, आईटी शेयरों में सुधार

इस बीच, एशियाई बाजारों में आज हरे रंग में कारोबार हुआ क्योंकि वॉल स्ट्रीट एक और उथल-पुथल भरे दिन के निचले स्तर पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 349 अंक या 0.9 प्रतिशत की गिरावट आई और नैस्डैक कंपोजिट में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

खबर लिखे जाने तक जापान का निक्केई 225 1,666.68 अंक या 5.35 प्रतिशत ऊपर था। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 12.96 अंक या 0.56 प्रतिशत ऊपर था। हांगकांग के हैंग सेंग में 256.37 अंकों की बढ़त दर्ज की गई, जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में 28.19 अंकों की बढ़त दर्ज की गई।

अलग-अलग सेक्टरों का प्रदर्शन कैसा रहा?

Stock Market: Sensex, Nifty opened strongly, IT stocks improved
Stock Market: सेंसेक्स, निफ्टी मजबूती के साथ खुले, आईटी शेयरों में सुधार

आज निफ्टी के प्रमुख सेक्टरल इंडेक्स हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं, जिसमें निफ्टी आईटी में 2.55 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसी तरह, निफ्टी मेटल में 3.40 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा, निफ्टी ऑटो में 2.12 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जबकि निफ्टी रियल्टी में शुरुआती कारोबार में 3.18 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।

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Curd लगाते हैं बालों में? फायदे-नुकसान जानें यहां!

Curd: क्या आप भी कभी आईने के सामने खड़े होकर सोचते हैं कि अपने बालों को रेशमी, मुलायम और स्वस्थ बनाने के लिए और क्या किया जाए – और फिर जाकर दही से बना कोई घरेलू हेयर मास्क तैयार कर लेते हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं।

दही वर्षों से भारतीय घरों में बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याओं का घरेलू इलाज रहा है। हमारी दादी-नानी इसका इस्तेमाल करती थीं, माएं इसे अपनाती थीं और अब सोशल मीडिया और ब्यूटी ब्लॉग्स के ज़रिए दही फिर से चर्चा में है। लेकिन क्या वाकई यह आपके बालों के लिए कोई जादुई चीज़ है, या फिर एक और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया घरेलू नुस्खा?

आइए जानते हैं कि दही बालों के लिए कितना फायदेमंद या नुकसानदायक हो सकता है। क्या आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए या इससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए? पूरी सच्चाई जानने के लिए पढ़ते रहें।

Do you apply Curd to your hair? Know its benefits and disadvantages here!

Curd क्यों है बालों की देखभाल में इतना लोकप्रिय?

फायदे और नुकसान जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर दही में ऐसा क्या है जो इसे बालों के लिए उपयोगी बनाता है।

दही में पाए जाते हैं:

  • प्रोटीन: बालों को मजबूती देने में मदद करता है
  • लैक्टिक एसिड: स्कैल्प को साफ करता है, मृत कोशिकाओं को हटाता है
  • हेल्दी फैट्स: रूखे और बेजान बालों में नमी भरता है
  • कैल्शियम और विटामिन्स (B5, B12): बालों की जड़ों को पोषण देते हैं और बालों की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं

तो हां, दही के पोषक तत्व वाकई प्रभावशाली हैं – लेकिन इसे कैसे और किसके लिए इस्तेमाल करना है, यह समझना जरूरी है।

दही लगाने के फायदे

सबसे पहले बात करते हैं इसके फायदों की। अगर सही तरीके से और सही समय पर इस्तेमाल किया जाए, तो Curd बालों के लिए वाकई फायदेमंद हो सकता है।

1. प्राकृतिक डीप कंडीशनर

अगर आपके बाल रूखे और उलझे हुए हैं, तो महंगे सैलून ट्रीटमेंट की बजाय एक कटोरी दही आपका काम कर सकती है।

दही बालों को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज करता है, जिससे बाल मुलायम, चमकदार और आसानी से सुलझने लायक बनते हैं।

टिप: दही में शहद या जैतून का तेल मिलाकर लगाएं, परिणाम और बेहतर मिलेंगे।

2. डैंड्रफ से राहत

अगर सिर में खुजली और डैंड्रफ की समस्या है, तो Curd इसमें राहत दिला सकता है।

दही के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण स्कैल्प को ठंडक देते हैं और फंगल संक्रमण के कारण होने वाले डैंड्रफ को कम करते हैं।

टिप: दही में नीम की पत्ती का पेस्ट या टी ट्री ऑयल मिलाएं, और स्कैल्प पर लगाएं।

3. बालों का गिरना कम करता है

Curd में मौजूद प्रोटीन बालों की जड़ों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाता है, जिससे बालों का गिरना कम हो सकता है।

टिप: दही में रातभर भिगोई हुई मेथी पीसकर मिलाएं और हफ्ते में एक बार लगाएं।

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4. बालों की ग्रोथ को बढ़ावा

दही में मौजूद विटामिन्स B5 और B12 स्कैल्प में रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं, जिससे बालों की वृद्धि में मदद मिलती है।

भले ही यह कोई चमत्कारी उपाय नहीं है, लेकिन नियमित इस्तेमाल से बाल मजबूत और घने हो सकते हैं।

5. फ्रिज़ी बालों पर नियंत्रण

अगर आपके बाल बार-बार फुल जाते हैं या उलझ जाते हैं, तो Curd आपके लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक तरीका हो सकता है।

यह बालों की नमी को बनाए रखता है और उन्हें स्मूद और शाइनी बनाता है।

टिप: दही में केला मिलाकर लगाएं – बेहतरीन परिणाम मिलेगा।

6. बालों में नैचुरल चमक

दही का नियमित इस्तेमाल बालों में एक प्राकृतिक चमक लाता है, वो भी बिना किसी कैमिकल के।

टिप: दही में एलोवेरा जेल मिलाएं और शैम्पू करने से पहले 30 मिनट लगाएं।

दही लगाने के नुकसान

जहां दही के कई फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है। हर चीज़ हर किसी को नहीं सूट करती – यही बात दही पर भी लागू होती है।

1. तैलीय स्कैल्प वालों के लिए उपयुक्त नहीं

अगर आपकी स्कैल्प पहले से ही ऑयली है, तो Curd लगाने से बाल और भी चिपचिपे हो सकते हैं। इससे स्कैल्प पर पोर्स बंद हो सकते हैं, जिससे पिंपल्स या एलर्जी हो सकती है।

टिप: ऑयली बालों पर दही का इस्तेमाल करना हो, तो उसमें नींबू का रस मिलाएं।

2. सर्दी या साइनस की समस्या बढ़ा सकता है

कई लोगों को दही लगाने के बाद सर्दी, सिरदर्द या साइनस की शिकायत होती है। इसका कारण है दही की ठंडी प्रकृति।

ठंड के मौसम में या अगर आप पहले से सर्दी-जुकाम से परेशान हैं, तो दही लगाने से परेशानी बढ़ सकती है।

3. Curd की दुर्गंध

दही का गंध कुछ लोगों को बिल्कुल नहीं भाता, खासकर जब वह थोड़ा खट्टा हो गया हो।

अगर बालों से दही की गंध ठीक से नहीं निकली, तो वह कई घंटों तक बनी रह सकती है।

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4. लगाने में समय और मेहनत

दही लगाना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। यह काफी मेस्सी और चिपचिपा होता है। लगाने और धोने में समय भी लगता है और सही से साफ नहीं किया गया तो बालों में बासी दही की बदबू रह सकती है।

5. एलर्जी की संभावना

अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है या दूध उत्पादों से एलर्जी है, तो दही लगाने से स्किन पर जलन, खुजली या रैश हो सकते हैं।

पहले एक पैच टेस्ट करना जरूरी है।

Curd लगाने का सही तरीका

अगर आप सोच रहे हैं कि दही कैसे लगाया जाए, तो नीचे कुछ असरदार तरीके दिए गए हैं:

रूखे बालों के लिए

  • 1 कटोरी दही
  • 1 चम्मच शहद
  • 1 चम्मच नारियल तेल

विधि: सभी चीजों को मिलाकर बालों और स्कैल्प पर लगाएं। 30 मिनट बाद हल्के शैम्पू से धो लें।

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डैंड्रफ हटाने के लिए

  • 1 कटोरी दही
  • 2 चम्मच नीम पेस्ट या पाउडर
  • 5 बूंद टी ट्री ऑयल

विधि: स्कैल्प पर लगाकर 20–25 मिनट रखें, फिर धो लें।

बाल झड़ने की समस्या में

  • 1 कटोरी दही
  • 2 चम्मच मेथी पेस्ट
  • 1 अंडा (अगर ठीक लगे)

विधि: बालों की जड़ों और लंबाई पर लगाएं। 30 मिनट बाद धो लें।

विशेषज्ञों की राय

त्वचा विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आपको कोई एलर्जी नहीं है तो हफ्ते में एक बार दही का इस्तेमाल सुरक्षित है और इससे बालों की सेहत में सुधार हो सकता है।

लेकिन अगर आपकी स्किन बहुत सेंसिटिव है, या आपको बालों की कोई गंभीर बीमारी है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। दही कोई चमत्कारी इलाज नहीं है – यह सिर्फ सहायक उपाय हो सकता है।

क्या Curd लगाना चाहिए?

दही सूखे और बेजान बालों के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपाय हो सकता है। लेकिन अगर आपकी स्कैल्प तैलीय है, या आप सर्दी-जुकाम से पीड़ित हैं, तो इसे टालना ही बेहतर होगा।

कितनी बार लगाना चाहिए?

  • सूखे बाल: हफ्ते में एक बार
  • तैलीय बाल: 10 से 14 दिन में एक बार
  • नॉर्मल बाल: हर 10 दिन में

हर किसी की स्किन और बालों की ज़रूरत अलग होती है। अगर दही से आपको फायदा महसूस हो, तो जरूर अपनाएं। नहीं होता तो चिंता न करें – प्रकृति के पास और भी कई समाधान हैं। अगर आप ऐसे और घरेलू सौंदर्य उपायों के बारे में जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहिए – आपके बाल इसकी हकदार हैं!

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CM Yogi को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार

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शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के CM Yogi को एक हाथ से लिखे पत्र के माध्यम से जान से मारने की धमकी दी गई, जिसमें दावा किया गया कि उन्हें बम से उड़ाया जाएगा। यह पत्र शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक को संबोधित था, जिसने जिले के सुरक्षा तंत्र को अलर्ट पर ला दिया। पत्र में खुद को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बताने वाले दो व्यक्तियों—आबिद अंसारी और मेहंदी अंसारी—ने इस धमकी को अंजाम देने की बात कही थी।

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पत्र में कहा गया कि दोनों आरोपियों ने पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त किया और गैंगस्टर-राजनेताओं अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की मौत का बदला लेने के इरादे से भारत आए थे। इसके साथ ही उन्होंने 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश का दावा किया था।

The accused who threatened to blow up CM Yogi with a bomb has been arrested

धमकी की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने इसे संभावित आतंकी साजिश मानते हुए जांच शुरू की। लेकिन प्रारंभिक जांच में ही इस कथित साजिश की पोल खुल गई। तकनीकी सर्विलांस और निगरानी फुटेज के आधार पर पुलिस ने पत्र भेजने वाले व्यक्ति की पहचान शाहजहांपुर के जलालाबाद थाना क्षेत्र के गुनारा गांव निवासी अज़ीम के रूप में की।

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CM Yogi को धमकी देने वाला निकला झूठा

The accused who threatened to blow up CM Yogi with a bomb has been arrested

पूछताछ में अज़ीम ने कबूल किया कि पत्र में किया गया सारा दावा झूठा और मनगढ़ंत था। उसका मकसद आबिद और मेहंदी अंसारी को झूठा फँसाना था, जिनसे उसका ज़मीन विवाद चल रहा था। अज़ीम ने बताया कि उसने पत्र में अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी और आईएसआई जैसे संवेदनशील नामों का इस्तेमाल केवल धमकी को विश्वसनीय और गंभीर दिखाने के लिए किया।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अज़ीम के खिलाफ़ अब कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इस तरह की रणनीति का उपयोग किसी और मामले में तो नहीं हुआ है।

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‘Sikandar’ ने आठवें दिन किया धमाकेदार कारनामा!

सलमान खान की मोस्ट अवेटेड एक्शन फिल्म ‘Sikandar’ को लेकर फैंस में गजब का क्रेज था। रिलीज से पहले ही फिल्म ने जबरदस्त हाइप बना ली थी। लेकिन जो चीज़ किसी ने नहीं सोची थी, वो फिल्म ने 8वें दिन कर दिखाया! जी हां, भले ही ‘Sikandar’ अभी तक 1000 करोड़ के क्लब में नहीं पहुंच पाई हो, लेकिन इसने ऐसा इतिहास रच दिया है कि मेकर्स के चेहरे पर मुस्कान आ गई है और ट्रेड एनालिस्ट भी हैरान हैं।

तो चलिए जानते हैं कि आखिर ‘Sikandar’ ने ऐसा कौन-सा धमाका किया है, जो इसे 2025 की सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस स्टोरी में बदल रहा है।

बड़ी उम्मीदें, बड़ा प्रेशर

जब ‘Sikandar’ का टीज़र रिलीज़ हुआ, तो इंटरनेट पर मानो तूफान आ गया। सलमान खान का जबरदस्त एक्शन, धुआंधार डायलॉग्स, बैकग्राउंड में धमाकेदार म्यूजिक — सबकुछ परफेक्ट लग रहा था।

लेकिन हर बड़े स्टार के साथ एक बड़ा डर भी जुड़ा होता है — क्या ये फिल्म चल पाएगी?

पिछले कुछ सालों से सलमान की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से कम प्रदर्शन कर रही थीं। ‘राधे’ और ‘अंतिम’ जैसी फिल्मों ने ज्यादा कमाल नहीं दिखाया। ऐसे में ‘Sikandar’ को लेकर भी लोग थोड़े डरे हुए थे। क्या ये फिल्म सलमान की वापसी बन पाएगी या एक और फ्लॉप का तमगा लगेगा?

‘Sikandar’ did a great feat on the eighth day!

ओपनिंग वीकेंड – धमाकेदार लेकिन सवालों के साथ

फिल्म ने शानदार ओपनिंग की — पहले दिन ही ₹52 करोड़ की कमाई! ये इस साल की सबसे बड़ी ओपनिंग में से एक थी। वीकेंड भी तगड़ा रहा:

दिनकलेक्शन (₹ करोड़)
Day 152
Day 248
Day 356
Total (Weekend)156

लेकिन असली परीक्षा सोमवार से शुरू हुई। चौथे और पांचवे दिन फिल्म की कमाई तेजी से गिरी — सिर्फ ₹20 करोड़ और ₹18 करोड़। सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे:

  • क्या सलमान की मास एंटरटेनर फिल्मों का दौर खत्म हो गया?
  • क्या ‘Sikandar’ भी एक और overhyped flop बन जाएगी?
  • क्या ये फिल्म 400 करोड़ भी कमा पाएगी?

8वें दिन का चमत्कार – जबरदस्त पलटवार!

लेकिन फिर आया 8वां दिन, जिसने पूरा गेम पलट दिया।

जहां ज्यादातर फिल्मों की कमाई दूसरे हफ्ते में गिर जाती है, वहीं ‘Sikandar’ ने 8वें दिन जबरदस्त उछाल मारा और ₹29 करोड़ का कलेक्शन किया — जो कि 7वें दिन से 65% ज्यादा था!

आखिर इस चमत्कार की वजह क्या थी?

1. वर्ड ऑफ माउथ ने किया कमाल

शुरुआती रिव्यू मिले-जुले थे, लेकिन दर्शकों ने फिल्म को हाथों-हाथ लिया। खासकर छोटे शहरों में फिल्म की कहानी, इमोशन और एक्शन लोगों को खूब भाया।

2. फैमिली ऑडियंस की एंट्री

फिल्म में सिर्फ मारधाड़ ही नहीं, बल्कि एक इमोशनल पिता-बेटे की कहानी भी थी। यही वजह रही कि दूसरे हफ्ते में फैमिली ऑडियंस सिनेमाघरों में उमड़ पड़ी।

3. सलमान खान का मैजिक

‘Sikandar’ did a great feat on the eighth day!

कहना गलत नहीं होगा कि जब सलमान खान की फिल्म चलती है, तो पूरे देश में ‘भाई’ का जलवा दिखता है। ‘Sikandar’ में सलमान ने वही पुराने अंदाज़ में एंट्री मारी — शर्टलेस सीन, स्टाइलिश एक्शन और धांसू डायलॉग्स ने फैंस को पागल कर दिया।

Sikandar के बाद, सलमान की 1000 करोड़ी तैयारी?

इतिहास रचने वाला बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

अब बात करते हैं उस “कमाल” की जो ‘Sikandar’ ने किया।

ट्रेड एनालिस्ट रमेश बाला के मुताबिक, “Sikandar ने अब तक की सबसे बड़ी सेकंड फ्राइडे कलेक्शन दर्ज की है किसी भी नॉन-हिरानी और नॉन-पठान यूनिवर्स फिल्म के लिए।”

अब तक का कुल कलेक्शन (Day 1 से Day 8 तक):

दिनकलेक्शन (₹ करोड़)
Day 152
Day 248
Day 356
Day 420
Day 518
Day 615
Day 713
Day 829
कुल261 करोड़

अब ट्रेड पंडित मान रहे हैं कि फिल्म ₹500–600 करोड़ तक आराम से पहुंच सकती है अगर ये ट्रेंड बरकरार रहा।

मेकर्स की जान में जान आई

इस फिल्म का बजट करीब ₹250 करोड़ बताया जा रहा था। वीकडे में गिरावट देखकर प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला और डायरेक्टर एआर मुरुगदोस भी थोड़े परेशान थे।

लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है।

फिल्म ने सेटेलाइट, म्यूजिक और डिजिटल राइट्स से पहले ही ₹140 करोड़ की कमाई कर ली थी। अब थिएटर से ₹260 करोड़ की कमाई के बाद फिल्म फायदे में जा चुकी है।

सलमान खान के करियर के लिए वरदान साबित हुई ‘Sikandar’

कुछ समय से सलमान की फिल्मों को लेकर ये कहने लगे थे कि उनका स्टारडम फीका पड़ रहा है। लेकिन ‘Sikandar’ ने सबको चुप करवा दिया है।

1000 करोड़ भले न हो, लेकिन सलमान ने फिर से दिखा दिया है कि वो अभी भी “मास का मास्टर” हैं।

इंडस्ट्री अब इस फिल्म को सलमान की वापसी मान रही है और उनके अगले प्रोजेक्ट — टाइगर सीक्वल के लिए उत्साह और बढ़ गया है।

ऑडियंस की जुबानी – ‘Sikandar’ एक ब्लॉकबस्टर एहसास

कुछ सोशल मीडिया रिएक्शन्स देखें:

“ये सिर्फ एक्शन फिल्म नहीं है, ये सलमान खान का इमोशनल रिटर्न है।” – @BeingRavi

“फैमिली के साथ देखी, पूरा थिएटर तालियों से गूंज उठा। भाई वाकई में लौट आए हैं।” – @filmyfreak007

“वो ट्विस्ट वाला सीन… उफ्फ! सरप्राइज कर दिया।” – Reddit यूजर

‘Sikandar’ did a great feat on the eighth day!

अब आगे क्या? क्या ‘Sikandar 2’ आएगी?

अब सवाल उठता है – क्या इस फिल्म की सक्सेस को देखते हुए ‘Sikandar 2’ बनेगी?

कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो मेकर्स इसके सीक्वल पर विचार कर रहे हैं, और सलमान भी इस यूनिवर्स को आगे ले जाने के लिए तैयार हैं। आखिर में फिल्म जिस सस्पेंस पर खत्म होती है, वो भी सीक्वल का संकेत देता है।

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न सही 1000 करोड़, लेकिन सलमान ने फिर दिल जीत लिया

आज के दौर में जब हर कोई सिर्फ 1000 करोड़ के आंकड़े की बात करता है, तब ‘Sikandar’ ने दिखाया है कि सच्ची जीत कलेक्शन से ज्यादा ऑडियंस के दिल में होती है। फिल्म ने साबित कर दिया कि अगर स्क्रिप्ट अच्छी हो, इमोशन दमदार हो और सलमान खान जैसा सुपरस्टार हो, तो कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चमत्कार कर सकती है। तो भले ही ‘Sikandar’ ने अभी 1000 करोड़ ना छुए हों, लेकिन उसने इतना जरूर कर दिखाया है कि अब मेकर्स राहत की सांस ले सकते हैं — और सलमान के फैंस फिर से कह सकते हैं — “एक बार जो भाई कमिटमेंट कर दे…

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अक्षय ने ठुकराई ‘Aankhen’, फिर क्यों मानी बात?

एक वक्त था जब बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार ने Aankhen जैसी अनोखी थ्रिलर फिल्म करने से साफ इनकार कर दिया था। जी हां, वही फिल्म जो भारत में हीस्ट थ्रिलर्स की परिभाषा बदल कर रख दी, वही फिल्म जिसमें अमिताभ बच्चन ने निगेटिव किरदार निभाया और अक्षय कुमार ने एक दृष्टिहीन व्यक्ति का किरदार निभाकर सबको चौंका दिया—उस फिल्म को करने के लिए पहले अक्षय तैयार ही नहीं थे। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने ‘ना’ से ‘हां’ कह दिया? यह कहानी है सस्पेंस, अहंकार, सिनेमा की ताकत और एक ट्विस्ट की, जो खुद फिल्म के क्लाइमैक्स से कम नहीं।

चलिए जानते हैं उस फिल्म के पर्दे के पीछे की वो कहानी, जिसने न केवल एक कल्ट क्लासिक को जन्म दिया बल्कि अक्षय कुमार के करियर की दिशा भी बदल दी।

फिल्म जिसने सबको चौंका दिया

साल 2002 में जब Aankhen रिलीज़ हुई, तो यह भारतीय सिनेमा के लिए एक बिल्कुल नया प्रयोग था। एक ऐसी कहानी जिसमें तीन दृष्टिहीन व्यक्ति मिलकर बैंक लूटते हैं, और इस पूरे प्लान का मास्टरमाइंड होता है एक नाराज़ पूर्व बैंक मैनेजर। यह कोई टिपिकल मसाला फिल्म नहीं थी।

फिल्म में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल, सुष्मिता सेन और परेश रावल जैसे सितारे थे। निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह की यह पहली बॉलीवुड फिल्म थी, और उन्होंने काफी जोखिम उठाया था।

Akshay rejected ‘Aankhen’, then why did he agree

लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस फिल्म की कास्टिंग में सबसे बड़ी चुनौती अक्षय कुमार को राज़ी करना था।

अक्षय का पहला रिएक्शन: साफ इंकार

जब विपुल शाह पहली बार अक्षय कुमार के पास इस फिल्म की स्क्रिप्ट लेकर पहुंचे, तब अक्षय अपने करियर के उस दौर में थे जहां वे मुख्य रूप से एक्शन और ‘खिलाड़ी’ टाइप फिल्मों में व्यस्त थे। एक ऐसे विषय पर फिल्म जिसमें तीन दृष्टिहीन लोग बैंक लूटते हैं—यह उन्हें कुछ ज्यादा ही रिस्की और अलग लगा।

सूत्रों के अनुसार, अक्षय का पहला रिएक्शन उत्साहपूर्ण नहीं था, बल्कि संदेह से भरा हुआ था। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि इस तरह की फिल्म दर्शकों को कैसे पसंद आएगी।

उन्होंने साफ तौर पर कहा—
“ये फिल्म चलेगी कैसे? अंधे लोग बैंक कैसे लूट सकते हैं? ये दर्शक कैसे मानेंगे?”

और इसके साथ ही उन्होंने फिल्म को करने से मना कर दिया।

कहानी में आया असली ट्विस्ट

अब सवाल यह कि उन्होंने बाद में हां क्यों कहा?

यहां पर कहानी में आता है असली ट्विस्ट।

विपुल शाह अक्षय के इंकार से निराश तो थे, लेकिन हार मानने को तैयार नहीं थे। उन्होंने एक नया तरीका अपनाया। उन्होंने अक्षय को वही गुजराती नाटक दिखाने का फैसला किया, जिस पर फिल्म Aankhen आधारित थी—आंधलो पाटो

उन्होंने एक स्पेशल शो अरेंज किया और अक्षय को आमंत्रित किया। अक्षय ने अनमने मन से वो नाटक देखने की हामी भर दी।

लेकिन जैसे ही नाटक खत्म हुआ, अक्षय का मन बदल गया।

उन्होंने विपुल शाह से कहा—
“अब समझ में आया! अगर आप फिल्म को इसी अंदाज में बनाएंगे, तो मैं जरूर करूंगा।”

वो एक नाटक, अक्षय के सोचने का तरीका बदल गया। जो कहानी उन्हें स्क्रिप्ट में अधूरी और रिस्की लग रही थी, वही मंच पर जीवंत हो गई।

Akshay rejected ‘Aankhen’, then why did he agree

किरदार जिसने मांगी अक्षय से एक नई परफॉर्मेंस

अक्षय कुमार ने फिल्मों में कई तरह के रोल किए हैं, लेकिन Aankhen में उनका किरदार सबसे चुनौतीपूर्ण था। एक दृष्टिहीन व्यक्ति का किरदार निभाना उनके लिए बिल्कुल नया अनुभव था।

इस रोल के लिए उन्हें अपनी एक्टिंग की सारी पुरानी आदतों को छोड़ना पड़ा। आंखों से भाव नहीं दिखा सकते, विजुअल संकेतों पर रिएक्ट नहीं कर सकते, कोई नायक जैसी एंट्री नहीं—सबकुछ भीतर से निकालना था।

उन्होंने दृष्टिहीन लोगों के साथ समय बिताया, उनकी बॉडी लैंग्वेज, चलने का तरीका, बोलने का अंदाज सीखा।

और फिल्म में जो उन्होंने परफॉर्म किया, वो उनके करियर के सबसे गहरे और सधे हुए परफॉर्मेंस में से एक बन गया।

सेट पर अमिताभ बच्चन के साथ टकराव की खबरें

यह सारा ड्रामा सिर्फ स्क्रिप्ट तक सीमित नहीं था। सेट पर भी माहौल कभी-कभी काफी तनावपूर्ण हो जाता था।

एक तरफ अमिताभ बच्चन जो पहली बार निगेटिव किरदार में उतर रहे थे, और दूसरी तरफ अक्षय कुमार, जो खुद को एक गंभीर अभिनेता के रूप में साबित करने की कोशिश कर रहे थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेट पर दोनों के बीच टकराव की स्थिति भी कई बार बनी। हालांकि निर्देशक विपुल शाह ने इसे ‘क्रिएटिव टेंशन’ बताया।

“जब दो मजबूत कलाकार एक ही फ्रेम में होते हैं, तो ऊर्जा जबरदस्त होती है। वो टेंशन पर्दे पर भी दिखती है, जो फिल्म के लिए अच्छा ही होता है।”

इसका असर फिल्म के क्लाइमैक्स और इंटेंस सीन में साफ देखा जा सकता है।

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जोखिम जो बन गया सुपरहिट

Aankhen सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, यह एक प्रयोग था। और यह प्रयोग हिट रहा।

फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया और साल 2002 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शुमार हो गई।

अक्षय कुमार के लिए यह एक बड़ी जीत थी। इस फिल्म ने यह साबित किया कि वे सिर्फ एक्शन हीरो नहीं हैं, बल्कि एक अच्छे अभिनेता भी हैं।

इसके बाद उन्होंने वक्त, स्पेशल 26, बेबी, और एयरलिफ्ट जैसी फिल्में कीं, जिनमें परफॉर्मेंस को प्राथमिकता दी गई।

Akshay rejected ‘Aankhen’, then why did he agree

‘Aankhen 2’: जो कभी बन नहीं पाई

फिल्म की सफलता के बाद Aankhen 2 की चर्चा जोरों पर थी। 2016 में तो फिल्म का टीज़र पोस्टर और कास्ट तक अनाउंस कर दी गई थी। अमिताभ बच्चन के साथ अनिल कपूर और अरशद वारसी का नाम सामने आया।

लेकिन फिल्म कभी बन ही नहीं पाई।

कहते हैं कि स्क्रिप्ट में बदलाव, कास्टिंग के झगड़े और प्रोड्यूसर्स के बीच कानूनी विवादों ने प्रोजेक्ट को रोक दिया। अक्षय के वापसी की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने कभी फिल्म साइन नहीं की।

फैंस आज भी Aankhen 2 का इंतजार कर रहे हैं।

‘Aankhen’ की विरासत

Aankhen भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक खास मुकाम रखती है। एक ऐसी फिल्म जो बिना किसी बंदूक और खलनायक के भी रोमांच पैदा कर सकती है, यह फिल्म ने साबित किया।

अक्षय कुमार का यह रोल उनके करियर के टर्निंग पॉइंट में से एक बन गया।

अगर उन्होंने उस दिन ‘ना’ ही कहा होता, तो शायद हमें ये शानदार फिल्म देखने को ही नहीं मिलती।

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अक्षय का खुद का बयान

बाद में एक इंटरव्यू में अक्षय ने कहा—
“Aankhen करना मेरे करियर के सबसे अच्छे फैसलों में से एक था। इसने मुझे सिखाया कि सबसे मुश्किल रोल ही आपके अंदर का कलाकार बाहर लाते हैं।”

यह बात अक्षय की सोच को दर्शाती है—कि कभी-कभी रिस्क ही सबसे बड़ी जीत देता है।

निष्कर्ष

Aankhen के साथ अक्षय कुमार का सफर इस बात का सबूत है कि कभी-कभी पहले इंप्रेशन धोखा दे सकते हैं। एक फिल्म जिसे उन्होंने शुरू में ठुकरा दिया, वही फिल्म उनके करियर की पहचान बन गई।

और यह सब हुआ एक गुजराती नाटक के कारण। कह सकते हैं कि अगर वो प्ले न देखा होता, तो शायद अक्षय की ‘Aankhen’ कभी न खुलतीं।

तो अगली बार जब आप Aankhen देखें और उसके ट्विस्ट से हैरान हों, तो याद रखिए—ये फिल्म बनते-बनते ही एक फिल्म जैसी कहानी है।

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Kesari Chapter 2’ से धुलेंगे अक्षय के दाग!

Kesari Chapter 2: जब बात होती है अक्षय कुमार की, तो दो चीजें सबसे पहले दिमाग में आती हैं — देशभक्ति से भरे जबरदस्त एक्शन और एक ऐसा करियर ग्राफ जो हाल के दिनों में थोड़ा डगमगाया है। लेकिन अब रुक जाइए जनाब, क्योंकि इस बार हवा का रुख बदलने वाला है! ‘Kesari Chapter 2’ के साथ अक्षय कुमार कर सकते हैं वो धमाका, जो उनकी पिछली सारी फ्लॉप फिल्मों को भुला देगा।

सच कहा जाए तो सेल्फी, राम सेतु और सम्राट पृथ्वीराज जैसी फिल्मों ने फैन्स को निराश किया। सभी पूछने लगे — “पुराना खिलाड़ी कहां गया?” लेकिन अब जो आने वाला है, वो है एक ऐसा विस्फोटक सीक्वल जो अक्षय को फिर से ट्रैक पर ला सकता है।

Akshay's stains will be washed away with 'Kesari Chapter 2'!

यहाँ हम बता रहे हैं 5 ऐसी बड़ी वजहें जो ‘Kesari Chapter 2’ को ब्लॉकबस्टर बना सकती हैं — और अक्षय कुमार को फिर से सुपरस्टार बना सकती हैं!

1. फिर से वापसी उस असली अक्षय कुमार की — फौजी, देशभक्त, हीरो!

फैन्स को अब कॉमिक अक्षय, पौराणिक अक्षय और ओटीटी अक्षय नहीं चाहिए। उन्हें चाहिए वो देशभक्त अक्षय जो वर्दी में हो, जिसके चेहरे पर जुनून हो और जिसकी आंखों में आग हो।

केसरी (2019) में अक्षय ने इस्सार सिंह बनकर 21 सिख जवानों के साथ 10,000 अफगानों के खिलाफ जो युद्ध लड़ा, उसने सबको रोंगटे खड़े कर दिए। अब Kesari Chapter 2 उस भावना को और ऊंचे स्तर पर ले जा रहा है।

इस बार कहानी और भी ज्यादा गहरी, और अक्षय का किरदार और भी ज्यादा तीव्र होगा। यह सिर्फ एक युद्ध नहीं, एक इमोशनल तूफान है।

2. सच्ची घटनाओं पर आधारित स्क्रिप्ट — जो दिल दहला देगी

Kesari Chapter 2 की सबसे बड़ी ताकत है इसकी कहानी — जो एक गुप्त ऐतिहासिक मिशन पर आधारित है, जिसे दशकों तक छुपा कर रखा गया था।

कहते हैं ये मिशन ब्रिटिश-भारतीय सेना का हिस्सा था, जिसमें भारतीय सैनिक अंग्रेजों के लिए तो लड़ते थे, लेकिन अंदर से स्वतंत्रता संग्राम में भी जुड़े थे। एक जटिल, दिल तोड़ने वाली, लेकिन गर्व से भरी कहानी।

और जब इस कहानी को लिख रहे हों ‘उरी’ और ‘शेरशाह’ वाले राइटर्स, तो समझ लीजिए फिल्म में भरपूर इमोशन, सस्पेंस और देशभक्ति मिलेगी।

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3. हॉलीवुड लेवल का एक्शन — अक्षय का अब तक का सबसे धुआंधार अवतार!

अगर केसरी में एक्शन देखकर आपके रोंगटे खड़े हुए थे, तो चैप्टर 2 में एक्शन का तूफान आने वाला है। इस बार फिल्म में छह बड़े युद्ध दृश्य होंगे, जिन्हें डिज़ाइन किया है हॉलीवुड के स्टंट डायरेक्टर्स ने — जिन्होंने जॉन विक, डनकर्क और एक्सट्रैक्शन जैसी फिल्मों पर काम किया है।

Akshay's stains will be washed away with 'Kesari Chapter 2'!

अक्षय खुद कर रहे हैं अपने सारे स्टंट्स, और 56 की उम्र में भी उन्होंने फिर से ट्रेनिंग ली है — खासकर गटका, जो पारंपरिक सिख मार्शल आर्ट है।

यह फिल्म सिर्फ युद्ध नहीं दिखाएगी, बल्कि हर पंच, हर वार आपके दिल तक पहुंचेगा।

4. दमदार स्टारकास्ट — जो हर सीन में जान डाल देगी

अक्षय तो हैं ही, लेकिन इस बार साथ में आ रहे हैं बॉलीवुड के पावरहाउस एक्टर्स!

  • पंकज त्रिपाठी एक चालाक ब्रिटिश ऑफिसर के रोल में,
  • विक्की कौशल एक धमाकेदार कैमियो में एक क्रांतिकारी के रूप में,
  • रसिका दुग्गल एक मजबूत महिला किरदार में जो सिर्फ प्रेमिका नहीं, एक रिवॉल्यूशनरी भी है।

इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक एक साउथ सुपरस्टार (शायद सूर्या या फहाद फासिल) विलेन के रूप में फिल्म में एंट्री कर सकते हैं।

यह फिल्म पैन इंडिया ब्लॉकबस्टर बनने की तैयारी में है — हर कोने के दर्शकों को जोड़े रखने के लिए।

5. देशभक्ति का माहौल + सही टाइमिंग = रिकॉर्ड तोड़ कमाई

बॉक्स ऑफिस की बात करें, तो Kesari Chapter 2 के रिलीज का समय एकदम परफेक्ट है — 15 अगस्त 2025, यानी स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी का पूरा फायदा मिलेगा।

चुनावों के बाद देश में फिर से देशभक्ति की लहर है। और इसी माहौल में जब एक ऐसी फिल्म आएगी जो रियल हीरोज की कहानी कहेगी, तो जनता सिनेमाघरों की तरफ दौड़ेगी।

Akshay's stains will be washed away with 'Kesari Chapter 2'!

फिल्म के लिए ग्रैंड प्रमोशन प्लान भी तैयार किया जा रहा है — आर्मी कैंप में स्पेशल स्क्रीनिंग, स्कूलों में अभियान, और रिपब्लिक डे पर टीज़र रिलीज।

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क्या ‘Kesari Chapter 2’ सच में अक्षय कुमार का करियर बचा पाएगी?

बिलकुल, कुछ फ्लॉप फिल्में किसी सुपरस्टार का अंत नहीं होतीं। लेकिन Kesari Chapter 2 अक्षय के लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं — ये एक कमबैक मिशन है। एक ऐसा मौका जहां वो फिर से साबित कर सकते हैं कि वो ही हैं असली खिलाड़ी

इस फिल्म में है सबकुछ — इमोशन, एक्शन, देशभक्ति, ग्रैंड स्केल और जबरदस्त टैलेंट।

अगर इस फिल्म का आधा भी सच साबित हुआ, तो समझ लीजिए — ‘Kesari Chapter 2’ बॉक्स ऑफिस पर बम की तरह फटेगी, और अक्षय कुमार फिर से सिंहासन पर बैठ जाएंगे।

अंतिम फैसला:

Kesari Chapter 2 कोई साधारण फिल्म नहीं है। यह एक जुनून है, एक इज़्ज़त की वापसी है, और एक सलाम है उन गुमनाम हीरोज को जिन्होंने अपने खून से इतिहास लिखा।

अक्षय कुमार का असली रंग फिर से चमकने वाला है। और इस बार, वो रुकने वाला नहीं।

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AC यूज़ में ये भूल करोगे, नुक़सान पक्का!

AC यानी एयर कंडीशनर — वो मशीन जो तपती गर्मी में चैन की सांस देती है। आप उस पर भरोसा करते हैं, उससे सुकून पाते हैं। लेकिन सोचिए, अगर आप ही अनजाने में अपनी AC की उम्र घटा रहे हों?

हां, ये सच है। लाखों लोग रोज़ एक ऐसी आम गलती करते हैं जो धीरे-धीरे उनकी AC को खत्म कर देती है। और सबसे हैरानी की बात? इससे आसानी से बचा जा सकता है।

इस लेख में आप जानेंगे:

  • वो सबसे बड़ी गलती जो AC की बर्बादी की वजह बनती है (ये सिर्फ फिल्टर की सफाई नहीं है),
  • ये गलती कैसे AC की उम्र कम कर देती है,
  • इसके छिपे हुए खर्च,
  • और इससे बचने के आसान तरीके।

अगर आप AC की मरम्मत में हज़ारों रुपये गंवाना नहीं चाहते, और गर्मी में पसीने-पसीने नहीं होना चाहते, तो यह लेख आपके लिए है।

एसी का सबसे बड़ा दुश्मन: वोल्टेज में उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज़ करना

सीधे मुद्दे पर आते हैं।

एसी को सबसे ज्यादा नुकसान किससे होता है?
बिना वोल्टेज स्टेबलाइज़र के AC चलाने से, खासकर उन इलाकों में जहां वोल्टेज बार-बार घटता-बढ़ता है।

ये बात जितनी सीधी लगती है, उतनी ही खतरनाक है।

भारत के ज़्यादातर इलाकों में बिजली की सप्लाई स्थिर नहीं होती। गर्मियों में जब सब लोग एसी चला रहे होते हैं, बिजली का लोड बढ़ जाता है और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव सामान्य हो जाता है।

और यही चीज़ आपके एसी की सेहत के लिए ज़हर बन जाती है।

वोल्टेज का उतार-चढ़ाव क्या करता है आपके AC के साथ?

AC एक जटिल मशीन है। इसके अंदर कई नाज़ुक पार्ट्स होते हैं:

If you make this mistake while using AC, the loss is certain!
  • कंप्रेसर (एसी का दिल),
  • PCB बोर्ड (मशीन का दिमाग),
  • फैन मोटर, सेंसर, थर्मोस्टैट और अन्य पुर्जे।

अब सोचिए — अचानक वोल्टेज बढ़ जाए या घट जाए।

आपकी AC लड़खड़ा जाती है। वो खुद को एडजस्ट करने की कोशिश करती है। लेकिन हर झटका उसके अंदर धीरे-धीरे गहरा नुकसान करता है। कुछ ही समय में:

  • कंप्रेसर जल सकता है,
  • सर्किट बोर्ड खराब हो सकता है,
  • ठंडक आनी बंद हो जाती है,
  • और कभी-कभी पूरी एसी काम करना बंद कर देती है।

इन सबकी मरम्मत? बहुत महंगी पड़ती है।

एक असली उदाहरण: एक गलती, ₹18,000 की चपत

नोएडा के राजेश ने पिछले साल एक ब्रांड न्यू 1.5 टन इनवर्टर एसी खरीदी। कंपनी ने कहा, “स्टेबलाइज़र की जरूरत नहीं है।” उन्होंने भरोसा कर लिया।

तीन महीने बाद, बिजली में कुछ बार झटके आए। अचानक AC ठंडी हवा देना बंद कर दी। जांच कराने पर पता चला — कंप्रेसर जल गया है, वजह थी वोल्टेज फ्लक्चुएशन

वारंटी? मना कर दी गई।
मरम्मत खर्च? ₹18,000 से ज्यादा।

उनकी गलती?
“स्टेबलाइज़र-फ्री” का आंख मूंदकर भरोसा करना।

“इनवर्टर एसी को स्टेबलाइज़र की जरूरत नहीं” — क्या ये सच है?

कई ब्रांड्स आजकल इनवर्टर AC को “स्टेबलाइज़र-फ्री ऑपरेशन” वाला बताकर बेचते हैं। लेकिन सच क्या है?

“स्टेबलाइज़र-फ्री” सिर्फ उस स्थिति में सही है जब वोल्टेज 160V से 270V के बीच हो।

अगर आपके इलाके में वोल्टेज इससे बाहर जाता है (जो अक्सर होता है), तो आपकी एसी खतरे में है।

एक अच्छा वोल्टेज स्टेबलाइज़र 90V से 300V तक की सुरक्षा देता है। यह आपके AC के लिए एक बॉडीगार्ड की तरह काम करता है।

अन्य आम गलतियां जो आपकी एसी को नुकसान पहुंचाती हैं

If you make this mistake while using AC, the loss is certain!

वोल्टेज ही एकमात्र दुश्मन नहीं है। अगर आप नीचे दी गई आदतें भी अपना रहे हैं, तो नुकसान तय है:

1. सालाना सर्विस न कराना

धूल फिल्टर, कॉइल और फैन को चोक कर देती है। इससे एसी की कूलिंग घट जाती है, बिजली का खर्च बढ़ जाता है, और मशीन खराब हो जाती है।

सुझाव: हर साल गर्मी से पहले AC की सर्विस जरूर कराएं।

2. एसी का तापमान बहुत कम सेट करना

16°C पर सेट करना कूलिंग तेज नहीं करता — इससे सिर्फ कंप्रेसर पर ज़्यादा लोड पड़ता है और बिजली का बिल बढ़ता है।

बेहतर तापमान: 24°C – 26°C

3. आउटडोर यूनिट को ब्लॉक करना

अगर आप बाहर वाली यूनिट के आसपास सामान रख रहे हैं, या वहां कपड़े सुखा रहे हैं, तो इससे यूनिट की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती — एसी ओवरहीट हो जाता है।

4. सीलिंग फैन का उपयोग न करना

सीलिंग फैन ठंडी हवा को पूरे कमरे में फैलाता है। इससे AC पर दबाव कम होता है और उसकी उम्र बढ़ती है।

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अब क्या करें? आज से ही ये कदम उठाएं:

एसी के लिए वोल्टेज स्टेबलाइज़र खरीदें

₹2,000–₹4,000 का खर्च आज करें, ताकि कल ₹15,000 की मरम्मत से बच सकें।

सुझाव: अपने एसी की टन क्षमता के हिसाब से स्टेबलाइज़र लें। V-Guard, Microtek और Monitor जैसे ब्रांड अच्छे हैं।

सर्ज प्रोटेक्टर लगवाएं

यह बिजली के झटकों (लाइटनिंग या ग्रिड फेल्योर) से अतिरिक्त सुरक्षा देता है।

टाइमर या स्मार्ट प्लग का इस्तेमाल करें

AC को गैरज़रूरी समय तक चलने से रोकें। इससे बिजली की बचत और मशीन पर कम दबाव पड़ेगा।

घर के वोल्टेज पर नजर रखें

एक डिजिटल वोल्टमीटर खरीदें और गर्मियों में वोल्टेज चेक करें। अगर 150V से नीचे या 270V से ऊपर दिखता है, तो आपको स्टेबलाइज़र की कड़ी ज़रूरत है।

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एसी के बर्बाद होने के छुपे हुए खर्च

आप सोच सकते हैं कि “कुछ बिगड़ा तो ठीक करवा लूंगा।” लेकिन असलियत ये है कि आप क्या-क्या खो सकते हैं:

₹ कंप्रेसर की रिप्लेसमेंट: ₹12,000 – ₹25,000

एसी का दिल होता है कंप्रेसर — अगर ये गया, तो अक्सर नई एसी ही खरीदनी पड़ती है।

बिजली के बिल में भारी इज़ाफा

खराब एसी 20% से 40% ज़्यादा बिजली खपत करती है। यानी हर महीने ₹500–₹1000 का अतिरिक्त खर्च।

गर्मियों में कूलिंग से हाथ धो बैठना

मरम्मत में वक्त लगता है। गर्मी में बिना एसी रहना असली सजा बन जाता है।

एसी की उम्र आधी हो जाती है

10 साल चलने वाली एसी 3–4 साल में जवाब दे देती है।

ब्रांड्स आपको पूरी सच्चाई नहीं बताते

  • “स्मार्ट वोल्टेज प्रोटेक्शन” सब कुछ नहीं रोकता।
  • वारंटी अक्सर वोल्टेज के कारण हुए नुकसान को कवर नहीं करती।
  • कई यूजर्स की शिकायतें हैं कि कंपनी वारंटी को “ग्राहक की गलती” बताकर ठुकरा देती है।

और क्यों न ठुकराएं? जल्दी खराब होगा तो आप नई एसी खरीदेंगे।

कुछ आंकड़े जो आपको चौंका देंगे

  • 2022 में हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गर्मियों के दौरान 58% एसी फेल्योर का कारण वोल्टेज संबंधी समस्याएं थीं।
  • हर 5 में से 3 कंप्रेसर रिप्लेसमेंट पहले 3 साल में होते हैं — वो भी ज़्यादातर बिना स्टेबलाइज़र चलने वाले AC में।

एसी है तो उसका ख्याल भी रखें

आपने AC में हजारों रुपये लगाए हैं। ये आपको चैन, सुकून और गर्मियों में राहत देता है। लेकिन अगर आपने सिर्फ एक छोटी सी गलती — बिना स्टेबलाइज़र के चलाना — की, तो सब कुछ बर्बाद हो सकता है। अगर आप अभी भी AC को सीधे मेन लाइन से चला रहे है क्योंकि एक बार AC गया, तो सिर्फ मशीन नहीं — आपकी नींद, चैन और जेब सब कुछ चला जाता है।

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कब जरूरी Dialysis? जानिए पूरी सच्चाई यहां!

आपकी किडनियां खामोश योद्धा होती हैं। ये हर दिन लगभग 50 गैलन खून को छानती हैं, शरीर से ज़हरीले तत्वों को बाहर निकालती हैं, तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखती हैं और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती हैं। लेकिन जब ये काम करना बंद कर देती हैं, तब ज़रूरत पड़ती है Dialysis की — एक जीवनरक्षक प्रक्रिया जो तब काम में आती है जब आपकी किडनियां जवाब दे देती हैं।

इस लेख में जानिए:

  • डायलिसिस क्या होता है
  • यह कब ज़रूरी हो जाता है
  • इसे कितने समय तक करना पड़ता है
  • क्या यह स्थायी समाधान है
  • और डायलिसिस पर जीवन कैसा होता है

चलिए जानते हैं डायलिसिस की पूरी हकीकत — क्योंकि जागरूकता किसी की जान बचा सकती है, शायद आपकी भी।

Dialysis क्या है?

डायलिसिस एक मेडिकल प्रक्रिया है जो तब की जाती है जब आपकी किडनियां अपना काम करना बंद कर देती हैं। इसका मुख्य काम खून से ज़हरीले पदार्थों, अतिरिक्त पानी और अपशिष्टों को निकालना होता है।

डायलिसिस के दो मुख्य प्रकार हैं:

  1. हीमोडायलिसिस – इसमें एक मशीन खून को शरीर के बाहर छानती है और साफ खून वापस शरीर में डालती है।
  2. पेरिटोनियल डायलिसिस – इसमें पेट की झिल्ली (पेरिटोनियम) का उपयोग करके खून को शरीर के अंदर ही छाना जाता है।

दोनों प्रक्रियाओं का उद्देश्य एक ही होता है — जब आपकी किडनी काम न करे, तब शरीर को जीवित रखना।

डायलिसिस कब ज़रूरी होता है?

Dialysis तब ज़रूरी होता है जब क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) अंतिम चरण (स्टेज 5) पर पहुंच जाती है — यानी जब किडनियां सिर्फ 10-15% तक काम कर रही होती हैं।

इस स्तर पर किडनियां:

When is Dialysis necessary Know the whole truth here!
  • अपशिष्ट पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पातीं
  • शरीर के तरल और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को नहीं बनाए रख पातीं
  • ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं कर पातीं

डायलिसिस की ज़रूरत दर्शाने वाले लक्षण:

  • लगातार मतली और उल्टी
  • हाथ-पैरों में सूजन
  • सांस लेने में तकलीफ
  • अत्यधिक थकावट
  • भ्रम या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
  • रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया का उच्च स्तर
  • फेफड़ों में पानी भरना

डॉक्टर सिर्फ टेस्ट रिपोर्ट पर नहीं, बल्कि आपकी स्थिति और लक्षणों के आधार पर Dialysis की सलाह देते हैं।

किडनी फेल होने के कारण (जो डायलिसिस तक ले जाते हैं)

जानना ज़रूरी है कि किडनी क्यों फेल होती है, ताकि समय रहते इसे रोका जा सके:

  • डायबिटीज (टाइप 1 और 2) – सबसे बड़ा कारण
  • हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) – किडनी की रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचाता है
  • ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस – किडनी के फिल्टर में सूजन
  • पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज – जेनेटिक बीमारी, जिसमें किडनी में गांठें बन जाती हैं
  • ऑटोइम्यून बीमारियां – जैसे ल्यूपस
  • बार-बार किडनी में संक्रमण या रुकावट

जब किडनी को हुआ नुकसान स्थायी हो जाए, तब डायलिसिस ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।

डायलिसिस कितने समय तक करना पड़ता है?

इस सवाल का जवाब कई बातों पर निर्भर करता है।

1. अस्थायी Dialysis

कुछ मामलों में डायलिसिस कुछ दिनों या हफ्तों के लिए ही ज़रूरी होता है, जब किडनी को अस्थायी नुकसान पहुंचा हो, जैसे:

  • डिहाइड्रेशन
  • गंभीर संक्रमण
  • दवा का साइड इफेक्ट
  • ऑपरेशन के बाद की जटिलताएं

इस स्थिति में किडनियां ठीक हो जाती हैं और डायलिसिस बंद किया जा सकता है।

2. दीर्घकालिक डायलिसिस (स्थायी)

ज्यादातर मामलों में जब CKD स्टेज 5 पर पहुंच जाता है, तब किडनी का नुकसान स्थायी होता है। ऐसी स्थिति में Dialysis को लंबे समय तक या जीवनभर करना पड़ता है।

When is Dialysis necessary Know the whole truth here!
  • हीमोडायलिसिस: सप्ताह में 3 बार, हर बार 3–5 घंटे
  • पेरिटोनियल डायलिसिस: रोज़ाना घर पर, या तो दिन में 4-5 बार या रात भर मशीन से

3. जब तक ट्रांसप्लांट न हो

यदि मरीज किडनी ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा कर रहा है, तब तक डायलिसिस एक अस्थायी समाधान होता है। ट्रांसप्लांट मिलने तक यह कई महीनों से वर्षों तक जारी रह सकता है।

क्या डायलिसिस को रोका जा सकता है?

हां, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि किडनी को कितना और किस प्रकार का नुकसान हुआ है।

  • यदि कारण अस्थायी और ठीक होने वाला है, तो डायलिसिस रोका जा सकता है
  • यदि बीमारी अंतिम चरण पर है, तो बिना ट्रांसप्लांट के Dialysis जीवनभर करना होगा

यदि डायलिसिस बंद किया जाए और किडनियां पूरी तरह फेल हो चुकी हों, तो व्यक्ति कुछ ही दिनों या हफ्तों में मृत्यु को प्राप्त हो सकता है।

डायलिसिस पर जीवन कैसा होता है?

यह आसान नहीं होता, लेकिन सम्भव है। सही देखभाल और समर्थन के साथ लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं।

समय की मांग:

  • हीमोडायलिसिस: हफ्ते में तीन बार अस्पताल जाना
  • पेरिटोनियल Dialysis: घर पर नियमित समय पर करना

खानपान और द्रव सीमा:

  • पोटैशियम, सोडियम और फॉस्फोरस की सीमित मात्रा
  • पानी और तरल पदार्थ का सीमित सेवन
  • केला, संतरा, आलू, दूध आदि पर नियंत्रण

दवाएं:

  • ब्लड प्रेशर नियंत्रक
  • फॉस्फेट बाइंडर्स
  • एनीमिया के लिए दवाएं
  • विटामिन D की खुराक

थकावट और मानसिक स्थिति:

  • हर डायलिसिस के बाद कमजोरी
  • मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद
  • काउंसलिंग और सपोर्ट ग्रुप से राहत मिलती है
When is Dialysis necessary Know the whole truth here!

Kidney disease क्या है? कारण, लक्षण और उपचार?

क्या किडनी ट्रांसप्लांट बेहतर विकल्प है?

बिलकुल, अगर संभव हो तो ट्रांसप्लांट Dialysis से बेहतर विकल्प है:

  • जीवन की गुणवत्ता बेहतर
  • कम खानपान प्रतिबंध
  • अधिक ऊर्जा और आज़ादी
  • डायलिसिस की ज़रूरत नहीं रहती

हालांकि, हर कोई ट्रांसप्लांट के लिए योग्य नहीं होता — उम्र, स्वास्थ्य और डोनर की उपलब्धता पर निर्भर करता है। साथ ही, ट्रांसप्लांट के बाद इम्यूनो सप्रेसेंट दवाएं जीवनभर लेनी पड़ती हैं।

डायलिसिस से बचाव कैसे करें?

अगर आपकी किडनी की बीमारी शुरुआती स्तर पर है, तो इन उपायों से Dialysis को टाला जा सकता है:

डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें

ये दोनों किडनी के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं से बचें

जैसे ज्यादा पेन किलर (इबुप्रोफेन आदि), कुछ एंटीबायोटिक्स।

संतुलित आहार लें

कम सोडियम, कम प्रोटीन और कम प्रोसेस्ड फूड।

पर्याप्त पानी पिएं

जब तक डॉक्टर कुछ और न कहें, शरीर में पानी की कमी न होने दें।

नियमित जांच कराएं

यूरीन और खून की जांच से किडनी की हालत पर नज़र रखी जा सकती है।

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निष्कर्ष: डायलिसिस अंत नहीं, एक नई शुरुआत है

Dialysis की ज़रूरत सुनकर डर लगना स्वाभाविक है — लेकिन यह एक नया जीवन देने वाली प्रक्रिया है। बहुत से लोग डायलिसिस पर भी स्वस्थ, खुशहाल और सक्रिय जीवन जीते हैं।

चाहे यह कुछ दिनों की बात हो या जीवनभर की, डायलिसिस यह सुनिश्चित करता है कि आप जिंदा रहें, स्वस्थ रहें, और अपनों के साथ समय बिता सकें। यदि ट्रांसप्लांट संभव है, तो यह और भी बेहतर है। और अगर नहीं भी है, तब भी Dialysis के ज़रिये जीवन को पूरी गरिमा और संकल्प के साथ जिया जा सकता है।

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Rajasthan और पूरे देश में तापमान बढ़ने के साथ मिट्टी के बर्तनों की मांग में उछाल

अजमेर (Rajasthan): राजस्थान और देश के बाकी हिस्सों में तापमान बढ़ने के साथ ही मिट्टी के बर्तनों की मांग में भी काफी वृद्धि हुई है।

चिलचिलाती गर्मी में पानी को ठंडा रखने के लिए जाने जाने वाले ये पारंपरिक बर्तन, गर्मी के महीनों में प्राकृतिक शीतलन विधियों की तलाश करने वाले कई लोगों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गए हैं।

Rajasthan के बाड़मेर में गर्मी ने नए रिकॉर्ड बनाए

Demand for earthen pots due to heat in Rajasthan
Rajasthan और पूरे देश में तापमान बढ़ने के साथ मिट्टी के बर्तनों की मांग में उछाल

हाल ही में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 7 और 8 अप्रैल के लिए Rajasthan के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 9 और 10 अप्रैल के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। IMD ने कहा, “07-10 अप्रैल के दौरान राजस्थान में लू चलने की संभावना है, जबकि 07-09 अप्रैल के दौरान अलग-अलग इलाकों में भीषण लू चल सकती है।”

मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के बाड़मेर में गर्मी ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। कल अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस था – जो अप्रैल के पहले सप्ताह में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। यह सामान्य से 6.8 डिग्री अधिक है।

Demand for earthen pots due to heat in Rajasthan
Rajasthan और पूरे देश में तापमान बढ़ने के साथ मिट्टी के बर्तनों की मांग में उछाल

Weather Update: Delhi में येलो अलर्ट और Gujarat में रेड अलर्ट जारी

मिट्टी के बर्तनों की बढ़ती मांग अजमेर में स्थानीय मिट्टी के बर्तन बनाने वालों को बहुत जरूरी बढ़ावा दे रही है।

पीढ़ियों से इस कला को अपना रहे इन कारीगरों के पास अब अधिक ग्राहक आ रहे हैं, क्योंकि लोग गर्मी से बचने के लिए पर्यावरण के अनुकूल और किफायती तरीके अपना रहे हैं।

मिट्टी के बर्तन मिट्टी से बनाए जाते हैं और पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं, जिससे गर्मियों के दौरान ये घरों में पसंदीदा बन जाते हैं।

आज से पहले, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए येलो अलर्ट जारी किया, जिसमें अगले दो दिनों में तापमान में वृद्धि और लू की स्थिति की भविष्यवाणी की गई है।

गुजरात के लिए आज रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 8 से 10 अप्रैल तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में भीषण गर्मी पड़ रही है। आईएमडी के अनुसार, कल का उच्चतम तापमान सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों के कांडला में 44 डिग्री सेल्सियस था।

Demand for earthen pots due to heat in Rajasthan
Rajasthan और पूरे देश में तापमान बढ़ने के साथ मिट्टी के बर्तनों की मांग में उछाल

“7 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में लू चलने की संभावना है; 7-10 अप्रैल के दौरान हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब; 7 और 8 अप्रैल को दिल्ली; 7-9 अप्रैल के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश; 8-10 अप्रैल के दौरान मध्य प्रदेश। 7-9 अप्रैल के दौरान गुजरात राज्य और कोंकण और गोवा के तटीय क्षेत्रों में गर्म और आर्द्र मौसम रहने की संभावना है,” आईएमडी के अनुसार।

आईएमडी ने दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा के 21 शहरों में आगे भी लू चलने की भविष्यवाणी की है।

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Sambhal: गौरजा रानी मंदिर पर दसवां भंडारा, श्रद्धालुओं ने जताई मार्ग सुधार की मांग

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उत्तर प्रदेश के जनपद Sambhal में सदर कोतवाली क्षेत्र के कबीर की सराय बदायूं दरवाजा स्थित गौरजा रानी मंदिर पर दसवें भंडारे का आयोजन धूमधाम से किया गया। नवरात्रि के पावन अवसर पर दूर-दराज और अंतरराज्यीय क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रांगण में हवन, पूजा और भंडारे में भाग लेकर माँ गौरजा के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया।

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Sambhal में श्रद्धालुओं ने सड़क निर्माण की उठाई मांग

Sambhal: Tenth Bhandara at Gauraja Rani Temple, devotees expressed demand for road improvement

हालांकि श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुँचने के मार्ग की दुर्दशा और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर तक पहुँचने के लिए सड़क जर्जर हालत में है, जिससे विशेषकर सावन और त्योहारों में दर्शन करना मुश्किल हो जाता है।

Sambhal: Tenth Bhandara at Gauraja Rani Temple, devotees expressed demand for road improvement

मंदिर के महंत मनोज महाराज ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में हैंडपंप और वाटर कूलर की व्यवस्था की गई है। फिर भी, बड़ी संख्या में आने वाले लोगों के लिहाज से स्थायी समाधान की आवश्यकता है। उन्होंने प्रशासन से मंदिर मार्ग के निर्माण और पानी टैंकर जैसी व्यवस्थाओं की मांग की है, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके और मंदिर में श्रद्धा के साथ दर्शन का अनुभव और भी सहज बन सके।

Sambhal से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट

Sambhal में तराई किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जोरदार स्वागत, किसानों ने दिखाई एकजुटता

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Sambhal के ग्राम मोहम्मदपुर मालनी में तराई किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया गया। गांव में किसानों की भारी भीड़ उमड़ी, जिसने संगठन की ताकत और जन समर्थन का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान किसानों ने उत्साहपूर्वक नारे लगाए और संगठन की नीति व नेतृत्व के प्रति आस्था जताई।

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Sambhal में किसान नेताओं की सराहना


National President of Terai Kisan Union was given a rousing welcome in Sambhal, farmers showed solidarity

इस मौके पर तराई किसान यूनियन के प्रदेश सचिव मोहम्मद रफी और जिला अध्यक्ष मोहम्मद नदीम को भी विशेष रूप से सराहा गया। उनके द्वारा किसानों के हितों के लिए किए जा रहे कार्यों की जमकर प्रशंसा हुई। स्थानीय लोगों ने दोनों नेताओं के प्रयासों को गांव और क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणादायक बताया।

National President of Terai Kisan Union was given a rousing welcome in Sambhal, farmers showed solidarity

कार्यक्रम में कृषि नीति, फसल बीमा, न्यूनतम समर्थन मूल्य और सिंचाई से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा हुई। यूनियन के नेताओं ने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज को सरकार तक पहुंचाया जाएगा और हर स्तर पर उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी। आयोजन ने किसानों के बीच एक नई ऊर्जा और संगठनात्मक एकता का संदेश दिया।

Sambhal से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट

Sambhal में बच्ची की संदिग्ध मौत से हड़कंप, क्लीनिक पर लापरवाही का आरोप

उत्तर प्रदेश के Sambhal शहर के बीचों-बीच स्थित डॉक्टर कॉलोनी में स्थित त्यागी मदर एंड चाइल्ड क्लिनिक में मासूम बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। बच्ची की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया और उन्होंने क्लीनिक प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। रोते-बिलखते परिजन जब क्लीनिक पहुंचे तो वहां अफरा-तफरी मच गई।

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Sambhal पुलिस मौके पर पहुंची

Suspicious death of a girl child in Sambhal creates commotion, clinic accused of negligence

सूचना मिलते ही सम्भल सदर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि घटना के बाद क्लीनिक में कार्यरत कंपाउंडर मौके से फरार हो गया, जबकि डॉक्टर का भी कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। परिजनों का कहना है कि बच्ची की हालत सामान्य थी, लेकिन गलत इलाज और समय पर उचित देखभाल न मिलने के कारण उसकी जान चली गई।

Suspicious death of a girl child in Sambhal creates commotion, clinic accused of negligence

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और क्लीनिक के दस्तावेजों व स्टाफ की भूमिका की पड़ताल की जा रही है। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और गैर-पंजीकृत मेडिकल स्टाफ की भूमिका पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।

Sambhal से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट

Begusarai: NSUI की ‘पलायन रोको नौकरी दो’ रैली में शामिल हुए Rahul Gandhi

Begusarai (बिहार): लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को Begusarai में कांग्रेस की छात्र शाखा (NSUI) की ‘पलायन रोको नौकरी दो’ रैली में शामिल हुए। रैली का नेतृत्व NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार कर रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता बाद में पटना में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

Begusarai में NSUI युवाओं से सफेद टी-शर्ट पहन आंदोलन में जुटने की अपील की राहुल गाँधी ने

X पर एक पोस्ट में, राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि वह बिहार के बेगूसराय जाएंगे, जहां वह यात्रा निकालेंगे।

Rahul Gandhi joined the NSUI movement in Begusarai

राहुल ने कहा, “बिहार के युवा मित्रों, मैं 7 अप्रैल को Begusarai आ रहा हूँ और आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर ‘रोको पलायन, नौकरी दो’ अभियान में शामिल होऊंगा। इसका लक्ष्य दुनिया को बिहार के युवाओं का जज्बा, उनका संघर्ष और उनकी मुश्किलें दिखाना है।” लोकसभा में विपक्ष के नेता ने युवाओं से बिहार सरकार पर दबाव बनाने के लिए सफेद टी-शर्ट पहनने को भी कहा।

Rahul Gandhi joined the NSUI movement in Begusarai

Kunal Kamra ने पैरोडी विवाद में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

उन्होंने कहा, “सफेद टी-शर्ट पहनकर आइए, सवाल पूछिए, अपनी आवाज उठाइए–अपने अधिकारों के लिए सरकार पर दबाव डालिए, उन्हें जवाबदेह बनाइए। आइए, साथ मिलकर बिहार को अवसरों का राज्य बनाएं।” राहुल गांधी ने कहा, “आप जिन मुद्दों का सामना कर रहे हैं- बेरोजगारी, महंगाई, पेपर लीक और एक के बाद एक सरकारी नौकरियों में कमी, साथ ही निजीकरण जो आपको लाभ नहीं पहुंचाता- यही कारण है कि हम इस अभियान पर हैं। इसे “पलायन यात्रा” कहा जाता है।

Rahul Gandhi joined the NSUI movement in Begusarai

आइए और सफेद टी-शर्ट पहनकर हमारे साथ जुड़ें ताकि दुनिया बिहार के युवाओं की भावनाओं को देख सके और बिहार सरकार पर दबाव बना सके। हम बिहार के युवाओं की ऊर्जा को जुटाना चाहते हैं और एक नया बिहार बनाना चाहते हैं।”

इससे पहले, कांग्रेस नेता 18 जनवरी और 5 फरवरी को बिहार आए थे। बिहार विधानसभा के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव इस साल अक्टूबर या नवंबर में होने वाले हैं। पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2020 में हुआ था।

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Weather Update: Delhi में येलो अलर्ट और Gujarat में रेड अलर्ट जारी

Weather Update: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले दो दिनों में तापमान में वृद्धि और लू चलने की भविष्यवाणी की गई है।

Weather update of Delhi and Gujarat
Weather Update: Delhi में येलो अलर्ट और Gujarat में रेड अलर्ट जारी

गुजरात के लिए आज रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 8 से 10 अप्रैल तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं।

आईएमडी के अनुसार, कल का उच्चतम तापमान सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के कांडला में 44 डिग्री सेल्सियस था।

Weather Update: पांच राज्यों के लगभग 21 शहरों में तापमान 42 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया

आईएमडी के अनुसार, “07 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में, 07-10 अप्रैल के दौरान हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब में, 07 और 08 अप्रैल को दिल्ली में, 07-09 अप्रैल के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, 08-10 अप्रैल के दौरान मध्य प्रदेश में गर्म और आर्द्र मौसम रहने की संभावना है।”

Weather update of Delhi and Gujarat
Weather Update: Delhi में येलो अलर्ट और Gujarat में रेड अलर्ट जारी

आईएमडी ने दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा के 21 शहरों में आगे भी गर्म लहर की स्थिति की भविष्यवाणी की है।

बिहार और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है।

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राजस्थान के बाड़मेर में गर्मी ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। कल अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस था – जो अप्रैल के पहले सप्ताह में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। यह सामान्य से 6.8 डिग्री अधिक है।

Weather update of Delhi and Gujarat
Weather Update: Delhi में येलो अलर्ट और Gujarat में रेड अलर्ट जारी

राजस्थान में 7 और 8 अप्रैल के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 9 और 10 अप्रैल के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी ने कहा, “राजस्थान में 7-10 अप्रैल के दौरान लू चलने की संभावना है, जबकि 7-9 अप्रैल के दौरान अलग-अलग इलाकों में भीषण लू चल सकती है।” हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में आज लू चलने की संभावना है। हरियाणा और चंडीगढ़ में इस महीने की 10 तारीख तक ऐसी ही स्थिति देखने को मिल सकती है।

वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9 बजे तक दिल्ली के विभिन्न जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आनंद विहार 292, चांदनी चौक 198, आईटीओ 209, नजफगढ़ 165, ओखला फेज 2 293, आरके पुरम 221, पटपड़गंज 252, वजीरपुर 260 रहा।

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