New Delhi: Supreme Court ने कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए चयन योग्यता के आधार पर होना चाहिए और अधिक अंक प्राप्त करने वालों को नजर अंदाज कर कम योग्य को नियुक्त करना संविधान का उल्लंघन होगा. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने यह टिप्पणी झारखंड उच्च न्यायालय का फैसला बरकरार रखते हुए की, जिसमें उच्च न्यायालय ने प्रशासन द्वारा अनियमितता में सुधार पर तैयार संशोधित चयन सूची के बाद मेरिट के आधार पर 43 व्यक्तियों को पुलिस उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति की अनुमति दी थी.
झारखंड सरकार के गृह विभाग ने वर्ष 2008 में पुलिस उपनिरीक्षक, अटेंडेंट और कंपनी कमांडर के पद के लिए विज्ञापन जारी किया था. अंतिम प्रकाशित सूची में 382 लोगों का चयन हुआ था लेकिन बाद में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन चयन प्रक्रिया में अनियमितता की जांच करने के लिए की.
असफल अभ्यार्थियों ने झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. उच्च न्यायालय में याचिका लंबित रहने के दौरान मूल चयन सूची के आधार पर 42 उम्मीदवारों की नियुक्त कर दी गई. वहीं, झारखंड पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता वाली गठित समिति की अनुशंसा के आधार तैयार संशोधित सूची के आधार पर 43 लोगों की भी नियुक्ति की गई.
उच्च न्यायालय ने पाया कि 43 याचिकाकर्ता प्रशासन द्वारा चयन में की गई अनियमितता के लिए जिम्मेदार नहीं हैं और उनके खिलाफ धोखाधड़ी आदि के आरोप नहीं है. Supreme Court ने इस मामले में हस्तक्षेप के लिये कुछ लोगों की अर्जी खारिज कर दी जिसमें कहा गया था कि विज्ञापन से परे जाकर नियुक्त करने का अधिकार नहीं है.
उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते आए फैसले में कहा गया, ‘‘ इसमें कोई शक नहीं है कि सरकारी नौकरी पर नियुक्ति योग्यता के आधार पर होनी चाहिए. उन व्यक्तियों को नजर अंदाज कर जिन्हें अधिक अंक प्राप्त हुए और कम योग्य व्यक्ति की नियुक्ति करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन होगा.”
अदालत ने 43 याचिकाकर्ताओं को मुख्य रूप से इस आधार पर राहत दी कि उनकी नियुक्त पहले ही हो चुकी है और वे राज्य में कुछ समय से सेवा दे रहे हैं और उन्हें इस बात की सजा नहीं दी जा सकती, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं है
गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज असम के दौरे पर हैं. यहां अमित शाह ने कहा कि हमें हमें असम को बाढ़ मुक्त, घुसपैठियों और हिंसा से मुक्त बनाना है. असम और पूरे उत्तर-पूर्व को जीडीपी में सबसे ज़्यादा योगदान देने वाला बनाना है. बता दें कि अमित शाह ने नगांव के महामृत्युंजय मंदिर में पूजा की. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे.
New Delhi: नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को करीब तीन महीने हो गए हैं। धीरे- धीरे मौसम में भी बदलाव होने लगा है। ठंड के बाद गर्मी से बचने के लिए किसानों ने अपनी ट्रालियों और टेंट में पंखे लगाना शुरू कर दिया है। लंगरों में अब चाय के स्थान पर मट्ठा मिलने लगा है। पंडालों को हवादार बनाने के लिए उन्हें दोनो और से खोला जा रहा है। इन तैयारियों को देखकर लगता है कि बदलते मौसम में भी आंदोलन (Farmers Protest) में रहने के लिए किसान पूरी तरह तैयार है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान एकता मोर्चा के सदस्य बलजिंदर सिंह मान ने बताया कि प्रदर्शनस्थल पर गर्मी से बचने के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। ठंड के चलते हर जगह से बंद किए गए पंडाल को खोला जा रहा है ताकि ताजी हवा लोगों को मिलती रहे और गर्मी से राहत मिल सके।
किसानों को हर समय ठंडा पानी मिलता रहे इसके लिए हर जत्थे में ठंडे पानी के जार और ठंडे पानी की बोतलें पहुंचाने की व्यवस्था शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर और ट्रालियों में लटकने वाले पंखे लगाना शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में किसान उनके पास कूलर और पंखों की मांग लेकर पहुंच रहे हैं।
पंखे और छोटे कूलर उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे करना शुरू कर दिया हैं। सर्वे पूरा होने के बाद किसानों को पंखे और कूलर उनके जत्थों के लिए उपलब्ध करवाएंगे। मान ने कहा कि गांव से अब जो किसान आ रहे हैं वे अपने साथ पंखे, चटाई और खाने का सामान साथ लेकर आ रहे हैं। यह सभी तैयारी इसलिए कि जा रही है ताकि गर्मी के मौसम में कोई परेशानी न आए और आंदोलन (Farmers Protest) लंबा चल सके।
Mumbai: मुंबई में सोमवार को कोरोना (Corona) संक्रमितों के मौत की संख्या शून्य थी। लेकिन मंगलवार को आठ कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई और 643 नए संक्रमित मामले सामने आए।
राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को बीते 24 घंटे में 6,218 नए कोरोना (Corona) संक्रमित सामने आए। जबकि 5,861 मरीज स्वस्थ हुए। इस तरह सूबे में सक्रिय मरीजों की संख्या 53,401 हो गई है। वहीं, 2,79,288 लोग होम क्वारंटीन और 2484 लोग संस्थागत क्वारंटीन हैं।
आंकड़ों के अनुसार मुंबई महानगर क्षेत्र में 1250, नासिक मंडल में 692, पुणे मंडल में 1288, कोल्हापुर मंडल में 115, औरंगाबाद मंडल में 405, लातूर मंडल में 199, अकोला मंडल में 1392 और नागपुर मंडल में 877 सहित अन्य 85 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार जारी है।
Disha Ravi News: अंधेरों की हजार परतें इंसाफ़ की हवा की दिशा नहीं रोक सकती हैं. सत्ता के दम पर 22 साल की एक लड़की को डराने का अहंकार आज एक फैसले की कापी में चूरचूर होकर बिखरा पड़ा है. सत्ता इससे सबक नहीं लेगी लेकिन पुलिस के अफसरों को लगा कर गोदी मीडिया की फौज खड़ी कर इस मुल्क, जिसका नाम भारत है, में एक 22 साल की लड़की को जिस तरह घेरा गया और उसका मुकाबला इस लड़की ने किया है वही दिशा है. सिर्फ उसका नाम दिशा नहीं है बल्कि वाकई वह दिशा है. जब उसने 20 फरवरी को भरी अदालत में कह दिया कि किसानों की बात करना गुनाह है तो वह जेल में रहना चाहेगी. जेल के इसी डर से गांधी ने भारत को आज़ाद कराया था. दिशा गांधी नहीं है न हो सकती है मगर जेल के डर से अपनी पीढ़ी के नौजवानों को आज़ाद करा रही है. गोदी मीडिया के सहारे विश्व गुरु बनने का सपना देखने वाला भारत आज की रात फैसले की कापी पढ़ेगा जिसे जज धर्मेंद्र राणा ने कलमबंद किया है कि गुरु बना जाता है इंसाफ़ से. न्याय से और सत्य के साथ खड़े होकर, न कि झूठ का बाज़ार बिछाकर. सरकार के मंत्री नहीं पढ़ेंगे, गोदी मीडिया के एंकर नहीं पढ़ेंगे लेकिन आप जनता, आप नागरिक जज धर्मेंद्र राणा की लिखी बातों को पढ़ेंगे. आज नहीं पढ़ेंगे, कोई बात नहीं लेकिन जब यही सत्ता आपकी बेटी को दिशा की तरह झूठे मुकदमे में फंसाएगी तब यह फैसला याद आएगा.
जज ने लिखा है कि विचारों में मतभेद, असहमति, विचारों में भिन्नता और यहां तक कि घोर आपत्ति राज्य की नीतियों में वस्तुनिष्ठता लाने के पहचाने हुए और विधिक औज़ार हैं. एक उदासीन और बेहद विनम्र जनता के मुकाबले जागरूक और मुखर जनता एक स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र का संकेत है.
भारत की 5000 साल पुरानी सभ्यता कभी भी अलग अलग विचारों की विरोधी नहीं रही. इस सिलसिले में फैसले में ऋग्वेद के एक श्लोक को भी उद्धृत किया गया जिसका अर्थ है हमारे पास चारों ओर से ऐसे कल्याणकारी विचार आते रहें जो किसी से न दबें, उन्हें कहीं से बाधित न किया जा सके एवं अज्ञात विषयों को प्रकट करने वाले हों. सिर्फ़ मौखिक दावे के अलावा मेरे संज्ञान में ऐसा कोई सबूत नहीं लाया गया जो इस दावे की तस्दीक करता हो कि आरोपी या उनके कथित सह साज़िशकर्ताओं की शैतानी साज़िश के बाद किसी भी भारतीय दूतावास में किसी तरह की कोई हिंसा हुई हो.
किसानों को आतंकवादी कहना, किसानों के लिए आवाज़ उठाना आतंकवादी के साथ हो जाना यह कभी नहीं हुआ. किसानों को मिला यह अपमान तमाम चुनावों में हार जीत के बाद भी उनके सीने से चिपका रहेगा. वे भले धर्म के आधार पर बंट जाएं या जाति के आधार पर बिखर जाएं लेकिन उन्हें याद रखेगा कि गोदी मीडिया और सत्ता ने उन्हें आतंकवादी कहा था. जज राणा ने लिखा है कि सरकार की शान में गुस्ताखी पर किसी पर देशद्रोह के आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं. दिशा रवि को ज़मानत मिल गई है. बल्कि जेल में डालकर डराने के खेल को आज नई दिशा मिली है.
सत्ता के दलदल से निकली हर दलील उसी दलदल में जा फंसी है. सात दिनों तक जेल में रहकर दिशा ने उन सभी को आज दिशाहीन कर दिया जो उसे आतंकवादी साबित करने के जुनून में विवेकहीन हो चुके थे. यह इशारा है किसान आंदोलन का. वह कृषि कानूनों के विरोध से कहीं ज़्यादा सरकार और समाज के विवेक का इम्तिहान ले रहा है. किसी को फंसा देना कितना आसान हो गया था कभी पत्रकार, कभी फ़िल्मकार, जिसे मन है उसके खिलाफ गोदी मीडिया को लगा दो, उलूल जुलूल के आरोप गढ़ दो और जेल में पहुंचा दो. यह खेल खत्म नहीं होगा आगे भी जारी रहेगा लेकिन आज इस खेल का भांडा फूट गया है. किसानों के बहकाने के मंत्र का पता लगाने के खेल का भंडा. क्या किसानों को बहकाने के इन दो चार मंत्र को क्या टूल किट कहा जा सकता है? कई महीने से सरकार कृषि कानूनों के फायदे गिना रही है, प्रधानमंत्री कई भाषण दे चुके हैं, और उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ता समझ नहीं पाए कि किसानों को समझाना कैसे है? समझ नहीं रहे तो बहकाना कैसे है? सोमवार को गुरुग्राम में बीजेपी के चिन्तन शिविर में अध्यक्ष ओपी धनखड़ और मंच की तरफ मुखातिब होकर एक जिज्ञासु कार्यकर्ता ने यह कह दिया कि “माननीय अध्यक्ष जी आप वाली बात सही है कि समझाने से नहीं मानेंगे और ना ही समझाने की कोशिश करें, बहकाने पड़ेंगे. बहकाने के 2-4 मंत्र और दे दो, ताकि बहका सकें. इसकी वीडियो रिकार्डिंग कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर दी.
अब इस तरह के वीडियो सामने आएंगे कि किसानों को बहकाने के मंत्र दे दिए जाएं तो किसानों के लिए समझना और मुश्किल हो जाएगा. वे यही पता लगाते रहेंगे कि समझाने के नाम पर बहकाया जा रहा है या बहकाने के नाम पर समझाया जा रहा है. इस वीडियो से पता चलता है कि आम कार्यकर्ता खुद को कितना मुश्किल में पा रहा है. उसे भी बहकाने के टूलकिट की ज़रूरत है. किसान आंदोलन को बहकाने के कितने प्रयास हुए लेकिन बहकाया नहीं जा सका. ऐसा नहीं है कि किसान सचेत नहीं हैं. पश्चिम यूपी की तमाम महापंचायतों में 2013 के दंगों की बात हो रही है और अफसोस ज़ाहिर किया जा रहा है. इसी संदर्भ में किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा था कि सभी किसान अपने घरों में बाबा साहब अम्बेडकर की फ़ोटो लगाएं और सभी मजदूर घरों में चौधरी छोटूराम के फोटो लगाएं.
19 फरवरी को हिसार के बरवाला में दलित सम्मेलन हूआ. इस सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा था कि उनकी लड़ाई सरकार से ही नहीं, पूंजीपतियों से है. सरकार जाति के नाम पर तो कभी धर्म के नाम पर लड़वाती आई है, इन साज़िशों को समझना होगा.इन बयानों से लग रहा है कि किसान नेता उन सभी पहलुओं के बारे में सोच रहे हैं जिनसे किसी आंदोलन को खत्म कर दिया जाता है. बहकाने के इन तमाम मंत्रों की काट पहले से पेश कर रहे हैं. गुरनाम सिंह ने मज़दूरों से भी कहा था कि यह देश की आर्थिक आज़ादी बचाने का धर्म युद्ध है. वे भी किसान आंदोलन का साथ दें. 22 फरवरी को सोनीपत के खरखौदा ब्लाक में किसानों की पंचायत में सभी जाति के लोग शामिल हुए. इसका मतलब है कि किसान अपने आंदोलन को हर तरह से जोड़कर रखने के प्रयास में जुटे हैं. किसान आंदोलन में यह भी तय हुआ है कि 27 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के मौके पर मज़दूर किसान एकता दिवस मनाया जाएगा. 27 फरवरी को शहीद चंद्रशेखर आज़ाद का शहादत दिवस भी है. इसका मतलब है कि किसान आंदोलन खुद को हर तरह से जोड़ जोड़ कर व्यापक बनाने में लगा हुआ है.
बहकाने के मंत्र से अच्छा होता सम्मान के साथ संवाद का मंत्र खोजा जाता और उसी पर यकीन रखा जाता. सरकार ने बातचीत का प्रस्ताव देकर लगता है कोशिशें छोड़ दी हैं और अपने सांसदों और कार्यकर्ताओं पर यह ज़िम्मेदारी डाल दी है कि वे गांवों में जाकर किसानों को समझाएं. जिस काम में बड़े बड़े नेता फेल हो गए हैं उस काम में कार्यकर्ताओं को पास होने के लिए भेजा जा रहा है. बीजेपी के नेता खाप के प्रधानों से मुलाकात कर रहे हैं.
रविवार को बीजेपी सांसद संजीव बलियान शामली गए. संजीव बलियान खाप के प्रधानों से मुलाकात कर रहे हैं. बुढ़ियान खाप के बाबा सचिन कालखंडे ने मिलने से इनकार कर दिया तो यहां इस गांव में बत्तीसा खाप के प्रधान से चौधरी बाबा सूरजमल से कृषि कानूनों पर बात करने. लेकिन यहां संजीव बलियान को भारी विरोध का सामना करना पड़ा.बीजेपी के विरोध में नारे लगाए गए. जब लोगों को पता चला कि मंत्री आने वाले हैं तो गांव के रास्ते को ट्रैक्टर ट्राली से जाम कर दिया. किसी तरह उन्हें हटाकर सांसदों का काफिला गांव में प्रवेश किया लेकिन बीजेपी के विरोध में नारे लगने लगे. नारेबाज़ी के दौरान संजीव बालियान और ग्रामीणों में नोंकझोंक भी हुई.
पश्चिम यूपी में बीजपी के नेताओं को लेकर नारेबाज़ी कोई दूसरा रूप न ले ले, इससे नुकसान किसान आंदोलन को ही होगा. उन पर हिंसा के आरोप लगेंगे. जैसा कि पहले भी हो चुका है. इस वक्त में जब पश्चिम यूपी में किसान आंदोलन और महापंचायतों की सक्रियता उभार पर हो बीजेपी नेताओं के व्यक्तिगत मुलाकात जैसे कार्यक्रमों की चुनौतियां भी कम नहीं हैं. दूसरी तरफ यही किसान आंदोलन के लिए भी मुश्किल पैदा करेगा. सोमवार को मुजफ्फरनगर की बुढाना विधानसभा क्षेत्र के ऐतिहासिक गांव सोरम में विरोध ने तनाव का रूप ले लिया.
भाजपा सांसद संजीव बलियान और उनका काफिला सोरम गांव में एक तेरहवीं में शामिल होने पहुंचा था. किसान पंचायतों में ऐलान हुआ है कि तेरहवीं में बीजेपी के नेताओं को नहीं बुलाया जाए. संजीव बलियान के आते ही किसान जय जवान जय किसान और भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाने लग गए. बस किसानों पर लाठी-डंडों से हमला हो गया. जिसमें छह सात किसान घायल हो गए. ग्रामीणों का आरोप है कि भाजपा सांसद संजीव बालियान के लोगों ने हमला किया जबकि संजीव बलियान ने ट्विट किया है कि लोकदल के नेताओं ने उनके साथ बदतमीजी की और गाली गलौज की जिस पर स्थानीय निवासियों ने उन्हें ऐसा करने से मना किया और वहां से भगा दिया. इसके बाद सोरम गांव में ऐतिहासिक चौपाल पर ग्रामीणों द्वारा पंचायत की गई. पंचायत के बाद ग्रामीण शाहपुर थाने पहुंच गए और संजीव बालियान के समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने का घेराव कर दिया.
आज पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह सोरम गांव गए. उनकी इस यात्रा को इस तरह प्रचारित किया गया कि 83 साल की उम्र में भी अजीत सिंह किसानों के बीच आ रहे हैं. उन्होंने ट्विट किया कि किसानों के साथ गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं होगी. क्या पश्चिम यूपी में तनाव की संभावना तलाशी जा रही है? बेहतर है दोनों को एक दूसरे के रास्ते में नहीं आना चाहिए. कहीं ऐसा न हो एक दूसरे के विरोध करने के तरीके कुतर्क और तनाव में बदलते चले जाएं. शायद नरेश टिकैत इस बात को समझ रहे हैं. 22 तारीख को बुलंदशहर की महापंचायत में नरेश टिकैत ने कहा कि किसान गाज़ीपुर बार्डर पर जाना जारी रखें.
और आंदोलन को शांति पूर्ण तरीके से आगे बढ़ाएं. सरकार आंदोलन में हिंसा चाहती है और हिंसा की पूरी आशंका है. आंदोलन को सबसे पहले हिंसा कर दबाए जाने की कोशिश सरकार ने की. आगे भी ये कोशिश जारी रह सकती है. लेकिन आंदोलन में हिंसा नहीं होने देंगे.
आज सिंघु बॉर्डर पर पगड़ी संभाल दिवस मनाया गया है. शहीद भगत सिंह के परिवार के सदस्य इस मौके पर आमंत्रित किए गए थे. पगड़ी संभाल जट्टा.. इस गीत को आप जानते होंगे, पत्रकार लाला बांके दयाल ने इसकी रचना की है. 113 साल बाद यह गाना आज भी गूंज रहा है. 1907 में ब्रिटिश सरकार तीन किसान विरोधी कानून लेकर आई थी. दो कानून का संबंध राजस्व की वृद्धि से था और एक का ज़मीन अधिग्रहण से. बीबीसी हिन्दी में प्रो चमन लाल लिखते हैं कि अजीत सिंह ने इन कानूनों के विरोध में पंजाब में सभाएं करनी शुरू कर दीं. इन सभाओं में लाला लाजपत राय को बुलाया गया. इन सभाओं में भाषण देने के लिए अजीत सिंह पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था. आंदोलन इतना ज़ोर पकड़ा कि कानून रद्द करने पड़े. अजीत सिंह और लाला लाजपत राय को बर्मा की जेल में भेज दिया गया. लोकमान्य तिलक ने अजीत सिंह को किसानों का राजा कहकर एक ताज पहनाया था. उन्हीं की याद में आज के दिन को किसानों के आत्मसम्मान के रूप में मनाया गया. इस मौके पर शहीद भगत सिंह के परिवार से जुड़े अभय संधु, तेजी संधु, अनुस्प्रिया संधु और गुरजीत कौर को सम्मानित किया गया. किसान इस आंदोलन को उस आंदोलन से जोड़कर देख रहे हैं. ग्रामीण जीवन में पगड़ी इज़्ज़त का प्रतीक है. आज उसी पर हमला हो रहा है. सहजानंद सरस्वती 20वीं शताब्दी के बहुत बड़े किसान नेता थे. 22 फ़रवरी को उनका जन्मदिन था. आज उसे भी मनाया गया. किसानों से कहा गया कि वे अपनी अपनी पगड़ी पहनकर आएं जो उनके इलाके में पहनी जाती है.
किसान आंदोलन में सहजानंद सरस्वती को याद करना, सर छोटू राम को याद करना सामान्य घटना नहीं है. किसान आंदोलन को यह बात समझ आ गई है कि आंदोलन लंबा चलेगा. इसे कई उतार चढ़ाव से गुज़रना है इसलिए वे अपने प्रतीकों के चुनाव में काफी सावधानी बरत रहे हैं. उन प्रतीकों की स्थापना कर रहे हैं जिनका संबंध खेती किसानी से रहा है. ऐसा नहीं है कि सर छोटू राम को लोग भूल गए थे, बल्कि याद करने की औपचारिकता से निकालकर उन्हें वापस लोगों की स्मृतियों में स्थापित किया जा रहा है और आंदोलन का चेहरा बनाया जा रहा है. ज़िंदा किया जा रहा है.
अक्टूबर 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने रोहतक के सांपला गांव में दीनबंधु सर छोटू राम की प्रतिमा का अनावरण किया था. तब प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री के बयानों को ट्विट करते हुए लिखा था कि चौधरी साहब ने किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम बनाया था. हमारी सरकार ने भी PM-AASHA शुरू किया है.
इसके तहत सरकार ने ये प्रबंध किया है कि अगर किसान को समर्थन मूल्य से कम कीमत बाज़ार में मिल रही है तो राज्य सरकार भरपाई कर सकें: PM
प्रधानमंत्री ने यही तो कहा न कि अगर किसान को समर्थन मूल्य से कम दाम मिलेगा तो राज्य सरकार भरपाई करे यानी प्रधानमंत्री भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के गारंटी की बात कर रहे थे कि नहीं. यही तो आज किसान कह रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने महापंचायत में कहा, “मेरे भाई राहुल गांधी ने शहीद किसानों के लिए मौन रखने के लिए कहा. सारा विपक्ष खड़ा हुआ पर सरकार का एक नेता नहीं खड़ा हुआ. ये अहंकारी और कायर प्रधानमंत्री भी है.ये पिछली सरकार को दोषी ठहराते हैं .शुक्र करिए कि पिछली सरकार ने कुछ बनाया था. आपने तो कुछ बनाया नहीं. जो पिछली सरकारों ने बनाया वो जनता के उद्योग इन्होंने बेच दिया. जब तक आप लड़ते रहेंगे तब तक मैं लड़ती रहूंगी भगवान श्री कृष्ण इस सरकार का अहंकार तोड़ेंगे इस सरकार का अहंकार हम तोड़ेंगे.”
इसके बाद प्रियंका गांधी ने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में दो मिनट का मौन रखा. मथुरा की महापंचायत में प्रियंका ने अपने भाषण में उन्हीं प्रतीकों चुना जिन प्रतीकों का चुनाव कभी या आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं. उनके ही प्रतीकों और तेवरों से प्रियंका गांधी ने घेरना शुरू किया. कहा कि ब्रज क्षेत्र की गौशालाओं का बुरा हाल है. गौवंश को न चारा मिल रहा है न पानी. सरकार ने गौशालाओं के नाम पर 200 करोड़ दिए, वो कहां गए. यहां 90 दिनों से किसान अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं. सरकार ने उनकी पिटाई की लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की. प्रियंका गांधी कृषि कानूनों के अलावा गन्ने के बकाया भुगतान और आलू किसानों को दाम न मिलने का मुद्दा भी उठा रही हैं. सरकार ने क़ानून बनाते वक्त किसी किसान से नहीं पूछा. ये कानून नोटों की खेती करने वाले ने बनाया है. ये क़ानून उन खरबपतियों के लिए बनाया गया है. आप अपने गोवर्धन पर्वत को संभाल कर रखिए कहीं वो न बेंच दें. इनके मित्रों के लाखों करोड़ों का क़र्ज़ माफ़ हुआ. किसान का एक रूपया नहीं माफ़ हुआ. आपकी सुनवाई नहीं हो रही. आपका मज़ाक़ उड़ाया जा रहा है.
प्रियंका गांधी जब भाषण दे रही थीं तभी राष्ट्रीय स्वर्ण परिषद के लोगों ने राजस्थान सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू किए. मामला था कि बलात्कार की शिकार एक पीड़िता को न्याय नहीं मिल रहा है. प्रियंका खुद उसे मंच पर ले आईं.
उधर हरियाणा के करनाल में जेल में बंद नौदीप कौर से मिलने आम आदमी पार्टी के विधायक हरपाल चीमा, सरबजीत कौर मनुके और नेता अनमोल गगन मान पहुंचे. कोरोना के कारण इन्हें मिलने नहीं दिया गया. आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि मार्च के महीने में पंजाब में किसान महा सम्मेलन करेगी. बाघा पुराना में एक महारैली होने जा रही है जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हिस्सा लेंगे. हरियाणा में कांग्रेस ने खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. पुड्डुचेरी में कांग्रेस विश्वास प्रस्ताव हार गई और सरकार चली गई. किसान आंदोलन जितना भी एकजुट दिखने की कोशिश करे उसका सामना अंतर्विरोधों से हो ही जाता है. आज पंजाब में इसका एक रूप दिखा. किले की घटना के मामले में दिल्ली पुलिस जिस लक्खा सिधाणा की तलाश कर रही है, जिस पर एक लाख का इनाम घोषित किया है वो आज पंजाब की एक रैली में दिखा.
बठिंडा के मेहराज में एक रैली बुलाई गई थी. मेहराज मुख्यमंत्री मेहराज कैप्टन अमरिंदर सिंह का पैतृक गांव भी है. इसी के करीब है लक्खा सिधाणा का गांव सिधाणा. किसान मोर्चा ने दीप सिद्धु और लक्खा सिधाणा से खुद को अलग कर लिया है लेकिन पंजाब में इन्हें काफी समर्थन है. मेहराज की इस रैली में सिधाणा ने मांग रखी है कि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए लोगों को रिहा किया जाए. आज की इस रैली में नौजवानों की भीड़ देखी गई. इस रैली की घोषणा के बाद से बताया जा रहा था कि दिल्ली पुलिस ने अपनी रणनीति बना ली है ताकि सिधाणा को गिरफ़्तार किया जा सके. यहां तक कि पंजाब में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच स्पेशल सेल की टीम बठिंडा में डेरा डाले हुए है. इसके बावजूद लक्खा सिधाणा ने इस रैली में भाषण दिया उसके ज़िंदाबाद के नारे लगे और सारी तैयारी के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई. लक्खा केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को चेतावनी देता रहा. पर पुलिस जब गई थी तब गिरफ्तार क्यों नहीं किया? इसका जवाब आएगा भी नहीं. आता तो बेहतर रहता.
आज किसान आंदोलन को एक नई दिशा मिली है. किसान आंदोलन कह सकता है कि उसकी बात करने वाला अब आतंकवादी नहीं कहा जाएगा. इसके लिए बेंगलुरू की एक लड़की दिशा ए रवि ने कुर्बानी दी. भारत की आबो हवा की चिन्ता करने वाली इस लड़की ने सात दिनों तक बिना किसी गुनाह के सज़ा काटी है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के दम पर राजनीति करने वाले रिश्तेदार और समाज के लोग आज उस दिशा से नज़रें चुरा रहें होंगे.
Siker: किसान नेता (Farmer Leader) राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने (Parliament Gherao) का होगा और वहां चार लाख नहीं 40 लाख ट्रैक्टर जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने किसानों से तैयार रहने को कहा क्योंकि कभी भी दिल्ली जाने का आह्वान हो सकता है. टिकैत मंगलवार को राजस्थान के सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ”कान खोल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे. अबकी बार आह्वान संसद का होगा. कहकर जाएंगे संसद पर. इस बार चार लाख नहीं 40 लाख ट्रैक्टर जाएंगे.”
Rakesh Tikait ने कहा कि किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा. साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा. किसान नेता ने कहा, ”26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई… देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं.”
Rakesh Tikait ने कहा कि सरकार को किसानों की तरफ से खुली चुनौती है कि सरकार ने तीनों कृषि कानून (Farm Laws) वापस नहीं लिए और एमएसपी (MSP) लागू नहीं की तो बड़ी-बड़ी कंपनियों के गोदाम को ध्वस्त करने का काम भी देश का किसान करेगा. इसके लिए संयुक्त मोर्चा जल्द तारीख भी बताएगा.
महापंचायत को स्वराज आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम, किसान यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री चौधरी युद्धवीर सिंह सहित कई किसान नेताओं ने भी संबोधित किया. इससे पहले टिकैत ने चूरू जिले के सरदारशहर में भी किसानों की सभा को संबोधित किया.
Mathura: उत्तर प्रदेश के मथुरा (Uttar Pradesh’s Mathura) में किसान पंचायत के दौरान सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने उस समय अपना भाषण बीच में रोक दिया जब एक रेप पीड़िता की मां ने न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की. यह महिला राजस्थान (Rajasthan) राज्य से है, जहां पर कांग्रेस पार्टी सत्ता में है. राजस्थान के भरतपुर में इस महिला की बेटी के साथ कथित तौर पर रेप हुआ था. भरतपुर, यूपी की सीमा से लगा हुआ है. यह महिला मथुरा में अपने रिश्तेदार के साथ रहती है और उसने प्रियंका के आने की बात सुनकर इस रैली में जाने का फैसला किया था.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) जब किसानों की रैली को संबोधित कर रही थीं, इसी दौरान महिला ने नारेबाजी करके उन्हें बीच में रोक दिया. प्रियंका ने इस महिला से बात की और उसे एक कोने में ले गईं. बाद में उन्होंने मौके से ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) को फोन लगाया और पीड़िता की मदद करने को कहा. जानकारी के अनुसार, गहलोत ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मीडिया सलाहकार (media advisor) ने इस घटना को लेकर ट्वीट करते हुए प्रियंका (Priyanka Gandhi Vadra) पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. शलभ मणि त्रिपाठी (Shalabh Mani Tripathi) ने ट्वीट में लिखा, ‘इन आंसुओं को न तो मीडिया और न ही प्रियंकाजी देख पाएंगी क्योंकि इस मां की निर्दोष बच्ची के साथ रेप राजस्थान में हुआ था और उसे प्रियंका की रैली के लिए यूपी आना पड़ा. राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप होते हैं लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वहां नही जाते.’ गौरतलब है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इस समय यूपी में कांग्रेस का प्रभार संभाल रही है. वे राज्य का लगातार दौरा कर रही हैं और हाल के सप्ताहों में किसानों की रैली में भी शिरकत कर रही हैं.
Chandigarh: श्रम अधिकार कार्यकर्ता Nodeep Kaur ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) में दायर अपनी याचिका में दावा किया है कि पिछले महीने सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद पुलिस थाने में कई बार उन्हें बेरहमी से पीटा गया. पंजाब के मुक्तसर जिले की रहने वाली 23 वर्षीय कार्यकर्ता Nodeep Kaur ने यह भी दावा किया है कि उनकी चिकित्सकीय जांच भी नहीं करायी गयी जो आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 54 का उल्लंघन है.
Nodeep Kaur वर्तमान में हरियाणा के करनाल जेल में बंद हैं. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. अदालत मामले में अब 24 फरवरी को सुनवाई करेगी.
अपने वकील अर्शदीप सिंह चीमा और हरिंदर दीप सिंह बैंस के माध्यम से दायर जमानत याचिका में Nodeep Kaur ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया.
अपनी याचिका में श्रम अधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि मामले में उन्हें ‘‘निशाना बनाया गया और गलत तरीके से फंसाया गया” क्योंकि वह केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए भारी समर्थन जुटाने में कामयाब रही थीं.
Nodeep Kaur मजदूर अधिकार संगठन (MAS) की सदस्य हैं. कौर ने बताया कि उन्होंने केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में सोनीपत जिले के कुंडली में प्रदर्शन के लिए लोगों को एकत्रित किया. याचिका में आरोप लगाया गया कि किसानों के समर्थन में स्थानीय मजदूरों के जुटने से प्रशासन खफा था और प्रदर्शन को दबाने के लिए योजना बनायी गयी.
जमानत याचिका में कहा गया कि 12 जनवरी को याचिकाकर्ता और एमएएस (MAS) के सदस्यों ने कुछ मजदूरों के बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर एक फैक्टरी की ओर कूच किया. याचिका में उच्च न्यायालय को बताया गया कि उद्योगपतियों के संघ कुंडली औद्योगिक क्षेत्र द्वारा गठित एक समूह ने उनसे दुर्व्यवहार किया.
याचिका में दावा किया गया इसी बीच कुंडली पुलिस थाना के प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और याचिकाकर्ता के बाल खींचकर घसीटते हुए उन्हें अपने साथ ले गयी. याचिका में कहा गया कि इससे प्रदर्शनकारी भड़क गये और जब पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया तो स्थिति और खराब हो गयी. दोनों पक्षों के बीच संघर्ष हुआ, याचिकाकर्ता ने स्थिति को शांत कराने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
इसमें दावा किया गया कि पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ याचिकाकर्ता Nodeep Kaur को गिरफ्तार किया. उन्हें पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और उन्हें कई चोटें आयीं. याचिका में आरोप है कि किसी महिला पुलिसकर्मी की उपस्थिति के बिना ही उन्हें थाने में रखा गया और पुलिस अधिकारियों ने उनकी पिटाई की. हरियाणा पुलिस ने इससे पहले बताया था कि Nodeep Kaur को 12 जनवरी को सोनीपत में गिरफ्तार किया गया था. सोनीपत पुलिस के अधिकारियों ने यह भी कहा कि घटनास्थल पहुंचने पर पुलिस की टीम पर लाठी-डंडों से हमला किया गया और इस घटना में कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए.
Karnal: हरियाणा के करनाल जेल में बंद श्रम अधिकारों की कार्यकर्ता नवदीप कौर (Nodeep Kaur) के समर्थन में बहुत से लोग और राजनतिक पार्टी के नेता आ चुके हैं. मंगलवार को करनाल में आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब के नेता कौर (Nodeep Kaur) से मिलने पहुंचे थे, जिसमें विधायक हरपाल चीमा, विधायक सरवजीत कौर और अनमोल गगन मान शामिल थीं लेकिन उन्हें कौर से मिलने नही दिया गया. इसके पीछे कोरोनावायरस (Corona Virus) को वजह बताया गया.
Nodeep Kaur से न मिलने देने के बाद आप के विधायक हरपाल चीमा ने खट्टर सरकार को हिटलर की सरकार बताया. वहीं, चीमा ने कहा कि नवदीप पंजाब की बेटी है, उससे मिलने आए और कोरोना का बहाना बताकर मिलने नही दिया गया. चीमा ने कहा कि ‘पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हरियाणा सरकार से बात करके नवदीप (Nodeep Kaur) को बाहर निकालना चाहिए था लेकिन कैप्टन साहब अपनी डियूटी निभाने में फेल साबित हुए हैं. लेकिन आप के नेता यहां पहुंचे हैं और हम अपनी बेटी के साथ हैं.’
हरपाल चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘देश के पीएम पूंजीपतियों का पीएम हैं और इनमें पूरी तरह से आज हिटलर की आत्मा आ चुकी है क्योंकि आज देश का किसान कह रहा है कि काले कानून (Farm Laws) रदद् करो लेकिन पीएम मोदी साहब को दिख नही रहा है.’ आप नेता अनमोल गगन मान ने भी सरकार पर गुस्सा निकाला और कहा कि इनका अंत आ गया है.
बता दें कि 23 साल की लेबर एक्टिविस्ट नवदीप कौर (Nodeep Kaur) पर तीन मामले चल रहे हैं जिनमें हत्या का प्रयास और जबरन वसूली के प्रयास के आरोप शामिल हैं. वह मजदूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं और पंजाब के मुक्तसर जिले के गियादढ़ गांव की निवासी हैं. हरियाणा पुलिस ने 12 जनवरी को सोनीपत जिले में एक औद्योगिक इकाई को कथित रूप से घेराव करने और कंपनी से पैसे की मांग करने के लिए उन्हें अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था. Nodeep Kaur को एक मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन दूसरी याचिका खारिज हो जाने के चलते वो अभी जेल में ही हैं.
Mumbai: शिवसेना ने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के आसमान छूते दामों को लेकर को लेकर मोदी सरकार (Modi Govt.) पर हमला बोला है. महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के बजाय सरकार को देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके.
शिवसेना ने ईंधन के बढ़ते दामों पर बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी पर सवाल उठाया. शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में कमी से यह सुनिश्चित होगा कि भगवान राम के भक्तों को खाना मिले. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम देखने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है. मंदिर निर्माण के लिये चंदा इकट्ठा करने का अभियान चल रहा है.
ईंधन के दाम कम होने से राम भक्त भी खुश होंगे
शिवसेना ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है. राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के बजाय पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दाम नीचे लाइए. ताकि राम भक्तों को इससे खाना मिलेगा और भगवान राम भी इससे खुश होंगे. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने सवाल उठाए कि क्यों जब-तब प्रदर्शन करने वाली बीजेपी (BJP) अब ईंधन के बढ़े दामों को लेकर खामोश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) लगता है ईंधन के मौजूदा बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत ने अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात किया था जबकि गैस जरूरतों का 53 प्रतिशत हिस्सा आयातित था. शिवसेना ने कहा कि पिछली सरकारों ने इंडियन ऑयल(Indian Oil), ओएनजीसी (ONGC) और भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) जैसे सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किये लेकिन मोदी उन्हें बेच रहे हैं और अब ईंधन के बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों पर दोष मढ़ रहे हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा था कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दामों को तार्किक स्तर तक नीचे लाने के लिये केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि यूपीए सरकार (UPA Government) के दौरान पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के बढ़े दामों पर अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं ने अपनी राय व्यक्त की थी. लेकिन पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने के बावजूद अब ये सितारे खामोश हैं. ये हस्तियां चुप्पी साधे हुए हैं क्योंकि उनसे ऐसे ही रहने को कहा गया है.
शिवसेना ने दावा किया कि इसका यह भी मतलब है 2014 से पहले अपनी राय व्यक्त करने, आलोचना करने की स्वतंत्रता थी. अगर कोई सरकार की नीतियों की आलोचना करता था तो उसे राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत जेल में नहीं डाला जाता था. आज हमने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में बढ़ोतरी पर नाराजगी जताने की आजादी तक खो दी है. इसलिये अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन को क्यों अनावश्यक रूप से दोष देना?
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में हाल में अभिनेताओं पर निशाना साधते हुए पूछा था कि वे ईंधन की बढ़ी कीमतों को लेकर क्यों चुप हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र में उनकी फिल्मों का प्रदर्शन बाधित करने की धमकी दी थी.
Mumbai: महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों (New corona cases In Maharashtra) के बीच रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से कोरोना के कायदों को सख्ती से पालन करने के अपील के बाद अब प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रशासन ने प्रतिबंध भी लाए हैं ताकि मामलों पर काबू पाया जा सके. मुंबई, पालघर और जलगांव में शादी के कार्यक्रम में कोरोना (Corona) के नियमों का पालन नहीं किये जाने के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई. इसके तहत कहीं मैरिज हॉल को सील किया गया तो कहीं हॉल के मालिक के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. राज्य में कोविड-19 (Corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग पाबंदियाँ लगाई गई हैं.
अमरावती में सोमवार रात से 28 फरवरी तक एक हफ्ते के लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया गया है. अकोला जिले में शहर, मूर्तिजापुर और अकोट में 23 फरवरी से 1 मार्च तक लॉकडाउन होगा, जिले के दूसरे इलाकों में दुकान 9 से 5 खुली रह सकती हैं. होटल में केवल पार्सल सुविधा रहेगी. स्कूल, कॉलेज, सिनेमा यहां बंद रहेंगे. पुणे में स्कूल कॉलेज 28 फरवरी तक बंद करने का फैसला किा गया है. होटल-रेस्टोरेंट रात 11 बजे तक खुले रह सकते हैं. रात 11 से सुबह 6 बजे तक बेवजह घूमने पर कार्रवाई की जाएगी. नासिक में सोमवार रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है. मास्क नहीं पहनने पर 1000 रुपये का जुर्माना होगा. नागपुर में 7 मार्च तक स्कूल कॉलेज बंद किए गए है. मुख्य बाजारों को शनिवार-रविवार को बंद किया जाएगा. सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक कार्यक्रमों पर 7 मार्च तक पाबंदी रहेगी.
राज्य के कैबिनेट मंत्री नितिन राउत ने कहा, ‘कल मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम सभी बढ़ते मामलों के लिए ज़िम्मेदार हैं. आजकल लोग बिना मास्क (Mask) घूम रहे हैं, भीड़ कर रहे हैं, जिसे देखते हुए हमने नागपुर के लिए अब कड़े निर्णय लिए हैं.’ राज्य में जहां कोरोना (Corona) के मामलों में बढ़ोतरी हुई है
वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिकांश मामले असिमटोमैटिक (जिसमें लक्षण नजर नहीं आते) हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, राज्य में सबसे ज़्यादा मामले विदर्भ के अमरावती जिले में मिल रहे हैं. एक अन्य कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने कहा कि नियमों का पालन नहीं होने के वजह से कोरोना (Corona) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. फिलहाल हालात काबू में हैं, राज्य सरकार ने इससे पहले 3 लाख से ज़्यादा एक्टिव मामलों को भी संभाला है. जहां से मामले बढ़ रहे हैं, वहाँ से सैंपल जाँच के लिए NIV भेजे है, जिनकी रिपोर्ट अगले 5 से 8 दिनों में आएगी.
Toolkit Case: टूल किट मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी Disha Ravi को एक और दिन की पुलिस कस्टडी (Police Custody) में भेजने का आदेश दिया है. दिल्ली पुलिस ने 5 दिन की पुलिस कस्टडी मांगी थी. पुलिस कस्टडी के दौरान आरोपी दिशा रवि के साथ आरोपी शांतनु (Shantanu Muluk) और आरोपी निकिता जैकब (Nikita Jacob) को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होगी.
टूल किट मामले (Toolkit Case) में आरोपी दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को पेश किया गया था. दिशा रवि का 3 दिन का न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special cell) ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में शांतनु और निकिता जैकब दो आरोपी हैं. शांतनु को वहां की कोर्ट ने 10 दिन का ट्रांजिट बेल दिया है. वहीं निकिता जैकब को हाईकोर्ट से ट्रांजिट बेल मिला हुआ है. दिशा रवि ने उसके ऊपर लगाए गए सारे आरोप शांतनु और निकिता पर डाल दिए हैं. लिहाजा दिल्ली पुलिस के सामने सभी आरोपियों को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
निकिता को पहले भी जांच अधिकारी ने नोटिस दिया था, लेकिन जांच में वह शामिल नहीं हुई और हाईकोर्ट चली गई. पुलिस ने कहा कि टूलकिट (Toolkit) पर कई हाइपर लिंक दिए गए जो किसी दूसरे पेज पर ले जा रहे हैं. 11 जनवरी को यह पूरी कहानी शुरू होती है. एमओ धालीवाल जो पोएटिक जस्टिस (Poetic Justice Foundation) का संस्थापक है, वह खालिस्तान का समर्थक है. टूलकिट (Toolkit) पर जो हाइपर लिंक है वो सभी भारत के खिलाफ बड़ी साजिश को दर्शाते हैं. इससे ज्यादा पब्लिक डोमेन में हम ज्यादा नही बोलेंगे.
दिल्ली पुलिस ने कहा 21 से 27 जनवरी तक शांतनु दिल्ली में मौजूद था. वहीं Disha Ravi के वकील ने दिल्ली पुलिस के 5 दिन के रिमांड का विरोध किया. वकील ने कहा कि 13 फरवरी को गिरफ्तार की गई है. 5 दिन पीसी (Police Custody) के बाद फिर दिन की पीसी मांग रहे है. इसी बीच मे 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दिशा रवि के वकील के मुताबिक, पहले निकिता और शांतुनु दिल्ली पुलिस के पास नही थे, लेकिन अब ऐसा नया क्या है कि जो आज न्यायिक हिरासत का नियम बदलकर फिर पुलिस कस्टडी मांग रहे है.
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि इन दोनों के साथ पुलिस न्यायिक हिरासत में भी पूछताछ क्यों नही कर सकती है. पुलिस के पास यह अधिकार है लेकिन कल मेरे जमानत पर फैसला आने वाला है. Disha Ravi के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अपने रिमांड पेपर में कहा है निकिता और शांतनु के साथ दिशा रवि के साथ बिठाकर पूछताछ करवाना बेहद जरूरी है. क्या दिल्ली पुलिस को इंतजार था कि जब निकिता और शांतनु जांच के लिए आएंगे तो फिर कोर्ट से दिशा रवि की पुलिस कस्टडी ले लेंगे। इसका मतलब आपको पहले से यह पता था कि आपको पुलिस कस्टडी मिल जाएगी.
Disha Ravi के वकील ने सवाल उठाया कि जब 5 दिन वह पुलिस की कस्टडी में थी तब इन्होंने क्या किया. मुझे एक बार भी बैगलोर लेकर नही गए. जहाँ दिल्ली पुलिस यह कह रही है कि क्राइम हुआ है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि पुलिस कस्टडी को सजा की तरह ही अपराधी क्यों लेता है. हो सकता है इस पुलिस कस्टडी में दिशा रवि (Disha Ravi) का ही कुछ फायदा हो जाए, पता नही लोग पुलिस कस्टडी का विरोध क्यों करते है।दिल्ली पुलिस के अनुसार, दिशा रवि ही केवल इस केस की हिस्सा नही है इनके साथ उन तमाम लोगों तक पहुचना है. जिन लोगों ने भारत के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश की.
Lucknow: कृषि कानून बिल (Farm Laws) के विरोध को लेकर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के किसान गुस्से में आ गए हैं. आज फिर एक किसान ने चार बीघा अपनी गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया है. इस किसान का कहना है कि कल कुलचाने गांव के किसान सोहित ने अपनी गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया था, उसी वक्त मैंने भी अपनी फसल नष्ट करने का एलान कर दिया था. किसान बहुत गुस्से में है और आगे अपनी खड़ी फसल में आग लगाने की बात भी कर रहा है. किसान ने 4 बीघा जमीन में लहलहाती फसल को ट्रैक्टर के ज़रिए नष्ट करके वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की है.
किसानों ने कृषि बिल (Farm Laws) का विरोध करने का नया तरीका ईजाद किया है, वे अपनी खड़ी फसल ट्रेक्टर चलाकर नष्ट करने लगे हैं. रविवार को भी जिले के चाँदपुर थाने के गाँव कुलचाना में एक किसान सोहित अहलावत ने अपनी 5 बीघा गेहूं की लहलहाती फसल को ट्रैक्टर के ज़रिए बर्बाद कर दिया था. सोहित ने बताया कि कृषि कानून बिल (Farm Laws) के विरोध में गेहूं की फसल को पूरी तरह से चौपट कर दिया है. इसी तरह आज बिजनौर जिले के नगीना तहसील के गांव तेलीपुरा के रहने वाले किसान टोनी ने अपनी खड़ी लहलहाती गेहूं की फसल के ऊपर ट्रेक्टर चलाकर नष्ट कर दिया है. टोनी कहते हैं, ‘जब तक मोदी सरकार (Modi Govt.) कृषि बिल (Farm Laws) को वापस नही लेती, तब तक इसी तरह से विरोध करते रहेंगे.’ किसान का ये भी कहना है कि अभी तो खड़ी फसल नष्ट कर रहे हैं, यदि जरूरत पड़ी तो एक साल की पूरी फसलों को आग के हवाले भी किया जाएगा.
इस बीच जिले के किसानों के द्वारा गेहूं फसल को जोतने के मामले को लेकर भाकियू युवा के प्रदेश अध्यक्ष दिगम्बर सिंह ने अपील की है कि कोई भी किसान खड़ी फसल को नष्ट न करे. दिगम्बर ने किसान कुलचाना के सोहित अहलावत, तेलीपुरा के किसान टोनी और मुजफ्फरनगर के भैसी गांव के किसान द्वारा गेहूं की फसल नष्ट करने वाले किसानों के प्रति दु:ख भी जताया है. दिगम्बर ने कहा, ‘राकेश टिकैत आदेश करो. टिकैत के आह्वान पर किसान अपनी खड़ी फसलो में आग भी लगा देंगे.’
Mumbai: लॉकडाउन के बाद ओटीटी प्लेटफार्म्स और ऑनलाइन इंटरटेंमेंट कंटेंट में इजाफा हुआ है. लेकिन, इसमें पॉर्न कंटेंट (Porn Content) की मांग काफी बढ़ी है. यही कारण है कि अलग-अलग ढंग से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पार्न परोसा जा रहा है. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऐसे की एक गिरोह का भांडाफोड़ किया है. उनकी कार्य़शैली और कमाई देख पुलिस के भी होश उड़े हुए हैं.
यह गिरोह सब्सक्रिप्शन के आधार पर लोगों को Porn परोस रहा था. सप्ताह में एक दिन एक एपिसोड तैयार होता था और ओटीटी प्लेटफार्म की तर्ज पर ‘ओरिजनल’ कंटेंट (अश्लीलता से भरा हुआ) वहां डाला जा रहा था. यह ऐप के जरिए चलाया जा रहा था. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक्टर भी शामिल हैं.
गुप्त सूचना के आधार पर मारे गए छापे में Mumbai Police को कई पन्नों की स्क्रिप्ट, मोबाइल कैमरा, लाइट्स और अन्य तैयारियां मिली हैं. स्क्रिप्ट में अश्लील डॉयलाग्स के साथ पूरे सीन भी एक-एक कर के लिखे गए हैं. यहीं पर एक दिन में यह क्रू, एक सप्ताह तक चलने वाले एपिसोड की शूटिंग करता था. इसके लिए कई लोगों की टीम भी काम करती थी.
पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया है कि ऐसे कई अलग-अलग ऐप बेस्ड प्लेटफार्म चल रहे हैं. यह सब्सक्रिप्शन के आधार पर लोगों को पॉर्न कंटेंट परोस (Porn Content) रहे थे. साथ ही इनके फॉलोअर या सब्सक्राइबर लाखों में हैं. और इनकी कमाई करोड़ों में. हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है जिसमें यह आंकड़ा काफी बढ़ने की आशंका है.
सबसे आश्चर्य की बात है कि एक महिला के मोबाइल से ही यह शूटिंग की जा रही थी. जब पुलिस छापा मारने पहुंची तो शूटिंग चल रही थी. पुलिस ने एक महिला को भी यहां से मुक्त कराया है. उसका कहना है कि उसे वेब सीरीज में काम करने का झांसा दिया गया था जब वह यहां पहुंची तो पता चला कि उससे पॉर्नग्राफी में काम कराया जाएगा.
पुलिस का कहना था कि उन्हें 12 ऐसे ऐप्स का पता चला है जहां यह काम चल रहा था. इसके साथ ही जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनके चैनल का सब्सक्रिप्शन 199 रुपए प्रति माह का है. इसके पास लाख से ज्यादा यूजर हैं जिनसे दो करोड़ तक की कमाई इन लोगों की हो रही थी. जबकि, क्रू का खर्च बहुत ही कम था.
इस बीच दूसरे पक्ष का कहना है कि यहां पॉर्न (Porn) नहीं बन रहा था. उनकी सफाई है कि यह एक लव स्टोरी है. जिसे शूट किया जा रहा था. लव स्टोरी और बोल्ड फिल्म के साथ पॉर्न (Porn) में अंतर होता है. पुलिस का कहना है कि बड़े प्लेटफॉर्म्स पर भी अश्लीलता है लेकिन वहां स्टोरी के बीच में उसे दर्शाया गया है. जबकि यहां कुछ और ही शूट किया जा रहा था.
Jaya Ekadashi 2021: जया एकादशी (Jaya Ekadashi) को अत्यंत पुण्यदायी और कल्याणकारी माना गया है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी (Ekadashi) का व्रत करने से व्यक्ति बुरी योनि यानी भूति पिशाच की योनि में जन्म नहीं लेता है. इतना ही नहीं इस व्रत के प्रताप से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और घर में सुख-संपत्ति आती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार दुख, दरिद्रता और कष्टों को दूर करने के लिए Jaya Ekadashi का व्रत करना सर्वोत्तम साधन है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार Jaya Ekadashi हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष को आती है. ग्रगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह हर साल जनवरी या फरवरी महीने में पड़ती है. इस बार Jaya Ekadashi 23 फरवरी 2021 को है.
Jaya Ekadashi की तिथि और शुभ मुहूर्त
जया एकादशी की तिथि: 23 फरवरी 2021
एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 फरवरी 2021 को शाम 5 बजकर 16 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 23 फरवरी 2021 को शाम 6 बजकर 05 मिनट तक
पारण का समय: 24 फरवरी 2021 को सुबह 6 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 09 मिनट तक
हिन्दू धर्म में माघ शुक्ल में आने वाली Jaya Ekadashi का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इसका व्रत करने से मनुष्य ब्रह्म हत्यादि पापों से छूट कर मोक्ष को प्राप्त होता है. यही नहीं इसके प्रभाव से भूत, पिशाच आदि योनियों से भी मुक्त हो जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति बुरी योनि से छूट जाता है. कहते हैं कि जिस मनुष्य ने इस एकादशी का व्रत किया है उसने मानो सब यज्ञ, जप, दान आदि कर लिए. प्राचीन मान्यताओं के अुनसार जो मनुष्य जया एकादशी का व्रत करता है वह अवश्य ही हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करता है.
Jaya Ekadashi की पूजा विधि
– एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु का ध्यान करें.
– अब व्रत का संकल्प लें.
– अब घर के मंदिर में एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
– अब एक लोटे में गंगाजल लें और उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलएं.
– इसके बाद इस लोटे से जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिड़कें.
– फिर इसी लोटे से घट स्थापना करें.
– अब भगवान विष्णु को धूप-दीप दिखाकर उन्हें पुष्प अर्पित करें.
– अब घी के दीपक से विष्णु की आरती उतारें और विष्णु सहस्नाम का पाठ करें.
– इसके बाद श्री हरि विष्णु को तिल का भोग लगाएं और उसमें तुलसी दल का प्रयोग अवश्य करें.
– इस दिन तिल का दान करना अच्छा माना जाता है.
– शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा कर फलाहार ग्रहण करें.
– अगले दिन यानी कि द्वादशी को सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान-दक्षिणा देकर विदा करें. इसके बाद स्वयं भी भोजन ग्रहण कर व्रत का पारण करें.
पद्म पुराण में वर्णित कथा के अुनसार देवराज इंद्र स्वर्ग में राज करते थे और अन्य सब देवगण सुखपूर्वक स्वर्ग में रहते थे. एक समय इंद्र अपनी इच्छानुसार नंदन वन में अप्सराओं के साथ विहार कर रहे थे और गंधर्व गान कर रहे थे. उन गंधर्वों में प्रसिद्ध पुष्पदंत तथा उसकी कन्या पुष्पवती और चित्रसेन तथा उसकी स्त्री मालिनी भी उपस्थित थे. साथ ही मालिनी का पुत्र पुष्पवान और उसका पुत्र माल्यवान भी उपस्थित थे.
पुष्पवती गंधर्व कन्या माल्यवान को देखकर उस पर मोहित हो गई और माल्यवान पर काम-बाण चलाने लगी. उसने अपने रूप लावण्य और हावभाव से माल्यवान को वश में कर लिया. वह पुष्पवती अत्यन्त सुंदर थी. अब वे इंद्र को प्रसन्न करने के लिए गान करने लगे परंतु परस्पर मोहित हो जाने के कारण उनका चित्त भ्रमित हो गया था.
इनके ठीक प्रकार न गाने तथा स्वर ताल ठीक नहीं होने से इंद्र इनके प्रेम को समझ गया और उन्होंने इसमें अपना अपमान समझ कर उनको शाप दे दिया. इंद्र ने कहा, “हे मूर्खों ! तुमने मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया है, इसलिए तुम्हारा धिक्कार है. अब तुम दोनों स्त्री-पुरुष के रूप में मृत्यु लोक में जाकर पिशाच रूप धारण करो और अपने कर्म का फल भोगो.”
इंद्र का ऐसा शाप सुनकर वे अत्यन्त दु:खी हुए और हिमालय पर्वत पर दु:खपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगे. उन्हें गंध, रस तथा स्पर्श आदि का कुछ भी ज्ञान नहीं था. वहाँ उनको महान दु:ख मिल रहे थे. उन्हें एक क्षण के लिए भी निद्रा नहीं आती थी. उस जगह अत्यन्त शीत था, इससे उनके रोंगटे खड़े रहते और मारे शीत के दांत बजते रहते.
एक दिन पिशाच ने अपनी स्त्री से कहा, “पिछले जन्म में हमने ऐसे कौन-से पाप किए थे, जिससे हमको यह दु:खदायी पिशाच योनि प्राप्त हुई. इस पिशाच योनि से तो नर्क के दु:ख सहना ही उत्तम है. अत: हमें अब किसी प्रकार का पाप नहीं करना चाहिए.” इस प्रकार विचार करते हुए वे अपने दिन व्यतीत कर रहे थे.
दैव्ययोग से तभी माघ मास में शुक्ल पक्ष की जया नामक एकादशी आई. उस दिन उन्होंने कुछ भी भोजन नहीं किया और न कोई पाप कर्म ही किया. केवल फल-फूल खाकर ही दिन व्यतीत किया और सायंकाल के समय महान दु:ख से पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ गए. उस समय सूर्य भगवान अस्त हो रहे थे. उस रात को अत्यन्त ठंड थी, इस कारण वे दोनों शीत के मारे अति दुखित होकर मृतक के समान आपस में चिपटे हुए पड़े रहे. उस रात्रि को उनको निद्रा भी नहीं आई.
जया एकादशी के उपवास और रात्रि के जागरण से दूसरे दिन प्रभात होते ही उनकी पिशाच योनि छूट गई. अत्यन्त सुंदर गंधर्व और अप्सरा की देह धारण कर सुंदर वस्त्राभूषणों से अलंकृत होकर उन्होंने स्वर्गलोक को प्रस्थान किया. उस समय आकाश में देवता उनकी स्तुति करते हुए पुष्पवर्षा करने लगे. स्वर्गलोक में जाकर इन दोनों ने देवराज इंद्र को प्रणाम किया. इंद्र इनको पहले रूप में देखकर अत्यन्त आश्चर्यचकित हुआ और पूछने लगा, “तुमने अपनी पिशाच योनि से किस तरह छुटकारा पाया, सो सब बतालाओ.”
माल्यवान बोले, “हे देवेन्द्र ! भगवान विष्णु की कृपा और Jaya Ekadashi के व्रत के प्रभाव से ही हमारी पिशाच देह छूटी है.” तब इंद्र बोले, “हे माल्यवान! भगवान की कृपा और एकादशी का व्रत करने से न केवल तुम्हारी पिशाच योनि छूट गई, वरन् हम लोगों के भी वंदनीय हो गए क्योंकि विष्णु और शिव के भक्त हम लोगों के वंदनीय हैं, अत: आप धन्य है. अब आप पुष्पवती के साथ जाकर विहार करो.”
Mumbai: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Corona virus) के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने आज (शुक्रवार) कहा, ‘बहुत दिनों से आपसे बात करने का प्रयत्न कर रहा था लेकिन आजकल आप घर पर कहां रहते हैं. कोरोना को राज्य में आए लगभग एक साल हो चुका है. अगले 10 दिन में पहला मामला राज्य में पाया गया था. उस समय हालात काफी गंभीर थे. आपसे लगातार जानकारी लेकर बात कर रहा था. मैं बार-बार आपको यही कह रहा हूं कि हम सभी एक परिवार का हिस्सा हैं. उस समय हालात इतने खराब थे कि धीरे-धीरे मामले बढ़ने लगे थे. शुरुआत में पता भी नहीं था कि करना क्या है लेकिन अब वैक्सीन देने का काम शुरू है. लगभग 9 लाख कोविड योद्धाओं को यह (Corona Vaccine) दिया जा रहा है. अगर अगले कुछ दिनों तक कोरोना (Corona) के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो सख्ती बढ़ाई जाएगी. लॉकडाउन भी लगाया जाएगा.’
CM उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘पहले कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) को लेकर सवाल उठ रहे थे लेकिन 9 लाख लोगों को वैक्सीन देने के बाद कोई बड़े पैमाने में साइड इफेक्ट नहीं मिले, इसलिए जो बाकी कोविड योद्धा हैं, उन्हें हम वैक्सीनेशन लेने की अपील कर रहे हैं. अब लोग पूछ रहे हैं हमें कब मिलेगा, यह ऊपर वाले के ऊपर है. केंद्र सरकार तय करती है कि वैक्सीन किसे देना है. आने वाले दो महीनों में और भी कंपनी हमें वैक्सीन देने को तैयार हो जाएंगे, जिसके बाद जनता को भी वैक्सीन दिया जाएगा लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आती है तब तक नियमों का पालन करना जरूरी है. शिवाजी जयंती ओर शिवनेरी जाने का सौभाग्य मिला. बतौर मुख्यमंत्री जाने का मौका मिला एक भाग्य है. पिछले साल के तुलना में शिवनेरी पर भीड़ कम थी, लेकिन उत्साह उतना ही था.’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘शिवाजी महाराज ने शत्रु से लड़ने की जिद्द हमें दी है, वो प्रेरणा उन्होंने हमें दी है. उस समय ढाल और तलवार से हम लड़ते थे, अब हम कोरोना (Corona) के खिलाफ लड़ रहे हैं. इसे वॉर अगेंस्ट वायरस कहता हूं. अब तक तलवार यानी वैक्सीन आई नहीं है, लेकिन ढाल हमारे पास है. ढाल यानी मास्क, उसका इस्तेमाल कर हम इससे लड़ सकते हैं.
पहले न ही बेड मिल रहे थे, न ही वेंटिलेटर, एम्बुलेंस मिल रहे थे लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर और कोविड योद्धाओं ने डटकर इसका सामना किया. बहुत बुरा समय था वो, जब न ही ऑक्सीजन मिल रही थी, न बेड था, टेस्टिंग लैब भी नहीं थे.
पहले 2 टेस्टिंग लैब थे, अब 500 हैं. बेड को भी 4 लाख तक लेकर गए लेकिन अब और तब में फर्क है. हमने कई कदम उठाए हैं लेकिन अब एक बार फिर से मामले बढ़ रहे हैं. फिलहाल यहां कोरोना की दूसरी लहर आई है या नहीं, यह समझने में 8 से 15 दिन लगेंगे.’
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अब हम बाहर निकलने लगे हैं. होटल, शादी, मंदिर के लिए सब कुछ शुरू किया गया. लोकल शुरू किया गया लेकिन आप सभी से उम्मीद पहले भी थी और अभी भी है कि कोरोना से लड़ने के लिए आप सारे नियमों का पालन करें. धीरे-धीरे हमें लगने लगा कि कोरोना (Corona) चला गया. लोग कहते हैं कि तुम पागल हो क्या कि मास्क पहन रहे हो. जब कोरोना (Corona) कम होता है, हमें तब भी उसे रोकना चाहिए. यह कम ज्यादा होता रहता है. विदेश में भी कई जगहों पर लॉकडाउन को दोबारा लगाया है. ब्रिटेन में दिसंबर में लॉकडाउन का ऐलान किया गया, जिसे आगे कैसे लेकर जाया जाए, इस पर चर्चा जारी है. 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू आया था, तब भी हालात ऐसे ही थे. तब भी मास्क पहनना, हाथ धोना ही इसका इलाज था लेकिन तब पहले लोग इतना एक देश से दूसरे देश नहीं जाते थे. अब हम दूसरे देश से आने वालों को 7 दिन इसोलेशन में रखते हैं, बाद में होम क्वारंटाइन करते हैं. अब एक बार फिर से हमें कुछ बंधन में रहना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा, ‘राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. हमारे मंत्री नितिन राउत ने अपने बेटे के शादी के कार्यक्रम को बढ़ते मामलों को देखते हुए रद्द किया. यह बड़ी बात है और उम्मीद करता हूं इससे लोग प्रेरणा लेंगे. शादी बड़े पैमाने में होने लगी हैं. थिएटर शुरू हैं लेकिन वो नियमों का पालन कर रहे हैं. अब अगर कहीं भी नियमों का पालन लोग नहीं करेंगे तो उनपर कार्रवाई शुरू की गई है. अगर कोई व्यापारी भी ऐसा करता है तो भी कार्रवाई की जा रही है. पहले हमने मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी नामक एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी लेकिन अब लोगों के लिए सब कुछ शुरू किया और एक बार फिर मामले बढ़ने लगे. आज भी एक दिन में करीब 7 हजार मामले मिले हैं. लोगों को 15 दिन पहले लग रहा था कि कोरोना (Corona) चला गया और उन्होंने नियमों का पालन बंद किया. जिसके बाद वापस मामले बढ़ने लगे.’
CM ने आगे कहा, ‘कोरोना (Corona) को थामने के लिए कई लोगों ने मेहनत की. परिवार की परवाह नहीं करते हुए काम किया उन्होंने. कई लोग इसमें शहीद हुए हैं, हां उन्हें शहीद कहेंगे लेकिन अब उनकी मेहनत पर पानी नहीं फेरना चाहिए. केवल कोविड योद्धाओं का सत्कार करना काफी नहीं है, यह देखना है कि कोविड योद्धाओं को बढ़ाना न पड़े, आप कोविड योद्धा नहीं बन सकते तो कम से कम कोविड के मामलों को बढ़ाने वाले न बनें. आंकड़े बढ़ रहे हैं. बीच में केवल दो से ढाई हजार मामले आ रहे थे लेकिन अब मामले 7 हजार के करीब आ गए हैं. अमरावती में मामले बढ़ रहे हैं. आज लगभग 1000 मामले आए हैं. यह पहले पीक में जितने मामले आ रहे थे, उतने अभी आ रहे हैं. यह काफी गलत है. आज हमने अस्पताल और बेड बढ़ाए हैं लेकिन पहले जितने मामले पीक में आ रहे थे, उतने अभी शुरुआत में आ रहे हैं, तो सोचिए कि इसके पीक में कितने मामले आएंगे.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पहले 40 हजार तक एक्टिव मामले थे, वो अब 53 हजार चले गए. पहले दो से ढाई हजार मरीज मिल रहे थे, वो अब 7 हजार के करीब हैं. मुंबई में एक हफ्ते में मामले दोगुना हो गए हैं. दूसरा वेव दरवाजे पर है लेकिन वो अंदर आ चुका है क्या, यह 8 से 15 दिन में पता चलेगा लेकिन इसलिए अब बंधन बढ़ाना होगा. अमरावती, अकोला समेत दूसरी जगह के अधिकारियों को हमने कहा है कि आप एक दिन का समय दीजिए और बाद में आप अपने अनुसार बंदी लाइए, जहां लॉकडाउन की जरूरत है, उसे लागू किया जाए. विकास का काम शुरू है. मैंने कई परियोजनाओं की शुरुआत की है, कार्यक्रम किए हैं लेकिन अब धीरे-धीरे इसे कम किया जा रहा है. कल भी मैंने अपने एक कार्यक्रम में केवल जरूरी लोगों को बुलाने के अलावा किसी को नहीं आने कहा है. कल के कार्यक्रम के बाद अब मैंने राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को कुछ दिन के लिए बंद करने के आदेश दिए हैं. जरूर आप अपनी पार्टियों को आगे बढ़ाइए लेकिन कोरोना को मत बढ़ाइए. मैंने अधिकारियों को जूम कॉल से काम करने की शुरुआत करने कहा है.’
Mumbai: महाराष्ट्र में अमरावती (Amravati) जिले को राज्य में Corona के बढ़ते मामलों के बीच एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन (Lockdown) में रखा जाएगा। कैबिनेट मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि सोमवार शाम से तालाबंदी शुरू हो जाएगी। सरकार ने कहा कि सात दिन के सख्त बंद के दौरान केवल आवश्यक सेवाओं को काम करने दिया जाएगा।
अगर लोगों ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया तो लॉकडाउन (Lockdown) को बढ़ाया जाएगा, मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में COVID-19 (Corona) मामलों के लगातार बढ़ने के बाद सभी गैर-जरूरी गतिविधियों को रोकने का निर्णय लिया गया।
अमरावती में तालाबंदी की घोषणा 28 फरवरी तक पुणे के स्कूलों और कोचिंग सेंटरों में जिला प्रशासन द्वारा बंद करने के घंटों बाद हुई है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने निर्णय लेने से पहले जिले में COVID-19 (Corona) की स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
इससे पहले महाराष्ट्र के मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वे रात के कर्फ्यू पर विचार कर रहे हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में एक बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
Mumbai: महाराष्ट्र में कोरोनावायरस (Corona virus in Maharashtra) संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं सरकारी अधिकारियों ने इसके लिए उन लोगों को जिम्मेदार बताया है, जो न तो मास्क (Mask) पहनते हैं और न ही सामाजिक दूरी से मेलजोल के नियमों का पालन करते हैं. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों एवं मुंबई के गैर झुग्गी इलाकों में COVID-19 के बढ़ते मामलों के बीच ताजा लॉकडाउन (Lockdown) लागू करने की चर्चा शुरू हो चुकी है. इससे कुछ ही दिन पहले सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, शैक्षिक संस्थान एवं धार्मिक स्थान खुले थे.
महाराष्ट्र में कोरोना (Corona) संक्रमण के मामले शनिवार को लगातार पांचवे दिन बढ़े हैं. प्रदेश में शनिवार को 6281 नए मामले सामने आए, जो पिछले 85 दिन में सबसे अधिक हैं. इसके बाद प्रदेश में संक्रमित मामलों की कुल संख्या बढ़कर 20,93,913 हो गई है. महाराष्ट्र में मरने वालों की कुल संख्या अब 51,753 पर पहुंच गई है. प्रदेश में कोविड-19 (Corona) संक्रमण के कारण मृत्यु दर 2.47 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय आंकड़े 1.42 फीसदी से कहीं अधिक है. पिछले साल अप्रैल में गठित कोरोनावायरस कार्यबल के प्रमुख डॉक्टर संजय ओक कहते हैं कि प्रदेश में बढ़ते आंकड़ों को महामारी का ‘‘दूसरा दौर” नहीं कहा जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग कोविड के तौर तरीकों का पालन नहीं करते हैं. उन्हें इससे बचने की जरूरत है.” महाराष्ट्र सरकार के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप व्यास ने इस बढ़ोतरी के लिए लोगों की लापरवाही एवं अनुशासनहीनता को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रोटोकॉल का पालन करने में कमी है. लोग कोविड के उचित तौर तरीकों का पालन नहीं करते हैं.” व्यास ने कहा, ‘‘अधिकारियों को यह कहना होगा कि कोरोनावायरस अभी आसपास ही है. लोगों को इसे लेकर लापहरवाह होने की जरूरत नहीं है.”
बताते चलें कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को 6112 नए मामले सामने आए, जो पिछले 84 दिन में सबसे अधिक थे. इसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 20,87,632 हो गई थी. पिछली बार महाराष्ट्र में 6,112 से अधिक मामले पिछले साल 27 नवंबर को सामने आए थे और उस वक्त यह आंकड़ा 6,185 था. बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि दैनिक मामलों में दैनिक बढोतरी के बाद मुंबई में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3.17 लाख हो गई है.
New Delhi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) की पत्नी को कोयला तस्करी (Coal Smuggling) से जुड़े एक मामले में CBI द्वारा समन जारी किया गया है. सीबीआई की एक टीम मामले में समन जारी करने के लिए रविवार को अभिषेक बनर्जी के कोलकाता स्थित आवास पहुंची. टीम ने बनर्जी की पत्नी रुजीरा बनर्जी (Ruzira Banerjee) को नोटिस दिया गया है. पिछले कुछ समय पहले CBI ने आरोपी अनूप मांझी से जुड़े मामले पर झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के कई लोकेशन पर छापेमारी की थी. इसी मामले में अभिषेक बनर्जी की पत्नी की भूमिका सामने आई थी लिहाजा पूछताछ के लिए CBI की टीम नोटिस देने पहुंची थी.
आज ही CBI रुजीरा बनर्जी और उनकी बहन से पूछताछ उनके घर पर ही करना चाहती है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर राज्य का सियासी तापमान भी बढ़ गया है. बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.
बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) में अभिषेक बनर्जी का प्रभाव पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. डायमंड हार्बर लोकसभा सीट के 2019 के संसदीय चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की. अब वे 2021 में तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक बन गए हैं.
New Delhi: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के CEO अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने उन देशों से धीरज रखने का आग्रह किया जो कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविडशील्ड (Covishield) का इंतजार कर रहे हैं. SII ही ‘कोविडशील्ड’ टीके का उत्पादन कर रहा है जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनका ने विकसित किया है.
अदार पूना वाला ने आज सुबह अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से लिखा कि प्रिय देशों और सरकारों, जैसा कि आप सभी कोविडशील्ड की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं, मैं आप सभी से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध करता हूं.
Dear countries & governments, as you await #COVISHIELD supplies, I humbly request you to please be patient, @SerumInstIndia has been directed to prioritise the huge needs of India and along with that balance the needs of the rest of the world. We are trying our best.
पूनावाला के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) को देश की बड़ी जरूरतों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का निर्देश दिया गया है साथ ही विश्व के अन्य देशों की आवश्यकताओं के साथ संतुलन बनाने