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Sambhal में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह: यातायात नियमों की जागरूकता और विशेष अभियान

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Sambhal के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के निर्देशन में आज, 22 जनवरी 2025 को चंदौसी के एन के बी एम कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों की जानकारी दी गई और उन्हें यातायात नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई गई।

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Sambhal में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह

National Road Safety Month in Sambhal

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत धनुमल तिराहा, चंदौसी पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों की ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गई, और एमवी एक्ट के तहत चालान की कार्रवाई की गई। यातायात पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाए, साथ ही रोड पर खड़े वाहनों के खिलाफ नो पार्किंग के चालान किए।

इसके अतिरिक्त, यातायात प्रभारी प्रमोद मान ने बीएम तिराहा से फव्वारा चौक तक अतिक्रमण हटाया और अवैध रूप से खड़े वाहनों को हटाकर उनके चालान किए। रिफ्लेक्टर टेप के उपयोग के महत्व को समझाते हुए वाहन चालकों को बताया गया कि इससे दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

National Road Safety Month in Sambhal

विशेष अभियान के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा वाहन चलाने पर एमवी एक्ट की धाराओं के तहत चालान किए गए और उनसे यातायात नियमों पर निबंध लिखवाकर उन्हें जागरूक किया गया। इस अभियान में अब तक 280 वाहनों के चालान किए गए हैं।

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सभी वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया गया है।

सम्भल से खलील मलिक की ख़ास रिपोर्ट

संविधान गौरव दिवस अभियान: Sambhal में जाटव बाहुल्य क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम

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UP/Sambhal: भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह ने संविधान गौरव दिवस अभियान अभियान के अंतर्गत सम्भल के जाटव बाहुल्य ग्राम मुड़ो वाली मिलक में मलीन बस्ती में जाकर पत्रक वितरित किए। इस अभियान के तहत कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर संविधान और इसके महत्व के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

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इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष अशोक बाजवा, पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, सोनू चल, अंकुर धारीवाल सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

Sambhal से खलील मलिक की ख़ास रिपोर्ट

Nitish Kumar की JDU ने मणिपुर में BJP के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया

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इम्फाल: एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में, Nitish Kumar के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और उसका एकमात्र विधायक विपक्ष में बैठेगा। हालांकि इस घटनाक्रम से सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह एक कड़ा संदेश है क्योंकि जेडीयू केंद्र और बिहार में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी है।

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यह घटनाक्रम कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी, जो मेघालय में सत्ता में है, के बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने के महीनों बाद आया है।

मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने छह सीटें जीतीं, लेकिन चुनाव के कुछ महीनों बाद, पांच विधायक भाजपा में चले गए, जिससे सत्तारूढ़ दल की संख्या मजबूत हो गई। 60 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल बीजेपी के 37 विधायक हैं. इसे नागा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे इसे आरामदायक बहुमत मिल गया है।

Nitish Kumar की JDU ने समर्थन वापस लिया

Nitish Kumar's JDU withdraws support to BJP-led government in Manipur

मणिपुर की जदयू इकाई के प्रमुख केश बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर घटनाक्रम की जानकारी दी है। “फरवरी/मार्च, 2022 में हुए मणिपुर राज्य विधानसभा के चुनाव में, जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा खड़े किए गए छह उम्मीदवार वापस आ गए। कुछ महीनों के बाद, जनता दल यूनाइटेड के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए। दसवीं अनुसूची के तहत परीक्षण पांच विधायकों का भारत का संविधान स्पीकर के न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित है। जनता दाई (यूनाइटेड) के इंडिया ब्लॉक का हिस्सा बनने के बाद, माननीय कार्यालय को सूचित करके जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया।

पत्र में कहा गया , “इस तरह, मणिपुर में जनता दल (यूनाइटेड) के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर के बैठने की व्यवस्था विधानसभा के आखिरी सत्र में विपक्षी बेंच में स्पीकर द्वारा की गई है।”

इस साल आम चुनाव में 12 सीटें जीतने वाली Nitish Kumar की जेडीयू उन प्रमुख सहयोगियों में से एक है, जिनके समर्थन से इस बार सीटों की संख्या में गिरावट के बाद भाजपा को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने में मदद मिली। भाजपा और जदयू बिहार में भी सहयोगी हैं, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो राजनीतिक विभाजन से परे अपने फ्लिप-फ्लॉप के लिए जाने जाते हैं, भारतीय विपक्षी गुट में प्रमुख खिलाड़ियों में से एक होने के बाद पिछले साल एनडीए में लौट आए।

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झारखंड का यह विश्वविद्यालय UGC विश्वविद्यालयों की सूची से हटा दिया गया

हाल ही में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में झारखंड के एक विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की सूची से हटा दिया गया है। इस फैसले ने छात्रों, फैकल्टी और शैक्षिक समुदाय में चिंता का माहौल बना दिया है। UGC द्वारा किसी विश्वविद्यालय को अपनी सूची से हटाना एक गंभीर कदम है, क्योंकि इसका सीधा असर छात्रों की डिग्री की वैधता, उनके भविष्य और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर पड़ता है। इस लेख में हम इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे।

पृष्ठभूमि

UGC भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली का सर्वोच्च नियामक निकाय है, जो विश्वविद्यालयों की मान्यता और गुणवत्ता पर निगरानी रखता है। यूजीसी उन विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करता है जो निर्धारित शैक्षिक, प्रशासनिक और बुनियादी ढांचे के मानकों को पूरा करते हैं। जब कोई विश्वविद्यालय यूजीसी की सूची से हटाया जाता है, तो इसका मतलब यह है कि उस विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई डिग्रियाँ अब यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं मानी जातीं। इससे न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है, बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है।

झारखंड के जिस विश्वविद्यालय को यूजीसी से हटाया गया, उसे प्रशासनिक लापरवाही, अव्यवस्थित ढांचे और शैक्षिक गुणवत्ता की कमी के कारण कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा था। हालांकि UGC ने विश्वविद्यालय को सुधारने के लिए कई मौके दिए, लेकिन विश्वविद्यालय ने आवश्यक सुधारों को लागू नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया।

हटाने के कारण

  • शैक्षिक गुणवत्ता और मानक: विश्वविद्यालयों को यूजीसी द्वारा मान्यता देने के लिए उच्च शैक्षिक मानकों को बनाए रखना अनिवार्य होता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि विश्वविद्यालयों में अच्छे पाठ्यक्रम, योग्य शिक्षक और उपयुक्त शिक्षण पद्धतियाँ हों। इस विश्वविद्यालय में शैक्षिक मानकों में कमी पाई गई थी। पाठ्यक्रम के विकास में लापरवाही, शिक्षण विधियों में सुधार की कमी और शिक्षक की योग्यता के मानकों को पूरा नहीं किया गया, जिसके कारण विश्वविद्यालय को यूजीसी से हटाया गया।
  • प्रशासनिक समस्याएँ: विश्वविद्यालय के प्रशासन में लगातार समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। प्रशासनिक निकायों की असमर्थता, संसाधनों का ठीक से प्रबंधन न होना और यूजीसी के नियमों का पालन न करने के कारण विश्वविद्यालय में अस्थिरता का माहौल था। यूजीसी ने कई बार विश्वविद्यालय प्रबंधन को सुधारने के लिए कहा, लेकिन कोई ठोस सुधार नहीं हुआ, जिससे विश्वविद्यालय की स्थिति और खराब हो गई।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी: यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों को छात्रों के लिए उचित बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी होती हैं। इनमें कक्षाएँ, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ, खेल सुविधाएँ और छात्रावास शामिल हैं। इस विश्वविद्यालय में इन सुविधाओं की भारी कमी पाई गई, जो विश्वविद्यालय की मान्यता की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली मुख्य वजहों में से एक थी।
  • यूजीसी के निर्देशों का पालन न करना: यूजीसी ने विश्वविद्यालय को कई बार सुधार के लिए अवसर दिए थे, जैसे कि फैकल्टी की योग्यता में सुधार, बुनियादी ढांचे की स्थिति को बेहतर बनाना, और परीक्षा व दाखिला प्रक्रियाओं को यूजीसी के निर्देशों के अनुरूप लाना। लेकिन विश्वविद्यालय ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया, जिससे उसे यूजीसी सूची से हटाए जाने की स्थिति उत्पन्न हुई।

छात्रों पर प्रभाव

विश्वविद्यालय के UGC सूची से हटने का सबसे बड़ा असर उसके छात्रों पर पड़ा है। चूंकि विश्वविद्यालय अब यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है, इसके द्वारा दी गई डिग्रियाँ अब मान्यता प्राप्त नहीं मानी जाएंगी। इससे छात्रों के भविष्य पर गंभीर असर पड़ता है, खासकर उनके रोजगार और आगे की शिक्षा के संदर्भ में।

  • रोजगार के अवसर: कई कंपनियाँ और सरकारी संस्थाएँ केवल उन उम्मीदवारों को नियुक्त करती हैं जिनकी डिग्री यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से हो। अब जब विश्वविद्यालय को UGC से हटा लिया गया है, तो इसके स्नातकों के लिए नौकरी प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे उन छात्रों को भी नुकसान होगा जिन्होंने इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और अब उन्हें अपने भविष्य के बारे में अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।
  • आगे की शिक्षा: कई उच्च शिक्षा संस्थान, जैसे कि IITs, IIMs और विदेशी विश्वविद्यालय, केवल यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के स्नातकों से आवेदन स्वीकार करते हैं। इससे छात्रों को आगे की शिक्षा, स्कॉलरशिप्स या शोध के अवसरों में भी समस्या हो सकती है।
  • मानसिक प्रभाव: विश्वविद्यालय के यूजीसी सूची से हटने से छात्रों में मानसिक तनाव और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है। जिन छात्रों ने वर्षों तक मेहनत की और वित्तीय संसाधन खर्च किए, अब उन्हें अपनी डिग्री की वैधता पर सवाल उठाने पड़ सकते हैं। यह छात्रों के लिए एक मानसिक झटका हो सकता है, जो उनके आत्मविश्वास को प्रभावित करता है।

UGC का योगदान

UGC का मुख्य उद्देश्य भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना और यह सुनिश्चित करना है कि विश्वविद्यालयों में उच्च शैक्षिक मानकों का पालन किया जाए। जब कोई विश्वविद्यालय इन मानकों को पूरा नहीं करता, तो यूजीसी का यह कदम आवश्यक होता है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय को सुधार के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिए थे, लेकिन विश्वविद्यालय ने इन सुधारों को लागू नहीं किया, जो अंततः यूजीसी द्वारा इसे अपनी सूची से हटाए जाने का कारण बना।

UGC को अपने निगरानी तंत्र को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों में जल्दी हस्तक्षेप किया जा सके और छात्रों को भविष्य में इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।

उच्च शिक्षा में विश्वास को फिर से स्थापित करना

किसी भी विश्वविद्यालय का UGC सूची से हटना उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालयों को बेहतर शासन, शिक्षा की गुणवत्ता, और संसाधनों के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है। झारखंड के इस विश्वविद्यालय के मामले में, अब यह विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह अपनी कमियों को पहचानकर सुधार करें और अपनी मान्यता को फिर से प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।

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निष्कर्ष

UGC सूची से किसी विश्वविद्यालय का हटना एक गंभीर कदम है, जो न केवल विश्वविद्यालय की गुणवत्ता की कमी को दर्शाता है, बल्कि पूरे उच्च शिक्षा प्रणाली के सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करता है। छात्रों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन यह अवसर भी प्रदान करती है कि वे अपने भविष्य को पुनः विचार करें और अपनी शिक्षा के क्षेत्र में नए विकल्प तलाशें। विश्वविद्यालयों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए शैक्षिक गुणवत्ता और प्रशासनिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे निर्णयों से बचा जा सके और छात्रों का विश्वास बनाए रखा जा सके।

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Padmaavat: दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर की फिल्म इस तारीख को फिर से रिलीज होगी

फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की 2018 की महाकाव्य फिल्म Padmaavat अपनी सातवीं वर्षगांठ पर सिनेमाघरों में फिर से रिलीज होने के लिए तैयार है। निर्माताओं ने इंस्टाग्राम पर बुधवार को इसकी घोषणा की।

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फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में हैं। वायाकॉम 18 स्टूडियोज ने तीनों का एक पोस्टर साझा किया। फिल्म 24 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसमें पोस्ट को कैप्शन दिया गया, “बड़े पर्दे पर महाकाव्य कहानी को फिर से देखें। #पद्मावत 24 जनवरी को सिनेमाघरों में।”

Padmaavat के बारे में

Padmaavat: Deepika, Ranveer and Shahid Kapoor's film will be released in theaters again

2018 में रिलीज़ हुई Padmaavat, रानी पद्मावती (दीपिका) और उनके पति, मेवाड़ के महारावल रतन सिंह (शाहिद कपूर) की 13वीं सदी की कहानी है, जो अपनी सुंदरता और ज्ञान के लिए जानी जाती हैं। कहानी तब सामने आती है जब सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह), जुनून और महत्वाकांक्षा से प्रेरित होकर, पद्मावती की तलाश में चित्तौड़ पर आक्रमण करता है, जो अपने राज्य और उसके मूल्यों की रक्षा के लिए बहुत कुछ करती है।

पद्मावत फिल्म को लेकर विवाद

Padmaavat: Deepika, Ranveer and Shahid Kapoor's film will be released in theaters again

सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी की Padmaavat पर आधारित इस फिल्म ने अपनी रिलीज के समय एक बड़े विवाद को जन्म दिया था, जिसमें कई राजपूत संगठनों ने रानी पद्मावती के चित्रण पर नाराजगी जताई थी। 2017 में, करणी सेना के सदस्यों ने जयपुर के जयगढ़ किले में, जहां वह फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, गुस्से में विरोध प्रदर्शन किया था।

भंसाली ने अपना सेट महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थानांतरित कर दिया लेकिन पेट्रोल बम और तलवारों से लैस लोगों ने उनकी फिल्म के सेट पर हमला कर दिया। इसके बाद करणी सेना ने इस आधार पर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की कि फिल्म इतिहास को विकृत करती है और राजपूतों को खराब रोशनी में पेश करती है।

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केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने दो इतिहासकारों के साथ मिलकर फिल्म में पांच संशोधनों का सुझाव दिया। फिल्म का टाइटल बदलने का सुझाव भी दिया गया। फिल्म का नाम बदलकर पहले पद्मावत और फिर पद्मावत कर दिया गया। अंततः इसे 25 जनवरी, 2018 को रिलीज़ किया गया। Sacnilk.com के अनुसार, फिल्म ने भारत में ₹400 करोड़ की कमाई की।

मीठे और स्वादिष्ट Rasgullas खाने के फायदे

Rasgullas, भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रिय मिठाई है जो चना (ताजे, बिना पके हुए पनीर) और शक्कर के सिरप से बनाया जाता है। यह नर्म, स्पॉन्जी और सिरप से भरी हुई मिठाई भारतीय व्यंजनों का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है और यह विशेष अवसरों और त्योहारों में विशेष रूप से पसंद की जाती है। रसगुल्ले के सेवन से कई फायदे हो सकते हैं, जो पोषण, मानसिक स्थिति, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जुड़ी होती हैं। नीचे हम रसगुल्ले खाने के विभिन्न लाभों को विस्तार से समझते हैं।

ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत

Rasgullas मुख्य रूप से चने से बनाए जाते हैं, जो प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, और शक्कर का सिरप जो शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है। प्रोटीन और शक्कर का संयोजन रसगुल्लों को उच्च कैलोरी वाला बना देता है, जो त्वरित ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत होता है। जब आपको थकान महसूस हो या किसी त्वरित ऊर्जा की आवश्यकता हो, तो एक रसगुल्ला एक आदर्श विकल्प हो सकता है। यह शरीर द्वारा जल्दी अवशोषित होने वाली ग्लूकोज प्रदान करता है, जिससे तात्कालिक ऊर्जा मिलती है।

प्रोटीन से भरपूर

  • Rasgullas चने से बने होते हैं, जो प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं। प्रोटीन शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कोशिकाओं की वृद्धि और मरम्मत, एंजाइम और हार्मोन का उत्पादन, और शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली में सहायता करता है। हालांकि रसगुल्ले एक संपूर्ण प्रोटीन आहार का स्थान नहीं ले सकते, फिर भी वे दैनिक प्रोटीन की खपत में योगदान कर सकते हैं।

हड्डियों के लिए फायदेमंद

चूंकि Rasgullas डेयरी उत्पादों से बने होते हैं, ये कैल्शियम और फास्फोरस का अच्छा स्रोत होते हैं। कैल्शियम एक आवश्यक खनिज है जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। फास्फोरस कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डी स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायक होता है। रसगुल्लों का सेवन आपकी हड्डियों की सेहत को बढ़ावा दे सकता है और हड्डी से संबंधित समस्याओं जैसे ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम कर सकता है।

Rasgullas ताजे चने से बनाए जाते हैं, जिसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आपके पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। प्रोबायोटिक्स जीवनदायिनी सूक्ष्मजीव होते हैं जो आंतों के बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बढ़ावा देते हैं, पाचन को सहायक होते हैं और इम्यून सिस्टम का समर्थन करते हैं। ये लाभकारी बैक्टीरिया भोजन को अच्छे से पचाने में मदद करते हैं, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं और पाचन संबंधी विकारों जैसे गैस, कब्ज और अपच से बचाव करते हैं। इसके अलावा, Rasgullas का नर्म, गीला स्वरूप उन्हें पचाने में आसान बनाता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका पाचन तंत्र संवेदनशील होता है।

मूड को बेहतर बनाना

मीठा खाना जैसे रसगुल्ला, हमारे मस्तिष्क की रसायन विज्ञान पर गहरा प्रभाव डालता है। शक्कर का सेवन शरीर में एंडोर्फिन का उत्पादन बढ़ाता है, जो “फील-गुड” हार्मोन होते हैं जो मूड को बेहतर बनाते हैं और तनाव को कम करते हैं। ये एंडोर्फिन एक प्राकृतिक मूड एलीविएटर के रूप में काम करते हैं, जो उदासी, चिंता और अवसाद जैसी भावनाओं से निपटने में मदद करते हैं। Rasgullas की मिठास एक आरामदायक और सुखद अनुभव प्रदान कर सकती है, जो आपके मूड को ऊंचा करता है और संतोष की भावना को उत्पन्न करता है। इस कारण Rasgullas उत्सवों या किसी खास अवसर पर खाने के लिए आदर्श होते हैं, क्योंकि ये न केवल स्वाद को संतुष्ट करते हैं, बल्कि आपके मूड को भी बेहतर बनाते हैं।

  • सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व

रसगुल्ला भारतीय और अन्य दक्षिण एशियाई संस्कृतियों में गहरे रूप से जुड़ा हुआ है और विशेष अवसरों तथा त्योहारों जैसे दिवाली, होली, और शादियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रसगुल्ला खाना न केवल स्वाद का आनंद देने का तरीका होता है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं से जुड़ने का एक तरीका भी होता है। विशेष आयोजनों और परिवार के मिलन-मिलाप में रसगुल्लों का सेवन सामूहिक रूप से प्रेम और एकता की भावना को बढ़ावा देता है, और यह एक महत्वपूर्ण पारंपरिक आहार के रूप में सम्मानित किया जाता है।

मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स

हालांकि रसगुल्लों में शक्कर होती है, फिर भी उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) अपेक्षाकृत मध्यम होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह मापता है कि कोई खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को कितनी जल्दी बढ़ाता है। उच्च GI वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा में तेजी से वृद्धि करते हैं, जबकि निम्न GI वाले खाद्य पदार्थ ऊर्जा का एक सुसंगत और धीरे-धीरे वितरण करते हैं। हालांकि रसगुल्लों का सेवन संयमित तरीके से करना चाहिए, वे कई अन्य मीठे खाद्य पदार्थों की तुलना में बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इस प्रकार, मध्यम GI की वजह से यह रक्त शर्करा नियंत्रण में सहायक हो सकते हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनमें प्री-डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज जैसी स्थितियां हैं।

  • त्वचा के लिए फायदेमंद

रसगुल्लों में दूध से बने तत्व होते हैं, खासकर कैल्शियम और विटामिन A, जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। कैल्शियम त्वचा कोशिकाओं के उचित कार्य में मदद करता है और कोलेजन के निर्माण को बढ़ावा देता है, जो त्वचा की लचीलापन को बनाए रखने में सहायक होता है। विटामिन A त्वचा की कोशिका की गति और चिकनी, स्पष्ट त्वचा के रख-रखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। Rasgullas में मौजूद जल भी त्वचा को हाइड्रेटेड और दमकते हुए बनाए रखने में सहायक होते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर

कुछ प्रकार के रसगुल्लों में इलायची, केसर या गुलाब जल जैसे फ्लेवर होते हैं, जो न केवल स्वाद को बढ़ाते हैं, बल्कि एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स उन पदार्थों को कहते हैं जो शरीर में मुक्त कणों को निष्क्रिय करते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और कोशिकाओं के नुकसान के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव कई पुरानी बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग और समय से पहले बुढ़ापे से जुड़ा होता है। केसर और इलायची जैसे तत्व एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, और इनका रसगुल्लों में मिलना स्वास्थ्य और दीर्घायु में सुधार कर सकता है।

  • हाइड्रेशन में मदद करता है

Rasgullas शक्कर के सिरप में डूबे होते हैं, जिसका मतलब है कि इनमें काफी मात्रा में पानी होता है। यह सिरप शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकता है, खासकर जब इन्हें सीमित मात्रा में खाया जाए। हाइड्रेशन शरीर की सभी प्रणालियों के सही तरीके से कार्य करने के लिए अत्यंत आवश्यक है, जैसे कि पाचन, रक्त संचार, और तापमान नियंत्रण। गर्मी के मौसम में रसगुल्लों का सेवन ताजगी और हाइड्रेशन का एक शानदार तरीका हो सकता है।

सामाजिकता को बढ़ावा देता है

Rasgullas, जैसे अन्य पारंपरिक मिठाइयाँ, अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में साझा की जाती हैं, जो रिश्तों को मजबूत करने और एकता को बढ़ावा देती हैं। चाहे वह शादी हो, पारिवारिक मिलन हो, या सामुदायिक उत्सव, रसगुल्ले का वितरण और सेवन सामाजिक संपर्क को बढ़ावा देता है। भोजन एक अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली उपकरण है जो लोगों को एक साथ लाता है, और रसगुल्लों की लोकप्रियता इसे एक सकारात्मक सामाजिक इंटरएक्शन का उत्प्रेरक बना देती है।

प्रेगनेंसी के दौरान Oranges खाने के फायदे

निष्कर्ष

जहाँ Rasgullas स्वाद और बनावट के लिए पसंद किए जाते हैं, वहीं इनका सेवन करने के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। ऊर्जा प्रदान करने और प्रोटीन की आपूर्ति से लेकर पाचन स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने तक, Rasgullas न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहतमंद भी हो सकते हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि इन्हें संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के हिस्से के रूप में ही खाया जाए, ताकि इसके लाभ का सही तरीके से आनंद लिया जा सके।

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Azaad Box Office Collection Day 5: राशा थडानी और अमन देवगन अभिनीत फिल्म में गिरावट आई

शुक्रवार, 17 जनवरी को कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ राशा थडानी, अमन देवगन की पहली फिल्म ‘Azaad’ से टकराई। अभिषेक कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म से रवीना टंडन की बेटी और अजय देवगन के भतीजे ने डेब्यू किया। इसमें अजय भी एक विस्तारित कैमियो में थे। हालाँकि, गीत ‘उई अम्मा’ के काफी लोकप्रिय होने और फिल्म, खासकर राशा के चारों ओर चर्चा होने के बावजूद, फिल्म की शुरुआत धीमी रही और तब से धीरे-धीरे इसमें गिरावट देखी जा रही है।

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Azaad का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन


Azaad Box Office Collection Day 5: Rasha Thadani and Aman Devgan starrer declines

Azaad का ओपनिंग डे का आंकड़ा करीब 1.5 करोड़ रुपए था। शनिवार या रविवार को भी इसमें कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई और यह क्रमश: 1.3 करोड़ रुपये और 1.75 करोड़ रुपये के दायरे में ही रही. हालांकि, सोमवार को इसमें गिरावट आई और इसकी कमाई सिर्फ 65 लाख रुपये रह गई। मंगलवार यानी 5वें दिन फिल्म की कमाई में और गिरावट आई और इसने केवल 55 लाख रुपये ही कमाए। इस तरह सैकनिल्क के मुताबिक 5 दिनों में फिल्म का अब तक का कुल कलेक्शन 5.75 करोड़ रुपये है।

यह इमरजेंसी से पीछे चल रही है, जो पंजाब में प्रतिबंधित होने के बावजूद बेहतर प्रदर्शन कर रही है। 5 दिनों में फिल्म का अब तक का कुल कलेक्शन 12.40 करोड़ रुपये है।इस बीच इन दोनों फिल्मों को राम चरण की ‘गेम चेंजर’ और अल्लू अर्जुन की ‘पुष्पा 2’ से टक्कर मिल रही है।

हालाँकि, लगभग 47 दिनों की अवधि पूरी करने के बाद, अल्लू अर्जुन अभिनीत फिल्म की गति अब कम होने लगी है और अब बॉक्स ऑफिस पर लाइफटाइम रन के करीब पहुंचने पर इसकी संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है।

Basant Panchami पर करें इन मंत्रों का जाप

Basant Panchami एक अत्यंत शुभ और उल्लासमयी पर्व है, जो खासतौर पर भारत में मनाया जाता है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और विशेष रूप से देवी सरस्वती, जो ज्ञान, विद्या, और कला की देवी मानी जाती हैं, की पूजा का दिन है। इस दिन को बुद्धिमत्ता, शिक्षा और नए आरंभ का पर्व माना जाता है। इस अवसर पर देवी सरस्वती की पूजा और मंत्रों का जाप विशेष महत्व रखता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन मंत्रों के उच्चारण से देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में ज्ञान, समृद्धि और सफलता का संचार होता है।

Basant Panchami वन्दना मंत्र

यह मंत्र देवी सरस्वती के समर्पण में है। इसे नियमित रूप से और श्रद्धा से पढ़ने से विद्या, बुद्धिमत्ता और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

  • मंत्र: “ॐ श्री सरस्वत्यै नम:।

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदंडमण्डितकरा, या श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर देवै: सदापूजिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥”

  • अर्थ: “मैं देवी सरस्वती को नमस्कार करता हूँ, जो कि बर्फ की तरह श्वेत हैं, श्वेत वस्त्रों से सुशोभित हैं, और जो एक श्वेत कमल पर विराजित हैं। जिनके हाथ में वीणा और वरदंड हैं, और जो ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित सभी देवताओं द्वारा पूजा जाती हैं। वह मुझे आशीर्वाद दें और मेरी सभी बुद्धिहीनता को समाप्त करें।”

सरस्वती अष्टाक्षरी मंत्र

यह मंत्र विशेष रूप से देवी सरस्वती को समर्पित है और ज्ञान एवं बुद्धिमत्ता की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।

  • मंत्र: “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।”
  • अर्थ: “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” – यह मंत्र देवी सरस्वती को समर्पित है, जो विद्या और ज्ञान की देवी हैं। इसे जपने से मानसिक स्पष्टता और बौद्धिक विकास होता है।

गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र एक प्राचीन और अत्यधिक पवित्र मंत्र है, जो सूर्य देवता की उपासना करता है। इसे ध्यान और साधना के दौरान जपने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • मंत्र: “ॐ भूर्भुव: स्व:

तत्सवितुर्वरेण्यं

भर्गो देवस्य धीमहि

धियो यो न: प्रचोदयात्॥”

  • अर्थ: “ॐ, हम उन तीनों लोकों (पृथ्वी, आकाश और आकाशवाणी) के दिव्य प्रकाश की पूजा करते हैं। हम आपके दिव्य ज्ञान से अपने चित्त को आलोकित करें और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित हों।”

महासरस्वती स्तोत्र

यह स्तोत्र देवी सरस्वती के महिमाओं का गान करता है और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करता है।

  • मंत्र: “ॐ हं हं हं हं सरस्वत्यै महाविश्वविद्यायाः

विद्यानां परमं ज्ञानं, महालक्ष्मी महाप्रभे।”

  • अर्थ: “ॐ हं हं हं हं, देवी सरस्वती को नमस्कार करती हूँ, जो महाविश्वविद्या की देवी हैं, जो ज्ञान और लक्ष्मी की अधिष्ठात्री हैं।”

गणेश मंत्र

गणेश भगवान को विघ्नहर्ता और बुद्धि का देवता माना जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से बाधाओं को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।

  • मंत्र: “ॐ गं गणपतये नमः।”
  • अर्थ: “ॐ गणपतये नमः” – यह मंत्र भगवान गणेश को समर्पित है, जो सभी विघ्नों को नष्ट करते हैं और हमें बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

सूर्य नमस्कार मंत्र

सूर्य देवता की उपासना करने के लिए सूर्य नमस्कार किया जाता है, जो शरीर और मन को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है।

  • मंत्र: “ॐ सूर्याय नमः।
  • ॐ आदित्याय नमः।
  • ॐ सूर्यप्रभाय नमः।
  • ॐ भगवते नमः।”
  • अर्थ: “ॐ सूर्याय नमः” – सूर्य देवता को नमस्कार। “ॐ आदित्याय नमः” – आदित्य देवता को नमस्कार। “ॐ सूर्यप्रभाय नमः” – सूर्य के अद्भुत प्रभा को नमस्कार। “ॐ भगवते नमः” – भगवती देवता को नमस्कार।

ज्ञान और विद्या के लिए प्रार्थना

यह मंत्र ज्ञान की प्राप्ति और जीवन में सफलता के लिए समर्पित है। यह मानसिक स्पष्टता और बौद्धिक विकास के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है।

  • मंत्र: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।”
  • अर्थ: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” – यह मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है, जो सर्वोत्तम ज्ञान के अधिष्ठाता हैं और जो हमारे जीवन को दिव्य दिशा प्रदान करते हैं।

कलपतरु मंत्र

यह मंत्र विशिष्ट रूप से इच्छाओं की पूर्ति के लिए है। इसे जपने से जीवन में किसी भी प्रकार की मानसिक रुकावटों को दूर किया जा सकता है।

  • मंत्र: “ॐ वक्रतुंड महाकाय कोटि सूर्य समप्रभ:
  • निर्विग्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”
  • अर्थ: “ॐ वक्रतुंड महाकाय, कोटि सूर्य समप्रभ: – मैं गणेश भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि वे मेरे सभी कार्यों में किसी भी प्रकार की विघ्न-बाधाओं को दूर करें।”

शांति मंत्र

Basant Panchami के दिन शांति और आंतरिक संतुलन के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावी है।

  • मंत्र: “ॐ शान्ति शान्ति शान्ति।”
  • अर्थ: “ॐ शान्ति शान्ति शान्ति” – यह मंत्र शांति और मानसिक संतुलन की प्राप्ति के लिए है। इसका जाप करने से शरीर, मन और आत्मा में शांति का संचार होता है।

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निष्कर्ष

Basant Panchami के दिन देवी सरस्वती की पूजा और इन मंत्रों का जाप अत्यधिक शुभ माना जाता है। इन मंत्रों का ध्यान और उच्चारण न केवल मानसिक शांति और बौद्धिक विकास में सहायक होता है, बल्कि यह जीवन में समृद्धि और सफलता लाने का एक मार्ग है। इस दिन का सही तरीके से पालन करने से हर व्यक्ति की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। Basant Panchami के इस पवित्र अवसर पर इन मंत्रों का जप करें और देवी सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करें।

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Emergency Box Office Collection Day 6: कंगना स्टारर ने पूरे भारत में 12 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया

Emergency के पहले सोमवार को भारत में इसकी दैनिक बॉक्स ऑफिस कमाई में गिरावट देखी गई और शुरुआती सप्ताहांत में अपेक्षाकृत मजबूत प्रदर्शन के बाद मंगलवार को भी इसी तरह का रुझान जारी रहा। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, छठे दिन (बुधवार) को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 0.16 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कुल मिलाकर, पहले पांच दिनों में फिल्म का भारत का शुद्ध संग्रह अब तक 12.6 करोड़ रुपये है।

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Emergency का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

Emergency Box Office Collection Day 6: Kangana starrer crosses Rs 12 crore mark across India

इंडस्ट्री ट्रैकर सैकनिल्क के अनुसार, पहले दिन (शुक्रवार) को, इमरजेंसी ने 2.5 करोड़ रुपये की कमाई की, इसके बाद दूसरे दिन (शनिवार) को 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3.6 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। तीसरे दिन (रविवार) को कलेक्शन में 18.06 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जो कुल 4.25 करोड़ रुपये हो गया। चौथे दिन (सोमवार) को 75.29 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, और कमाई घटकर 1.05 करोड़ रुपये रह गई। हालाँकि, पांचवें दिन 1.90 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी देखी गई, जिससे दिन का कलेक्शन 1.07 करोड़ रुपये हो गया।

Emergency ने ‘आजाद’ से बेहतर प्रदर्शन किया

Emergency Box Office Collection Day 6: Kangana starrer crosses Rs 12 crore mark across India

17 जनवरी को रिलीज़ हुई कंगना की Emergency, आज़ाद के साथ टकराई, जो राशा थडानी और अमन देवगन की पहली फिल्म है और अभिषेक कपूर द्वारा निर्देशित है।यह फिल्म कंगना की इमरजेंसी के पीछे चलती नजर आती है। आज़ाद ने पहले दिन 1.5 करोड़ रुपये के साथ ओपनिंग की, जो कि इमरजेंसी की 2.5 करोड़ रुपये की ओपनिंग मार्क से कम है।

इसी तरह, दूसरे दिन आज़ाद की कमाई 1.3 करोड़ रुपये तक गिर गई, जबकि इमरजेंसी 3.6 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह प्रवृत्ति बाकी दिनों तक जारी रही और आज़ाद का शुद्ध भारत संग्रह 5.91 करोड़ रुपये रहा, जो आपातकाल के 12.6 करोड़ रुपये से कम है।

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Soodhu Kavvum 2: मिर्ची शिवा की ब्लैक कॉमेडी सीक्वल ऑनलाइन कहां देखें

तमिल ब्लैक कॉमेडी Soodhu Kavvum 2, जिसमें मिर्ची शिव मुख्य भूमिका में हैं, का आधिकारिक तौर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रीमियर हुआ है। एसजे अर्जुन द्वारा निर्देशित और थिरुकुमारन एंटरटेनमेंट के तहत सीवी कुमार द्वारा निर्मित, सीक्वल 2013 मूल में पेश किए गए नैतिक अपहरणकर्ताओं की विचित्र दुनिया को फिर से दिखाता है। नए कलाकारों और कहानी के साथ, यह फिल्म अपराध और हास्य के विषयों को एक नए नजरिए से पेश करती है। डार्क कॉमेडी और मूल फिल्म के प्रशंसक अब इस बहुप्रतीक्षित फॉलो-अप को अहा तमिल पर स्ट्रीम कर सकते हैं।

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Soodhu Kavvum 2 को अब अहा तमिल पर स्ट्रीम किया जा सकता है। इस साल की शुरुआत में सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म ने अपनी डिजिटल रिलीज सुनिश्चित कर ली है, जिससे दर्शकों को घर से देखने की सुविधा मिल गई है।

Soodhu Kavvum 2 का आधिकारिक ट्रेलर और प्लॉट

Soodhu Kavvum 2 के ट्रेलर में कॉमेडी और अराजकता के मिश्रण का संकेत दिया गया है, जिसमें इसका सिग्नेचर ब्लैक ह्यूमर बरकरार है। कहानी अपहरणकर्ताओं के एक समूह की कहानी है जो अपने अद्वितीय नैतिक सिद्धांतों के तहत काम कर रहा है। जहां पहला भाग विजय सेतुपति के नेतृत्व वाले समूह के दुस्साहस पर केंद्रित था, वहीं सीक्वल मिर्ची शिवा के नेतृत्व में एक नई कहानी लेकर आया है। एसजे अर्जुन द्वारा निर्देशित यह फिल्म टी. योगराजा द्वारा सह-लिखित है।

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Soodhu Kavvum 2 के कलाकार

Soodhu Kavvum 2: Where to watch Mirchi Siva's black comedy sequel online

मिर्ची शिवा ने करुणाकरन, हरीशा, राधा रवि, एमएस भास्कर, रमेश थिलक और योग जपी द्वारा समर्थित कलाकारों का नेतृत्व किया। संगीत एडविन लुईस विश्वनाथ द्वारा रचित है, छायांकन कार्तिक के थिल्लई द्वारा किया जाता है, और संपादन असविन द्वारा किया जाता है। सीवी कुमार फ्रेंचाइजी के साथ अपना जुड़ाव जारी रखते हुए निर्माता के रूप में लौट आए हैं।

सीक्वल को दर्शकों और समीक्षकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। जबकि नालन कुमारसामी द्वारा निर्देशित मूल सुधु कव्वुम को उसकी बुद्धि और मौलिकता के लिए सराहा गया था, उसके पूर्ववर्ती द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने के लिए अनुवर्ती की आलोचना की गई है। बहरहाल, नए कलाकारों और निर्देशन ने कहानी कहने के अपने नए दृष्टिकोण की ओर ध्यान आकर्षित किया है। मूल सुधु कव्वुम को उन लोगों के लिए ZEE5 पर भी स्ट्रीम किया जा सकता है जो पहली किस्त को दोबारा देखना चाहते हैं।

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प्रेगनेंसी के दौरान Oranges खाने के फायदे

Oranges एक ताजगी से भरा फल हैं, जो अपने स्वाद और पोषण के लिए प्रसिद्ध हैं। गर्भावस्था के दौरान संतरे खाना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। ये न केवल स्वादिष्ट और हाइड्रेटिंग होते हैं, बल्कि इनमें ढेर सारे विटामिन, खनिज और फाइबर होते हैं, जो माँ और भ्रूण दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। संतरे गर्भावस्था के दौरान अनेक स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि संतरे खाने के गर्भावस्था में कौन-कौन से फायदे हैं।

विटामिन C का अच्छा स्रोत

Oranges में विटामिन C की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो गर्भावस्था के दौरान कई कारणों से महत्वपूर्ण होता है:

  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना: गर्भावस्था के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। विटामिन C शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों से बचाव होता है।
  • कोलेजन निर्माण में मदद: विटामिन C कोलेजन उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो बच्चे की त्वचा, रक्त वाहिकाओं, हड्डियों और ऊतकों के विकास में मदद करता है।
  • लोहा अवशोषण में सहायता: विटामिन C लौह (आयरन) के अवशोषण को बढ़ाता है, जो गर्भवती महिला में खून की कमी (एनीमिया) को रोकने में मदद कर सकता है।
  • फोलिक एसिड (विटामिन B9) से भरपूर

फोलिक एसिड गर्भावस्था के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से पहले तीन महीनों में। Oranges फोलिक एसिड का अच्छा स्रोत होते हैं, जो भ्रूण के तंत्रिका तंतुओं (न्यूरल ट्यूब) के सही तरीके से विकसित होने में मदद करता है। फोलिक एसिड निम्नलिखित में मदद करता है:

  • न्यूरल ट्यूब दोषों की रोकथाम: फोलिक एसिड गर्भस्थ शिशु में स्पाइना बिफिडा जैसे न्यूरल ट्यूब दोषों के खतरे को कम करता है।
  • कोशिकाओं का विकास: फोलिक एसिड गर्भवती महिला के शरीर में कोशिकाओं के विभाजन और विकास को बढ़ावा देता है।
  • गर्भावस्था में प्रीटर्म बर्थ की संभावना को कम करना: फोलिक एसिड गर्भावस्था के दौरान समय से पहले जन्म लेने का खतरा कम कर सकता है।

हाइड्रेशन में मदद करता है

गर्भावस्था के दौरान शरीर को सही मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। Oranges में लगभग 86% पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। संतरे खाने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • एमनियोटिक द्रव का स्तर बनाए रखना: संतरे जैसे पानी से भरपूर फल एमनियोटिक द्रव के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं, जो भ्रूण के लिए आवश्यक है।
  • पाचन को सहारा देना: संतरे पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाते हैं, जिससे कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
  • सूजन और थकावट को कम करना: Oranges पानी के अच्छे स्रोत होते हैं, जो निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) से बचने में मदद करते हैं, जिससे थकावट और सिरदर्द जैसी समस्याएं कम होती हैं।

फाइबर से भरपूर

Oranges फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं:

  • पाचन में सुधार: फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है, जो गर्भावस्था में आम है।
  • हैमरॉइड्स (बवासीर) की रोकथाम: संतरे में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है, जिससे हैमरॉइड्स की समस्या का खतरा कम होता है।
  • रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करना: संतरे में मौजूद फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो गर्भकालीन मधुमेह (गेस्टेशनल डायबिटीज) की स्थिति में सहायक हो सकता है।
  • त्वचा की सेहत को बढ़ावा देना

गर्भावस्था के दौरान त्वचा में कई बदलाव आते हैं, जैसे सूखापन, मुहांसे या स्ट्रेच मार्क्स। Oranges की त्वचा पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं:

  • कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देना: संतरे में मौजूद विटामिन C कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा में लचीलापन बढ़ता है और स्ट्रेच मार्क्स की संभावना कम होती है।
  • ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ना: विटामिन C में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा कोशिकाओं को मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से बचाते हैं और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
  • त्वचा को हाइड्रेट करना: संतरे का पानी त्वचा को हाइड्रेट करता है और सूखापन या खुश्की से राहत देता है, जिससे त्वचा निखरी और मुलायम बनी रहती है।

हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना

Oranges में ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं:

  • पोटेशियम का अच्छा स्रोत: संतरे पोटेशियम से भरपूर होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप और प्रीक्लेम्पसिया (गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप) के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है।
  • फ्लेवोनॉयड्स का स्रोत: संतरे में फ्लेवोनॉयड्स होते हैं, जो सूजन को कम करने और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को घटाने में मदद करते हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना: संतरे का फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।

स्वस्थ वजन बनाए रखना

गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। Oranges कम कैलोरी वाले होते हैं (एक मध्यम संतरा लगभग 60 कैलोरी का होता है), और इनमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आपको अधिक समय तक तृप्त रखती है, जिससे अत्यधिक खाने से बचा जा सकता है।

  • स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद: संतरे खाने से आपको ऊर्जा मिलती है, और ये भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ वजन में वृद्धि होती है।
  • प्राकृतिक मिठास: संतरे में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो मीठा खाने की इच्छा को शांत कर सकती है, बिना ज्यादा कैलोरी और अस्वास्थ्यकर वसा के।

गर्भवती उच्च रक्तचाप की रोकथाम

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप (PIH) या गर्भावधि हाइपरटेंशन को Oranges के पोटेशियम से मदद मिल सकती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है। पोटेशियम रक्त में सोडियम के प्रभाव को संतुलित करता है, जिससे रक्तचाप सामान्य रहता है।

  • मानसिक स्थिति में सुधार और तनाव कम करना

गर्भावस्था के दौरान मानसिक स्थिति में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, और तनाव एक सामान्य समस्या है। Oranges में विटामिन C की अधिकता तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है, क्योंकि विटामिन C शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को कम करता है और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है।

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निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान Oranges खाना अत्यधिक फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि ये विटामिन C, फोलिक एसिड, पोटेशियम, फाइबर और पानी से भरपूर होते हैं, जो माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। संतरे न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, बल्कि पाचन में मदद करते हैं, त्वचा को स्वस्थ बनाते हैं, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए, संतरे को अपनी गर्भावस्था की डाइट में शामिल करना एक अच्छा कदम हो सकता है, लेकिन किसी भी आहार परिवर्तन से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा अच्छा रहता है।

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सर्दियों में Ram fruit खाने के 5 फायदे

Ram fruit, जिसे वैज्ञानिक रूप से के नाम से जाना जाता है, एक उष्णकटिबंधीय फल है जो भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है। इसकी मोटी, झुर्रीदार त्वचा होती है और इसका स्वाद तीव्र, खट्टा होता है। इसे लकड़ी का सेब, हाथी का सेब या भारतीय बेल फल भी कहा जाता है। हालांकि यह पूरे वर्ष खाया जा सकता है, लेकिन सर्दियों में इसे खाने के कुछ विशेष स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इस लेख में, हम सर्दियों के मौसम में राम फल खाने के 5 प्रमुख लाभों की चर्चा करेंगे, जो इसके पोषण और औषधीय गुणों द्वारा समर्थित हैं।

1.प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना और सर्दी-खांसी से बचाव

सर्दियों में अक्सर सर्दी, खांसी और अन्य वायरल संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि ठंडे मौसम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली थोड़ी कमजोर हो जाती है। Ram fruit में उच्च मात्रा में विटामिन C पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। विटामिन C, सफेद रक्त कणिकाओं (WBCs) के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो शरीर को संक्रमणों और बैक्टीरिया से बचाते हैं।

सर्दियों में सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी समस्याओं से बचने के लिए Ram fruit एक आदर्श आहार हो सकता है। इसके अलावा, विटामिन C शरीर में कोलेजन का निर्माण भी करता है, जो त्वचा और श्वसन मार्ग की सुरक्षा करता है, जिससे शरीर के प्राकृतिक बचाव तंत्र को और भी मजबूत किया जाता है।

2. श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और खांसी को दूर करना

सर्दियों में श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे खांसी, सर्दी और अस्थमा की समस्याएं अधिक होती हैं। Ram fruit में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और सुकून देने वाले गुण होते हैं, जो इन समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। यह फल पारंपरिक रूप से आयुर्वेद में श्वसन रोगों जैसे खांसी, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह श्वसन मार्गों से बलगम और कफ को बाहर निकालने में मदद करता है, जो सर्दियों में आम होते हैं।

Ram fruit के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण श्वसन प्रणाली में सूजन को कम करते हैं और श्वास लेने में आसानी लाते हैं। यह फल श्वसन मार्ग में जलन और संक्रमण को कम करता है, जिससे खांसी और सांस की तकलीफ से राहत मिलती है। इसके सेवन से श्वसन स्वास्थ्य में सुधार होता है, खासकर सर्दी और खांसी के मौसम में।

3.पाचन में सुधार और कब्ज से बचाव

Ram fruit पाचन के लिए भी लाभकारी होता है। इसमें घुलनशील और अगुलनशील दोनों प्रकार की फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और नियमित मल त्याग में मदद करती है। सर्दियों में लोगों का पाचन धीमा हो सकता है क्योंकि ठंडे मौसम में अधिक भारी और तैलीय खाद्य पदार्थ खाए जाते हैं, जिससे कब्ज, सूजन और अन्य पाचन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

Ram fruit का सेवन पाचन को सही बनाए रखता है और कब्ज, सूजन जैसी समस्याओं को दूर करता है। फाइबर मल को नरम करता है और आंतों की गतिशीलता को बढ़ाता है, जिससे पाचन क्रिया सरल और बिना किसी परेशानी के होती है। इसके अलावा, यह फल पाचन रसों के उत्पादन को उत्तेजित करता है, जिससे भोजन का पाचन और भी बेहतर होता है।

4. प्राकृतिक ऊर्जा प्रदान करना और शरीर को गर्म रखना

सर्दियों में लोग आमतौर पर थकान और ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं, क्योंकि ठंड के मौसम में शरीर धीमा पड़ सकता है और शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। Ram fruit में प्राकृतिक शर्करा जैसे फ्रक्टोज, ग्लूकोज और सुक्रोज की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करती है। ये प्राकृतिक शर्कराएं शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाती हैं और ऊर्जा के एक त्वरित स्रोत के रूप में कार्य करती हैं, जिससे शरीर को गर्म और सक्रिय बनाए रखा जाता है।

इसके अलावा, राम फल में कैल्शियम, फास्फोरस और लोहा जैसे खनिज होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। लोहे की मात्रा रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होती है, जिससे शरीर में रक्त संचार और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है। इसके परिणामस्वरूप सर्दियों में शरीर अधिक सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करता है।

5. त्वचा स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और सर्दियों में त्वचा की सूखापन से बचाव

सर्दियों में त्वचा सूख जाती है, जो अक्सर जलन, खुजली और झुर्रियों का कारण बन सकती है। ठंडी और शुष्क हवा में त्वचा की नमी कम हो जाती है, जिससे त्वचा में दरारें और फटी हुई त्वचा की समस्याएं होती हैं। राम फल में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जिसमें विटामिन C और फ्लेवोनोइड्स शामिल हैं, जो त्वचा को ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को हाइड्रेटेड और जवां बनाए रखने में सहायक होते हैं।

Ram fruit में टैनिन्स भी होते हैं, जो एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होते हैं। ये गुण त्वचा में सूजन और जलन को कम करते हैं और सर्दियों में होने वाली त्वचा की समस्याओं को दूर करते हैं। नियमित रूप से राम फल का सेवन करने से त्वचा को भीतर से पोषण मिलता है, जिससे वह सर्दियों में भी चमकदार और स्वस्थ रहती है।

सुबह पानी में Turmeric मिलाकर पिएं, मिलेंगे ये 7 फायदे

निष्कर्ष

Ram fruit सर्दियों के मौसम में स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, पाचन को बेहतर बनाता है, श्वसन स्वास्थ्य में सुधार करता है, शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, और त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है। इसके पोषण गुण और औषधीय प्रभाव सर्दियों में आमतौर पर होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए एक प्राकृतिक उपाय प्रदान करते हैं।

Ram fruit का सेवन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है – चाहे उसे जूस के रूप में, कच्चा खाकर, या चटनी और करी में डालकर। इसके स्वास्थ्य लाभों को ध्यान में रखते हुए, यह फल सर्दियों में समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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सर्दियों में Kiwi खाने से सेहत को मिलते हैं ये 5 फायदे

Kiwi, जिसे चीनी गूसबेरी भी कहा जाता है, एक उष्णकटिबंधीय फल है जो अपनी तीखी मिठास और कई स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि यह चमकीला हरा फल गर्मियों से जुड़ा हुआ है, लेकिन सर्दी में भी इसके सेवन से शरीर को काफी लाभ हो सकता है। कीवी में आवश्यक पोषक तत्व, एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है, जो सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में कीवी का सेवन विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह शरीर को सर्दी और फ्लू से बचाने में मदद करता है और आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

1. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

सर्दियों में सर्दी और फ्लू के मौसम में शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। Kiwi इस मामले में आपकी मदद कर सकता है। यह विटामिन C से भरपूर होता है, जो इम्यून सिस्टम के ठीक से काम करने के लिए आवश्यक है।

एक मध्यम आकार की Kiwi में 70 मिलीग्राम से अधिक विटामिन C होता है, जो एक वयस्क के लिए दैनिक आवश्यकता का 100% से भी अधिक है। विटामिन C शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (white blood cells) का उत्पादन बढ़ाता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। इसके अलावा, यह शरीर में सूजन को कम करने में भी मदद करता है और संक्रमण से लड़ने में प्रभावी होता है। कीवी का नियमित सेवन सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमणों से बचाव करता है, जिससे सर्दियों में आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहता है।

2. पाचन तंत्र को सुधारता है

सर्दियों में हमारे आहार और जीवनशैली में बदलाव होने के कारण पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। भारी, तैलीय और मसालेदार भोजन से कब्ज या पाचन में समस्या हो सकती है। Kiwi पाचन के लिए एक बेहतरीन फल है, जो इन समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है।

कीवी में उच्च मात्रा में आहार फाइबर (dietary fiber) होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। एक Kiwi में लगभग 2-3 ग्राम फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को सही तरीके से चलाने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है। इसके अलावा, कीवी में एक्टिनिडिन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो प्रोटीन के पाचन में मदद करता है। यह खासतौर पर उन खाद्य पदार्थों के पाचन में सहायक होता है जो सर्दियों में ज्यादा खाए जाते हैं, जैसे मांस और डेयरी उत्पाद।

Kiwi में मौजूद घुलनशील फाइबर भी आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है, जो पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं। इस प्रकार, सर्दियों में कीवी का सेवन आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए लाभकारी हो सकता है।

3. त्वचा की सेहत और हाइड्रेशन में सुधार

सर्दियों में ठंडी हवा और सूखा मौसम त्वचा को शुष्क और झुर्रियों वाला बना सकते हैं। Kiwi त्वचा की देखभाल में भी मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन C कोलाजेन के उत्पादन में मदद करता है, जो त्वचा की लचीलापन और मजबूती बनाए रखता है।

विटामिन C न केवल त्वचा को पोषण देता है, बल्कि यह एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी काम करता है, जो त्वचा को पर्यावरणीय नुकसान जैसे प्रदूषण और सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है। इसके अलावा, कीवी में पानी की अधिक मात्रा होती है, जो त्वचा को हाइड्रेटेड और मुलायम बनाए रखने में मदद करता है, विशेषकर सर्दियों में जब त्वचा सूखी हो जाती है।

Kiwi में मौजूद विटामिन E भी त्वचा की प्राकृतिक बाधा को मजबूत करता है, जिससे त्वचा में नमी बनी रहती है और शुष्कता कम होती है। इस प्रकार, कीवी का नियमित सेवन त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने और सर्दियों में त्वचा की समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है।

4. नींद की गुणवत्ता को सुधारता है

सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और धूप की कमी के कारण नींद की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में कीवी आपकी नींद की गुणवत्ता को सुधारने में मदद कर सकता है।

कुछ अध्ययन बताते हैं कि कीवी में मौजूद सेरोटोनिन नामक रसायन नींद को नियंत्रित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन रात के समय मेलाटोनिन में बदल जाता है, जो नींद को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है। इस प्रकार, कीवी का सेवन नींद की गुणवत्ता को सुधारता है और आपको गहरी और आरामदायक नींद प्राप्त होती है।

इसके अतिरिक्त, कीवी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे विटामिन C और E शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, जो नींद की गुणवत्ता में बाधा डाल सकते हैं। सर्दियों में Kiwi का सेवन आपकी नींद को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है।

5. वजन प्रबंधन और मेटाबॉलिज़्म को बढ़ावा देता है

सर्दियों में अधिकतर लोग अपने आहार में बदलाव करते हैं और आरामदायक भोजन को प्राथमिकता देते हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है। कीवी इस प्रक्रिया में आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि यह कम कैलोरी वाला फल है और इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और अधिक खाने से रोकता है।

कीवी में पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, जो मांसपेशियों और मेटाबॉलिज़्म को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। कीवी का सेवन आपके मेटाबॉलिज़्म को बेहतर बना सकता है और सर्दियों में वजन बढ़ने से बचा सकता है।

Iodine Deficiency: एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या

निष्कर्ष

Kiwi सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, पाचन तंत्र को सुधारता है, त्वचा को हाइड्रेटेड और स्वस्थ रखता है, नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता है और वजन प्रबंधन में मदद करता है। इसकी पोषक तत्वों से भरपूर विशेषताएं इसे सर्दी के मौसम में अपने आहार में शामिल करने के लिए आदर्श बनाती हैं।

आप इसे ताजे रूप में खा सकते हैं, स्मूदी में मिला सकते हैं या फल सलाद में डाल सकते हैं। सर्दी में Kiwi को अपने आहार का हिस्सा बनाकर आप न केवल अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि सर्दियों में होने वाली विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से भी बच सकते हैं।

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Diabetes को नियंत्रित करने में फायदेमंद है आंवला, जानिए सेवन करने का तरीका

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खराब जीवनशैली और अनियमित खान-पान के कारण लोग Diabetes जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं। भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। हर साल लगभग 10 लाख लोगों की मौत मधुमेह के कारण हो जाती है। ऐसे में इस बीमारी को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। शुगर बढ़ने से आपके शरीर के कई अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है।

ऐसे में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आपको अपनी डाइट का खास ख्याल रखना होगा। अच्छे खान-पान से ही इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। बढ़ती शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप अपनी डाइट में आंवले को भी जरूर शामिल करें। आंवले में ऐसे गुण होते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला कैसे फायदेमंद है और इसका सेवन कैसे करना चाहिए।

आंवला Diabetes को नियंत्रित करने में कारगर है

Amla is beneficial in controlling diabetes, know how to consume it

आंवला में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ विटामिन सी, विटामिन एबी, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। यह ग्लूकोज स्पाइक्स को रोकता है, चयापचय में सुधार करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और हृदय को बीमारी के प्रतिकूल प्रभावों से भी बचाता है। इसलिए Diabetes के रोगियों को इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है

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आंवले का सेवन कैसे करें?

Amla

आप अपनी डाइट में आंवले का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। आंवले का जूस सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. एक आंवला, दो लौंग, 2 काली मिर्च और एक छोटा टुकड़ा अदरक को एक गिलास पानी में पीस लें और इसे अच्छे से छानकर पी लें। इसके अलावा आंवला और हल्दी भी Diabetes के मरीजों के लिए फायदेमंद है। आंवला पाउडर और हल्दी फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में भी मदद करता है।

Jammu-Kashmir के राजौरी में 17 रहस्यमय मौतों के बाद धारा 163 लगाई गई

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श्रीनगर: Jammu-Kashmir के राजौरी में 17 रहस्यमयी मौतों की सूचना के बाद धारा 163 लागू कर दी गई है और बधाल गांव को नियंत्रण क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा बधाल में बीएनएसएस की धारा 163 (पहले 144 सीआरपीसी) लगाई गई है।

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Jammu-Kashmir के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति की समीक्षा की

यह कहते हुए कि राजौरी जिले के इस गांव में 17 मौतों के पीछे के रहस्य को उजागर करने के लिए जांच चल रही है, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को लोगों को आश्वासन दिया कि सभी सवालों के जवाब जल्द ही दिए जाएंगे।


Section 163 imposed after 17 mysterious deaths in Rajouri, Jammu and Kashmir

शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिए गांव की अपनी यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि हर जगह बड़े अस्पताल बनाना संभव नहीं है, लेकिन दूरदराज के इलाकों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में अपर्याप्तता को दूर किया जाएगा।

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“स्वास्थ्य विभाग ने अपनी टीमें जुटाईं और अन्य विभागों को भी शामिल किया। जिला प्रशासन ने भी (मौतों के पीछे) कारणों को समझने की कोशिश की। सबसे पहले फोकस यह जानने पर था कि क्या यह किसी बीमारी का नतीजा है और अगर यह बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना था कि यह फैले नहीं। सभी परीक्षण किए गए और नतीजों से पता चला कि कोई बैक्टीरिया या वायरस नहीं है, ”मुख्यमंत्री ने कहा।

Karnataka: उत्तर कन्नड़ जिले में सब्जी से भरे ट्रक और ट्रिपर की टक्कर में 9 लोगों की मौत

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Karnataka: आज (22 जनवरी) सुबह कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में सब्जियों से लदे एक ट्रक के नियंत्रण खो जाने और एक ट्रिपर से टकरा जाने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। यह घटना यालापुरा हाईवे पर गुलापुरा गांव के पास हुई। हादसा बुधवार सुबह करीब चार बजे हुआ।

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिस सब्जी के ट्रक में वे यात्रा कर रहे थे वह बुधवार तड़के 50 मीटर गहरी घाटी में गिर गया। पीड़ित, सभी फल विक्रेता, सावनूर से चले और फल बेचने के लिए येल्लापुरा मेले की ओर जा रहे थे। उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक एम नारायण ने कहा कि वे सावनूर-हुबली रोड पर यात्रा कर रहे थे जब एक जंगली इलाके में दुर्घटना हुई।

अधिकारी ने कहा, “नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 20 गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को हुबली के केआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”

Karnataka के सिंधनूर में एक और सड़क दुर्घटना में 4 लोगों की मौत

Karnataka: 9 people killed in collision between vegetable truck and tripper in Uttara Kannada district

इस बीच कर्नाटक के रायचूर में एक गाड़ी पलटने से चार लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए. घटना सिंधनूर में हुई. पोस्टमॉर्टम के बाद शव माता-पिता को सौंप दिया गया। मामला सिंधनूर ट्रैफिक पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।

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ठंड के कारण Bihar के इस जिले में स्कूल बंद, जानें कब से शुरू होंगी कक्षाएं?

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मौजूदा ठंड के कारण Bihar के पटना जिले में नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल 23 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं। यह निर्णय जिले के सभी निजी और सरकारी स्कूलों पर लागू होता है और छात्रों की सुरक्षा और भलाई को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कक्षा 9वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं के लिए स्कूल सुबह 9 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक संचालित होंगे। विशेष रूप से, ये समय मौसम की स्थिति के आधार पर परिवर्तन के अधीन हो सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा जैसे अन्य राज्यों ने भी मौसम की स्थिति के कारण छुट्टियां बढ़ा दी हैं। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में, कक्षा 5 तक के लिए स्कूल 25 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं। 5 से ऊपर पढ़ने वाले छात्रों को संशोधित समय के साथ सुबह 10.00 बजे से दोपहर 3.00 बजे के बीच कक्षाओं में भाग लेना होगा। यह आदेश सभी सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और परिषदीय स्कूलों पर लागू होता है। मौसम पूर्वानुमान विभाग ने 22 और 23 जनवरी को तूफानी बारिश और घने कोहरे की आशंका जताई है.

Bihar मौसम अपडेट


Schools closed in this district of Bihar due to cold, know when will classes start?

आईएमडी के मुताबिक, खराब मौसम के कारण Bihar में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. मौसम पूर्वानुमान विभाग ने मंगलवार को बिहार के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तर, मध्य और पूर्वी बिहार में सुबह के समय घना कोहरा छा सकता है।

मौसम विभाग ने पटना, मुजफ्फरनगर, भागलपुर, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, मोतिहारी, शिवहर, समस्तीपुर, वैशाली, भोजपुर, बक्सर, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर समेत 30 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. बेगुसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और कटिहार।

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Peda Recipe: देशभक्ति के जश्न में शामिल करें तिरंगा पेड़ा, जानें इसकी रेसिपी

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Peda Recipe: जनवरी आते ही हर भारतीय के दिल में आजादी की एक खास लहर महसूस होती है। सर्द हवाओं के बीच 26 जनवरी का इंतजार हमें अपने देश और गणतंत्र के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है। यह वह समय है जब देशभक्ति की भावना हर गली, हर चौराहे और हर भारतीय घर में दिखाई देती है।

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गणतंत्र दिवस के मौके पर न सिर्फ आजादी का जश्न मनाया जाता है, बल्कि यह दिन हमें हमारे संविधान और हमें मिले अधिकारों की भी याद दिलाता है. तभी तो हर घर में देशभक्ति के गीत गूंजने लगते हैं। हम हर चीज पर गर्व महसूस करने लगते हैं और यह हमें एक जिम्मेदार नागरिक के कर्तव्यों की भी याद दिलाता है।

अगर आपके मन में भी ऐसे ही भाव आते हैं तो आप इस भाव को मधुरता से बढ़ा सकते हैं। जी हां, आप तिरंगे थीम से प्रेरित होकर पेड़ा तैयार कर सकते हैं. आप इसे आसानी से घर पर बना सकते हैं, बस आपको हमारी बताई गई टिप्स को फॉलो करना होगा। तो देर किस बात की आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं तिरंगा Peda बनाने की आसान विधि।


Peda Recipe: Include tricolor peda in the celebration of patriotism, know its recipe

Peda बनाने के लिए सामग्री

  • गाढ़ा दूध
  • दूध पाउडर
  • खाने योग्य खाद्य रंग (हरा, केसरिया)

तिरंगा Peda बनाने की विधि

Peda Recipe: Include tricolor peda in the celebration of patriotism, know its recipe
  • सबसे पहले ऊपर बताई गई सामग्री को इकट्ठा करके रख लें। – फिर एक कड़ाही को गर्म करने के लिए गैस पर रखें.
  • जब पैन गर्म हो जाए तो इसमें मिल्क पाउडर और कंडेंस्ड मिल्क डालकर अच्छी तरह मिला लें.
  • इसे धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं. जब मिश्रण पैन छोड़ने लगे और आटे के रूप में आने लगे तो गैस बंद कर दें.
  • अब मिश्रण को ठंडा होने दें ताकि इसे तीन भागों में बांटा जा सके. मिश्रण के एक भाग में हरा रंग डालकर अच्छी तरह मिला लें.
  • दूसरे भाग को बिना रंग के छोड़ दें। फिर उस हिस्से में केसर का मिश्रण डालें.अब तीनों हिस्सों की छोटी-छोटी लोइयां बना लें.
  • अगर आप कोई और आकृति बनाना चाहते हैं तो यह भी बना सकते हैं. अगर आप तिरंगा बना रहे हैं तो पहले हरे घेरे को थोड़ा सा चपटा कर लें।
  • फिर उस पर सफेद बॉल रखें और हल्के से दबाएं. अंत में, नारंगी रंग की गेंद को ऊपर रखें और इसे पेड़े का आकार दें। फिर इसे प्लेट में सजाएं और खाने के बाद Peda परोसें.

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RRB Group D Recruitment 2025 के लिए अधिसूचना जारी

रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) ने 2025 के लिए ग्रुप D भर्ती की अधिसूचना जारी कर दी है, जो भारतीय रेलवे में विभिन्न ग्रुप D पदों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस भर्ती के तहत देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में हजारों पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी, और इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं, जैसा कि अधिसूचना में उल्लेख किया गया है।

RRB Group D भर्ती 2025 का विवरण

RRB ग्रुप D भर्ती 2025 का उद्देश्य भारतीय रेलवे में ग्रुप D श्रेणी के विभिन्न पदों पर उम्मीदवारों की भर्ती करना है। इनमें ट्रैक मेंटेनर, हेल्पर, असिस्टेंट प्वाइंट्समैन, पोर्टर और अन्य तकनीकी व गैर-तकनीकी पद शामिल हैं। भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है, और हर साल इसके माध्यम से हजारों पदों पर भर्ती की जाती है, जिससे उम्मीदवारों को नौकरी की सुरक्षा, अच्छा वेतन और अन्य लाभ मिलते हैं।

RRB Group D पदों की संख्या

अधिसूचना के अनुसार, RRB ग्रुप D भर्ती 2025 में विभिन्न क्षेत्रों में कुल पदों की संख्या का उल्लेख किया जाएगा। ये पद विभिन्न क्षेत्रीय RRBs के तहत होंगे, और उम्मीदवारों को विशिष्ट क्षेत्रीय RRBs के लिए आवेदन करना होगा। प्रत्येक पद के लिए उपलब्ध रिक्तियों की संख्या क्षेत्रीय आवश्यकताओं और भारतीय रेलवे की वास्तविक जरूरतों पर निर्भर करेगी।

ग्रुप D के पदों में ट्रैक मेंटेनर, हेल्पर, असिस्टेंट प्वाइंट्समैन, पोर्टर, सफाईवाला, गेटमैन, अस्पताल अटेंडेंट और अन्य तकनीकी/ऑपरेशनल पद शामिल हैं। प्रत्येक पद के लिए विशेष आवश्यकताएं, जैसे शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा, और चयन प्रक्रिया की जानकारी विस्तृत अधिसूचना में दी जाएगी।

योग्यता मानदंड

RRB ग्रुप D भर्ती 2025 के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को कुछ विशेष योग्यता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। इनमें आयु सीमा, शैक्षिक योग्यता और शारीरिक फिटनेस मानक शामिल हैं।

1. आयु सीमा:

उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।

अधिकतम आयु सीमा श्रेणी के आधार पर भिन्न हो सकती है:

सामान्य श्रेणी के लिए: 33 वर्ष

ओबीसी श्रेणी के लिए: 36 वर्ष

एससी/एसटी श्रेणी के लिए: 38 वर्ष

आयु में छूट आरक्षित श्रेणियों के लिए सरकारी नियमों के अनुसार लागू होगी।

2. शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवारों के पास 10वीं कक्षा (मैट्रिकulation) या इसके समकक्ष किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से पास होना चाहिए। कुछ तकनीकी पदों के लिए ITI (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) प्रमाणपत्र की आवश्यकता हो सकती है। विस्तृत विज्ञापन में प्रत्येक पद के लिए शैक्षिक योग्यता की जानकारी दी जाएगी।

3. शारीरिक फिटनेस: उम्मीदवारों को विभिन्न ग्रुप D पदों के लिए निर्धारित शारीरिक और चिकित्सा मानकों को पूरा करना होगा। यह मानक शारीरिक परीक्षणों और मापदंडों के रूप में हो सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया

RRB ग्रुप D भर्ती 2025 के लिए आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा। उम्मीदवारों को संबंधित क्षेत्रीय RRB की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन करने के चरण इस प्रकार होंगे:

1: संबंधित क्षेत्रीय RRB की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

2: RRB ग्रुप D भर्ती 2025 के लिए लिंक पर क्लिक करें।

3: अपनी बुनियादी जानकारी जैसे नाम, संपर्क जानकारी और ईमेल आईडी प्रदान करके पंजीकरण करें।

4: ऑनलाइन आवेदन पत्र में शैक्षिक योग्यता, व्यक्तिगत जानकारी और श्रेणी के अनुसार सभी विवरण सही-सही भरें।

5: आवश्यक दस्तावेज जैसे फोटो, हस्ताक्षर और प्रमाणपत्रों की स्कैन की गई कॉपी अपलोड करें।

6: आवेदन शुल्क ऑनलाइन भुगतान माध्यमों के माध्यम से भुगतान करें।

7: आवेदन पत्र जमा करें और भविष्य के संदर्भ के लिए आवेदन की पुष्टि का प्रिंटआउट लें।

आवेदन शुल्क

आवेदन शुल्क इस प्रकार होने की संभावना है:

सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए: ₹500

SC/ST, PwD और महिला उम्मीदवारों के लिए: ₹250

आवेदन शुल्क को क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या अन्य उपलब्ध भुगतान तरीकों से ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है। यह शुल्क गैर-वापसी योग्य होगा।

चयन प्रक्रिया

RRB ग्रुप D भर्ती 2025 के चयन के लिए उम्मीदवारों को विभिन्न चरणों से गुजरना होगा, ताकि उनकी योग्यता और क्षमताओं का मूल्यांकन किया जा सके। चयन प्रक्रिया के चरण निम्नलिखित हैं:

1. कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT):
चयन प्रक्रिया का पहला चरण कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) है, जो सभी उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में उम्मीदवारों से निम्नलिखित विषयों पर प्रश्न पूछे जाएंगे:

  • सामान्य जागरूकता
  • गणित
  • सामान्य बुद्धिमत्ता और तर्क
  • सामान्य विज्ञान (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान)
  • यह परीक्षा बहुविकल्पीय प्रकार की होगी और इसमें 90 मिनट का समय मिलेगा। उम्मीदवारों को निर्धारित समय सीमा में प्रश्नों का उत्तर देना होगा।

2. शारीरिक दक्षता परीक्षण (PET):
CBT में सफलता प्राप्त करने के बाद, योग्य उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता परीक्षण (PET) के लिए बुलाया जाएगा। यह परीक्षण उम्मीदवारों की शारीरिक फिटनेस का मूल्यांकन करेगा और इसमें दौड़ने, वजन उठाने और अन्य शारीरिक गतिविधियां शामिल हो सकती हैं।

3. दस्तावेज़ सत्यापन:
PET पास करने वाले उम्मीदवारों को दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। इस चरण में उम्मीदवारों को अपनी सभी आवश्यक शैक्षिक, जाति (यदि लागू हो) और अन्य संबंधित दस्तावेज़ों की मूल प्रतियां प्रस्तुत करनी होंगी।

4. चिकित्सा परीक्षण:
चयन प्रक्रिया का अंतिम चरण चिकित्सा परीक्षण है, जहां उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य और फिटनेस मानकों के अनुसार चिकित्सा परीक्षण से गुजरना होगा।

परीक्षा पैटर्न और सिलेबस

RRB ग्रुप D CBT में निम्नलिखित विषयों से प्रश्न पूछे जाएंगे:

  • सामान्य जागरूकता – सामयिकी, सामान्य ज्ञान और आसपास की दुनिया से संबंधित प्रश्न।
  • गणित – अंकगणित, त्रिकोणमिति, औसत, प्रतिशत, समय और दूरी, साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज आदि।
  • सामान्य बुद्धिमत्ता और तर्क – तार्किक reasoning, पहेलियाँ, समंजन, वर्गीकरण, श्रेणियाँ, आदि।
  • सामान्य विज्ञान – भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और अन्य विज्ञान से संबंधित सामान्य प्रश्न।

Railway Recruitment में कितनी पढ़ाई चाहिए?

अधिसूचना और परीक्षा तिथियाँ

आवेदन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, RRB कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) के लिए प्रवेश पत्र जारी करेगा, जो परीक्षा से लगभग 10-15 दिन पहले जारी किए जाएंगे। परीक्षा तिथियों और प्रवेश पत्र के बारे में अधिक जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर दी जाएगी।

निष्कर्ष

RRB Group D भर्ती 2025 भारतीय रेलवे में एक स्थिर और सम्मानजनक करियर बनाने के लिए एक सुनहरा अवसर है। इस भर्ती प्रक्रिया में कंप्यूटर आधारित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षण और चिकित्सा परीक्षण शामिल होंगे, जो उम्मीदवारों की योग्यता और शारीरिक फिटनेस का परीक्षण करेंगे। योग्य और इच्छुक उम्मीदवारों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए आधिकारिक अधिसूचना और RRB की वेबसाइट पर ध्यान देना चाहिए। यह भारतीय रेलवे में करियर बनाने का एक बेहतरीन अवसर है।

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BJP के चुनाव प्रचार में शामिल होंगे PM Modi, इन तारीखों पर रैलियों को संबोधित करने की संभावना

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PM Modi गणतंत्र दिवस के बाद दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए BJP रैलियों की एक श्रृंखला आयोजित करके एक अभियान की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री के अलावा, अन्य भाजपा स्टार प्रचारक – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राष्ट्रीय राजधानी में रैलियों को संबोधित करेंगे।

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70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव 5 फरवरी को होंगे और नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे।

PM Modi लगभग तीन रैलियों को संबोधित करेंगे

PM Modi will join BJP's election campaign, likely to address rallies on these dates

सूत्रों ने कहा कि PM Modi के लगभग तीन रैलियों को संबोधित करने की संभावना है, जबकि शहर के विभिन्न हिस्सों में आदित्यनाथ की लगभग 15 सार्वजनिक बैठकें करने की योजना है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी 29, 31 जनवरी और 2 फरवरी को बीजेपी की रैलियों में शामिल होंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में कई सार्वजनिक बैठकों को संबोधित करेंगे। चुनाव अभियान से जुड़े दिल्ली भाजपा के एक नेता ने कहा, “शाह चार रैलियों को संबोधित करेंगे और चार रोड शो करेंगे। नड्डा के भी 10-12 रैलियों को संबोधित करने की संभावना है।”

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बीजेपी ने 40 स्टार प्रचारकों की घोषणा की

PM Modi will join BJP's election campaign, likely to address rallies on these dates

भाजपा पहले ही अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची घोषित कर चुकी है, जिनमें केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, हरदीप पुरी और धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं।

आदित्यनाथ के अलावा, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी और महाराष्ट्र के देवेंद्र फड़नवीस भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में शामिल होंगे, जो राष्ट्रीय राजधानी में रैलियां करेंगे।

“सीएम आदित्यनाथ के प्रचार की बहुत मांग है। पार्टी ने 14 जिलों में से प्रत्येक में उनकी कम से कम एक सार्वजनिक बैठक की योजना बनाई है। धामी की भी मांग है क्योंकि विभिन्न राज्यों में मूल रूप से उत्तराखंड के मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है।” निर्वाचन क्षेत्र, विशेष रूप से ट्रांस-यमुना क्षेत्रों में, “दिल्ली भाजपा नेता ने कहा।

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इसके अलावा कई उम्मीदवारों ने मशहूर पूर्वांचली नेताओं और पार्टी सांसद मनोज तिवारी और रवि किशन की भी सभा और रैलियां कराने की मांग की है।