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Alum चेहरे पर लगाने से क्या होता है? 

चेहरे पर Alum लगाने का उपयोग कई परंपरागत सुंदरता रूटीन में किया जाता है, क्योंकि इसे त्वचा के लिए कई लाभकारी माना जाता है। फिटकरी में कसाव और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो त्वचा को टाइट करने, सूजन को कम करने और मुंहासों के इलाज में सहायक माने जाते हैं। हालांकि, किसी भी त्वचा देखभाल सामग्री की तरह, फिटकरी का उपयोग भी सही मात्रा में ही करना चाहिए, अन्यथा इससे नुकसान भी हो सकता है।

आइए विस्तार से समझें कि चेहरे पर फिटकरी लगाने से क्या होता है, इसके फायदे, सावधानियां, और इसे सुरक्षित तरीके से उपयोग करने के उपाय:

1. त्वचा का कसाव और एंटी-एजिंग लाभ

What happens by applying alum on the face

चेहरे पर Alum लगाने का एक मुख्य कारण इसके कसाव वाले गुण हैं, जिससे त्वचा संकुचित होती है। यह अस्थायी रूप से त्वचा को टाइट कर सकता है और महीन रेखाओं को कम कर सकता है। कई लोग इसे झुर्रियों को कम करने के लिए आँखों के आस-पास या चेहरे पर लगाते हैं ताकि त्वचा अधिक युवा और टाइट दिख सके।

कैसे काम करता है: फिटकरी त्वचा को संकुचित करती है, जिससे त्वचा पर कसाव आता है। इससे त्वचा की सतह चिकनी और छोटे पोर्स दिखाई देने लगते हैं।

सीमाएँ: यह टाइटिंग प्रभाव अस्थायी होता है और लंबे समय तक नहीं रहता। लगातार फिटकरी का उपयोग करने से त्वचा में सूखापन और जलन हो सकती है।

2. मुंहासों और पिंपल्स में कमी

Alum में जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो मुंहासों और पिंपल्स को कम करने में मदद कर सकते हैं। कुछ लोग फिटकरी को सीधे पिंपल्स पर लगाते हैं ताकि संक्रमण और सूजन को कम किया जा सके।

  • कैसे काम करता है: फिटकरी के जीवाणुरोधी गुण त्वचा पर बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं, जो मुंहासों का कारण बन सकते हैं। इसके सूजन-रोधी गुण सूजन और जलन को कम कर सकते हैं।
  • सावधानियाँ: फिटकरी को सीधे पिंपल्स पर लगाने से सूखापन हो सकता है, जिससे त्वचा अतिरिक्त तेल का उत्पादन कर सकती है, जो नए मुंहासों का कारण बन सकता है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इसका उपयोग बहुत कम मात्रा में करना चाहिए।

3. अत्यधिक तेल उत्पादन में कमी

Alum के कसाव वाले गुण त्वचा के अत्यधिक तेल उत्पादन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो कि तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

  • कैसे काम करता है: फिटकरी त्वचा को कसने और पोर्स को संकुचित करने में मदद करती है, जिससे त्वचा की तेल ग्रंथियों को अस्थायी रूप से कम किया जा सकता है।
  • सावधानियाँ: फिटकरी का सूखाने वाला प्रभाव अधिक हो सकता है। बार-बार इसका उपयोग त्वचा में जलन, शुष्कता और असंतुलन का कारण बन सकता है।

4. त्वचा को उज्ज्वल और एक्सफोलिएट करना

Alum का उपयोग त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसे हल्के एक्सफोलिएटिंग स्क्रब में भी मिलाया जा सकता है, जिससे मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद मिलती है और एक ताजा रूप प्रकट होता है।

  • कैसे काम करता है: फिटकरी का दानेदार रूप, अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर, एक शारीरिक एक्सफोलिएंट के रूप में कार्य करता है जो मृत त्वचा को हटाता है।
  • सावधानियाँ: कठोर एक्सफोलिएशन त्वचा की रक्षा परत को नुकसान पहुंचा सकता है। फिटकरी का बहुत अधिक उपयोग त्वचा की सतह पर सूक्ष्म दरारें पैदा कर सकता है।

5. छोटे कट और रेज़र बर्न का इलाज

What happens by applying alum on the face

Alum का उपयोग अक्सर शेविंग के बाद छोटे कट और रेज़र बर्न का इलाज करने के लिए किया जाता है, क्योंकि इसके एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। शेविंग के बाद त्वचा पर इसका उपयोग जलन को कम करता है और मामूली रक्तस्राव को रोकता है।

  • कैसे काम करता है: फिटकरी के एंटीसेप्टिक और जमावट वाले गुण छोटे कट को ठीक करने में मदद करते हैं, जिससे खून बहना कम हो जाता है और त्वचा की जलन भी कम होती है।
  • सावधानियाँ: शेविंग के बाद फिटकरी का अधिक उपयोग त्वचा में शुष्कता और जलन पैदा कर सकता है। इसके बाद एक मॉइस्चराइजर का उपयोग जरूर करना चाहिए।

6. काले धब्बों और दाग-धब्बों को हल्का करना

पारंपरिक सौंदर्य उपचारों में, Alum का उपयोग काले धब्बों और दाग-धब्बों को हल्का करने के लिए किया जाता है। यह हल्के ब्लीचिंग गुणों के कारण हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने में सहायक हो सकता है।

  • कैसे काम करता है: फिटकरी में ऐसे यौगिक होते हैं जो नियमित उपयोग से पिग्मेंटेशन को हल्का कर सकते हैं।
  • सावधानियाँ: फिटकरी के हल्केपन का प्रभाव कभी-कभी कठोर हो सकता है, विशेषकर यदि इसे बार-बार या अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाए। यह संवेदनशील या सूजन वाली त्वचा पर कभी नहीं लगानी चाहिए।

7. Alum के उपयोग के जोखिम और दुष्प्रभाव

What happens by applying alum on the face

चेहरे पर फिटकरी लगाने के लाभों के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं:

  • त्वचा में जलन और संवेदनशीलता: चेहरे पर लंबे समय तक फिटकरी का उपयोग करने से त्वचा में जलन, लालिमा और जलन हो सकती है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इसे बहुत सावधानी से उपयोग करना चाहिए।
  • शुष्कता और छिलने की संभावना: फिटकरी त्वचा की प्राकृतिक नमी को हटा सकती है, जिससे त्वचा में शुष्कता और कसाव महसूस हो सकता है। फिटकरी लगाने के बाद हमेशा एक हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइज़र का उपयोग करना चाहिए।
  • एलर्जी प्रतिक्रियाओं का खतरा: कुछ लोगों को फिटकरी से एलर्जी हो सकती है। चेहरे पर इसे लगाने से पहले, एक छोटे से हिस्से पर पैच टेस्ट करें ताकि एलर्जी की कोई प्रतिक्रिया हो तो उसे समझा जा सके।

8. चेहरे पर फिटकरी का सुरक्षित उपयोग कैसे करें

यदि आप Alum का उपयोग अपने स्किनकेयर रूटीन में करना चाहते हैं, तो कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है:

  • फिटकरी को पतला करें: फिटकरी का पाउडर सीधे उपयोग करने के बजाय, एक छोटे टुकड़े को पानी में घोलें और उस घोल को त्वचा पर हल्के से लगाएं। इससे इसकी कठोरता कम होती है।
  • अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर उपयोग करें: फिटकरी को गुलाब जल, शहद या दही जैसी कोमल सामग्रियों के साथ मिलाएं, जो इसे अधिक सौम्य बनाते हैं और मॉइस्चराइजिंग गुण भी जोड़ते हैं।
  • सप्ताह में एक या दो बार: चेहरे पर फिटकरी का दैनिक उपयोग नहीं करना चाहिए। सप्ताह में एक या दो बार लगाना पर्याप्त होता है।
  • मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें: फिटकरी का सूखाने वाला प्रभाव होने के कारण, इसके बाद हमेशा एक हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइज़र या सीरम का उपयोग करें।

9. Alum के विकल्प

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जो लोग Alum के संभावित दुष्प्रभावों को लेकर चिंतित हैं, वे अन्य विकल्प आजमा सकते हैं:

  • एलोवेरा जेल: इसमें त्वचा को शीतलता प्रदान करने और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो मुंहासों और जलन को बिना सूखेपन के कम करते हैं।
  • विच हेज़ल: यह पौधों से प्राप्त एक कसावकारी है जो त्वचा को टाइट करने और तेल नियंत्रण में मदद कर सकता है।
  • ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट: इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो मुंहासों को नियंत्रित करने, त्वचा को टाइट करने और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
  • सैलिसिलिक एसिड: यह मुंहासों के इलाज और मृत त्वचा कोशिकाओं को एक्सफोलिएट करने के लिए एक सौम्य समाधान है।

Alum चेहरे पर लगाने से क्या होता है? 

निष्कर्ष

Alum के कसाव, जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुणों के कारण यह त्वचा के लिए कई लाभ प्रदान कर सकती है। हालांकि, इसे सावधानीपूर्वक और सीमित मात्रा में उपयोग करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में इसका उपयोग त्वचा में सूखापन, जलन और त्वचा की सुरक्षा परत को कमजोर कर सकता है। अगर चेहरे पर फिटकरी लगाने का विचार कर रहे हैं, तो पहले पैच टेस्ट करें, इसे पतला करें, और बहुत ही कम उपयोग करें। मॉइस्चराइजर के साथ इसका उपयोग करें और संवेदनशील त्वचा वाले लोग इसके उपयोग से बचें।

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Haryana में घने कोहरे के कारण दृश्यता प्रभावित हुई, राजमार्गों पर जाम लगा

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गुरुवार को Haryana और दिल्ली के कुछ हिस्सों में कोहरा छाया रहा, जिससे विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। घने कोहरे के कारण हरियाणा में सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिससे लोग घायल हो गए और अन्य लोग राजमार्गों पर घंटों फंसे रहे।

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ऐसी ही एक घटना आज हरियाणा के हिसार में हुई, जहां माजरा पियाऊ के पास घने कोहरे के कारण एक बस और ट्रक की टक्कर हो गई, जिससे कई लोग घायल हो गए।

हादसे में करीब 20-25 यात्री घायल हुए

Visibility affected due to dense fog in Haryana, highways jammed

खबरों के मुताबिक, हादसे में करीब 20-25 यात्री घायल हो गए। उनमें से कुछ को गंभीर चोटें आईं। जैसे ही नारनौंद थाने के पुलिसकर्मियों को संकट की सूचना मिली, वे मौके पर पहुंचे और घायलों को इलाज के लिए नारनौंद नागरिक अस्पताल पहुंचाया।

नारनौंद थाना प्रभारी चंद्रभान ने बताया कि हादसा घने कोहरे के कारण हुआ, जिससे सड़क पर दृश्यता काफी कम हो गई थी। गुरुवार को एक अन्य दुर्घटना में, घने कोहरे में कम दृश्यता के कारण NH-9 पर कई वाहन ढेर हो गए।

Haryana में हाईवे पर आठ गाड़ियां आपस में टकराई

Visibility affected due to dense fog in Haryana, highways jammed

वही Haryana के रोहतक में हाईवे पर आठ गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हालांकि दुर्घटना में किसी के घायल होने या हताहत होने के बारे में कोई अपडेट नहीं है, लेकिन ढेर के कारण कई यात्री घंटों तक राजमार्ग पर फंसे रहे।

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जांच अधिकारी जितेंद्र ने बताया कि कई वाहनों की टक्कर की सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई की। टकराए वाहनों को मशीनों से हटाया जा रहा है। इसके अलावा, सड़क को यातायात के लिए अवरुद्ध कर दिया गया है और घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।

Delhi में घना कोहरा छाया

Visibility affected due to dense fog in Haryana, highways jammed

राष्ट्रीय राजधानी में इस मौसम का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। घने कोहरे के कारण बुधवार सुबह दृश्यता शून्य हो गई थी लेकिन गुरुवार सुबह इसमें थोड़ा सुधार हुआ।

बुधवार को, शहर में सबसे खराब AQI देखी गई थी क्योंकि हवा की गुणवत्ता इस सीज़न में पहली बार ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई थी, 24 घंटे का AQI शाम 4 बजे 418 पर था। हालांकि, आज दृश्यता में थोड़ा सुधार हुआ है। सुबह 9 बजे AQI बढ़कर 428 हो गया।

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39 निगरानी स्टेशनों में से 32 में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई। बुधवार को घने कोहरे के कारण दृश्यता शून्य हो जाने से विमान परिचालन प्रभावित हुआ। गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह साढ़े आठ बजे तक दृश्यता 400 मीटर थी।

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें

Pradosh Vrat, हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक विशेष उपवास है, जो प्रत्येक मास में दो बार त्रयोदशी तिथि (कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष) को मनाया जाता है। इस व्रत को शिव भक्ति और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है, और मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा कर उनसे विशेष आशीर्वाद, सुख, समृद्धि और पापों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। आइए जानें प्रदोष व्रत का महत्व, इस दिन शिवलिंग पर कौन-कौन सी चीजें अर्पित करनी चाहिएं और इसके लाभ क्या हैं।

1. Pradosh Vrat का महत्व

Pradosh Vrat 2024 Offer these things to Shivling on the day of Pradosh Vrat

Pradosh Vrat एक पवित्र दिन है, जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती प्रदोष काल (संध्याकाल) में प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और भक्तों की प्रार्थनाओं को सुनते हैं। प्रदोष व्रत से पापों का नाश होता है, बाधाएं दूर होती हैं और इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत को श्रद्धा के साथ करने से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतोष प्राप्त होता है।

Pradosh Vrat मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत और कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत। दोनों का ही समान महत्व है और इनका पालन करने से स्वास्थ्य, धन, और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

2. Pradosh Vrat की तैयारी

प्रदोष व्रत के दिन भक्तों को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए, जो शुद्धता और शांति का प्रतीक है। यह व्रत प्रायः निर्जला उपवास होता है, लेकिन अगर स्वास्थ्य कारणों से निर्जला व्रत संभव नहीं हो तो फल, दूध और हल्का भोजन ग्रहण किया जा सकता है। प्रदोष काल में, जो संध्या के समय का लगभग दो घंटे का समय होता है, पूजा करनी चाहिए।

3. शिवलिंग पर अर्पित करने योग्य चीजें और उनके महत्व

Pradosh Vrat के दिन भक्त शिवलिंग पर विभिन्न वस्त्र अर्पित करते हैं जो भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक हैं। नीचे कुछ ऐसी चीजें दी गई हैं जिन्हें प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर अर्पित किया जाना चाहिए:

1. जल और दूध

  • महत्व: जल पवित्रता का प्रतीक है और यह पापों को दूर करने का मार्ग है। दूध समृद्धि और पोषण का प्रतीक है।
  • विधि: शिवलिंग पर पहले जल और फिर दूध चढ़ाएं। यह प्रक्रिया मन और आत्मा को शुद्ध करती है और बुरे कर्मों का नाश करती है।

2. बिल्व पत्र

  • महत्व: त्रिफलक बिल्व पत्र ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है। मान्यता है कि बिल्व पत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
  • विधि: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए बिल्व पत्र अर्पित करें।

3. सफेद चंदन का लेप

  • महत्व: चंदन का लेप ठंडक का प्रतीक है और यह शुद्धता का प्रतीक है।
  • विधि: शिवलिंग के शीर्ष पर चंदन का लेप करें। यह प्रक्रिया मन की शांति और आध्यात्मिक संतुलन प्रदान करती है।

4. अक्षत (साबुत चावल)

  • महत्व: साबुत चावल संपन्नता और सच्ची भक्ति का प्रतीक है।
  • विधि: अक्षत शिवलिंग पर हल्के हाथों से चढ़ाएं। यह भक्त की ईमानदारी और सफलता की कामना को दर्शाता है।

5. शहद

  • महत्व: शहद मिठास, प्रेम और एकता का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से जीवन में मिठास आती है।
  • विधि: शिवलिंग पर शहद चढ़ाएं। इससे जीवन में मधुरता और संबंधों में सुधार आता है।

6. भस्म (राख)

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  • महत्व: भस्म निर्माण और विनाश का प्रतीक है। यह हमें स्थूलता से मुक्ति और आध्यात्मिकता की ओर ले जाता है।
  • विधि: शिवलिंग पर हल्की मात्रा में भस्म छिड़कें। यह आत्मिक और शारीरिक शुद्धि का प्रतीक है।

7. फल

  • महत्व: फल संपन्नता और आभार का प्रतीक है।
  • विधि: शिवलिंग के समक्ष फल अर्पित करें और इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें।

8. धतूरा और गेंदे के फूल

  • महत्व: फूल पवित्रता और ताजगी का प्रतीक हैं। धतूरा विशेष रूप से भगवान शिव को अर्पित किया जाता है।
  • विधि: धतूरा और गेंदे के फूल शिवलिंग पर चढ़ाएं। यह भगवान शिव को प्रसन्न करता है।

9. घी और दीपक

महत्व: दीपक का प्रकाश अज्ञान को दूर करता है और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक है।

विधि: शिवलिंग के पास घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। यह परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

10. गन्ने का रस या नारियल पानी

  • महत्व: गन्ने का रस प्राकृतिक मिठास और पवित्रता का प्रतीक है।
  • विधि: शिवलिंग पर थोड़ा गन्ने का रस या नारियल पानी अर्पित करें। यह समृद्धि और संतोष का प्रतीक है।

4. Pradosh Vrat के दौरान मंत्र

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Pradosh Vrat के दौरान विशेष मंत्रों का उच्चारण करने से व्रत का प्रभाव बढ़ता है। यहाँ कुछ मुख्य मंत्र दिए गए हैं:

  • महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||”

1.महत्व: इस मंत्र से स्वास्थ्य, सुरक्षा और मृत्यु से मुक्ति प्राप्त होती है।

  • पंचाक्षरी मंत्र: “ॐ नमः शिवाय”

2.महत्व: भगवान शिव का यह मुख्य मंत्र है, जो शांति, संतुलन और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक है।

  • शिव गायत्री मंत्र: “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि | तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ||”

3.महत्व: यह मंत्र भगवान शिव से आशीर्वाद के लिए है, जिससे ज्ञान, साहस और शांति प्राप्त होती है।

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5. Pradosh Vrat और पूजन के लाभ

Pradosh Vrat के दिन शिवलिंग पर ये वस्त्र अर्पित करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं:

1.नकारात्मकता का नाश: जल और दूध अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं।

2.मानसिक शांति: बिल्व पत्र, चंदन और शहद से शांति, संतुलन और तनाव से राहत मिलती है।

3.वित्तीय समृद्धि: फल, फूल और गन्ने का रस आर्थिक स्थिरता लाते हैं।

4.संबंधों में सुधार: शहद और अन्य चीजें रिश्तों में मिठास और सौहार्द लाते हैं।

यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें

निष्कर्ष

Pradosh Vrat 2024 Offer these things to Shivling on the day of Pradosh Vrat

Pradosh Vrat को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो शांति, संतोष और जीवन में सकारात्मकता लाता है। इस दिन शिवलिंग पर वस्त्र

अर्पित करना भक्त की श्रद्धा को प्रकट करता है और जीवन में सुख, समृद्धि, और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है।

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UPSC IFS मुख्य परीक्षा 2024 के एडमिट कार्ड जारी, डाउनलोड करने के चरण देखें

UPSC IFS संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने भारतीय वन सेवा (आईएफएस) मुख्य परीक्षा 2024 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। जिन उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है, वे यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। कार्ड डाउनलोड करने के लिए आवेदकों को अपने लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करने होंगे।

एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के चरण

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  • चरण 1: यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं।
  • चरण 2: होम पेज पर, यूपीएससी आईएफएस मेन्स एडमिट कार्ड 2024 लिंक पर क्लिक करें
  • चरण 3: एक नया पेज खुलेगा
  • चरण 4: अपनी लॉगिन जानकारी दर्ज करें।
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उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड करें और वेबसाइट पर अपलोड होते ही उसका प्रिंटआउट ले लें। ई-एडमिट कार्ड को भारतीय वन सेवा परीक्षा, 2024 के अंतिम परिणाम की घोषणा तक सुरक्षित रखना होगा।

आईएफएस मुख्य परीक्षा 24 नवंबर से 1 दिसंबर, 2024 तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी: सुबह की शिफ्ट सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर की शिफ्ट दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक।

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UPSC IFS 2024 परीक्षा पैटर्न

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यूपीएससी आईएफएस 2024 परीक्षा में दो चरण होते हैं: सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, जो मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन करने का पहला चरण है, और आईएफएस मुख्य परीक्षा, जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं। परीक्षा का उद्देश्य भारतीय वन सेवा के भीतर कुल 150 रिक्तियों को भरना है।

UPSC IFS परीक्षा 2024: पात्रता मानदंड

पात्र होने के लिए, आवेदकों को भारत का नागरिक होना चाहिए
1 अगस्त, 2024 तक उनकी आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए, लेकिन 32 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, अर्थात उनका जन्म 2 अगस्त, 1992 और 1 अगस्त, 2003 के बीच हुआ होना चाहिए

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CBSE Board Exam 2025 में पास होने के लिए कितने अंक चाहिए?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा CBSE Board Exam ने अपनी बोर्ड परीक्षाओं में न्यूनतम पासिंग मार्क्स निर्धारित किए हैं ताकि छात्रों का निष्पक्ष मूल्यांकन किया जा सके। पासिंग क्राइटेरिया को समझने से छात्रों को प्रत्येक विषय में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से तैयारी करने में मदद मिलती है। यहाँ, हम पासिंग मार्क्स की आवश्यकताओं, विषय-विशेष आवश्यकताओं, ग्रेडिंग सिस्टम, फेल होने के परिणाम और सफलता के लिए महत्वपूर्ण सुझावों पर चर्चा करेंगे।

1. CBSE Board Exam में पासिंग मार्क्स का अवलोकन

CBSE Board Exam ने प्रत्येक विषय के लिए न्यूनतम पासिंग स्कोर निर्धारित किया है। 2025 की बोर्ड परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए आवश्यकताएँ निम्नलिखित हैं:

  • न्यूनतम अंक आवश्यकता: छात्रों को प्रत्येक विषय में, थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में, पास होने के लिए कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे।
  • कुल औसत: विषय-विशेष स्कोर के अलावा, छात्रों को प्रत्येक विषय में व्यक्तिगत रूप से पास होते हुए एक सामान्य औसत बनाए रखना चाहिए।

यह 33% नियम कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं दोनों के CBSE Board Exam के लिए लागू होता है और इसे थ्योरी और प्रैक्टिकल के लिए अलग-अलग रूप से गिना जाता है।

How many marks are required to pass CBSE Board Exam 2025

2. विषय के प्रकार के अनुसार मार्क्स का विभाजन

प्रत्येक विषय का मूल्यांकन विभिन्न घटकों में किया जा सकता है

  • थ्योरी-आधारित विषय: अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, और गणित जैसे विषयों में आम तौर पर 100 अंकों का थ्योरी पेपर होता है। इन विषयों में पास होने के लिए छात्रों को कम से कम 33 अंक प्राप्त करने होते हैं।
  • प्रैक्टिकल-उन्मुख विषय: विज्ञान के विषय (जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) और कंप्यूटर साइंस जैसे अन्य एप्लाइड फील्ड्स में अक्सर प्रैक्टिकल परीक्षाएं होती हैं। इन विषयों में:
  • थ्योरी कम्पोनेंट: 70 अंकों में से 33% (लगभग 23 अंक)।
  • प्रैक्टिकल कम्पोनेंट: 30 अंकों में से 33% (10 अंक)।

3. आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क

थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा के अलावा, CBSE कई विषयों में आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वर्क भी शामिल करता है। ये मूल्यांकन बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये न केवल कुल अंकों में जोड़ते हैं बल्कि छात्रों को अपने औसत प्रतिशत को बनाए रखने में भी मदद करते हैं:

1.आंतरिक मूल्यांकन: कई विषयों में, विशेष रूप से माध्यमिक स्तर पर, आंतरिक मूल्यांकन के लिए 20-30 अंक निर्धारित होते हैं (जैसे कि पीरियाडिक टेस्ट, असाइनमेंट, और नोटबुक सबमिशन)। इन आंतरिक मूल्यांकनों में अच्छे अंक प्राप्त करने से कुल अंकों में वृद्धि होती है।

2.प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल सबमिशन: प्रैक्टिकल या प्रोजेक्ट-आधारित विषयों में, छात्रों को अक्सर प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने या प्रयोग करने की आवश्यकता होती है। इन घटकों में भी पास होने के लिए न्यूनतम 33% अंक आवश्यक हैं।

4. ग्रेडिंग सिस्टम

CBSE Board Exam के लिए एक ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करता है, जो छात्र के प्रदर्शन का एक गुणात्मक प्रतिनिधित्व है। ग्रेड A1 (सर्वोच्च) से E (फेल) तक होते हैं:

How many marks are required to pass CBSE Board Exam 2025

1. A1: 91-100 अंक

2. A2: 81-90 अंक

3. B1: 71-80 अंक

4. B2: 61-70 अंक

5. C1: 51-60 अंक

6. C2: 41-50 अंक

7. D: 33-40 अंक (न्यूनतम पासिंग ग्रेड)

8. E: 33 अंकों से कम (फेल)

33 अंकों से कम स्कोर करने पर “E” ग्रेड मिलता है, जो फेल होने का संकेत है।

5. पासिंग मार्क्स प्राप्त नहीं कर पाने के परिणाम

यदि छात्र किसी भी विषय में 33% अंक प्राप्त नहीं कर पाते, तो उनके पास कुछ विकल्प उपलब्ध होते हैं:

1.कंपार्टमेंट परीक्षा: CBSE Board Exam छात्रों को कंपार्टमेंट परीक्षा के माध्यम से अपने अंकों में सुधार करने का मौका देता है, जो आमतौर पर मुख्य परीक्षा के कुछ महीने बाद आयोजित होती है।

2.पूरक परीक्षा: जो छात्र कंपार्टमेंट प्रयास के बाद भी पास नहीं कर पाते हैं, वे पूरक परीक्षा के माध्यम से पास होने का एक और अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

3.पुनर्मूल्यांकन और पुन: जांच: यदि कोई छात्र महसूस करता है कि वह पास होने के करीब था और अंकों में कोई त्रुटि हो सकती है, तो CBSE पुनर्मूल्यांकन और पुन: जांच की अनुमति देता है।

6. प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन का महत्व

प्रैक्टिकल परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन छात्रों को लिखित परीक्षा से अलग अतिरिक्त स्कोरिंग अवसर प्रदान करते हैं। कई छात्र प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जो थ्योरी में कम अंक की भरपाई कर सकता है।

7. CBSE Board Exam में पासिंग क्राइटेरिया पूरा करने के टिप्स

छात्रों को न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने और बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए यहाँ कुछ अध्ययन रणनीतियाँ दी गई हैं:

1.सिलेबस और परीक्षा पैटर्न को समझें: सिलेबस और प्रश्नों के प्रकार को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।

2.महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करें: उन मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित करना जिनका अधिक वेटेज है, पासिंग अंक प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

3.पिछले वर्षों के पेपर हल करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करने से परीक्षा पैटर्न और समय प्रबंधन में मदद मिलती है।

4.प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क को प्राथमिकता दें: आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करना कुल अंकों में जोड़ता है।

5.शिक्षकों से मार्गदर्शन लें: विशेष रूप से प्रैक्टिकल वाले विषयों में, संदेह को दूर करने के लिए शिक्षकों और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें।

How many marks are required to pass CBSE Board Exam 2025

CBSE Board Exam 2025: कक्षा 10वीं, 12वीं परीक्षा में पास होने के लिए 33 प्रतिशत अंक जरूरी

8. CBSE Board Exam पासिंग मार्क्स के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. यदि कोई छात्र एक विषय में फेल हो जाए तो क्या होता है?

वे कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकते हैं, जो परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद आयोजित होती है।

  1. क्या थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग पास होना अनिवार्य है?

हाँ, छात्रों को पास होने के लिए दोनों कंपोनेंट्स में कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे।

  1. क्या आंतरिक मूल्यांकन के अंक अंतिम थ्योरी परीक्षा में कम अंक होने पर मदद कर सकते हैं?

आंतरिक मूल्यांकन के अंक कुल अंकों में जोड़ते हैं, लेकिन थ्योरी कंपोनेंट में भी न्यूनतम 33% अंक आवश्यक होते हैं।

  1. क्या CBSE ग्रेस मार्क्स प्रदान करता है?

CBSE Board Exam कभी-कभी छात्रों को पासिंग मार्क्स तक पहुँचने के लिए ग्रेस मार्क्स देता है, हालांकि यह बोर्ड के विवेक पर निर्भर करता है।

यह भी पढ़ें: CBSE Board Exam 2025: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में पास होने के लिए कितने अंक चाहिए?

9. निष्कर्ष

CBSE Board Exam में सफल होने के लिए छात्रों को सभी मूल्यांकन घटकों में 33% न्यूनतम पासिंग क्राइटेरिया को पूरा करना होगा। व्यवस्थित रूप से तैयारी करना, आंतरिक मूल्यांकन का लाभ उठाना, और व्यापक रूप से अभ्यास करना छात्रों को न केवल पास होने बल्कि उत्कृष्टता प्राप्त करने में भी सहायता कर सकता है।

यह लेख CBSE Board Exam2025 में पास होने के लिए आवश्यक न्यूनतम अंकों को पूरा करने के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका प्रदान करता है।

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Honda Activa 7G: 70KM माइलेज के साथ जल्द ही लॉन्च हो रही है!

Honda Activa 7G: भारत में दोपहिया वाहनों की दुनिया में होंडा की एक्टिवा श्रृंखला ने वर्षों से एक अलग पहचान बनाई है। इसकी विश्वसनीयता, आराम और शानदार माइलेज के कारण यह स्कूटर देशभर में अनगिनत उपभोक्ताओं के दिलों में जगह बना चुका है। हर नए मॉडल के साथ एक्टिवा ने अपने मानक ऊंचे किए हैं, और अब बहुप्रतीक्षित Honda Activa 7G का जल्द ही लॉन्च होने का अनुमान है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नए मॉडल का माइलेज 70 किलोमीटर प्रति लीटर तक हो सकता है, साथ ही इसमें कई नए फीचर्स भी होंगे जो इसे और भी बेहतर बनाने का वादा करते हैं।

इस लेख में हम हौंडा एक्टिवा 7G के बारे में जानेंगे – इसके संभावित स्पेसिफिकेशंस, लॉन्च डेट, और इस मॉडल में क्यों खास अपडेट्स देखने को मिल सकते हैं। तो अगर आप एक्टिवा के प्रशंसक हैं या एक ऐसा नया स्कूटर खरीदना चाहते हैं जिसमें बेहतरीन माइलेज और उन्नत फीचर्स हों, तो Honda के इस नए ऑफर के बारे में जानें।

Honda Activa 7G Launching soon with 70KM mileage!

1. हौंडा एक्टिवा 7G की संभावित लॉन्च डेट

Honda ने Activa 7G के लॉन्च की आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन इंडस्ट्री में इसकी शुरुआत 2025 के शुरुआत में होने की उम्मीद है। Activa ने हर कुछ साल में नए मॉडल्स लॉन्च किए हैं, और यह परंपरा जारी रखते हुए Activa 7G भी शुरुआती साल में लॉन्च हो सकती है, जिससे नया साल एक्टिवा के प्रशंसकों के लिए बेहद रोमांचक हो सकता है।

2. डिजाइन और स्टाइलिंग अपडेट्स

एक्टिवा का डिज़ाइन हमेशा से ही सरल और उपयोगी रहा है, और Honda संभवतः 7G में कुछ अपडेट्स लाकर इसे और आधुनिक बना सकता है। Honda Activa 7G में क्लासिक, मजबूत लुक को बरकरार रखते हुए कुछ और आकर्षक लुक्स और नए रंग देखने को मिल सकते हैं। ऐसा भी अनुमान है कि हेडलाइट्स में एलईडी सेटअप शामिल हो सकता है, जिससे रात में बेहतर विजिबिलिटी और एक प्रीमियम फील मिलेगा।

3. बेहतरीन माइलेज – 70KM प्रति लीटर!

हौंडा एक्टिवा 7G के संभावित फीचर्स में से एक इसका 70 किमी प्रति लीटर का माइलेज होगा। यह इसे अपने वर्ग में सबसे अधिक ईंधन कुशल स्कूटर बना सकता है। Honda अपने नए मॉडल में ईंधन दक्षता में सुधार करने के लिए बेहतर इंजन और हल्के कंपोनेंट्स का उपयोग कर सकता है। यह माइलेज इसे उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त बना सकता है जो हर रोज यात्रा करते हैं और जिनके लिए ईंधन की कीमतें एक बड़ा मुद्दा हैं।

4. इंजन और प्रदर्शन में सुधार

हौंडा एक्टिवा 7G में एक्टिवा 6G में देखे गए 110cc सिंगल-सिलेंडर इंजन को उन्नत रूप में पेश किया जा सकता है। Honda का BS6-compliant इंजन इसके प्रदर्शन और माइलेज को अधिक कुशल बनाने के लिए तैयार किया जा सकता है। HET (Honda Eco Technology) और उन्नत ईंधन इंजेक्शन प्रणाली भी Activa 7G में देखने को मिल सकती है।

5. नए और उन्नत फीचर्स

Honda हर नए एक्टिवा मॉडल में अधिक उन्नत फीचर्स को शामिल करने का प्रयास करता है। हौंडा एक्टिवा 7G में कुछ निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हो सकती हैं:

  • डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर: Activa 7G में डिजिटल मीटर हो सकता है, जिसमें फ्यूल लेवल, स्पीड, ट्रिप मीटर, और Bluetooth कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं हो सकती हैं।
  • स्मार्ट की सिस्टम: इसमें एक स्मार्ट की फीचर देखने को मिल सकता है, जिससे बिना चाबी के स्कूटर को चालू और लॉक/अनलॉक करना आसान हो सके।
  • मोबाइल चार्जिंग पोर्ट: उपभोक्ताओं की जरूरतों को देखते हुए, Activa 7G में USB चार्जिंग पोर्ट हो सकता है, जिससे सफर के दौरान डिवाइसेस को चार्ज रखना आसान होगा।
  • अधिक स्टोरेज क्षमता: Honda अधिक अंडर-सीट स्टोरेज दे सकता है जिससे उपयोगकर्ताओं को अपने सामान को आसानी से रखने की सुविधा मिल सके।
Honda Activa 7G Launching soon with 70KM mileage!

6. सुरक्षा फीचर्स

Honda सुरक्षा पर भी जोर देता है, विशेष रूप से उन भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों के लिए जहां अधिकांश एक्टिवा स्कूटर उपयोग किए जाते हैं। Activa 7G में निम्नलिखित सुरक्षा सुविधाएं हो सकती हैं:

  • कॉम्बी-ब्रेक सिस्टम (CBS): Honda का कॉम्बी-ब्रेक सिस्टम ब्रेक लगाने में स्थिरता प्रदान करेगा, जिससे राइडर सुरक्षित रूप से स्कूटर चला सकेगा।
  • बड़े पहिये: Activa 7G में बड़े पहिये हो सकते हैं, जिससे विभिन्न सड़कों पर स्थिरता में सुधार होगा।
  • एलईडी हेडलैम्प्स और टेल लैम्प्स: Honda Activa 7G में एलईडी हेडलैम्प्स और टेल लाइट्स हो सकते हैं, जो रात में विजिबिलिटी को बेहतर बनाएंगे।

7. संभावित मूल्य सीमा

Activa 7G में विभिन्न फीचर्स के साथ कीमत में थोड़ा बदलाव हो सकता है। इसका शुरुआती मूल्य ₹80,000 – ₹85,000 (एक्स-शोरूम) हो सकता है। यह कीमत इसे एक किफायती विकल्प बनाएगी, विशेषकर उन फीचर्स और माइलेज को देखते हुए जो इसे बाजार में प्रतियोगी बना सकते हैं।

8. प्रतिस्पर्धी स्कूटर्स से तुलना

भारतीय बाजार में Activa का मुकाबला कई स्कूटर्स से है। Activa 7G की तुलना अन्य लोकप्रिय स्कूटर्स से कैसे होगी, आइए जानें:

TVS Jupiter: Activa 7G के माइलेज की क्षमता इसे TVS Jupiter से बेहतर बना सकती है।

Suzuki Access 125: Access 125 अपनी परफॉर्मेंस के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन Activa 7G का माइलेज इसे अधिक ईंधन कुशल बना सकता है।

Hero Maestro Edge: Hero के Maestro Edge का डिजाइन आकर्षक है, लेकिन Honda की विश्वसनीयता और पुनर्विक्रय मूल्य Activa 7G को एक बेहतर विकल्प बना सकते हैं।

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9. Honda Activa 7G का इंतजार क्यों करें?

Activa के मॉडल्स ने हमेशा अपने उपभोक्ताओं को संतुष्ट किया है। Activa 7G में उच्च माइलेज, नए फीचर्स, और कम रनिंग कॉस्ट इसे एक किफायती और उपयोगी विकल्प बनाएंगे। Honda की विश्वसनीयता और दीर्घकालिक गुणवत्ता के साथ, Activa 7G एक भरोसेमंद विकल्प है।

यह भी पढ़ें: Honda Activa 7G: 70KM माइलेज के साथ जल्द ही लॉन्च हो रही है!

निष्कर्ष

Honda Activa 7G अपने सेगमेंट में नया आकर्षण ला सकता है। इसकी संभावित माइलेज, उन्नत प्रदर्शन, और आधुनिक फीचर्स इसे उन लोगों के लिए आदर्श बना सकते हैं जो एक विश्वसनीय और किफायती स्कूटर की तलाश में हैं। Honda जल्द ही Activa 7G की लॉन्च डेट और फीचर्स के बारे में अधिक जानकारी साझा कर सकता है।

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