कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष Mallikarjun Kharge ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। खड़गे ने कहा, कि प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के नेता भी मौजूद थे, लेकिन स्वयं प्रधानमंत्री का बैठक में अनुपस्थित रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था।

उन्होंने कहा, कि जब सरकार खुद गंभीर मसलों पर सर्वदलीय बैठक बुलाती है, तो उसका नेतृत्व प्रधानमंत्री को करना चाहिए। इस हमले में करीब 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। ऐसे संवेदनशील समय में प्रधानमंत्री का चुनावी रैलियों के लिए बिहार जाना और दिल्ली में बैठक में शामिल न होना यह दर्शाता है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
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खड़गे ने सवाल उठाते हुए कहा, कि प्रधानमंत्री को देश को स्पष्ट करना चाहिए था कि हमला कैसे हुआ, किस स्तर पर चूक हुई — क्या यह सुरक्षा एजेंसियों की विफलता थी, खुफिया तंत्र की चूक थी, या पुलिस और आईबी की असफलता? देशवासियों को यह जानने का अधिकार है कि इस त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार है।
विपक्ष ने सरकार को दिया सहयोग का भरोसा: Mallikarjun Kharge
बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में आयोजित की गई, जहां गृहमंत्री अमित शाह ने स्वीकार किया कि सुरक्षा में चूक हुई थी। खड़गे ने बताया कि विपक्ष ने बैठक में सरकार को सुझाव दिए कि इस चुनौती का सामना पूरी गंभीरता से किया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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उन्होंने कहा, कि तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आतंकियों द्वारा इतने बड़े हमले को अंजाम देना चिंता का विषय है। इसके बावजूद, राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए विपक्ष ने सरकार को भरोसा दिलाया कि वे देश की सुरक्षा के लिए एकजुट हैं और हर जरूरी सहयोग देंगे।
खड़गे ने अपने बयान के अंत में दोहराया कि सरकार को पारदर्शिता से जिम्मेदारी तय करनी चाहिए और देश को विश्वास में लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
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