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Monday व्रत: विधि, महत्त्व और लाभ

हिंदू धर्म में सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

Monday के व्रत का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे विशेष रूप से उन लोगों द्वारा किया जाता है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। भगवान शिव को “महादेव” या “भोलेनाथ” के नाम से भी जाना जाता है, और वे अपने भक्तों पर आसानी से प्रसन्न होते हैं। इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति, धन, और संतान की प्राप्ति होती है।

सोमवार व्रत का महत्त्व

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Monday का दिन भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। हिंदू धर्म में सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत खासकर उन महिलाओं द्वारा किया जाता है जो संतान प्राप्ति की कामना करती हैं या अपने परिवार में सुख-समृद्धि चाहती हैं। इसके अलावा यह व्रत कुंवारी कन्याएं भी करती हैं ताकि उन्हें योग्य वर प्राप्त हो सके।

भगवान शिव का व्यक्तित्व बहुत ही सरल और भोला है, इसलिए उन्हें ‘भोलेनाथ’ कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि वे अपने भक्तों से सिर्फ सच्ची भक्ति और समर्पण चाहते हैं, और उनकी पूजा से वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। इस कारण से, Monday का व्रत शिवजी को प्रसन्न करने का एक प्रमुख साधन माना जाता है।

सोमवार व्रत की विधि

Monday का व्रत करना बहुत ही सरल है, लेकिन इसे पूर्ण निष्ठा और श्रद्धा के साथ करना चाहिए। व्रत की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर और स्नान करके की जाती है। उसके बाद भगवान शिव की पूजा और आराधना की जाती है। पूजा के दौरान शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल अर्पित किए जाते हैं। इसे पंचामृत स्नान कहा जाता है। पूजा के समय शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

भगवान शिव की आरती और मंत्रोच्चार के बाद Monday व्रत कथा सुनी या पढ़ी जाती है। व्रतधारी इस दिन उपवास रखते हैं और शाम को भगवान शिव की पुनः पूजा करने के बाद फलाहार या एक बार भोजन ग्रहण करते हैं।

व्रत के नियम

Monday व्रत में कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है, ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके। ये नियम इस प्रकार हैं:

  1. व्रत का संकल्प: व्रतधारी को सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और भगवान शिव से व्रत के सफल होने की प्रार्थना करनी चाहिए।
  2. पूजा और आराधना: पूरे दिन भगवान शिव की पूजा और आराधना करते रहना चाहिए। शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  3. शुद्धता: व्रत के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। मन और शरीर दोनों ही शुद्ध होने चाहिए।
  4. सात्त्विक भोजन: व्रत के दिन केवल सात्त्विक भोजन करें। लहसुन, प्याज और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. सत्य और संयम: व्रतधारी को दिनभर सत्य बोलना चाहिए और संयमित रहना चाहिए।

सोमवार व्रत की कथा

Monday व्रत की कई कथाएँ प्रचलित हैं, जिनमें से एक प्रमुख कथा इस प्रकार है:

कथा 1:

प्राचीन काल में एक विधवा ब्राह्मणी थी, जिसके एक पुत्र था। वह ब्राह्मणी बहुत गरीब थी और अपना और अपने पुत्र का पालन-पोषण बहुत ही कठिनाई से करती थी। एक दिन ब्राह्मणी अपने पुत्र को लेकर भगवान शिव के मंदिर में गई और उनसे अपने दुखों का अंत करने की प्रार्थना की। भगवान शिव उसकी भक्ति से प्रसन्न हुए और उसे आशीर्वाद दिया कि वह Monday का व्रत करे, जिससे उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होंगी।

ब्राह्मणी ने पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ सोमवार का व्रत करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद उसकी स्थिति में सुधार होने लगा और धीरे-धीरे उसकी गरीबी समाप्त हो गई। उसका पुत्र भी बड़ा होकर एक विद्वान और धनी व्यक्ति बन गया। इस प्रकार, भगवान शिव की कृपा से उस ब्राह्मणी का जीवन सुखमय हो गया।

कथा 2:

एक बार एक राजा था जिसका नाम चंद्रसेन था। वह भगवान शिव का परम भक्त था और हमेशा भगवान शिव की आराधना में लीन रहता था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे एक विशेष मणि दी थी, जिसकी मदद से वह जो चाहे, उसे प्राप्त कर सकता था। जब अन्य राजाओं को इस मणि के बारे में पता चला, तो उन्होंने चंद्रसेन पर आक्रमण कर दिया ताकि वे उस मणि को प्राप्त कर सकें।

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उस समय, एक छोटे लड़के ने चंद्रसेन को भगवान शिव की भक्ति करते देखा और वह भी भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गया। लड़के की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उसे आशीर्वाद दिया। भगवान शिव के आशीर्वाद से उस लड़के के माता-पिता और पूरा गांव भगवान शिव के भक्त बन गए। भगवान शिव ने चंद्रसेन की भी रक्षा की और उसकी मणि को सुरक्षित रखा। इस कथा से यह संदेश मिलता है कि भगवान शिव की सच्ची भक्ति करने वालों की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं।

सोमवार व्रत के लाभ

Monday का व्रत कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है। इसके कई लाभ इस प्रकार हैं:

  1. भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है: सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं और कष्टों का अंत होता है।
  2. संतान प्राप्ति: जिन महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
  3. सुख-समृद्धि: Monday का व्रत करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
  4. सफल विवाह: अविवाहित लड़कियों द्वारा इस व्रत को करने से उन्हें अच्छा और योग्य वर प्राप्त होता है।
  5. स्वास्थ्य लाभ: यह व्रत मानसिक और शारीरिक शुद्धता प्रदान करता है, जिससे स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

सावन में सोमवार का विशेष महत्त्व

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए जाना जाता है, और इस महीने में किए गए Monday व्रत का फल कई गुना अधिक होता है। इस दौरान भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है, और शिवलिंग पर जल और बिल्वपत्र चढ़ाने की परंपरा विशेष रूप से प्रचलित होती है।

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सोमवार व्रत के प्रकार

Monday के व्रत के विभिन्न प्रकार हैं जिन्हें लोग अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं के अनुसार करते हैं। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार के व्रत शामिल हैं:

  1. सोलह सोमवार व्रत: Monday व्रत विशेष रूप से उन लोगों द्वारा किया जाता है जो भगवान शिव से किसी विशेष वरदान की प्राप्ति करना चाहते हैं। इस व्रत में लगातार सोलह सोमवार तक उपवास रखा जाता है और भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के पूर्ण होने पर भगवान शिव अपनी कृपा अवश्य बरसाते हैं।
  2. सावन सोमवार व्रत: सावन के महीने में किए जाने वाले सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है। इस दौरान शिवभक्त पूरे महीने के हर सोमवार को व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
  3. सौम्य सोमवार व्रत: यह व्रत मुख्य रूप से उन लोगों द्वारा किया जाता है जो अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। इस व्रत में भगवान शिव की शांति और सुख-समृद्धि के लिए आराधना की जाती है।

सोमवार व्रत के दौरान शिव मंत्र

भगवान शिव की पूजा के दौरान विभिन्न मंत्रों का जाप करना अति लाभकारी माना जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख मंत्र इस प्रकार हैं:

  1. ॐ नमः शिवाय: यह भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है, जिसे शिव पंचाक्षर मंत्र भी कहा जाता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
  2. मृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के भय और रोगों से मुक्ति मिलती है।
  3. शिव गायत्री मंत्र: “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेव

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