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Monday Pratipada: शुभ मुहूर्त व Rahukaal जानें

यदि आप इस विषय पर और विस्तार से जानना चाहते हैं या किसी विशेष कार्य के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, तो बताइए – मैं आपके लिए विशेष जानकारी जुटा सकता हूँ।

Monday Pratipada Know the auspicious time and Rahukaal

हफ्ते की शुरुआत एक ऐसे दिन से हो रही है जो खगोलीय दृष्टि से बेहद खास है। सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को तिथि, शुभ मुहूर्त और Rahukaal का समय जानकर आप अपने दिन को और भी बेहतर बना सकते हैं। पंचांग के अनुसार किसी भी काम को सही समय पर करना जीवन में सफलता और समृद्धि को आकर्षित करता है।​

प्रतिपदा तिथि और उसका महत्व

इस दिन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शाम 6:58 बजे तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी।

  • तिथि: कृष्ण पक्ष अष्टमी (6:58 PM तक), उसके बाद नवमी
  • महत्व: अष्टमी तिथि देवी दुर्गा और भगवान शिव की आराधना के लिए शुभ मानी जाती है। यह तिथि उपवास, तप और ध्यान के लिए अत्यंत फलदायी होती है।

शुभ मुहूर्त (शुभ समय)

सही समय पर किया गया कार्य अधिक फलदायी होता है। जानिए इस दिन के प्रमुख शुभ मुहूर्त:

Monday Pratipada Know the auspicious time and Rahukaal
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:28 से 5:15 बजे तक
    • यह समय ध्यान, साधना और योग के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।
  • अमृत काल: सुबह 5:59 से 7:38 बजे तक
    • किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए उत्तम समय।
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:50 बजे तक
    • यह दिन का सबसे शुभ काल माना जाता है। किसी भी कार्य की शुरुआत में यह विशेष रूप से लाभकारी होता है।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12:37 बजे से अगले दिन सुबह 6:04 बजे तक
    • यह योग किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।

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अशुभ मुहूर्त (Rahukaal और अन्य अशुभ समय)

कुछ समय ऐसे होते हैं जिनमें शुभ कार्यों की शुरुआत से बचना चाहिए। यह समय नकारात्मक ऊर्जा से युक्त होता है:

Rahukaal: सुबह 7:54 से 9:28 बजे तक

  • इस समय कोई भी नया कार्य आरंभ करना वर्जित माना जाता है।
  • यमगंड काल: सुबह 11:02 से दोपहर 12:37 बजे तक
    • कार्यों में बाधा आने की संभावना रहती है।
  • गुलिक काल: दोपहर 2:11 से 3:45 बजे तक
    • नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह समय भी अशुभ माना जाता है।
  • दुर्लभ मुहूर्त:
    • दोपहर 12:50 से 1:41 बजे तक
    • अपराह्न 3:23 से 4:13 बजे तक
    • इस समय कोई भी महत्वपूर्ण कार्य टालना ही उचित होता है।
  • वर्ज्य काल: शाम 4:38 से 6:14 बजे तक
    • इस काल में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

ग्रहों की स्थिति और अन्य ज्योतिषीय जानकारी

  • सूर्योदय: सुबह 6:04 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 6:46 बजे
  • चंद्रमा का उदय: रात 1:21 बजे
  • चंद्रमा का अस्त: दोपहर 12:15 बजे
  • चंद्रमा की स्थिति: मकर राशि में
  • सूर्य की स्थिति: मेष राशि में
  • चंद्रमा का कक्ष: कृष्ण पक्ष, अंतिम चतुर्थांश में 42.66% प्रकाशित

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त्योहार और विशेष अवसर

  • कालाष्टमी व्रत: यह दिन भगवान भैरव को समर्पित होता है, जो शिव जी के रौद्र स्वरूप माने जाते हैं। भक्त उपवास रखते हैं और भैरव पूजा कर कष्टों से मुक्ति की कामना करते हैं।

दिनचर्या के लिए सुझाव

  • अध्यात्म: ब्रह्म मुहूर्त और अमृत काल में ध्यान, जप और पूजा करना विशेष लाभकारी रहेगा।
  • कार्य प्रारंभ: कोई भी नया कार्य अभिजीत मुहूर्त या सर्वार्थ सिद्धि योग में आरंभ करें।
  • सतर्कता: Rahukaal, यमगंड और अन्य अशुभ समय में कार्यों की शुरुआत से बचें।

इस तरह यदि आप इस दिन के पंचांग के अनुसार अपने कार्यों की योजना बनाते हैं, तो निश्चित ही सफलता आपके कदम चूमेगी। यह जानकारी न सिर्फ आपके दिन को व्यवस्थित करेगी, बल्कि आपको ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ सामंजस्य में भी लाएगी। यदि आप इस विषय पर और विस्तार से जानना चाहते हैं या किसी विशेष कार्य के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, तो बताइए – मैं आपके लिए विशेष जानकारी जुटा सकता हूँ।

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