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Mount Rushmore: अमेरिकी इतिहास और स्वतंत्रता का शिल्पित प्रतीक

माउंट रशमोर न केवल अमेरिका का गौरव है, बल्कि यह विश्व को यह संदेश भी देता है कि कैसे एक राष्ट्र अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों, संघर्षों और मूल्यों को शिल्पकला के माध्यम से अमर बना सकता है।

Mount Rushmore अमेरिका का एक ऐतिहासिक स्मारक है, जो दक्षिण डकोटा के ब्लैक हिल्स में स्थित है। इसमें अमेरिका के चार महान राष्ट्रपतियों – जॉर्ज वॉशिंगटन, थॉमस जेफरसन, थियोडोर रूजवेल्ट और अब्राहम लिंकन की विशाल आकृतियाँ तराशी गई हैं। यह स्मारक न केवल अमेरिका के इतिहास और लोकतांत्रिक आदर्शों का प्रतीक है, बल्कि विश्वभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है। इस लेख में हम Mount Rushmore के इतिहास, निर्माण प्रक्रिया, महत्व और रोचक तथ्यों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

माउंट रशमोर: अमेरिकी इतिहास की अमर गाथा

Mount Rushmore: A Sculpted Symbol of American

Mount Rushmore विश्व में कुछ स्मारक ऐसे हैं जो किसी देश की पहचान और गौरव का प्रतीक बन जाते हैं। अमेरिका के साउथ डकोटा राज्य में स्थित माउंट रशमोर नेशनल मेमोरियल भी ऐसा ही एक भव्य स्मारक है। विशाल ग्रेनाइट पर्वत पर उकेरी गई चार महान अमेरिकी राष्ट्रपतियों की प्रतिमाएं न केवल अमेरिका के इतिहास का प्रतिनिधित्व करती हैं, बल्कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र और प्रगति के मूल्यों का भी प्रतीक हैं। इस लेख में Mount Rushmore के इतिहास, निर्माण, महत्व, रोचक तथ्य और इसके सांस्कृतिक प्रभाव पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जा रही है।

माउंट रशमोर का इतिहास

Mount Rushmore का विचार सबसे पहले स्थानीय इतिहासकार डोआने रॉबिन्सन ने प्रस्तुत किया था। उनका उद्देश्य था कि साउथ डकोटा को एक पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय बनाया जाए। वर्ष 1923 में उन्होंने इस परियोजना का प्रस्ताव रखा। इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए प्रसिद्ध शिल्पकार गुटज़न बोरग्लम को नियुक्त किया गया। बोरग्लम चाहते थे कि यह स्मारक केवल स्थानीय इतिहास का नहीं, बल्कि संपूर्ण अमेरिका के इतिहास और उसके मूल्यों का प्रतीक बने।

1927 में निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और 1941 में गुटज़न बोरग्लम की मृत्यु के बाद उनके पुत्र लिंकन बोरग्लम ने परियोजना को पूरा किया। हालांकि, मूल योजना के अनुसार प्रतिमाओं के साथ उनके धड़ भी बनाए जाने थे, लेकिन धन की कमी के कारण केवल चेहरों को ही पूरा किया जा सका।

माउंट रशमोर पर उकेरे गए राष्ट्रपतियों का चयन

चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों का चयन बहुत सोच-विचार कर किया गया था। हर एक राष्ट्रपति अमेरिका के किसी महत्वपूर्ण युग का प्रतिनिधित्व करता है:

  1. जॉर्ज वाशिंगटन (George Washington) – अमेरिका के पहले राष्ट्रपति और स्वतंत्रता संग्राम के नायक।
  2. थॉमस जेफरसन (Thomas Jefferson) – स्वतंत्रता की घोषणा (Declaration of Independence) के मुख्य लेखक।
  3. अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) – अमेरिकी गृहयुद्ध में देश की एकता बनाए रखने वाले नेता।
  4. थिओडोर रूजवेल्ट (Theodore Roosevelt) – औद्योगीकरण और आर्थिक विकास के युग का प्रतीक।

इन चारों राष्ट्रपतियों का चुनाव इस बात का प्रतीक है कि किस प्रकार अमेरिका ने जन्म, विस्तार, संरक्षण और विकास की दिशा में प्रगति की।

निर्माण प्रक्रिया

Mount Rushmore का निर्माण एक अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य था। इस विशाल परियोजना में कई नई तकनीकों और विधियों का इस्तेमाल किया गया:

  • डायनामाइट का प्रयोग: विशाल पत्थरों को काटने के लिए मुख्यतः डायनामाइट का उपयोग किया गया।
  • हैंड ड्रिलिंग और फाइन कार्विंग: पत्थर को सही आकार देने के लिए श्रमिकों ने हैमर और ड्रिलिंग उपकरणों से महीन कार्य किया।
  • कठिन परिस्थितियाँ: श्रमिकों ने खतरनाक हालात में, ऊँचाई पर झूलते हुए काम किया। इसके बावजूद, पूरी परियोजना में किसी भी श्रमिक की मृत्यु नहीं हुई, जो एक अद्भुत उपलब्धि मानी जाती है।
  • समय और लागत: परियोजना को पूरा करने में लगभग 14 वर्ष लगे और कुल लागत करीब 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर आई।

वास्तुशिल्प विशेषताएँ

  • प्रत्येक राष्ट्रपति का चेहरा लगभग 60 फीट (18 मीटर) ऊँचा है।
  • वाशिंगटन का चेहरा सबसे पहले और सबसे प्रमुख रूप से उकेरा गया।
  • प्रतिमाएं इतनी विशाल हैं कि वाशिंगटन की एक आँख का आकार ही लगभग 11 फीट का है।
  • मूर्तियों को इस प्रकार उकेरा गया है कि वे सूरज की रोशनी में भव्यता के साथ चमकें।

माउंट रशमोर का सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व

Mount Rushmore आज केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि अमेरिकी गर्व, संघर्ष और एकता का प्रतीक भी है। यह स्मारक विश्व भर में अमेरिकी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय गर्व के प्रतिनिधित्व के रूप में जाना जाता है।
यहां पर प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं, जो इसकी भव्यता और इतिहास से प्रभावित होते हैं।

रोचक तथ्य

  • Mount Rushmore का नाम न्यूयॉर्क के एक वकील चार्ल्स ई. रशमोर के नाम पर रखा गया था।
  • गुटज़न बोरग्लम ने एक “हॉल ऑफ रिकॉर्ड्स” बनाने का सपना भी देखा था जिसमें अमेरिकी इतिहास से संबंधित दस्तावेज और कलाकृतियाँ रखी जानी थीं। हालांकि, इस योजना को धन की कमी के कारण पूरा नहीं किया जा सका।
  • प्रतिमाएं मौसम के प्रभाव को सहन करने के लिए डिज़ाइन की गई थीं, और अब तक ये काफी हद तक सुरक्षित बनी हुई हैं।
  • Mount Rushmore पर 400 से अधिक श्रमिकों ने कार्य किया था।

पर्यटक आकर्षण

आज Mount Rushmore में कई आकर्षक सुविधाएँ विकसित की गई हैं:

  • रशमोर मेमोरियल म्यूजियम: जहां स्मारक के निर्माण और इतिहास की जानकारी मिलती है।
  • लाइटिंग सेरेमनी: प्रतिदिन शाम को विशेष लाइटिंग और राष्ट्रगान के साथ समारोह आयोजित होता है।
  • पैदल यात्रा मार्ग (Presidential Trail): पर्यटक पास से मूर्तियों को देखने के लिए इस ट्रेल पर चलते हैं।
  • स्कल्प्टर स्टूडियो: जहां पर्यटक गुटज़न बोरग्लम के मूल मॉडल और उनके कार्य के बारे में जान सकते हैं।

माउंट रशमोर से जुड़ी आलोचनाएँ

जहां Mount Rushmore को अमेरिकी गौरव का प्रतीक माना जाता है, वहीं कुछ विवाद भी इससे जुड़े हैं:

  • यह स्थल मूल रूप से लाकोटा सिउक्स जनजाति की पवित्र भूमि था। इस जनजाति का मानना है कि इस भूमि पर अमेरिकी राष्ट्रपतियों की मूर्तियों का निर्माण उनके सांस्कृतिक अधिकारों का उल्लंघन था।
  • कुछ आलोचक यह भी कहते हैं कि इस स्मारक में अमेरिकी उपनिवेशवाद और मूल निवासियों के प्रति अन्याय का भी प्रतीकात्मक संकेत है।

भविष्य की योजनाएँ और संरक्षण प्रयास

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  • समय-समय पर माउंट रशमोर का संरक्षण और मरम्मत कार्य किया जाता है।
  • क्रैक्स को भरने के लिए विशेष प्रकार की सीलेंट का प्रयोग किया जाता है ताकि संरचना को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके।
  • पर्यावरणीय प्रभावों और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों को देखते हुए अतिरिक्त संरक्षण योजनाएँ भी बन रही हैं।

निष्कर्ष

Mount Rushmore न केवल अमेरिका का गौरव है, बल्कि यह विश्व को यह संदेश भी देता है कि कैसे एक राष्ट्र अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों, संघर्षों और मूल्यों को शिल्पकला के माध्यम से अमर बना सकता है। चाहे वह स्वतंत्रता का आदर्श हो, देश की एकता की लड़ाई हो या औद्योगीकरण और विकास का सपना, माउंट रशमोर हर अमेरिकन के दिल में विशेष स्थान रखता है।

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