Mushroom की खेती एक लाभदायक और रोचक व्यवसाय बन सकता है। यह कम जगह में भी की जा सकती है और इसमें अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं होती है।
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Mushroom की खेती कैसे करें?
Mushroom की खेती के लिए आपको कुछ आवश्यक चीजों की आवश्यकता होगी:
- कमरा: एक साफ-सुथरा और हवादार कमरा जिसमें तापमान और आर्द्रता को नियंत्रित किया जा सके।
- कंपोस्ट: मशरूम उगाने के लिए विशेष प्रकार का कंपोस्ट तैयार किया जाता है। यह आमतौर पर गेहूं या चावल के भूसे से बनाया जाता है।
- बीज: मशरूम के बीज को स्पॉन कहा जाता है।
- पानी: नियमित रूप से पानी का छिड़काव करना आवश्यक होता है।
- धैर्य और देखभाल: मशरूम उगाने में समय और धैर्य की आवश्यकता होती है।
मशरूम की खेती के चरण:
- कमरे की तैयारी: कमरे को साफ करके कीटाणु मुक्त करें।
- कंपोस्ट तैयार करना: कंपोस्ट को गीला करके बीज बोने के लिए तैयार करें।
- बीज बोना: कंपोस्ट में बीज को मिलाकर उसे बिस्तरों में बिछा दें।
- तापमान और आर्द्रता नियंत्रित करना: मशरूम के विकास के लिए उपयुक्त तापमान और आर्द्रता बनाए रखें।
- पानी का छिड़काव: नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें।
- फसल काटना: जब मशरूम पूरी तरह से विकसित हो जाए तो उसे काट लें।
Mushroom के विभिन्न प्रकार
भारत में कई प्रकार के मशरूम उगाए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- सफेद बटन मशरूम: यह सबसे आम प्रकार का मशरूम है और इसे उगाना आसान है।
- ओयस्टर मशरूम: यह मशरूम सफेद, भूरा या काला रंग का होता है और इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है।
- पोर्टोबेलो मशरूम: यह बड़ा और मांसल मशरूम है और इसका स्वाद गहरा होता है।
- शिटाके मशरूम: यह जापानी मूल का मशरूम है और इसका स्वाद लहसुन जैसा होता है।
मशरूम की खेती के फायदे:
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- कम जगह में अधिक उत्पादन: मशरूम की खेती कम जगह में की जा सकती है।
- कम निवेश: मशरूम की खेती में अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं होती है।
- अधिक मुनाफा: मशरूम की मांग अधिक होती है और इसकी कीमत भी अच्छी होती है।
- पौष्टिक भोजन: मशरूम प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है।