Myanmar में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही हुई है। अब तक मरने वालों की संख्या 1,600 से अधिक हो चुकी है, और 3,400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप के कारण सड़कों, पुलों और अन्य सार्वजनिक अवसंरचनाओं को गंभीर क्षति पहुंची है, जिससे कई क्षेत्र अब भी संपर्क से कटे हुए हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत कर इस आपदा पर गहरी संवेदना व्यक्त की और भारत की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत 15 टन राहत सामग्री और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के 80 बचाव कर्मियों का दल म्यांमार भेजा है।
भूकंप से Myanmar में भारी तबाही
भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड में भी महसूस किए गए, जहां बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत धराशायी हो गई और मलबे में 110 लोग दबे होने की आशंका है। Myanmar की सैन्य सरकार ने छह राज्यों में आपातकाल घोषित किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है।
बचाव और राहत कार्य जारी हैं, लेकिन क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के कारण कई क्षेत्रों तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कई लोग अब भी लापता हैं और मलबे में दबे हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील
Myanmar में आए विनाशकारी भूकंप के बाद, राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की गई है। संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए अपने प्रयास शुरू कर दिए हैं। भूकंप के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं, और उन्हें तत्काल आश्रय, भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।
स्थानीय अस्पताल घायलों की बढ़ती संख्या से जूझ रहे हैं, और चिकित्सा आपूर्ति की कमी की रिपोर्टें सामने आ रही हैं। संचार प्रणालियों और बुनियादी ढांचे को हुए भारी नुकसान के कारण, दूरस्थ क्षेत्रों में राहत पहुंचाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। Myanmar सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इन बाधाओं को दूर करने के लिए समन्वित प्रयास कर रही हैं।
इस आपदा के प्रभावों को कम करने और प्रभावित समुदायों के पुनर्निर्माण के लिए दीर्घकालिक सहायता और संसाधनों की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और आपदा प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत करना भविष्य में होने वाले नुकसान को कम करने में मददगार साबित होगा।
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