कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद Naseer Hussain का यह बयान Bangladesh में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि वह न केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ऐसे मुद्दों को उठाए, बल्कि देश के भीतर भी अल्पसंख्यकों की रक्षा और सशक्तिकरण के लिए कदम उठाए।
यह भी पढ़ें: Bangladesh को भारत से डीजल और बिजली की आपूर्ति ठप, द्विपक्षीय कारोबार का पहिया भी थमा
डॉ. हुसैन ने यह स्पष्ट किया कि जब कहीं भी किसी अल्पसंख्यक समूह को भेदभाव या हिंसा का सामना करना पड़ता है, तो यह भारत जैसे लोकतांत्रिक और विविधता वाले देश की जिम्मेदारी बनती है कि वह इसकी निंदा करे और समाधान की दिशा में काम करे। उन्होंने भारत में भी अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उनका यह बयान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक अधिकारों और उनके संरक्षण की एक समग्र नीति की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
Bangladesh में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा: मुद्दे और चिंताएँ
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा एक गंभीर और संवेदनशील विषय है। हाल के वर्षों में, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हमलों की कई घटनाएँ सामने आई हैं, जिनमें धार्मिक भेदभाव, उत्पीड़न, और हिंसक घटनाएँ शामिल हैं। इन हमलों में हिंदू धार्मिक स्थल, पूजा स्थलों और हिंदू नागरिकों को निशाना बनाया गया है।
इस तरह की हिंसा का मुख्य कारण धार्मिक असहिष्णुता, राजनीतिक तनाव और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की अनदेखी हो सकता है।
अन्य ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें