राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने लाओस मानव तस्करी और साइबर गुलामी मामले में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक फरार आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसे दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सहयोग से पकड़ा गया।
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एजेंसी ने कामरान हैदर को गिरफ्तार किया, जो पीड़ितों के लिए उड़ान टिकट और दस्तावेजों की व्यवस्था करने और गोल्डन ट्राइएंगल क्षेत्र में संपर्कों की मदद से उनके अवैध सीमा पार करने की सुविधा प्रदान करने में सीधे तौर पर शामिल था।
मानव तस्करी मामले के चार सह आरोपियों में मंजूर आलम, गुड्डु उर्फ साहिल, अखिल उर्फ पवन यादव और अफरोज शामिल हैं।
NIA ने 2024 में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया
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NIA ने विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल तस्करों और दलालों के एक सुसंगठित नेटवर्क के संबंध में अक्टूबर 2024 में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
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सभी आरोपी कमजोर भारतीय युवाओं को लाओ पीडीआर के गोल्डन ट्राएंगल क्षेत्र में भेजने में सक्रिय रूप से शामिल थे, जहां उन्हें यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर घोटाले करने के लिए मजबूर किया जाता था। एनआईए की जांच से पता चला है कि वे एक कंसल्टेंसी फर्म, अली इंटरनेशनल सर्विसेज के माध्यम से काम करते थे, जो मानव तस्करी के मुखौटे के रूप में काम करती थी।
इसके अलावा हैदर चीनी स्कैमर्स के चंगुल से भागने की कोशिश करने वाले पीड़ितों से क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के जरिए पैसे ऐंठने में भी शामिल था। हैदर की गिरफ्तारी पर 2 लाख रुपये का नकद इनाम था और उसके खिलाफ विशेष एनआईए कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, नई दिल्ली द्वारा गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था।
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