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Farms Law: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर किया बड़ा हमला

कृषि कानून (Farms Law) के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों और संगठनों का समर्थन है.

On Farms Law Union Minister Smriti Irani launched a big attack on Congress
(File Photo)

New Delhi: केंद्र सरकार के नए कृषि कानून (Farms Law) के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों और संगठनों का समर्थन है. इस आंदोलन (Farmers Protest) को खत्म करने के लिए केंद्र तमाम उपाए कर रहा है. वह लगातार कह रहा है कि विपक्षी पार्टियां किसानों को बेवजह भड़का रही हैं.

केंद्र ने जो कानून (Farms Law) किसानों के हित के लिए बनाया है, उसके खिलाफ भ्रम पैदा कर रहा है. इसी बीच, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मेरठ में विपक्षी पार्टी पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा, विपक्ष का कहना है कि जिसने बिल (Farms Law) बनाया वह किसान नहीं है. जो 40 इंच आलू पैदा करने की बात करता है, क्या वह किसान है? क्या सोनिया गांधी किसान हैं? वास्तव में किसानों के लिए कुछ करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के मुताबिक, स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मेरठ में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों को एमएसपी (MSP) में 8 लाख करोड़ रुपये दिए. जबकि यूपीए (UPA) ने अपने 10 साल के कार्यकाल में महज 3.5 लाख करोड़ रुपये दिए. सत्तारूढ़ दल होने पर यूपीए (UPA) ने क्या किया? गौरतलब है कि ऐसा ही बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कच्छ में दिया. उन्होंने कहा कि किसानों के हित में केंद्र ने बड़ा कदम उठाया है और विपक्ष इसपर भ्रम पैदा कर रहा है. उन्होंने किसानों को आर्थिक मदद दिए जाने की बात भी कही.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का पलटवार 

प्रधानमंत्री के बयान के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है, ‘मोदी जी के संबोधन में सबसे बड़ा झूठ यह है कि गन्ना किसानों को 16 करोड़ की मदद की जा रही हैं. यह मदद नहीं शुगर मिल पर किसानों का बकाया है उसका भुगतान शुगर मिल को करना था. अगर सरकार उसको दे रही है तो शुगर मिलों को मदद मिल रही है, न कि किसान को. 

वहीं सरकार अगर इसे इंसेंटिव के रूप में देती तो किसान को कोई लाभ होता. मोदी जी भंडारण हेतु ढांचे की बात कर रहे हैं लेकिन अपील कॉरपोरेट से की जा रही है. इसका मतलब सरकार किसान को नही एग्री बिजनेस को बढ़ावा दे रही है. खेती में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है.’

टिकैत ने आगे कहा, ‘नवरत्न कंपनियों के निजीकरण के बाद मोदी सरकार (Modi Government) की निगाह अब खेती के निजीकरण पर है. इसके साथ ही किसानों के साथ चर्चा की बात गलत है क्‍योंकि आज किसान संगठनों से कोई चर्चा नही हुई. स्‍वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का दावा सरासर झूठ है. स्वामीनाथन की सिफारिश में लागत में C2+ 50% जोड़कर देने की है. लेकिन सरकार ने फार्मूला बदलकर A2+FL दिया है. जिससे किसानों का हक़ मारा जा रहा है. हमें 500 रुपये महीना की भीख नहीं समर्थन मूल्य का हक चाहिए.’

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