Panama Canal का संचालन पनामा सरकार के अधीन पनामा नहर प्राधिकरण (Panama Canal Authority – ACP) द्वारा किया जाता है। 31 दिसंबर 1999 से, पनामा ने नहर का नियंत्रण पूरी तरह अपने हाथों में ले लिया, जो इससे पहले अमेरिका के नियंत्रण में था। पनामा नहर का यह संचालन पनामा की अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के बीच एक प्रमुख जलमार्ग के रूप में कार्य करता है।
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चीन और Panama Canal के संबंध

चीन का पनामा नहर में कोई प्रत्यक्ष स्वामित्व नहीं है, लेकिन चीन की कंपनियों का इसमें बड़ा आर्थिक प्रभाव है। चीन की कंपनियां पनामा नहर के आसपास बंदरगाह प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और शिपिंग से जुड़ी परियोजनाओं में निवेश कर रही हैं। उदाहरण के लिए:
- चीन का आर्थिक निवेश: चीन की कंपनियां पनामा के कई बुनियादी ढांचे और बंदरगाह परियोजनाओं में शामिल हैं। इसके अलावा, चीन पनामा का एक बड़ा व्यापार साझेदार है, और चीन से आने-जाने वाला माल नहर से गुजरने वाले ट्रैफिक का एक बड़ा हिस्सा बनाता है।
- राजनयिक संबंध: 2017 में पनामा ने ताइवान के साथ अपने आधिकारिक संबंध समाप्त करके चीन को मान्यता दी। इसके बाद चीन ने पनामा में अपने प्रभाव को और बढ़ाने के लिए आर्थिक और राजनीतिक संबंध मजबूत किए।
ट्रंप की धमकियों का संदर्भ
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान, अमेरिका ने पनामा नहर और पनामा के आसपास चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताई थी। अमेरिका का मानना था कि पनामा नहर, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, पर चीन का बढ़ता प्रभाव अमेरिका के भू-राजनीतिक हितों के लिए खतरा हो सकता है। ट्रंप प्रशासन ने पनामा समेत लैटिन अमेरिकी देशों पर चीन के साथ अपने आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को सीमित करने का दबाव बनाने की कोशिश की।
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हालांकि, Panama Canal का सीधा नियंत्रण चीन के पास नहीं है, लेकिन क्षेत्र में चीन के बढ़ते निवेश ने अमेरिका-चीन तनाव को और बढ़ा दिया है। यह जलमार्ग वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण कड़ी बना हुआ है।