Operation Sindoor: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। हमलावरों ने खास तौर पर पुरुषों को ही निशाना बनाया और गोली मारी, जिससे नरसंहार की भयावहता का पता चलता है।
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इसके जवाब में, पंद्रह दिन बाद भारत ने जवाबी हमला करने के लिए ‘Operation Sindoor’ शुरू किया। इस मिशन के ज़रिए भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 जगहों पर 21 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। तब से, ‘सिंदूर’ शब्द अपने शाब्दिक अर्थ से आगे बढ़कर भावना, शक्ति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है।
उत्तर प्रदेश के जिले में सशस्त्र बलों को सम्मानित करने का तरीका

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में इस भावना की एक असाधारण अभिव्यक्ति देखने को मिली। Operation Sindoo और इसके महत्व से प्रेरित होकर, सिर्फ़ दो दिनों के भीतर 17 नवजात लड़कियों का नाम उनके परिवारों ने ‘सिंदूर’ रखा।
कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आर.के. शाही के अनुसार, 48 घंटे के भीतर कॉलेज में जन्मी 17 लड़कियों का नाम उनके संबंधित परिवारों ने ‘सिंदूर’ रखा। इन परिवारों के लिए, यह नाम सिर्फ़ एक शब्द से कहीं ज़्यादा है – यह एक गहरी भावनात्मक श्रद्धांजलि और राष्ट्र के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
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‘सिंदूर सिर्फ़ एक शब्द नहीं, एक एहसास है’

कुशीनगर के भेड़िहारी गांव की रहने वाली अर्चना शाही, जिन्होंने हाल ही में एक बेटी को जन्म दिया है, ने बताया कि उनके परिवार ने बच्ची का नाम ‘सिंदूर’ रखने का फ़ैसला कर लिया था। उनके पति अजीत शाही ने कहा, “सिंदूर हमारे लिए एक प्रेरणा है।” अर्चना ने पहलगाम हमले की भयावहता और भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया को याद किया। उन्होंने कहा, “इस हमले में कई महिलाओं ने अपने पति खो दिए। ऑपरेशन सिंदूर के सफल क्रियान्वयन ने हम सभी को गौरवान्वित किया। इसलिए हमने अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा। अब यह सिर्फ़ नाम नहीं बल्कि एक एहसास है।”
सेना के ऑपरेशन को याद करने के लिए

पडरौना क्षेत्र में मदन गुप्ता के परिवार ने भी कुछ ऐसी ही भावनाएं प्रदर्शित कीं। उनकी बहू काजल गुप्ता ने अपनी नवजात बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा। मदन गुप्ता ने कहा कि जब से सेना ने Operation Sindoor चलाकर पहलगाम के पीड़ितों का बदला लिया, तब से उनकी बहू ने अपने बच्चे का नाम ‘सिंदूर’ रखने का निश्चय किया। उन्होंने कहा, “यह नाम हमें ऑपरेशन को याद रखने और इस पल को गर्व के साथ मनाने में मदद करेगा।”
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भठही बाबू गांव में व्यासमुनि की पत्नी ने अपनी नवजात बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी में साहस भरने के लिए यह नाम चुना। उन्होंने कहा, “जब वह बड़ी होगी, तो इस नाम के पीछे के अर्थ को समझेगी और भारत माता की समर्पित नागरिक बनेगी।”
पडरौना क्षेत्र की प्रियंका देवी ने भी अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा। उन्होंने बताया कि वह सेना के ऑपरेशन के प्रति गहरा सम्मान रखती हैं और अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखना उस भावना का सम्मान करने का एक तरीका है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पहलगाम हमले का बदला लिया

22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे। एक मज़बूत जवाबी कार्रवाई में, भारतीय सेना ने 7 मई को Operation Sindoor शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तानी उकसावे के बाद की सभी भारतीय सैन्य प्रतिक्रियाएँ भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत ही की गईं।
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