Operation Sindoor: मिग-29K और विमानवाहक पोत की मौजूदगी ने पाक हवाई खतरों को रोका

Operation Sindoor पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि मिग-29K लड़ाकू विमानों और हवाई प्रारंभिक चेतावनी हेलीकॉप्टरों से सुसज्जित भारतीय विमानवाहक पोत की प्रभावी तैनाती ने किसी भी संदिग्ध या शत्रुतापूर्ण विमान — जो अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की संपत्तियों से जुड़ा हो सकता है — को कई सौ किलोमीटर की दूरी से ही रोके रखा।

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उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना एक समन्वित नेटवर्क बल के रूप में कार्य करती है, जो हवा, सतह और उप-सतह से उत्पन्न खतरों का मुकाबला करने के लिए उन्नत सेंसरों और लड़ाकू प्रबंधन प्रणालियों के समामेलन से लैस है।

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Operation Sindoor: Presence of MiG-29K and aircraft carrier deterred Pak aerial threats
Operation Sindoor: मिग-29K और विमानवाहक पोत की मौजूदगी ने पाक हवाई खतरों को रोका

वाइस एडमिरल ने भारतीय नौसेना की रणनीतिक चौकसी और तकनीकी क्षमताओं को रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नौसेना न केवल समुद्र की सतह बल्कि हवाई क्षेत्र में भी लगातार निगरानी रखती है, जिससे समुद्री डोमेन की समग्र जागरूकता सुनिश्चित होती है। इस प्रणाली में आधुनिक रडार, हवाई प्रारंभिक चेतावनी हेलीकॉप्टर (AEW), निगरानी ड्रोन और जहाज-आधारित सेंसर शामिल हैं, जो संयुक्त रूप से किसी भी हवाई या समुद्री खतरे की पहचान करने, उसका वर्गीकरण करने और उस पर प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं।

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वाइस एडमिरल ने बताया कि भारतीय नौसेना का यह नेटवर्क-सक्षम बल उन्नत कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से जुड़ा हुआ है, जो वास्तविक समय में इनपुट प्राप्त करता है और तेजी से निर्णय लेने में सहायक होता है। जैसे ही कोई खतरा उभरता है — चाहे वह ड्रोन हो, सुपरसोनिक मिसाइल हो या शत्रु विमान — ये प्रणालियाँ तुरंत सक्रिय हो जाती हैं और खतरे को बेअसर करने के लिए आवश्यक कदम उठाती हैं।

Operation Sindoor: Presence of MiG-29K and aircraft carrier deterred Pak aerial threats

उन्होंने कहा कि यह सारी प्रणाली एक स्तरीकृत फ्लीट एयर डिफेंस तंत्र के अधीन संचालित होती है, जिसमें शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज की एयर डिफेंस मिसाइलें और लड़ाकू विमान एक समन्वित ढंग से कार्य करते हैं। यह तंत्र इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि कोई भी खतरा — चाहे वह कितनी भी गति से क्यों न आ रहा हो — विमानवाहक पोत या उसके साथ चल रहे युद्धपोतों के नजदीक न पहुंच सके।

वाइस एडमिरल प्रमोद ने यह भी जोड़ा कि इस पूरी प्रणाली का संचालन थिएटर-स्तरीय समन्वय के साथ होता है, जिसमें भारतीय वायुसेना और अंतरिक्ष से मिलने वाली सूचनाएं भी शामिल होती हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह बहुआयामी रक्षा तंत्र भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक मजबूत संदेश है।

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