हैदराबाद स्थित Osmania University ने अपने परिसर में आंदोलन, धरना और प्रदर्शनों पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों में व्यवधान को रोकने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है।
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इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भाजपा नेता रामचंदर राव ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “सरकार द्वारा तेलंगाना में अघोषित आपातकाल लागू है।
सरकार ने Osmania University के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय परिसर में कोई धरना या सभा न हो। विश्वविद्यालय आंदोलन का केंद्र रहा है और तेलंगाना राज्य के निर्माण में छात्रों की भूमिका अहम रही है। सरकार छात्रों की मांगों को दबाना चाहती है, जो रोज़गार और अन्य मुद्दों से जुड़ी हैं। भाजपा इस फैसले की कड़ी निंदा करती है।”
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सरकार पर छात्रों की आवाज़ दबाने का आरोप_BJP
रामचंदर राव ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों का केंद्र रहा है, खासकर तेलंगाना राज्य के गठन में छात्रों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। उनका आरोप है कि सरकार छात्रों की आवाज़ को दबाने के लिए यह कदम उठा रही है।
इस मुद्दे पर अभी तक Osmania University प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, इस फैसले को लेकर छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों के बीच असंतोष बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
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मामले के तूल पकड़ने की संभावना को देखते हुए आगामी दिनों में इस पर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया बढ़ सकती है।