Sambhal के कलेक्ट्रेट सभागार, बहजोई में शैक्षिक सत्र 2025-26 के स्कूल चलो अभियान एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान (1 से 30 अप्रैल 2025) तथा दस्तक अभियान (10 से 30 अप्रैल 2025) के शुभारंभ का सजीव प्रसारण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री धर्मवीर प्रजापति, प्रभारी मंत्री एवं माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड्स विभाग एवं नागरिक सुरक्षा, उत्तर प्रदेश शासन ने भाग लिया।
उन्होंने संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जन जागरूकता रैली एवं प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रदेश के हर नागरिक को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता, टीकाकरण और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करें।
कार्यक्रम में Sambhal जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तरुण पाठक, एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। साथ ही, स्कूली बच्चों और स्थानीय नागरिकों ने भी रैली में भाग लिया और संचारी रोगों की रोकथाम एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए संकल्प लिया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तरुण पाठक ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीकाकरण, स्वच्छता और बीमारियों की रोकथाम से जुड़ी जानकारियां देंगी। वहीं, स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग का उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ना है, जिससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
अंत में, श्री धर्मवीर प्रजापति ने उपस्थित अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों, शिक्षकों एवं नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग करें, ताकि समाज में जागरूकता बढ़े और सभी को स्वस्थ एवं शिक्षित भविष्य मिल सके।
Kerala Parotta दक्षिण भारतीय व्यंजनों में एक बेहद प्रसिद्ध और स्वादिष्ट ब्रेड है, जिसे मुख्य रूप से मैदा, तेल और पानी से बनाया जाता है। इसे विशेष रूप से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में पसंद किया जाता है। यह परोट्टा अपनी परतदार बनावट और मुलायम स्वाद के लिए जाना जाता है। Kerala Parotta ज्यादातर वेज और नॉन-वेज करी के साथ परोसा जाता है, खासतौर पर चिकन चेट्टीनाड, मटन करी या वेज कोरमा के साथ इसका स्वाद लाजवाब लगता है।
Kerala Parotta बनाने के लिए मैदा को अच्छे से गूंधा जाता है और इसे लंबे समय तक सेट होने दिया जाता है, जिससे आटा मुलायम हो जाता है। इसके बाद इसे पतली परतों में बेलकर खास तकनीक से रोल किया जाता है, जिससे यह परतदार बनता है। Kerala Parotta तवे पर तेल लगाकर कुरकुरा और सुनहरा भूरा होने तक सेंका जाता है। Kerala Parotta रेसिपी को सही तरीके से बनाने के लिए धैर्य और तकनीक की जरूरत होती है। घर पर केरला परोट्टा बनाकर आप दक्षिण भारतीय जायके का आनंद ले सकते हैं और अपने परिवार को एक खास अनुभव दे सकते हैं।
सामग्री की तालिका
केरला परोट्टा बनाने की पारंपरिक और स्वादिष्ट रेसिपी
Kerala Parotta (Malabar Parotta) दक्षिण भारत की एक बहुत ही प्रसिद्ध और स्वादिष्ट फ्लैटब्रेड है, जिसे खासकर केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में बड़े चाव से खाया जाता है। यह पराठा अपनी परतदार बनावट और नरम व कुरकुरी टेक्सचर के कारण बहुत पसंद किया जाता है। इसे मुख्य रूप से मैदा, तेल और दूध से बनाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है। Kerala Parotta आमतौर पर वेज और नॉन-वेज करी, खासतौर पर चिकन करी, मटन करी, पनीर मसाला या वेज कोरमा के साथ परोसा जाता है।
Kerala Parottaबनाने में थोड़ा समय और मेहनत जरूर लगती है, लेकिन जब आप इसे घर पर बनाएंगे, तो आपको इसका बेहतरीन स्वाद मिलेगा। इस रेसिपी में हम आपको Kerala Parotta बनाने की पूरी प्रक्रिया विस्तार से बताएंगे, ताकि आप इसे आसानी से घर पर बना सकें।
केरला परोट्टा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
1. परोट्टा के लिए आटा तैयार करने की सामग्री:
2.5 कप मैदा (ऑल-पर्पस फ्लोर)
½ कप दूध (नरमी और अच्छा टेक्सचर देने के लिए)
½ कप पानी (आवश्यकतानुसार)
2 टेबलस्पून तेल या घी
1 टीस्पून चीनी
1 टीस्पून नमक
½ टीस्पून बेकिंग पाउडर (ऐच्छिक)
2. परोट्टा बेलने और पकाने के लिए:
3 टेबलस्पून तेल
थोड़ा सूखा मैदा बेलने के लिए
3. तवे पर पकाने के लिए:
घी या मक्खन
स्टेप-बाय-स्टेप केरला परोट्टा बनाने की विधि
1. परोट्टा के लिए आटा तैयार करना
सबसे पहले एक बड़े बाउल में मैदा, नमक, चीनी और बेकिंग पाउडर डालें और अच्छे से मिलाएं।
अब इसमें दूध और थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए आटा गूंथना शुरू करें।
जब आटा हल्का गीला और चिकना हो जाए, तो इसमें 2 टेबलस्पून तेल डालें और इसे 10-15 मिनट तक अच्छे से गूंथें।
आटे को गूंथने के बाद इसे किसी गीले कपड़े से ढककर कम से कम 1-2 घंटे के लिए रख दें। इससे आटा अच्छे से सेट हो जाएगा और परोट्टा मुलायम बनेगा।
2. लोइयां बनाना और परत तैयार करना
आटे को 6-8 बराबर हिस्सों में बाँट लें और छोटी-छोटी लोइयां बना लें।
अब एक लोई लें और बेलन की मदद से पतली रोटी की तरह बेल लें।
इसके ऊपर हल्का सा तेल लगाएं और सूखा मैदा छिड़कें।
अब इसको एक पतली स्ट्रिप में मोड़ते हुए रोल कर लें (जैसे कागज का पंखा बनाया जाता है)।
फिर इस रोल को घुमाते हुए गोल घोंघे की तरह बना लें और हल्का सा दबा दें।
इसी तरह से सभी लोइयों को तैयार कर लें और इन्हें 15-20 मिनट के लिए फिर से ढककर रख दें।
3. परोट्टा बेलना और पकाना
अब एक लोई लें और हल्के हाथों से बेलकर गोल या ओवल शेप में बना लें।
गैस पर तवा गर्म करें और इस पर बेलकर तैयार किया हुआ परोट्टा डालें।
मध्यम आंच पर इसे हल्का सा सेंक लें और फिर इस पर हल्का सा तेल लगाकर पलट दें।
परोट्टा को दोनों तरफ से सेकते हुए इसके ऊपर तेल या घी लगाएं।
जब परोट्टा सुनहरा और कुरकुरा हो जाए, तो इसे तवे से उतार लें।
अब इसे हल्के हाथों से थपथपाकर परतें अलग करें, जिससे यह फ्लेकी और परतदार बने।
इसी तरह से बाकी सभी परोट्टा बना लें।
केरला परोट्टा को परोसने के तरीके
Kerala Parotta का असली मज़ा तब आता है जब इसे किसी स्वादिष्ट करी या ग्रेवी के साथ परोसा जाता है। आप इसे निम्नलिखित व्यंजनों के साथ खा सकते हैं:
मैदा का सही उपयोग: अगर आप थोड़ा हेल्दी परोट्टा बनाना चाहते हैं, तो मैदे के साथ 50% गेहूं का आटा मिला सकते हैं।
आटा गूंथने में धैर्य रखें: आटे को अच्छे से गूंथना और उसे 1-2 घंटे तक सेट होने देना बहुत जरूरी है, जिससे परोट्टा मुलायम और परतदार बने।
परतों के लिए रोलिंग सही तरीके से करें: बेलने से पहले तेल और सूखा मैदा लगाना जरूरी है ताकि अच्छी परतें बनें।
तवा का सही तापमान: परोट्टा को मध्यम आंच पर पकाएं, ताकि यह बाहर से क्रिस्पी और अंदर से मुलायम बने।
हल्का थपथपाकर परतें खोलें: जब परोट्टा पक जाए, तो इसे हल्के हाथों से थपथपाएं, जिससे परतें अलग हो जाएं और इसका लाजवाब फ्लेकी टेक्सचर बने।
केरला परोट्टा के फायदे और पोषण मूल्य
हालांकि Kerala Parotta मैदे से बनता है और इसमें थोड़ा ज्यादा तेल इस्तेमाल होता है, फिर भी इसका स्वाद इसे खास बनाता है। इसे कभी-कभी खाने में कोई बुराई नहीं है। अगर आप इसे हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो गेहूं के आटे का उपयोग करें।
Kerala Parotta एक शानदार, स्वादिष्ट और कुरकुरा पराठा है, जिसे बनाने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन इसका स्वाद इतना जबरदस्त होता है कि यह मेहनत पूरी तरह से वाजिब लगती है। इसे आप किसी भी ग्रेवी या करी के साथ परोस सकते हैं और दक्षिण भारतीय स्वाद का आनंद ले सकते हैं। अगर आप इसे सही तरीके से बनाएंगे और ऊपर दिए गए टिप्स को फॉलो करेंगे, तो आपको एकदम होटल जैसा Kerala Parotta मिलेगा। तो आज ही घर पर केरला परोट्टा बनाएं और अपने परिवार के साथ इस स्वादिष्ट व्यंजन का मज़ा लें!
नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) कल यानी 2 अप्रैल, 2025 से संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main) सत्र 2 की परीक्षा शुरू करेगी। पेपर 1 (BE/BTech) की परीक्षा 2, 3, 4, 7 और 8 अप्रैल को होगी, जबकि पेपर 2 (BArch/BPlan) की परीक्षा 9 अप्रैल को होगी।
परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को परीक्षा शुरू होने से कम से कम दो घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करना होगा। ट्रैफिक जाम, ट्रेन/बस की देरी या अन्य कारणों से किसी भी तरह की देरी के कारण परीक्षा हॉल में घोषित महत्वपूर्ण निर्देश छूट सकते हैं।
छात्रों को पहचान सत्यापन के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र में अपलोड की गई और एडमिट कार्ड पर उल्लिखित वही फोटो आईडी प्रस्तुत करनी होगी। उम्मीदवारों को ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करना चाहिए और एडमिट कार्ड पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
प्रत्येक उम्मीदवार के पास रोल नंबर के साथ एक निर्दिष्ट सीट होगी; सीट बदलने पर अयोग्यता हो सकती है। उम्मीदवारों को यह सत्यापित करना होगा कि कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित प्रश्नपत्र उनके विषय से मेल खाता है। किसी भी विसंगति की सूचना तुरंत निरीक्षक को दी जानी चाहिए।
प्रवेश पत्र की एक मुद्रित प्रति, साथ ही NTA वेबसाइट से डाउनलोड किया गया स्व-घोषणा पत्र (A4 आकार के कागज़ पर मुद्रित)। एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर (ऑनलाइन आवेदन में अपलोड की गई तस्वीर के समान), जिसे उपस्थिति पत्रक पर चिपकाया जाना है। एक वैध, मूल और समाप्त न हुई फोटो पहचान पत्र, जैसे:
Coconut Chutney दक्षिण भारतीय व्यंजनों की एक महत्वपूर्ण और स्वादिष्ट संगत है, जिसे इडली, डोसा, वड़ा, उपमा और कई अन्य व्यंजनों के साथ परोसा जाता है। यह चटनी नारियल के ताजे स्वाद, हरी मिर्च की तीखापन और तड़के के मसालों की खुशबू का एक बेहतरीन संयोजन होती है। इसे बनाना बहुत ही आसान है और इसे विभिन्न प्रकार से तैयार किया जा सकता है, जैसे हरी धनिया नारियल चटनी, लाल मिर्च Coconut Chutney, टमाटर नारियल चटनी आदि।
Coconut Chutney को बनाने के लिए मुख्य रूप से ताजा नारियल, हरी मिर्च, अदरक, भुनी चना दाल, इमली या नींबू का रस और कुछ मसालों की आवश्यकता होती है। तड़के के लिए सरसों के दाने, करी पत्ते, सूखी लाल मिर्च और हींग का उपयोग किया जाता है, जिससे चटनी का स्वाद और सुगंध और भी बढ़ जाती है।
Coconut Chutney न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। नारियल में मौजूद फाइबर, विटामिन और हेल्दी फैट्स पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखते हैं। इसे बनाकर आप 2-3 दिनों तक फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं। घर पर बनी ताज़ी Coconut Chutney का स्वाद किसी भी होटल या रेस्तरां में मिलने वाली चटनी से कहीं अधिक अच्छा होता है।
सामग्री की तालिका
नारियल की चटनी बनाने की सम्पूर्ण विधि
Coconut Chutney दक्षिण भारतीय व्यंजनों का एक अभिन्न हिस्सा है। इसे डोसा, इडली, वड़ा, उपमा और अन्य स्नैक्स के साथ परोसा जाता है। यह न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि इसे बनाना भी बहुत आसान है। Coconut Chutney कई प्रकार की होती है, जैसे हरी नारियल चटनी, लाल नारियल चटनी और मूंगफली नारियल चटनी। इस विस्तृत लेख में हम आपको घर पर परफेक्ट नारियल चटनी बनाने की विधि बताएंगे।
नारियल की चटनी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
Coconut Chutney बनाने के लिए बहुत ही कम सामग्री की आवश्यकता होती है। यह सामग्री आसानी से घर पर मिल जाती है।
मुख्य सामग्री:
ताजा नारियल – 1 कप (कद्दूकस किया हुआ)
हरी मिर्च – 2-3 (स्वादानुसार)
अदरक – 1 इंच का टुकड़ा
भुनी हुई चना दाल – 2 टेबलस्पून
दही – 2 टेबलस्पून (वैकल्पिक)
इमली का गूदा – 1/2 टीस्पून (वैकल्पिक)
नमक – स्वादानुसार
पानी – आवश्यकतानुसार
तड़के के लिए सामग्री:
सरसों के दाने – 1 टीस्पून
करी पत्ता – 6-7 पत्तियां
सूखी लाल मिर्च – 1
हींग – 1 चुटकी
तेल – 1 टेबलस्पून
नारियल की चटनी बनाने की विधि
चरण 1: सामग्री को तैयार करें
ताजा नारियल को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें या कद्दूकस कर लें।
हरी मिर्च और अदरक को काट लें ताकि पीसने में आसानी हो।
अगर आपके पास भुनी हुई चना दाल नहीं है, तो आप इसे हल्का सा भून लें।
चरण 2: चटनी को पीसना
मिक्सर जार में कद्दूकस किया हुआ नारियल डालें।
हरी मिर्च, अदरक, भुनी हुई चना दाल और नमक डालें।
इमली का गूदा या दही डालें (यह स्वाद को बढ़ाने का काम करेगा, लेकिन वैकल्पिक है)।
अब इसमें थोड़ा पानी डालें और अच्छे से पीस लें।
जरूरत के अनुसार और पानी डालकर चटनी को स्मूथ बना लें।
चरण 3: चटनी में तड़का लगाना
एक छोटे पैन में तेल गर्म करें।
उसमें सरसों के दाने डालें और जब वे चटकने लगे तो करी पत्ता और सूखी लाल मिर्च डालें।
अब इसमें एक चुटकी हींग डालें और गैस बंद कर दें।
इस तड़के को तैयार की गई चटनी में डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
नारियल की चटनी के विभिन्न प्रकार
Coconut Chutney कई प्रकार से बनाई जा सकती है। इसमें कुछ बदलाव करके अलग-अलग स्वाद की चटनी तैयार की जा सकती है।
1. हरी नारियल चटनी
हरी Coconut Chutney को बनाने के लिए धनिया पत्ती और पुदीना पत्ती मिलाई जाती हैं। यह चटनी स्वाद में ताज़गी देती है और मसालेदार होती है।
2. लाल नारियल चटनी
इस चटनी को बनाने के लिए सूखी लाल मिर्च का उपयोग किया जाता है। यह तीखी और चटपटी होती है, जो मसालेदार खाने के शौकीनों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
3. मूंगफली नारियल चटनी
Coconut Chutney में नारियल के साथ मूंगफली डाली जाती है। यह स्वाद में और भी अधिक क्रीमी और गाढ़ी होती है।
4. टमाटर नारियल चटनी
Coconut Chutney में नारियल के साथ टमाटर का भी उपयोग किया जाता है। यह हल्की खटास लिए होती है और इसे डोसा और इडली के साथ परोसा जाता है।
नारियल की चटनी के साथ खाने के बेहतरीन विकल्प
इडली – यह चटनी इडली के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है।
डोसा – मसाला डोसा या साधारण डोसा के साथ यह चटनी एकदम परफेक्ट लगती है।
वड़ा – नारियल चटनी और सांभर के साथ वड़ा बहुत ही स्वादिष्ट लगता है।
उपमा – यह चटनी उपमा के साथ भी बढ़िया लगती है।
रवा डोसा – कुरकुरे रवा डोसा के साथ नारियल चटनी खाने का मजा ही अलग होता है।
ताजा नारियल की चटनी ज्यादा देर तक ताजा नहीं रहती, इसलिए इसे फ्रिज में रखना जरूरी होता है।
इसे एयरटाइट कंटेनर में भरकर 2 दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
अगर चटनी को ज्यादा दिन तक रखना हो, तो इसे फ्रीजर में स्टोर किया जा सकता है।
नारियल की चटनी को स्वादिष्ट बनाने के कुछ खास टिप्स
ताजा नारियल का उपयोग करें – सूखे नारियल की तुलना में ताजा नारियल से बनी चटनी का स्वाद बेहतर होता है।
चना दाल भूनकर डालें – इससे चटनी का स्वाद और भी बेहतरीन हो जाता है।
इमली का हल्का स्वाद दें – अगर हल्की खटास पसंद हो, तो इमली का गूदा या दही डालें।
गाढ़ापन संतुलित रखें – चटनी बहुत ज्यादा पतली या गाढ़ी नहीं होनी चाहिए, इसलिए पानी की मात्रा संतुलित रखें।
तड़का लगाना न भूलें – तड़का लगाने से चटनी का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।
Coconut Chutney बनाने में बेहद आसान होती है और यह किसी भी दक्षिण भारतीय डिश के स्वाद को बढ़ाने का काम करती है। इसे आप अपनी पसंद के अनुसार अलग-अलग तरीकों से बना सकते हैं। सही सामग्री और विधि का उपयोग करके आप घर पर ही होटल जैसी स्वादिष्ट नारियल चटनी बना सकते हैं। अब जब आपने Coconut Chutney बनाने की पूरी विधि सीख ली है, तो इसे घर पर बनाकर जरूर ट्राई करें और अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें!
Abir Gulaal Teaser: पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान आठ साल बाद बॉलीवुड में वापसी कर रहे हैं। फिल्म का टाइटल 2024 में घोषित किया गया था अब उनकी अपकमिंग फिल्म ‘अबीर गुलाल’ का टीजर रिलीज हो गया है। पाकिस्तानी स्टार रोमांटिक कॉमेडी में बॉलीवुड एक्ट्रेस वाणी कपूर के साथ नजर आएंगे। फिल्म की शूटिंग 29 सितंबर को लंदन में शुरू हुई थी। इस फिल्म का निर्देशन आरती एस बागरी करेंगी। वहीं, इसे विवेक अग्रवाल, अवंतिका हरि और राकेश सिप्पी प्रोड्यूस करेंगे।
मंगलवार को निर्माताओं ने फिल्म Abir Gulaal का टीजर जारी किया, जिसमें फवाद लंदन की बारिश के बीच ट्रैफिक में फंसी कार में वाणी के सामने अपनी गायकी का हुनर दिखाते नजर आ रहे हैं। टीजर के अंत में वाणी फवाद से पूछती हैं कि क्या वह उनके साथ फ्लर्ट कर रहे हैं। इसके जवाब में फवाद कहते हैं, ‘क्या आप चाहते हैं कि मैं ऐसा करूं।’
वाणी-फवाद का रोमांटिक पोस्टर
Abir Gulaal से बॉलीवुड में लौटे फवाद खान, वाणी कपूर संग आएंगे नजर
मेकर्स ने पिछले साल फिल्म की घोषणा करते हुए यह फोटो शेयर की थी जिसमें फवाद खान और वाणी कपूर साथ नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म की शूटिंग अक्टूबर और नवंबर 2024 के महीने में यूके में की गई है। इसके सपोर्टिंग कास्ट में भारत और यूके के कई बेहतरीन कलाकार नजर आएंगे। बॉलीवुड के एक प्रमुख संगीतकार ने इस फिल्म के लिए पहले ही 6 ओरिजिनल ट्रैक तैयार कर लिए हैं जिन्हें बॉलीवुड के मशहूर गायकों ने गाया है। हालांकि, अभी तक इसके बारे में जानकारी साझा नहीं की गई है।
फवाद खान की ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ की भारत में रिलीज पर विवाद
Abir Gulaal से बॉलीवुड में लौटे फवाद खान, वाणी कपूर संग आएंगे नजर
पिछले साल फवाद की फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ को लेकर देश में काफी विवाद हुआ था। यह फिल्म देश में 2 अक्टूबर को रिलीज होनी थी। हालांकि, कई शहरों में हुए उग्र विरोध के बाद इसे रिलीज नहीं किया गया। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संस्थापक अध्यक्ष राज ठाकरे ने फिल्म की रिलीज का कड़ा विरोध किया और कहा कि वह किसी भी हालत में महाराष्ट्र में पाकिस्तानी कलाकार की फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे।
फवाद की बॉलीवुड फिल्म
Abir Gulaal से बॉलीवुड में लौटे फवाद खान, वाणी कपूर संग आएंगे नजर
फवाद की आखिरी बॉलीवुड फिल्म 2016 में रिलीज हुई रणबीर कपूर स्टारर ‘ऐ दिल है मुश्किल’ थी। इससे पहले भी वह 2016 में रिलीज हुई ‘कपूर एंड संस’ और 2014 में रिलीज हुई ‘खूबसूरत’ में काम कर चुके हैं। अब वह आठ साल बाद भारत में वापसी करेंगे।
Curd कई घरों में एक महत्वपूर्ण आहार है, जो अपने प्रोबायोटिक गुणों, ठंडक प्रभाव और कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इसे रायता, स्मूदी या साधारण रूप में खाने का आनंद लिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खाद्य पदार्थों के साथ दही का सेवन स्वास्थ्य और त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है? हां, कुछ खाद्य संयोजन पाचन समस्याओं, त्वचा रोगों और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
सामग्री की तालिका
यदि आप दही पसंद करते हैं, तो आपको इसे किसके साथ खा रहे हैं, इस पर ध्यान देना चाहिए। यहां पांच चीजें बताई गई हैं, जिन्हें दही के साथ कभी नहीं खाना चाहिए और इसके नुकसान के कारण।
1. प्याज – विषैला संयोजन
प्याज और Curd का संयोजन रायता के लिए उपयुक्त लग सकता है, लेकिन यह वास्तव में हानिकारक हो सकता है। प्याज और दही दोनों ही अपने आप में फायदेमंद होते हैं, लेकिन साथ में यह कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
क्यों न खाएं?
प्याज शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है, जबकि दही ठंडा होता है, जिससे पाचन में असंतुलन हो सकता है।
यह त्वचा एलर्जी और चकत्ते का कारण बन सकता है।
गैस, सूजन और अपच जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
2. आम – त्वचा समस्याओं का कारण
गर्मियों में आम और Curd दोनों पसंद किए जाते हैं, लेकिन इन्हें एक साथ खाने से स्वास्थ्य और त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
क्यों न खाएं?
आम और Curd का संयोजन त्वचा पर फुंसियां, मुंहासे और चकत्ते पैदा कर सकता है।
आम स्वाभाविक रूप से मीठा और भारी होता है, जबकि दही अम्लीय होता है, जिससे पेट में किण्वन (fermentation) और अपच हो सकता है।
शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं, जिससे त्वचा की चमक कम हो सकती है।
3. मछली – पाचन तंत्र के लिए खतरनाक
मछली और Curd का संयोजन कई व्यंजनों में देखा जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
क्यों न खाएं?
मछली में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जबकि दही एक डेयरी उत्पाद है; इनका एक साथ सेवन एलर्जी प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकता है।
अपच, सूजन और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
दूध और समुद्री भोजन का संयोजन त्वचा रोगों जैसे दाग-धब्बे, एक्जिमा और खुजली का कारण बन सकता है।
Curd ठंडा और मछली गर्म होती है, जिससे शरीर में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।
आयुर्वेद में भोजन संगतता (Viruddha Ahara) पर विशेष जोर दिया गया है। गलत खाद्य संयोजन शरीर में विषाक्त पदार्थों के संचय का कारण बन सकता है, जिससे पाचन, चयापचय (metabolism), त्वचा स्वास्थ्य और संपूर्ण कल्याण प्रभावित हो सकता है। उपरोक्त पांच खाद्य पदार्थों को दही के साथ असंगत माना गया है क्योंकि उनकी ऊर्जा और पाचन प्रक्रिया परस्पर विरोधी होती हैं।
स्वस्थ विकल्प और संयोजन
इन हानिकारक संयोजनों के बजाय, Curd का आनंद लेने के लिए कुछ स्वस्थ विकल्प अपनाएं:
दही के साथ शहद और फल: केले, सेब, या अनार के साथ दही का सेवन एक पौष्टिक स्नैक के रूप में करें।
दही के साथ मेवे: बादाम, अखरोट और अलसी के बीज दही में मिलाकर इसके पोषण मूल्य को बढ़ा सकते हैं।
दही में मसाले डालें: काला नमक, जीरा या हल्दी मिलाकर दही का सेवन पाचन को बेहतर बना सकता है।
दही और चावल: यह एक सरल और सुपाच्य भोजन है, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
निष्कर्ष
Curd पोषण से भरपूर होता है, लेकिन गलत खाद्य पदार्थों के साथ इसका सेवन आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। प्याज, आम, मछली, दूध और उड़द दाल के साथ दही का सेवन करने से बचें, ताकि आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहे और त्वचा दमकती रहे। भोजन संगतता का ध्यान रखें ताकि आप अपने आहार का अधिकतम लाभ उठा सकें।
Delhi, जो अपनी जीवंत नाइटलाइफ़ और पार्टी कल्चर के लिए जानी जाती है, अब एक सूखा दौर देखने वाली है। अगर आप अपने पसंदीदा ड्रिंक्स स्टॉक करने की योजना बना रहे हैं, तो अपने कैलेंडर को चिह्नित कर लें क्योंकि अप्रैल, मई और जून के कुछ दिनों में शराब की बिक्री सख्ती से प्रतिबंधित होगी। सोच रहे हैं क्यों? जानने के लिए आगे पढ़ें!
सामग्री की तालिका
ड्राई डे क्या होते हैं?
ड्राई डे वे विशेष दिन होते हैं जब सरकार द्वारा शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाता है। ये दिन आमतौर पर धार्मिक त्योहारों, राष्ट्रीय उत्सवों या चुनावों के कारण मनाए जाते हैं। भले ही ड्राई डे पार्टी प्रेमियों के लिए असुविधाजनक लग सकते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना, सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान करना है।
अप्रैल, मई और जून 2024 में ये 5 ड्राई डे
अगर आप अपने वीकेंड पार्टीज़ या कभी-कभार शराब का आनंद लेना पसंद करते हैं, तो इन तारीखों को ध्यान में रखें:
17 अप्रैल 2024 (राम नवमी) – भगवान राम के जन्म का यह महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। धार्मिक भावनाओं के सम्मान में शराब की दुकानें बंद रहती हैं।
21 अप्रैल 2024 (महावीर जयंती) – यह जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, और श्रद्धा के प्रतीक के रूप में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
23 मई 2024 (बुद्ध पूर्णिमा) – भगवान बुद्ध के जन्मदिन को समर्पित यह दिन भारत भर में बौद्धों द्वारा मनाया जाता है।
4 जून 2024 (लोकसभा चुनाव के मतदान दिवस) – निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए शराब की दुकानें बंद रहती हैं।
20 जून 2024 (ईद-उल-अजहा/बकरीद) – इस प्रमुख इस्लामिक त्योहार के अवसर पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित होती है।
चुनाव के दौरान, ड्राई डे यह सुनिश्चित करता है कि शराब का उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए न किया जाए।
धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने में मदद मिलती है।
जिम्मेदार पीने की आदतों को बढ़ावा देना:
कभी-कभी ड्राई डे नियमित शराब पीने वालों को संयम बरतने के लिए प्रेरित करता है।
परिवार के लोग इन दिनों को शांतिपूर्ण उत्सव मनाने के अवसर के रूप में अपनाते हैं।
सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना:
शराब के कम सेवन से नशे में गाड़ी चलाने और शराब से संबंधित हिंसा के मामलों में कमी आती है।
प्रमुख सार्वजनिक आयोजनों के दौरान कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भीड़ प्रबंधन में आसानी होती है।
आपके लिए इसका क्या मतलब है?
पहले से योजना बनाएं: यदि आप किसी विशेष अवसर या समारोह की योजना बना रहे हैं, तो आखिरी समय की निराशा से बचने के लिए पहले से शराब स्टॉक कर लें।
रेस्टोरेंट और बार से जांच करें: शराब की दुकानें बंद रहेंगी, लेकिन कई बार और रेस्टोरेंट शराब परोस सकते हैं जब तक कि उन पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध न लगाया गया हो।
कठोर दंड से बचें: ड्राई डे पर अवैध रूप से शराब खरीदने या बेचने का प्रयास करने पर भारी कानूनी परिणाम हो सकते हैं, जिसमें जुर्माना और जेल भी शामिल है।
Delhi: अगर आप शराब का आनंद लेते हैं लेकिन ड्राई डे के कारण विकल्प खोज रहे हैं, तो यहां कुछ मज़ेदार विकल्प दिए गए हैं:
मॉकटेल नाइट: वर्जिन मोजिटो, फ्रूट पंच और आइस्ड टी जैसे नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक्स से क्रिएटिव बनें।
गेम या मूवी नाइट: परिवार या दोस्तों के साथ मूवी देखने या बोर्ड गेम खेलने में समय बिताएं।
Delhi के फ़ूड सीन का आनंद लें: Delhi का जीवंत स्ट्रीट फ़ूड और कैफे कल्चर रात को बाहर जाने का एक शानदार विकल्प हो सकता है।
डिटॉक्स करने की कोशिश करें: इसे अपने सिस्टम को साफ करने और शराब से एक स्वस्थ ब्रेक लेने के अवसर के रूप में अपनाएं।
अंतिम विचार
Delhi: हालांकि ड्राई डे कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक लग सकते हैं, लेकिन वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने और विविध सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करने के लिए आवश्यक हैं। चाहे वह धार्मिक त्योहार हो, चुनाव हो, या राष्ट्रीय आयोजन, ये शराब मुक्त दिन एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। इसलिए, पहले से योजना बनाएं, मज़े के वैकल्पिक तरीके अपनाएं और मौके की भावना को अपनाएं!
इन तारीखों को अपने कैलेंडर में चिह्नित करें और सुनिश्चित करें कि आपकी पार्टी की योजनाएं अच्छी तरह से सोची-समझी हों। (बिना ड्रिंक्स के भी) अच्छे समय के लिए चियर्स!
केंद्र सरकार संसद के बजट सत्र में बुधवार को Waqf Amendment Bill पेश करेगी। मंगलवार को हुई लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक पर आठ घंटे की चर्चा तय की गई है। हालांकि, कांग्रेस ने 12 घंटे की चर्चा की मांग की।
आज के सत्र में विपक्षी दलों की ओर से भारी हंगामा हुआ, कई नेताओं ने विरोध में संसद से वॉकआउट किया। लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वक्फ संशोधन विधेयक पर कल दोपहर 12:15 बजे से चर्चा शुरू होगी। सरकार कल के सत्र में इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब देगी।
प्रश्नकाल के बाद पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयक
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वह प्रश्नकाल के बाद संसद में Waqf विधेयक पेश करेंगे। रजिजू ने कहा, “लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में मैंने समिति के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि कल, 2 अप्रैल को हम वक्फ संशोधन विधेयक ला रहे हैं और इसके लिए हमें चर्चा के लिए समय आवंटित करना होगा। अंत में, इस बात पर सहमति बनी कि वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए कुल आठ घंटे का समय आवंटित किया जाएगा, जिसे सदन की राय जानने के बाद बढ़ाया जा सकता है।”
Waqf विधेयक 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और तब से इस विधेयक के विरोध में देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्षी नेताओं द्वारा भारी असहमति के बाद, वक्फ विधेयक को समीक्षा और चर्चा के लिए 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया, जिसमें 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा सदस्य शामिल थे। समिति को विधेयक की जांच करने और शीतकालीन सत्र, 2024 के अंतिम सप्ताह तक अपने निष्कर्षों की रिपोर्ट देने का प्रभार दिया गया था।
संयुक्त समिति ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 655 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी।
वक्फ बोर्डों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से दो विधेयक, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024, लोकसभा में पेश किए गए। संशोधन विधेयक का उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना है।
Gujarat के बनासकांठा जिले के डीसा कस्बे के पास एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को भीषण आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, आग लगने के बाद कई विस्फोट हुए, जिससे फैक्ट्री के कई हिस्से ढह गए। मलबे में कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है।
डीसा ग्रामीण पुलिस थाने के इंस्पेक्टर विजय चौधरी ने बताया, “डीसा नगरपालिका के दमकलकर्मी मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान चला रहे हैं।” “आज सुबह हमें डीसा के औद्योगिक क्षेत्र में एक बड़े विस्फोट की सूचना मिली। दमकल विभाग मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाया।
घटना स्थल पर ही पांच मजदूरों की मौत हो गई। चार घायल मजदूरों को अलग-अलग अस्पतालों में रेफर किया गया। विस्फोट इतना भीषण था कि फैक्ट्री का स्लैब ढह गया। हम तलाशी अभियान चला रहे हैं।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई है, जबकि छह घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया है। अधिकारी आग लगने के कारणों की जांच कर रहे हैं।
प्रसिद्ध उपदेशक Bajinder Singh, जो अक्सर ‘येशु येशु पैगम्बर’ प्रचार के लिए जाने जाते हैं, को 2018 के बलात्कार मामले में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला उस समय सामने आया था जब एक महिला ने उन पर यौन शोषण और बलात्कार का आरोप लगाया था। अदालत ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर सिंह को दोषी ठहराया और सख्त सजा सुनाई।
यह मामला भारत में धार्मिक उपदेशकों द्वारा किए गए अपराधों पर एक महत्वपूर्ण मिसाल पेश करता है। Bajinder Singh लंबे समय से धार्मिक प्रचार और चमत्कारी उपचार के दावों के लिए चर्चित रहे हैं, लेकिन इस फैसले के बाद उनकी छवि पर गहरा असर पड़ा है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, और ऐसे अपराधों में कठोर सजा आवश्यक है ताकि समाज में न्याय और कानून का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
धारा 376 के तहत Bajinder Singh दोषी करार
पादरी Bajinder Singh को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया है।
पिछले सप्ताह मोहाली की अदालत ने 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में पादरी Bajinder Singh को दोषी करार दिया था। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मामले की पीड़िता ने कहा, “वह (Bajinder Singh) एक मनोरोगी है और जेल से बाहर आने के बाद भी यही अपराध करेगा, इसलिए मैं चाहती हूं कि वह जेल में ही रहे। आज बहुत सी लड़कियों (पीड़ितों) की जीत हुई है। मैं डीजीपी से अनुरोध करती हूं कि वे हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें क्योंकि हम पर हमले की संभावना है।”
पीड़िता के पति, जिन्होंने सात साल तक केस लड़ा, ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। “हमने इस केस के लिए सात साल तक संघर्ष किया। Bajinder Singh कोर्ट को गुमराह करता था और विदेश यात्राएं करता था, जबकि कोर्ट के आदेश उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं देते थे। मुझ पर फर्जी एफआईआर दर्ज की गई, हम पर हमला किया गया, मैंने छह महीने जेल में बिताए और फिर मैंने उसे सजा दिलाने का निश्चय किया। हमें न्यायपालिका पर भरोसा था। मैं चाहता हूं कि उसे कड़ी सजा मिले। छह आरोपी थे, उनमें से पांच पर केस खारिज हो चुका है और पादरी बजिंदर को दोषी ठहराया गया है। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं,” उन्होंने कहा।
पीड़िता के वकील अनिल सागर ने अनुकरणीय सजा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मामले की परिस्थितियों के आधार पर बलात्कार के अपराध के लिए 10-20 साल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में मैं सबसे अधिक सजा की प्रार्थना करता हूं, क्योंकि यह व्यक्ति धर्म के नाम पर लोगों को बहकाता था। उसे ऐसी सजा देना जरूरी है जो मिसाल बने। मुझे उम्मीद है कि इसके बाद ऐसे अपराधों का सामना करने वाली लड़कियां सामने आएंगी और अत्याचारों के बारे में बताएंगी।”
2018 में क्या हुआ था
2018 में जीरकपुर थाने में एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में उसने आरोप लगाया कि Bajinder Singh ने उसे विदेश ले जाने का वादा करके बहलाया और मोहाली के सेक्टर 63 में अपने आवास पर उसके साथ बलात्कार किया और इसका वीडियो बना लिया।
उसने आगे आरोप लगाया कि आरोपी ने धमकी दी थी कि अगर वह उसकी मांगें नहीं मानेगी तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देगा। घटना कथित तौर पर एक प्रार्थना सत्र के बाद हुई, जहां कौर ने दावा किया कि उसके साथ और अन्य लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और शारीरिक रूप से हमला किया गया।
इस मामले पर बोलते हुए, डीएसपी मोहित कुमार अग्रवाल ने कहा, “शिकायतकर्ता रंजीत कौर और तीन-चार अन्य लोगों ने हमें बताया है कि प्रार्थना के बाद उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और उनके साथ मारपीट की गई। उसने शिकायत दर्ज कराई है और उसका बयान दर्ज किया गया है। तदनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
इससे पहले, कौर ने अपनी आपबीती बताते हुए आरोप लगाया कि जब उसने सभा में मौजूद एक अन्य व्यक्ति पर हमले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उस पर हमला किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी जिसमें Sambhal की शाही जामा मस्जिद समिति को सफेदी का खर्च वहन करने का निर्देश दिया गया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शाही जामा मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी का काम करवाया था और मस्जिद समिति को इस काम का खर्च वहन करने के लिए कहा गया था। मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया और कोर्ट ने एएसआई के पक्ष में फैसला सुनाया।
यह मामला तब चर्चा में आया जब कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने मस्जिद की सफेदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, उनका कहना था कि ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण इस धार्मिक स्थल का बाहरी स्वरूप बदलना उचित नहीं है। उन्होंने सफेदी को एक धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा था और यह तर्क दिया था कि इसे संरक्षित किया जाना चाहिए, ताकि इसके ऐतिहासिक मूल्य में कोई कमी न आए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि मस्जिद समिति को ही इस कार्य को अंजाम देने का अधिकार और जिम्मेदारी है। अदालत ने मस्जिद के प्रबंधन में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता को नकारते हुए यह भी कहा कि यह विवाद स्थानीय स्तर पर सुलझाया जा सकता है।
Sambhal हिंसा
Sambhal शाही जामा मस्जिद की सफेदी का निर्देश मस्जिद के इतिहास पर कानूनी विवाद के बीच दिया गया था, एक याचिका के बाद जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर पर बनाई गई थी। पिछले साल 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल में बड़े दंगे भड़क उठे थे, जब अदालत ने मस्जिद का एएसआई सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। अदालत के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़के। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए।
12 मार्च को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएसआई को एक सप्ताह के भीतर मस्जिद की बाहरी दीवारों की सफेदी पूरी करने का निर्देश दिया, साथ ही एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट के बारे में शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा उठाई गई आपत्तियों की भी समीक्षा की।
एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट के खिलाफ शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर सुनवाई करते हुए, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मार्च को एएसआई को एक सप्ताह के भीतर मस्जिद की बाहरी दीवार की सफेदी करने और उसे पूरा करने का निर्देश दिया था। मस्जिद समिति ने विवादित ढांचे के बाहर सफेदी, अतिरिक्त रोशनी और सजावटी लाइट लगाने की भी अनुमति मांगी थी।
न्यायालय के आदेश के बाद, एएसआई की टीमों ने 13 मार्च को माप और आकलन किया, जिसके बाद जीर्णोद्धार कार्य चल रहा था और कुछ दिन पहले यह काम पूरा हो गया।
Salman Khan ने सोमवार (31 मार्च) को अपने दोस्तों और सहकर्मियों के लिए ईद की पार्टी रखी। उनके परिवार के सदस्यों से लेकर करीबी दोस्तों तक सभी इसमें शामिल हुए। पारंपरिक पठान कुर्ता छोड़कर सलमान खान ने जैकेट और कार्टून-पैंट पहना था। सलमान खान के भाई अरबाज और उनकी पत्नी शूरा पार्टी में नजर आए।
सोहेल खान ने अपने छोटे बेटे योहान के साथ रेड कार्पेट पर पोज दिया। अन्य उपस्थित लोगों में नीलम, सोफी चौधरी, शमिता शेट्टी, बॉबी देओल की पत्नी तान्या देओल शामिल थी। सलमान खान की भतीजी अलीजेह अग्निहोत्री, सोहेल खान के बड़े बेटे निरवान भी पार्टी में नजर आए।
2010 में दबंग में सलमान खान के साथ अपनी शुरुआत करने वाली सोनाक्षी सिन्हा अपने पति जहीर इकबाल के साथ पहुंचीं। वे सभी रेड कार्पेट पर मुस्कुराते हुए नजर आए। नेहा धूपिया और अंगद बेदी ने भी रेड कार्पेट पर स्टाइलिश अंदाज में उपस्थिति दर्ज कराई। शब्बीर अहलूवालिया और कांची कौल पार्टी में पहुंचे।
Salman Khan की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म
Salman Khan की फिल्म सिकंदर रविवार (30 मार्च) को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म को औसत समीक्षा मिली। रिलीज के पहले दो दिनों में इसने 55 करोड़ रुपये कमाए। फिल्म ने सलमान की पिछली ईद रिलीज किसी का भाई किसी की जान की कमाई को पीछे छोड़ दिया, लेकिन यह टाइगर जिंदा है की शुरुआती कमाई से पीछे रह गई।
इस फिल्म में सलमान खान ने एआर मुरुगादॉस के साथ भी पहली बार काम किया, जिन्होंने इससे पहले 2008 की ब्लॉकबस्टर गजनी में आमिर खान को निर्देशित किया था। सलमान और रश्मिका के अलावा, फिल्म में काजल अग्रवाल, सत्यराज और शरमन जोशी मुख्य भूमिकाओं में हैं।
नई दिल्ली: सलमान खान ने ईद पर रिलीज हुई अपनी फिल्म Sikandar के साथ शानदार वापसी की है। फिल्म रविवार (30 मार्च) को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। ईद के मौके पर रिलीज के पहले सोमवार को फिल्म ने सभी भाषाओं में 29 करोड़ रुपये कमाए। फिल्म ने पहले दिन 26 करोड़ रुपये कमाए, जिससे घरेलू बॉक्स ऑफिस पर इसकी कुल कमाई 55 करोड़ रुपये हो गई।
सकनिल्क के अनुसार, फिल्म ने दोपहर के शो में 26.70 प्रतिशत दर्शकों को आकर्षित किया, इसके बाद शाम के शो में 30.18 प्रतिशत और रात के शो में 33.12 प्रतिशत दर्शकों ने फिल्म देखी। सकनिल्क के अनुसार, सोमवार को सिकंदर की हिंदी ऑक्यूपेंसी कुल 24.60 प्रतिशत रही।
सलमान खान की ईद पर रिलीज हुई फिल्म Sikandar को औसत समीक्षा मिली। फिल्म समीक्षक सैबल चटर्जी ने फिल्म को 5 में से 2 स्टार दिए और लिखा, “यह फूला हुआ एक्शन वाला, जो राजकोट और मुंबई के बीच बारी-बारी से चलता है, सलमान खान की जवान का संस्करण बनने की आकांक्षा रखता है। यह अपनी भलाई के लिए बहुत सारे मोर्चे खोलता है और अपनी लाइनें गड़बड़ा जाता है।
Sikandar के बारे में
Sikandar में सलमान खान और रश्मिका मंदाना ने पहली बार स्क्रीन पर काम किया। इस फिल्म में सलमान खान ने एआर मुरुगादॉस के साथ भी पहली बार काम किया, जिन्होंने इससे पहले 2008 की ब्लॉकबस्टर गजनी में आमिर खान को निर्देशित किया था। सलमान और रश्मिका के अलावा, फिल्म में काजल अग्रवाल, सत्यराज और शरमन जोशी मुख्य भूमिकाओं में हैं।
इस फिल्म को साजिद नाडियाडवाला की नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट ने वित्तपोषित किया है। इस फिल्म ने सलमान खान की पिछली ईद रिलीज किसी का भाई किसी की जान को पीछे छोड़ दिया, जिसने अपने पहले दिन 15 करोड़ रुपये कमाए थे। लेकिन सिकंदर टाइगर ज़िंदा है के शुरुआती कलेक्शन को पीछे नहीं छोड़ सका।
Madhya Pradesh सरकार ने 1 अप्रैल, 2025 से 19 धार्मिक शहरों और ग्राम पंचायतों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। जन आस्था का सम्मान करने और नशामुक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिए गए इस निर्णय को राज्य मंत्रिमंडल ने 24 जनवरी, 2025 को लोकमाता अहिल्याबाई की नगरी महेश्वर में एक बैठक के दौरान मंजूरी दी थी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस कदम को धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने और आध्यात्मिक महत्व के क्षेत्रों में शराब के सेवन को हतोत्साहित करने की दिशा में एक “ऐतिहासिक कदम” बताया। शराब पर प्रतिबंध एक नगर निगम, छह नगर पालिका परिषदों, छह नगर परिषदों और छह ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा, जो महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व के क्षेत्रों को कवर करेंगे।
Madhya Pradesh सरकार ने नशामुक्ति को बढ़ावा देने और शासन को जन भावना, सांस्कृतिक मूल्यों और धार्मिक विरासत के साथ जोड़ने की एक बड़ी पहल के हिस्से के रूप में यह निर्णय लिया है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि लाखों भक्तों की मान्यताओं का सम्मान करते हुए पूजा स्थल और तीर्थस्थल शराब मुक्त क्षेत्र बने रहें। सीएम यादव ने कहा, “यह निर्णय लोगों की पवित्र स्थलों के प्रति आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है। यह नशामुक्ति और हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में एक कदम है।”
Madhya Pradesh के इन धार्मिक शहरों में शराब पर प्रतिबंध लागू
उज्जैन – भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का घर।
ओंकारेश्वर – एक अन्य ज्योतिर्लिंग के साथ एक प्रमुख तीर्थ स्थल।
महेश्वर – रानी अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ा एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर।
मंडलेश्वर – नर्मदा नदी के किनारे अपने मंदिरों और घाटों के लिए जाना जाता है।
ओरछा – राम राजा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है।
मैहर – श्रद्धेय शारदा देवी मंदिर का घर।
चित्रकूट – भगवान राम के वनवास से जुड़ा एक धार्मिक स्थल।
दतिया – एक प्रमुख शक्ति मंदिर पीताम्बरा पीठ की सीट।
पन्ना – मंदिरों और वन्यजीव अभयारण्यों के लिए जाना जाता है।
मंडला – सतधारा का घर, गोंड आदिवासी समुदाय के लिए एक पवित्र स्थल।
मुलताई – ताप्ती नदी का उद्गम।
मंदसौर – पशुपतिनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध।
अमरकंटक-नर्मदा नदी का उद्गम स्थल, एक प्रमुख तीर्थस्थल।
प्रतिबंध में शामिल ग्राम पंचायतें:
सलकनपुर
कुण्डलपुर
बांदकपुर
बरमानकलां
बरमानखुर्द
लिंग
इस कदम के साथ, Madhya Pradesh कई अन्य भारतीय राज्यों में शामिल हो गया है, जिन्होंने धार्मिक या सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शराब निषेध नीतियाँ लागू की हैं। शराब प्रतिबंध का उद्देश्य शराब पर निर्भरता को कम करते हुए अधिक अनुशासित, आस्था-आधारित समाज को बढ़ावा देना है।
Bengaluru (कर्नाटक): बृहत Bengaluru महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने “कचरा उपकर” लागू किया है, जिसके तहत Bengaluru के निवासियों को 1 अप्रैल से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन उपयोगकर्ता शुल्क देना होगा।
दूध, बिजली की दरों में बढ़ोतरी के बाद, बीबीएमपी ने अब एक नया कर लागू करने का फैसला किया है। बीबीएमपी ने हर महीने कचरा और निपटान की लागत बढ़ाने का फैसला किया है और आज से Bengaluru में “कचरा उपकर” लागू किया जा रहा है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कंपनी अब हर महीने कचरे पर उपकर लगाएगी। दुकानों, होटलों और आवासीय भवनों के लिए अलग-अलग तरह के कर लगाए जा रहे हैं।
Bengaluru में कचरा निपटान महंगा, BBMP ने लगाया ‘कचरा उपकर’
बीबीएमपी के अनुसार, होटलों को पहले प्रति किलो कचरे पर 5 रुपये का भुगतान करना पड़ता था। उपकर अब बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया गया है।
आवासीय भवनों के लिए उपकर की दर भवन के वर्ग फुट के हिसाब से तय की गई है। 600 वर्ग फुट तक के भवनों को 10 रुपये प्रतिमाह तथा 600 वर्ग फुट से 1000 वर्ग फुट तक के भवनों को 50 रुपये प्रतिमाह देने होंगे।
1000-2000 वर्ग फुट तक के भवनों को 100 रुपये प्रतिमाह तथा 2000-3000 वर्ग फुट तक के भवनों को 150 रुपये प्रतिमाह देने होंगे।
3000-4000 वर्ग फुट तक के भवनों के लिए 200 रुपये प्रतिमाह तथा 4000 वर्ग फुट से अधिक के भवनों के लिए 400 रुपये प्रतिमाह वसूले जाएंगे।
बीबीएमपी संपत्ति कर में सालाना कचरा कर का भुगतान करेगी। बीबीएमपी के नए फैसले से सालाना 600 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। यह खजाने को भरने के लिए विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने के लिए आगे आई है।
Bengaluru में ‘कचरा उपकर’ पर BJP का हमला, नंदिनी दूध की कीमत बढ़ाने के फैसले का बचाव
Bengaluru में कचरा निपटान महंगा, BBMP ने लगाया ‘कचरा उपकर’
कर्नाटक के एलओपी और भाजपा विधायक आर अशोक ने ‘कचरा उपकर’ लागू करने के लिए सरकार की आलोचना की। इस कर को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर निशाना साधते हुए अशोक ने सवाल उठाया कि क्या यह “मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने” के लिए वसूला जा रहा है।
ಬೆಂಗಳೂರಿನ ಕಸ ವಿಲೇವಾರಿ ಮಾಡುವಲ್ಲಿ ವಿಫಲವಾಗಿ, ಸಿಲಿಕಾನ್ ಸಿಟಿಯನ್ನು ಗಾರ್ಬೇಜ್ ಸಿಟಿ ಮಾಡಿದ್ದ @INCKarnataka ಸರ್ಕಾರ ಇದೀಗ ಕಸ ಸಂಗ್ರಹಣೆಗೂ ಶುಲ್ಕ ಫಿಕ್ಸ್ ಮಾಡಿದೆ.
ಬೆಂಗಳೂರು ಸಿಟಿಯನ್ನು ಕಸಮುಕ್ತ ಸಿಟಿಯನ್ನಾಗಿಸುವುದಾಗಿ ಹೇಳಿ ಕಸ ವಿಲೇವಾರಿ ಹೆಸರಲ್ಲಿ ಬೊಕ್ಕಸ ತುಂಬಿಸಿಕೊಳ್ಳಲು ನಿರ್ಧರಿಸಿದಂತಿದೆ.
एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में अशोक ने लिखा, “Bengaluru के कचरे का निपटान करने में विफल रही और सिलिकॉन सिटी को कचरा शहर में बदल देने वाली सरकार @INCKarnataka ने अब कचरा संग्रह के लिए भी शुल्क तय कर दिया है। ऐसा लगता है कि उन्होंने कचरा निपटान के नाम पर अपना खजाना भरने का फैसला किया है और बैंगलोर शहर को कचरा मुक्त शहर बनाने का वादा किया है। डीसीएम @DKShivakumar सर, उन्होंने ब्रांड बैंगलोर के नाम पर लूट की, अब वे कचरे के नाम पर भी लूट कर रहे हैं? क्या यह बिहार चुनाव का खर्च है या सीएम की कुर्सी पाने के लिए रिश्वत?”
इससे पहले 27 मार्च को कर्नाटक सरकार ने नंदिनी दूध और दही की कीमत में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जो 1 अप्रैल से प्रभावी होगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया।
Bengaluru में कचरा निपटान महंगा, BBMP ने लगाया ‘कचरा उपकर’
यह निर्णय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा आयोजित कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया। इस कदम का उद्देश्य दूध उत्पादन और प्रसंस्करण की लागत को देखते हुए राज्य में डेयरी फार्मिंग को प्रोत्साहित करना है।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के अध्यक्ष भीमा नाइक ने नंदिनी दूध की कीमत में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने के राज्य सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा कि अतिरिक्त लागत सीधे किसानों पर जाएगी।
उन्होंने कहा, “हम कर्नाटक में देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कम कीमत पर दूध बेच रहे थे। केएमएफ हर दिन 86 लाख-1 करोड़ (दूध) खरीदता है। 1 लीटर दूध 42 रुपये (कर्नाटक) में बेचा जाता है। गुजरात में यह 53 रुपये है, आंध्र और तेलंगाना में यह 58 रुपये है, दिल्ली और महाराष्ट्र में यह 56 रुपये है, केरल में यह 54 रुपये है। यह निर्णय चरवाहों के हित में लिया गया है। ये 4 रुपये किसानों के पास जा रहे हैं।”
Priyanka Chopra चोपड़ा और निक जोनस की जोड़ी दुनियाभर में सबसे पसंदीदा सेलिब्रिटी कपल्स में से एक है। इनकी प्रेम कहानी, जो प्यार, सम्मान और रोमांस से भरी हुई है, हमेशा फैंस का दिल जीत लेती है। चाहे रेड कार्पेट पर हो या वेकेशन पर, इनका प्यार हर जगह साफ झलकता है।
सामग्री की तालिका
हाल ही में, प्रियंका ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट से इंटरनेट पर धमाल मचा दिया। उनकी लेटेस्ट तस्वीरें देखकर न सिर्फ फैंस बल्कि उनके पति निक जोनस भी दीवाने हो गए। निक का रिएक्शन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया, जिसने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे प्रियंका के सबसे बड़े फैन हैं।
आखिर ऐसा क्या खास था प्रियंका की इन तस्वीरों में? क्यों निक जोनस उन पर पूरी तरह फिदा हो गए? चलिए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं और देखते हैं वो तस्वीरें जिन पर निक का दिल आ गया!
Priyanka Chopra की नई पोस्ट जिसने सबका दिल जीत लिया
ग्लोबल स्टार प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर कुछ शानदार तस्वीरें शेयर कीं। उनकी खूबसूरती, स्टाइल और कॉन्फिडेंस ने हर किसी को दीवाना बना दिया।
प्रियंका इन तस्वीरों में एक बेहतरीन डिज़ाइनर ड्रेस में नजर आ रही थीं। उनकी दिलकश मुस्कान, ग्लैमरस लुक और पोज़ ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। परफेक्ट मेकअप, खूबसूरत हेयरस्टाइल और उनका आत्मविश्वास इन तस्वीरों में चार चांद लगा रहा था।
जैसे ही प्रियंका ने यह तस्वीरें शेयर कीं, निक जोनस का रिएक्शन सबसे पहले आया और वह एक बार फिर अपनी पत्नी के लिए प्यार जताने से पीछे नहीं हटे।
निक जोनस का दिल जीत लेने वाला रिएक्शन
निक जोनस हमेशा अपने प्यार का इज़हार करने में संकोच नहीं करते। चाहे वह इंटरव्यू हो, सोशल मीडिया पोस्ट हो, या फिर पब्लिक इवेंट, वे हमेशा साबित करते हैं कि प्रियंका उनकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा हैं।
इस बार भी, जैसे ही प्रियंका ने अपनी नई तस्वीरें शेयर कीं, निक ने एक प्यारा सा कमेंट कर दिया, जिसने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया। उनका यह रिएक्शन इतना रोमांटिक था कि फैंस भी इस पर फिदा हो गए।
फैंस ने निक के कमेंट को खूब पसंद किया और कहा कि ऐसा प्यार हर किसी को मिले। कुछ लोगों ने तो मजाक में यह भी कहा कि निक हर किसी की तरह ही प्रियंका पर क्रश रखते हैं, बस फर्क इतना है कि वे लकी हैं कि उनकी शादी उनसे हो चुकी है!
प्रियंका और निक – परफेक्ट लव स्टोरी!
Priyanka Chopra और निक की प्रेम कहानी किसी सपने से कम नहीं है। एक अलग देश, अलग संस्कृति और अलग बैकग्राउंड से होने के बावजूद, दोनों ने यह साबित कर दिया कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती।
उनकी पहली मुलाकात ट्विटर डीएम से हुई थी, और देखते ही देखते यह रिश्ता इतना गहरा हो गया कि 2018 में दोनों ने एक भव्य शादी कर ली। शादी के बाद से ही यह कपल हर किसी का फेवरेट बन चुका है।
दोनों एक-दूसरे के करियर का खूब समर्थन करते हैं। Priyanka Chopra हमेशा निक के कॉन्सर्ट में नजर आती हैं, वहीं निक भी प्रियंका की हर सफलता पर गर्व महसूस करते हैं और उनकी तारीफ करने से कभी नहीं चूकते।
फैंस के मजेदार रिएक्शन – इंटरनेट पर मचा धमाल!
निक जोनस के कमेंट के बाद, फैंस के मजेदार रिएक्शंस की बाढ़ आ गई। सोशल मीडिया पर हर कोई इस क्यूट कपल की तारीफ कर रहा था।
यहां देखिए कुछ मजेदार फैंस के कमेंट्स:
“निक जोनस असल में हम सब हैं! हम भी Priyanka Chopra पर वैसे ही फिदा हैं जैसे वो!”
“कोई ऐसा ढूंढो जो आपको वैसे देखे जैसे निक प्रियंका को देखते हैं!”
“निक सच में सबसे लकी हसबैंड हैं!”
“प्रियंका और निक की जोड़ी सच में परियों की कहानी जैसी है!”
हर बार जब यह कपल सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ शेयर करता है, तो फैंस इसे खूब पसंद करते हैं और इनकी केमिस्ट्री पर प्यार लुटाते हैं।
प्रियंका सिर्फ एक शानदार एक्ट्रेस ही नहीं, बल्कि एक फैशन आइकन भी हैं। उनकी स्टाइलिंग सेंस हमेशा सुर्खियों में रहती है।
चाहे रेड कार्पेट हो, कैज़ुअल आउटिंग हो या फोटोशूट, प्रियंका अपने लुक्स से हमेशा लोगों को इंप्रेस करती हैं। उनकी नई तस्वीरों में भी उनका स्टाइल गेम एकदम परफेक्ट था।
उनकी यह तस्वीरें यह साबित करती हैं कि वह स्टाइल, एलीगेंस और कॉन्फिडेंस का परफेक्ट कॉम्बिनेशन हैं। यही वजह है कि दुनियाभर में उनके लाखों फैंस उन्हें फैशन इंस्पिरेशन मानते हैं।
Priyanka Chopra और निक की आने वाली प्रोजेक्ट्स
प्रियंका और निक दोनों ही अपने-अपने करियर में व्यस्त हैं, लेकिन इसके बावजूद वे एक-दूसरे के लिए समय निकालना नहीं भूलते।
प्रियंका जल्द ही कई बड़े हॉलीवुड और बॉलीवुड प्रोजेक्ट्स में नजर आने वाली हैं। वहीं, निक अपनी म्यूजिक टूर और जोनस ब्रदर्स के नए प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हैं।
इसके बावजूद, दोनों अक्सर वेकेशन पर जाते हैं, क्वालिटी टाइम बिताते हैं और अपनी बेटी मालती मैरी के साथ खूबसूरत पल शेयर करते हैं।
जब हम शराब का आनंद लेते हैं, तो हम अक्सर शराब के स्वाद पर ध्यान केंद्रित करते हैं—चाहे वह धुएँ वाला स्कॉच हो, एक ताजगी से भरा जिन हो या मीठा रम। हालांकि, शराब के साथ सबसे महत्वपूर्ण घटक सिर्फ शराब नहीं है, बल्कि वह स्वाद, मिक्सर और सामग्री है जो इस अनुभव को बढ़ाती है। इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण और स्वस्थ संयोजन है—खट्टे फल।
सामग्री की तालिका
चाहे वह चटपटा नींबू हो, ताजगी से भरा नीबू, या संतरे का ट्विस्ट, खट्टे फल अपने जीवंत स्वाद और उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन, खट्टे फल शराब के साथ किस प्रकार मेल खाते हैं और स्वस्थ अनुभव में कैसे योगदान करते हैं? आइए जानते हैं कि क्यों खट्टे फल Alcohol के साथ संयोजन में सबसे स्वस्थ और सबसे स्वादिष्ट हैं।
खट्टे फलों के स्वास्थ्य लाभ
नींबू, नीबू, संतरा, और अंगूर जैसे खट्टे फल लंबे समय से उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए जाने जाते हैं। यहाँ कारण हैं कि क्यों ये फल Alcohol के साथ मिलाने के लिए न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं:
विटामिन C का अच्छा स्रोत: विटामिन C एक आवश्यक पोषक तत्व है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली, त्वचा स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। Alcohol में नींबू या नीबू का रस डालने से आप इस शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा हिस्सा प्राप्त कर सकते हैं। विटामिन C कोशिकाओं को क्षति से बचाता है, कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता है (जो त्वचा की लोच के लिए महत्वपूर्ण है), और पौधों से प्राप्त आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: खट्टे फल एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होते हैं, जैसे फ्लावोनोइड्स, जो शरीर में मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं और ऑक्सीकरण तनाव को कम करते हैं। इन एंटीऑक्सीडेंट्स के पास एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह हृदय रोग और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। वास्तव में, शोध से पता चला है कि नियमित रूप से खट्टे फल खाने से हृदय स्वास्थ्य पर सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
कम कैलोरी: खट्टे फल अधिकांश शर्करा वाले मिक्सरों की तुलना में स्वाभाविक रूप से कम कैलोरी वाले होते हैं। यह उन्हें एक आदर्श विकल्प बनाता है उन लोगों के लिए जो बिना स्वाद खोए अपने पेय को हल्का रखना चाहते हैं। नींबू या नीबू का एक टुकड़ा स्वाद में इजाफा करता है, बिना उन अतिरिक्त शर्करा के जो सोडा या फलों के जूस में होते हैं।
हाइड्रेशन: शराब निर्जलीकरण का कारण बन सकती है, और जबकि Alcohol के साथ पानी पीना जरूरी है, खट्टे फल हाइड्रेशन में मदद कर सकते हैं। नींबू और नीबू जैसे फलों में उच्च पानी की मात्रा होती है, जो शराब के साथ मिलकर शरीर में तरल पदार्थों की पुनःपूर्ति करने में मदद करते हैं।
पाचन में मदद: खट्टे फल फाइबर और प्राकृतिक एंजाइमों से भरपूर होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं। Alcohol के साथ मिलकर खट्टे फल पेट को शांत करने और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जिससे गैस या अपच की संभावना कम होती है। यह विशेष रूप से क्लासिक मोजिटो या जिन एंड टोनीक जैसे पेयों में सच है, जहां नीबू का रस न केवल स्वाद में बल्कि कार्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अब जब हम जानते हैं कि खट्टे फल स्वास्थ्य के लिए कितने फायदेमंद हैं, तो चलिए देखते हैं कुछ बेहतरीन तरीके जिन्हें आप शराब के साथ इन फलों को मिला सकते हैं ताकि दोनों का स्वाद और पोषण बेहतर हो। यहाँ कुछ क्लासिक और नवाचार भरे संयोजन हैं जो खट्टे फल और Alcohol दोनों का बेहतरीन उपयोग करते हैं:
1. जिन एंड टोनीक के साथ नीबू या नींबू
जिन और टोनीक का एक प्रसिद्ध खट्टा-स्वाद संयोजन है। जिन के बोटैनिकल स्वाद, नीबू या नींबू के ताजे खट्टे स्वाद के साथ बखूबी मेल खाते हैं। पारंपरिक रूप से इस ड्रिंक में नीबू का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन नींबू भी एक अतिरिक्त स्वादिष्टता के साथ जटिलता जोड़ सकता है।
जिन और टोनीक एक ऐसा पेय है जो कम कैलोरी वाला होता है, खासकर जब इसे शुगर-फ्री टोनीक वाटर के साथ मिलाया जाता है, और खट्टे फल विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करते हैं। बोटैनिकल और खट्टे स्वाद का ताजगी भरा संयोजन इसे स्वाद और स्वास्थ्य दोनों के लिहाज से बेहतरीन बनाता है।
2. तेकीला और नीबू
तेकीला को आम तौर पर नीबू के साथ मिक्स किया जाता है और इसके पीछे एक अच्छा कारण है। तेकीला के तीव्र और मिट्टी जैसे स्वाद, ताजे नीबू के खट्टेपन के साथ बखूबी मेल खाते हैं, जो एक संतुलित और ताजगी से भरा पेय बनाता है।
नीबू तेकीला के मजबूत स्वाद को कम करता है और ताजगी प्रदान करता है। यह संयोजन विशेष रूप से मारगेरिटा या पलोमा जैसे पेयों में लोकप्रिय है, जहां खट्टे फल न केवल स्वाद जोड़ते हैं, बल्कि पेट को भी साफ करते हैं।
3. व्हिस्की सॉर के साथ नींबू
व्हिस्की और नींबू का शानदार संयोजन व्हिस्की सॉर में देखने को मिलता है। यह क्लासिक कॉकटेल व्हिस्की के गहरे, गर्म स्वाद को नींबू के खट्टेपन के साथ मिलाता है, जिससे एक स्वादिष्ट और संतुलित पेय बनता है। जबकि व्हिस्की जटिलता लाती है, नींबू पेय को ताजगी और विटामिन C प्रदान करता है।
नींबू की खटास व्हिस्की के तीव्र स्वाद को संतुलित करने में मदद करती है, जिससे यह कॉकटेल उन लोगों के लिए भी उपयुक्त हो जाता है जो अकेले व्हिस्की को बहुत तेज मानते हैं। इसमें साधारण सिरप की एक छींटा भी डाल सकते हैं, लेकिन नींबू ही मुख्य भूमिका में होता है।
4. रम और संतरा (मिमोसा या डाइक्विरी)
रम और खट्टे फल का संयोजन शानदार होता है। चाहे वह एक क्लासिक डाइक्विरी हो या ताजगी से भरी मिमोसा, संतरे का रस मीठा और चटपटा स्वाद प्रदान करता है जो रम की मुलायमता से मेल खाता है। ताजे संतरे का रस एक स्वस्थ और ताजगी से भरा मिक्सर होता है जो विटामिन C से भरपूर होता है, जो किसी भी रम-आधारित कॉकटेल के लिए बेहतरीन है।
एक हल्का और उत्सवपूर्ण पेय बनाने के लिए ताजे संतरे का रस और शैम्पेन से मिमोसा ट्राई करें, या रम-आधारित डाइक्विरी में नीबू और संतरे का रस मिलाकर अतिरिक्त खट्टे स्वाद का आनंद लें। दोनों संयोजन बिना शर्करा वाले प्रीमेड मिक्सर्स के स्वाद के साथ स्वाद प्रदान करते हैं।
अगर आप एक स्वस्थ विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो वोडका और अंगूर का संयोजन ट्राई करें। अंगूर की कड़वाहट वोडका की ताजगी से बखूबी मेल खाती है, जो एक परिष्कृत और ताजगी से भरा पेय बनाती है। अंगूर विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत होता है, जो Alcohol के संभावित नकारात्मक प्रभावों जैसे निर्जलीकरण और ऑक्सीकरण तनाव से निपटने में मदद करता है।
यह संयोजन ग्रेहाउंड (वोडका और अंगूर का रस) जैसे पेयों में अच्छा काम करता है या अधिक आधुनिक ट्विस्ट के साथ सोडा वाटर और ताजे अंगूर के टुकड़ों के साथ भी परोसा जा सकता है। अंगूर की हल्की कड़वाहट न केवल ताजगी प्रदान करती है, बल्कि यह वोडका के स्वच्छ और ताजे स्वाद को भी संतुलित करती है।
खट्टे फल Alcohol के अनुभव को कैसे बढ़ाते हैं
स्वास्थ्य लाभ के अलावा, खट्टे फल शराब के अनुभव को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाते हैं। यह कैसे काम करता है, यह जानने के लिए पढ़ें:
स्वाद का संतुलन: खट्टे फल Alcohol के भारीपन को संतुलित करने की क्षमता रखते हैं, जो कॉकटेल में स्वाद को संतुलित करता है। उनकी खटास अन्य सामग्री की मिठास या कड़वाहट को बढ़ाती है, जिससे एक सामंजस्यपूर्ण पेय बनता है। चाहे वह नींबू की तीव्रता हो या नीबू की ताजगी, खट्टे फल किसी भी कॉकटेल में ताजगी का एहसास जोड़ते हैं।
सुगंधित आकर्षण: ताजे खट्टे फल की खुशबू संपूर्ण अनुभव को बढ़ाती है। नींबू या नीबू की ताजगी से भरी खुशबू इंद्रियों को जागृत करती है और पेय अनुभव को शानदार बना देती है। खट्टे फल की एक साधारण छिलकी या एक स्लाइस जो गार्निश के रूप में डाली जाती है, किसी भी ड्रिंक को और भी जीवंत और आकर्षक बना सकती है।
ताजगी से भरी गुणवत्ता: खट्टे फल शराब में हल्केपन और ताजगी का एहसास जोड़ते हैं, जो गर्मी के मौसम में या भोजन के बीच भारी कोर्स के बीच आदर्श होता है। खट्टे फलों में प्राकृतिक अम्लता शराब के तीव्र स्वाद को संतुलित करने में मदद करती है, जिससे हर सिप को और भी आनंदजनक बना देती है।
Alcohol का स्वस्थ तरीका
जब शराब के साथ स्वादिष्ट और स्वास्थ्यप्रद ट्विस्ट को मिलाने की बात आती है, तो खट्टे फल सर्वोत्तम होते हैं। विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और ताजगी से भरपूर होने के कारण खट्टे फल Alcohol के साथ मिलाने के लिए सबसे स्वस्थ और स्वादिष्ट विकल्प हैं। चाहे आप जिन और टोनीक, मारगेरिटा या डाइक्विरी का आनंद ले रहे हों, खट्टे फल स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं।
तो अगली बार जब आप शराब का आनंद लें, तो नींबू, नीबू या संतरे का एक छींटा डालकर देखें। यह न केवल स्वाद बढ़ाएगा, बल्कि कुछ अतिरिक्त पोषण भी देगा, जिससे आपका पीने का अनुभव थोड़ा और स्वास्थ्यवर्धक हो जाएगा। Alcohol के साथ खट्टे फलों की शक्ति को सलाम!
तेल विपणन कंपनियों ने मंगलवार से 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक LPG cylinder की कीमतों में 41 रुपये की कटौती की घोषणा की है।
सामग्री की तालिका
Delhi में वाणिज्यिक LPG cylinder की कीमतों में बदलाव
दिल्ली में आज से 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की खुदरा बिक्री कीमत 1762 रुपये निर्धारित की गई है। इससे पहले, 1 फरवरी को वाणिज्यिक LPG cylinder की कीमतों में 7 रुपये की कटौती की गई थी।
मूल्य संशोधन का प्रभाव
तेल कंपनियां वैश्विक कच्चे तेल की दरों और अन्य कारकों के आधार पर नियमित रूप से एलपीजी की कीमतों में संशोधन करती हैं। घरेलू LPG cylinder, जो घरों में खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाते हैं, की कीमतें इस संशोधन से अप्रभावित रहती हैं।
दिसंबर में, तेल कंपनियों ने 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 62 रुपये की वृद्धि की थी। इन मूल्य समायोजनों का सीधा प्रभाव उन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और छोटे व्यवसायों पर पड़ता है, जो अपने संचालन के लिए एलपीजी पर अत्यधिक निर्भर हैं।
वैश्विक कारकों का प्रभाव
यह संशोधन वैश्विक बाजार की बदलती परिस्थितियों के कारण ईंधन मूल्य समायोजन की व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है। हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता के कारण ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है।
व्यवसायों पर प्रभाव
इस मूल्य संशोधन से रेस्तरां, होटल और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान प्रभावित होंगे, जो दैनिक कार्यों के लिए इन सिलेंडरों का उपयोग करते हैं। हालांकि, वाणिज्यिक एलपीजी की कीमतों में वृद्धि के बावजूद, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे घरों को कुछ राहत मिली है।
क्षेत्रीय मूल्य भिन्नता
स्थानीय करों और परिवहन लागतों के आधार पर एलपीजी की कीमतें राज्य दर राज्य भिन्न होती हैं। देश भर के व्यवसायों को कम दरों से कुछ हद तक लाभ होगा, हालांकि यह बदलाव अपेक्षाकृत मामूली है।
इस मूल्य परिवर्तन से उपभोक्ताओं और व्यवसायों को अपनी लागत संरचना में समायोजन करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे संचालन की कुल लागत प्रभावित हो सकती है।
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर हो रहे विरोध पर स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि पारदर्शिता और न्याय की दिशा में कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि “हर अच्छे काम का विरोध होता है,” लेकिन सरकार का कर्तव्य है कि वह सही नीतियों को लागू करे और जनता को उनकी संपत्तियों पर उचित अधिकार दिलाए।
Yogi Adityanath ने कहा कि वर्षों से वक्फ संपत्तियों को लेकर अनियमितताएं और विवाद बने हुए थे, जिनके समाधान के लिए यह संशोधन आवश्यक था। उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक किसी भी व्यक्ति या समुदाय के अधिकारों को छीनने के लिए नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों के उचित उपयोग और प्रशासनिक सुधार के लिए लाया गया है।
विपक्ष पर Yogi Adityanath का हमला
उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अफवाहें फैला रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक सभी के हित में है और इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को खत्म करना और वक्फ संपत्तियों के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने यह भी कहा कि उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत पर काम कर रही है और किसी भी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो लोग विधेयक को लेकर भ्रमित हैं, उन्हें जल्द ही सच्चाई समझ आ जाएगी और वे इस कदम को सही मानेंगे।
वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, भारतीय संसद में 28 अगस्त, 2024 को पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करना है। इस विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए लगभग 40 संशोधन प्रस्तावित हैं।
वक्फ संपत्ति का निर्धारण: विधेयक के अनुसार, वक्फ के रूप में पहचानी गई सरकारी संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा। क्षेत्र के कलेक्टर स्वामित्व का निर्धारण करेंगे और राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे।
सेंट्रल वक्फ काउंसिल की संरचना: विधेयक में सेंट्रल वक्फ काउंसिल में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रस्ताव है, जो पहले केवल मुस्लिम सदस्यों तक सीमित थी।
वक्फ बोर्ड की संरचना: विधेयक राज्य सरकार को वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को नियुक्त करने का अधिकार देता है, जो पहले केवल मुस्लिम सदस्यों तक सीमित था।
वक्फ की स्थापना: विधेयक में कहा गया है कि कम से कम पांच वर्ष तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही वक्फ की घोषणा कर सकता है, और घोषित की जा रही संपत्ति पर व्यक्ति का स्वामित्व होना चाहिए।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए है, और इससे किसी समुदाय के अधिकारों का हनन नहीं होगा।
कौन नहीं चाहता कि वह स्वादिष्ट, मलाईदार चॉकलेट का आनंद ले? जबकि अधिकांश लोग चॉकलेट को एक ‘गिल्टी प्लीजर’ मानते हैं, डार्क चॉकलेट इस मामले में एक शानदार अपवाद साबित होती है। डार्क चॉकलेट में शक्तिशाली पोषक तत्व और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली विशेषताएँ पाई जाती हैं, जो इसे सिर्फ एक स्वादिष्ट स्नैक नहीं, बल्कि एक सुपरफूड बना देती हैं। चाहे आप चॉकलेट के शौकिन हों या स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति, आपको यह जानकर खुशी होगी कि डार्क चॉकलेट को अपनी डाइट में शामिल करने के अनगिनत लाभ हैं। आइए जानते हैं कि क्यों आपको इस स्वादिष्ट आनंद का guilt-free तरीके से सेवन करना चाहिए।
सामग्री की तालिका
1. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
Dark chocolate में फ्लावोनोइड्स, पॉलीफेनोल्स, और कैटेचिन्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये तत्व शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा कुछ सुपरफूड्स से भी अधिक होती है, जिससे यह एक स्वस्थ आहार में जोड़ने के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाती है।
2. दिल की सेहत में सुधार
डार्क चॉकलेट के सबसे प्रसिद्ध लाभों में से एक इसका दिल की सेहत को बेहतर बनाना है। Dark chocolate में पाए जाने वाले फ्लावोनोइड्स रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं, रक्तचाप को कम करते हैं, और बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को घटाते हुए अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाते हैं। शोध से पता चला है कि डार्क चॉकलेट का मध्यम सेवन दिल की बीमारी और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है, जिससे समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।
3. मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि
Dark chocolate सिर्फ दिल के लिए ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी है। डार्क चॉकलेट में फ्लावोनोइड्स, कैफीन, और थियोब्रोमाइन होते हैं, जो संज्ञानात्मक कार्य, स्मृति और एकाग्रता को बेहतर बनाते हैं। नियमित सेवन से अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, डार्क चॉकलेट एंडोर्फिन्स का उत्पादन बढ़ाती है, जो मूड को बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है।
4. वजन प्रबंधन में मदद करता है
यह मानना कि चॉकलेट वजन बढ़ाती है, एक सामान्य भ्रांति है, लेकिन Dark chocolate वजन प्रबंधन में मदद कर सकती है। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो भूख को नियंत्रित करता है और पेट भरने का अहसास दिलाता है, जिससे अधिक खाने से बचने में मदद मिलती है। एक छोटे से टुकड़े को भोजन से पहले खाने से अनहेल्दी स्नैक्स की तलब कम हो सकती है, जिससे बेहतर पोर्शन कंट्रोल और स्वस्थ आहार विकल्प मिलते हैं।
5. रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करता है
Dark chocolate का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, यानी यह रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि नहीं करता है। डार्क चॉकलेट में फ्लावोनोइड्स इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। जब इसे संयमित मात्रा में सेवन किया जाए, तो यह एक स्वादिष्ट और दोषमुक्त विकल्प हो सकता है, विशेष रूप से डायबिटिक-फ्रेंडली आहार में।
6. त्वचा की सेहत में सुधार
आपकी त्वचा को भी डार्क चॉकलेट से लाभ हो सकता है! Dark chocolate में फ्लावोनोइड्स होते हैं जो त्वचा को यूवी क्षति से बचाते हैं, नमी में सुधार करते हैं और रक्त संचार को बढ़ाते हैं, जिससे एक स्वस्थ चमक मिलती है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि डार्क चॉकलेट का नियमित सेवन झुर्रियों को कम कर सकता है और त्वचा की लोच में सुधार कर सकता है, जिससे यह एक प्राकृतिक सुंदरता बढ़ाने वाला तत्व बन जाता है।
7. तनाव कम करता है और मूड में सुधार करता है
क्या आप तनाव या चिंता महसूस कर रहे हैं? Dark chocolate का एक टुकड़ा आपके लिए एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। डार्क चॉकलेट सेरोटोनिन और एंडोर्फिन्स के उत्पादन को उत्तेजित करती है, जो “फील-गुड” हार्मोन के रूप में जाने जाते हैं। ये रसायन तनाव, चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डार्क चॉकलेट खाने से त्वरित मूड बूस्ट मिलता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
8. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है
Dark chocolate की प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाली विशेषताएँ आपको बीमारियों से बचाए रख सकती हैं। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो सूजन को कम करने और आंतों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जिससे समग्र स्वास्थ्य को लाभ होता है। चूंकि आंतों की सेहत प्रतिरक्षा प्रणाली से सीधे जुड़ी हुई है, इसलिए डार्क चॉकलेट का सेवन आपके शरीर को एक मजबूत और संजीवनीय प्रतिरक्षा प्रणाली प्रदान कर सकता है।
Dark chocolate एथलीटों और फिटनेस प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन ऊर्जा बूस्टर हो सकता है। इसमें थियोब्रोमाइन होता है, जो एक प्राकृतिक उत्तेजक है और सहनशक्ति तथा ऊर्जा स्तरों को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, डार्क चॉकलेट के नाइट्रिक ऑक्साइड-बढ़ाने वाले गुण शारीरिक गतिविधियों के दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार करते हैं, जिससे बेहतर प्रदर्शन और रिकवरी होती है।
10. आंतों की सेहत को बढ़ावा देता है
आंतों की सेहत समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और Dark chocolate एक स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद कर सकती है। डार्क चॉकलेट में पॉलीफेनोल्स होते हैं जो प्रोबायोटिक के रूप में कार्य करते हैं, जिससे लाभकारी आंत बैक्टीरिया का विकास होता है। एक स्वस्थ आंत बेहतर पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी हुई होती है।
11. सूजन को कम करने में मदद करता है
दीर्घकालिक सूजन विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे आर्थराइटिस, हृदय रोग और मोटापे से जुड़ी होती है। Dark chocolate की सूजन-रोधी विशेषताएँ शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती हैं, जिससे समग्र स्वास्थ्य और बीमारी की रोकथाम में योगदान मिलता है।
12. दृष्टि में सुधार करता है
अनुसंधान से पता चलता है कि डार्क चॉकलेट दृष्टि में सुधार कर सकती है, क्योंकि यह रेटिना तक रक्त प्रवाह को बढ़ाती है। डार्क चॉकलेट में फ्लावोनोइड्स होते हैं जो आंखों की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं और उम्र से संबंधित दृष्टि समस्याओं जैसे मैक्युलर डिजेनेरेशन के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
13. दीर्घायु को बढ़ावा देता है
Dark chocolate के एंटीऑक्सीडेंट्स, सूजन-रोधी गुणों और हृदय-स्वास्थ्य से लाभकारी प्रभावों के संयोजन से दीर्घायु में योगदान मिल सकता है। अध्ययन यह बताते हैं कि जो लोग नियमित रूप से डार्क चॉकलेट का सेवन करते हैं, उनका उम्र से संबंधित बीमारियों का जोखिम कम होता है, और यह दीर्घायु को समर्थन दे सकता है।
स्वास्थ्य लाभ अधिकतम प्राप्त करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली डार्क चॉकलेट का चयन करना जरूरी है। कम से कम 70% या उससे अधिक कोको सामग्री वाली डार्क चॉकलेट चुनें, क्योंकि इसमें अधिक एंटीऑक्सीडेंट्स और कम चीनी होती है। कृत्रिम एडिटिव्स, अत्यधिक चीनी और अस्वास्थ्यकर वसा से बचें।
कितनी डार्क चॉकलेट खानी चाहिए?
Dark chocolate का सेवन संयम में किया जाना चाहिए। रोजाना 1 से 1.5 औंस (30-40 ग्राम) का सेवन उपयुक्त होता है। अत्यधिक सेवन से कैलोरी का अधिक सेवन हो सकता है, जिससे इसके स्वास्थ्य लाभ कम हो सकते हैं। इसका सेवन संतुलित आहार का हिस्सा बनाकर अधिकतम लाभ उठाएं।
निष्कर्ष
डार्क चॉकलेट सिर्फ एक स्वादिष्ट आनंद नहीं है; यह एक पोषक तत्वों से भरपूर सुपरफूड है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। दिल की सेहत, मस्तिष्क की कार्यक्षमता, वजन प्रबंधन और त्वचा की सेहत से लेकर तनाव में कमी और दीर्घायु तक, डार्क चॉकलेट के फायदे बहुत हैं। इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें और उच्च गुणवत्ता वाली डार्क चॉकलेट चुनें। अगली बार जब आपको मीठा खाने का मन हो, तो डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा खाएं और इसके अद्वितीय लाभों का आनंद लें—बिना किसी पछतावे के!