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Partial Solar Eclipse 2022 : यह खगोलीय घटना भारत में अगली बार 2032 में ही दिखाई देगी

ग्रहण तब होता है जब एक स्वर्गीय पिंड जैसे कि चंद्रमा या ग्रह दूसरे स्वर्गीय पिंड की छाया में चला जाता है।

Partial Solar Eclipse: 25 अक्टूबर 2022 को दिखाई देगा। यह 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।

यह ग्रहण अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका महाद्वीपों में दिखाई नहीं देगा।

Partial Solar Eclipse कहाँ दिखाई देगा?

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एमपी बिड़ला तारामंडल, कोलकाता के अनुसार, यूरोप, मध्य-पूर्व, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पश्चिम चीन, भारत और उत्तर हिंद महासागर सहित उसके पड़ोसी देशों के लोग देख सकेंगे।

नई दिल्ली में आंशिक सूर्य ग्रहण
ग्रहण प्रारंभ समय – 04:28 अपराह्न
अधिकतम ग्रहण समय – 05:30 अपराह्न
सूर्यास्त के साथ ग्रहण समाप्त होगा – 05:42 PM

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सौर ग्रहण क्या है?

ग्रहण तब होता है जब एक स्वर्गीय पिंड जैसे कि चंद्रमा या ग्रह दूसरे स्वर्गीय पिंड की छाया में चला जाता है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है। यह सूर्य ग्रहण की ओर जाता है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी पर छाया डालता है।

सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं: पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण।

Partial Solar Eclipse क्या है?

Partial Solar Eclipse तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी बिल्कुल संरेखित नहीं होते हैं और सूर्य की सतह के एक छोटे से हिस्से पर एक काली छाया दिखाई देती है। आंशिक सूर्य ग्रहण के तीन चरण होते हैं, जिसमें एक शुरुआत, यह अधिकतम तक पहुंचना और एक अंत शामिल है।

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प्रारंभिक चरण में सूर्य की डिस्क पर चंद्रमा की शुरुआत शामिल है, इसके बाद यह अधिकतम तक पहुंच जाता है जब सूर्य की डिस्क का अधिकतम भाग ढक जाता है। तीसरा चरण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को अनवरोधित करते हुए चंद्रमा से दूर जाने लगता है।

अमावस्या पर आंशिक सौर ग्रहण क्यों होता है?

पैतृक शांति के लिए अश्विन अमावस्या का बहुत महत्व है

Partial Solar Eclipse की अनूठी विशेषता यह है कि यह केवल अमावस्या को होता है। ऐसा चंद्रमा के कक्षीय पथ के समतल होने के कारण हुआ है। सूर्य-पृथ्वी तल पृथ्वी-चंद्रमा तल के समान नहीं है क्योंकि वे 5.1o के कोण पर एक-दूसरे से झुके हुए हैं। पृथ्वी और चंद्रमा की दो कक्षाओं के प्रतिच्छेदन बिंदुओं को नोड (Nodes) कहा जाता है। अत: प्रत्येक चंद्र मास में एक बार अमावस्या होती है, लेकिन ग्रहण तभी होता है जब चंद्रमा अमावस्या के दिन इनमें से किसी एक नोड पर होता है।

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25 अक्टूबर को चंद्रमा का नया चरण 16 घंटे 19 मीटर IST पर होगा और चंद्रमा 26 अक्टूबर को 12 बजे IST पर अवरोही नोड को पार करेगा।

अगला Partial Solar Eclipse कब होगा?

अगला आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च, 2025 को होगा। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा। भारत से दिखाई देने वाला एकमात्र आंशिक सूर्य ग्रहण 3 नवंबर, 2032 को होगा।

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