Paush Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के भीतर शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा या पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्व है। यह तिथि चन्द्रमा को प्रिय है, क्योंकि इस दिन वह पूर्ण रूप में प्रकट होता है।
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हिंदू पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, भक्त दान करते हैं, पवित्र जल में स्नान करते हैं और पौष पूर्णिमा पर भगवान सूर्य को जल चढ़ाते हैं। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि इस तरह के धार्मिक कृत्यों को करने और उन्हें पूरा करने से उत्कृष्ट परिणाम मिलते हैं। पौष पूर्णिमा के दिन काशिम प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है।
Paush Purnima 2023 व्रत मुहूर्त नई दिल्ली, भारत के लिए
पूर्णिमा तिथि 6 जनवरी 2023 से प्रारंभ हो रही है।
पौष पूर्णिमा व्रत मुहूर्त 02:16:39 बजे
पूर्णिमा तिथि 7 जनवरी 2023
पौष पूर्णिमा व्रत मुहूर्त 04:40:18 पर समाप्त हो रहा है।
Paush Purnima 2023: महत्व
वैदिक ज्योतिष और हिंदू मान्यताओं के अनुसार पौष को भगवान सूर्य का महीना माना जाता है। उनकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, यही कारण है कि इस दिन बड़ी संख्या में भक्त पवित्र डुबकी लगाते हैं और भगवान सूर्य को जल चढ़ाते हैं।
चूंकि यह सूर्य और पूर्णिमा का महीना चंद्रमा की तिथि के रूप में कहा जाता है, इसलिए पौष पूर्णिमा पर सूर्य और चंद्रमा का रहस्यमय संयोजन देखा जा सकता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा करने से बरकत मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Paush Purnima 2023 का व्रत और पूजा विधि
पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, उपासक एक विश्वास में एक साथ आते हैं और पवित्र जल में स्नान करते हैं, मोक्ष प्राप्त करने के लिए दान, जप और उपवास करते हैं। इस दिन भगवान सूर्य का स्मरण करना अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। पौष पूर्णिमा के लिए व्रत और पूजा विधि का पालन किया जा सकता है:
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पवित्र स्नान करने से पहले व्रत का संकल्प लें।
पवित्र नदी, कुएं या कुंड में डुबकी लगाने से पहले वरुण देव को प्रणाम करें।
मंत्र जाप करते हुए भगवान सूर्य को पवित्र जल चढ़ाएं।
उसके बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करें और उन्हें पवित्र भोग या नैवैध अर्पित करें।
किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-पुण्य करें।
दान की वस्तुओं में लड्डू, गुड़, ऊनी वस्त्र और कंबल जैसी चीजें अवश्य शामिल करें।
Paush Purnima 2023 पर शुभ कार्य
पौष पूर्णिमा पर, विभिन्न तीर्थों और पवित्र शहरों में कई धार्मिक कार्य और गतिविधियाँ होती हैं। माघ मेला तीर्थराज प्रयाग में आयोजित किया जाता है। इस दिन पवित्र स्नान करना एक शुभ अनुष्ठान माना जाता है।