Aurangzeb की कब्र को हटाने के लिए Bombay High Court में जनहित याचिका दायर की गई

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद क्षेत्र में स्थित मुगल बादशाह Aurangzeb के मकबरे को हटाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका केतन तिरोडकर नामक व्यक्ति द्वारा दायर की गई है, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मकबरे को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाने और इसे ध्वस्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है। ​

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Aurangzeb की कब्र ASI द्वारा संरक्षित स्मारक है और वक्फ संपत्ति के अंतर्गत आती है, जिससे इसे हटाना कानूनी दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित स्मारक को नुकसान पहुंचाना, हटाना या ध्वस्त करना अवैध है। हालांकि, सरकार के पास यह अधिकार है कि यदि कोई संरक्षित स्मारक अपना राष्ट्रीय महत्व खो देता है, तो उसे सूची से हटाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन आवश्यक है।

हिंदू संगठनों ने की Aurangzeb की कब्र हटाने की मांग

A PIL was filed in the Bombay High Court to remove Aurangzeb's grave

इस बीच, कुछ हिंदू संगठनों ने Aurangzeb की कब्र को हटाने की मांग की है, जिससे सुरक्षा के मद्देनजर वहां पुलिस बल तैनात किया गया है। यह मामला कानूनी और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से संवेदनशील है, इसलिए आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं

कब्रों को हटाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मृतकों को भी गरिमापूर्ण व्यवहार का अधिकार प्राप्त है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जनहित को ध्यान में रखते हुए, न्यायपालिका ने कब्रों को हटाने की अनुमति दी है, लेकिन इसके लिए सख्त कानूनी प्रक्रियाओं का पालन आवश्यक होता है।

इस प्रकार, औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए दायर जनहित याचिका पर अदालत का निर्णय और संबंधित कानूनी प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण होंगी।

नागपुर हिंसा के बारे में

A PIL was filed in the Bombay High Court to remove Aurangzeb's grave

17 मार्च 2025 को नागपुर के कपिलवन और नंदनगढ़ क्षेत्रों में हिंसा भड़क उठी, जिसका संबंध Aurangzeb की कब्र को हटाने की मांग से जोड़ा जा रहा है। इस हिंसा में 500 से अधिक लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला किया, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।

पुलिस जांच में फहीम शमीम खान को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है, जिसने लोगों को उकसाकर भीड़ जुटाई थी। अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) के 8 कार्यकर्ता भी शामिल हैं। 17 आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।

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