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PM मोदी ने लॉन्च किए 130 करोड़ में बने 3 स्वदेशी PARAM Rudra Supercomputer

PARAM Rudra Supercomputer का लॉन्च भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर यात्रा में एक प्रमुख मील का पत्थर है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 130 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तीन स्वदेशी PARAM Rudra Supercomputer का शुभारंभ भारत की डिजिटल बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन सुपरकंप्यूटरों का विकास राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत किया गया है, जो भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यहां इनके फीचर्स, महत्व और विभिन्न क्षेत्रों पर उनके प्रभाव का विस्तृत विवरण दिया गया है।

1. PARAM Rudra Supercomputer

परम रुद्र श्रृंखला अत्याधुनिक हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर का मिश्रण है, जिसे उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। ये सुपरकंप्यूटर विज्ञान अनुसंधान से लेकर औद्योगिक सिमुलेशन, मौसम पूर्वानुमान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

PARAM Rudra Supercomputer: मुख्य विशेषताएं:

  • स्वदेशी विकास: PARAM Rudra Supercomputer भारत के NSM के तहत बनाए गए हैं, जिसका उद्देश्य स्वदेशी डिज़ाइन, विकास और तैनाती के माध्यम से सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
  • कुल निवेश: इन तीन प्रणालियों का निर्माण 130 करोड़ रुपये की बजट आवंटन के साथ किया गया है, जो बिना तकनीकी गुणवत्ता से समझौता किए लागत-प्रभावीता पर जोर देता है।
  • उच्च कंप्यूटेशनल क्षमता: परम रुद्र प्रणालियाँ पैटाफ्लॉप स्तर की प्रदर्शन क्षमता प्रदान करती हैं, जो बड़े पैमाने पर गणनाओं को संभालने में आवश्यक है, जैसे कि आणविक गतिशीलता, फ्लुइड डायनेमिक्स, मशीन लर्निंग आदि।
PM Modi launched 3 indigenous Param Rudra supercomputers made at a cost of Rs 130 crore

2. PARAM Rudra Supercomputer की तकनीकी विशेषताएँ

परम रुद्र सुपरकंप्यूटरों की तकनीकी क्षमताओं को समझने से उनकी विशाल गणनात्मक कार्यों को कुशलता से प्रोसेस करने की शक्ति का अंदाजा लगता है:

  • प्रोसेसिंग गति: PARAM Rudra Supercomputer कई पैटाफ्लॉप्स की गति से काम करते हैं (1 पैटाफ्लॉप = 1 क्वाड्रिलियन फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड)। यह गति जटिल गणनात्मक समस्याओं को वास्तविक समय में हल करने के लिए आवश्यक है।
  • प्रोसेसर: ये प्रणालियाँ उन्नत CPUs और GPUs द्वारा संचालित होती हैं, जो मल्टी-कोर प्रोसेसर पर आधारित होती हैं, जिससे समानांतर गणनाएँ सहज रूप से की जा सकती हैं।
  • मेमोरी: विशाल मेमोरी क्षमता के साथ ये सुपरकंप्यूटर मेमोरी-इंटेंसिव कार्यों को बिना किसी रुकावट के निष्पादित करने में सक्षम हैं। इनमें टेराबाइट्स में RAM और उच्च गति के स्टोरेज समाधान हैं जो तेजी से डेटा एक्सेस सुनिश्चित करते हैं।
  • नेटवर्क क्षमता: सुपरकंप्यूटर उच्च गति की नेटवर्किंग तकनीकों जैसे कि Infiniband का उपयोग करते हैं, जिससे नोड्स के बीच अल्ट्रा-फास्ट डेटा ट्रांसमिशन होता है और लेटेंसी को न्यूनतम किया जाता है।
  • ऊर्जा दक्षता: अपनी विशाल प्रोसेसिंग क्षमता के बावजूद, परम रुद्र प्रणालियाँ ऊर्जा दक्ष हैं और बिजली की खपत को अनुकूलित करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जिससे पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनती हैं।

3. सॉफ़्टवेयर क्षमताएँ और स्वदेशी पारिस्थितिकी तंत्र

PARAM Rudra Supercomputer की एक प्रमुख विशेषता स्वदेशी सॉफ़्टवेयर स्टैक है जो उन्हें संचालित करता है। सॉफ़्टवेयर सूट में कई इन-हाउस नवाचार शामिल हैं, जिन्हें हार्डवेयर के प्रदर्शन और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है:

  • ऑपरेटिंग सिस्टम: ये प्रणालियाँ कस्टम-डिज़ाइन, स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलती हैं, जिन्हें उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग वर्कलोड के लिए अनुकूलित किया गया है।
  • सॉफ़्टवेयर लाइब्रेरीज़: परम रुद्र में विभिन्न वैज्ञानिक गणनाओं, मशीन लर्निंग और डेटा विश्लेषण के लिए अनुकूलित सॉफ़्टवेयर लाइब्रेरीज़ हैं।
  • कस्टम एप्लिकेशन: इन सुपरकंप्यूटरों के लिए उद्योगों और अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप एप्लिकेशन बनाए गए हैं।
  • क्लाउड इंटीग्रेशन: परम रुद्र सिस्टम्स क्लाउड-आधारित प्लेटफार्मों के साथ भी एकीकृत हो सकते हैं, जिससे छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) भी इनका उपयोग कर सकते हैं।

4. अनुप्रयोग और प्रभाव

PARAM Rudra Supercomputer विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में गणनात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। कुछ प्रमुख क्षेत्र जहां इनका बड़ा प्रभाव पड़ेगा:

a. वैज्ञानिक अनुसंधान

ये सुपरकंप्यूटर भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और सामग्री विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को तेज करने में सहायक होंगे। इनके द्वारा शोधकर्ता जटिल घटनाओं का अनुकरण कर सकते हैं और बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं।

b. जलवायु और मौसम पूर्वानुमान

उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग का एक मुख्य उपयोग सटीक मौसम पूर्वानुमान में होता है। परम रुद्र प्रणालियाँ मौसम के पैटर्न को अत्यधिक सटीकता से मॉडल और अनुकरण कर सकेंगी, जिससे अधिक विश्वसनीय पूर्वानुमान और बेहतर आपदा प्रबंधन संभव होगा।

PM Modi launched 3 indigenous Param Rudra supercomputers made at a cost of Rs 130 crore

c. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग

भारत के AI और मशीन लर्निंग अनुसंधान को PARAM Rudra Supercomputer गति देंगे। ये गहरे शिक्षण कार्यों, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) और कंप्यूटर दृष्टि के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करेंगे।

d. दवा खोज और स्वास्थ्य देखभाल

दवा खोज के क्षेत्र में, ये सुपरकंप्यूटर आणविक स्तर पर जैविक प्रक्रियाओं और रासायनिक इंटरैक्शन का अनुकरण कर सकते हैं। ये सुपरकंप्यूटर जीनोम अनुक्रमण, व्यक्तिगत दवाओं और महामारी मॉडलिंग जैसे कार्यों के लिए भी उपयोगी होंगे।

e. औद्योगिक अनुप्रयोग

परम रुद्र सिस्टम ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस और निर्माण जैसे उद्योगों में सिमुलेशन को बढ़ावा देंगे, जहां उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग का उपयोग अधिक कुशल इंजनों को डिजाइन करने, नए सामग्रियों का परीक्षण करने और उत्पादन प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने के लिए किया जाता है।

f. अंतरिक्ष अनुसंधान

भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों को भी परम रुद्र प्रणालियों से बढ़ावा मिलेगा, जो अंतरिक्ष मिशनों का अनुकरण कर सकते हैं और उपग्रह डेटा को प्रोसेस कर सकते हैं।

5. भारत के सुपरकंप्यूटिंग रोडमैप में भूमिका

परम रुद्र श्रृंखला का शुभारंभ भारत के व्यापक सुपरकंप्यूटिंग रोडमैप के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है:

PM Modi launched 3 indigenous Param Rudra supercomputers made at a cost of Rs 130 crore
  • NSM का विजन: 2015 में शुरू किया गया NSM भारत को सुपरकंप्यूटिंग में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखता है।
  • भविष्य की योजनाएँ: NSM का लक्ष्य 2025 तक भारत भर में 70 सुपरकंप्यूटरों की तैनाती करना है।
  • स्वदेशी निर्माण: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के साथ मेल खाते हुए, इन सुपरकंप्यूटरों का निर्माण घरेलू संसाधनों का उपयोग करके किया गया है।

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6. सहयोगात्मक प्रयास

परम रुद्र श्रृंखला का विकास विभिन्न भारतीय संस्थानों और प्रौद्योगिकी भागीदारों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास का परिणाम है:

  • C-DAC की भूमिका: C-DAC ने इन सुपरकंप्यूटरों के डिज़ाइन और विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।
  • शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग: कई शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों ने इन प्रणालियों के सॉफ़्टवेयर समाधान बनाने और हार्डवेयर कॉन्फ़िगरेशन को अनुकूलित करने में भाग लिया है।
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी: निजी प्रौद्योगिकी फर्मों ने हार्डवेयर घटकों के निर्माण में योगदान दिया है।

7. वैश्विक तुलना और प्रतिस्पर्धा

परम रुद्र प्रणाली भारत को वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग दौड़ में शामिल करती है। जबकि अमेरिका, चीन और जापान जैसे देश एक्सास्केल कंप्यूटिंग में अग्रणी हैं, परम रुद्र की पैटाफ्लॉप क्षमताएं भारत को उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बनाए रखेंगी।

निष्कर्ष

PARAM Rudra Supercomputer का लॉन्च भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर यात्रा में एक प्रमुख मील का पत्थर है। ये सिस्टम न केवल सुपरकंप्यूटिंग में भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रमाण हैं, बल्कि उद्योगों को बदलने, वैज्ञानिक अनुसंधान में सुधार करने और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने की क्षमता को भी दर्शाते हैं।

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