उत्तर प्रदेश के जनपद सम्भल के धनारी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गढ़ी बिचौला निवासी एक ग्रामीण ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को शिकायती पत्र भेजकर थाना धनारी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित का कहना है कि बीते माह उसकी महज 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री को रजपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम भीकमपुर निवासी आकाश नामक युवक बहला-फुसलाकर ले गया था। इस घटना की सूचना पीड़ित ने तत्काल थाना धनारी में दी थी और कार्रवाई की मांग की थी।
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पीड़ित पिता ने Sambhal पुलिस पर आरोपों की झड़ी लगाई

हालांकि पीड़ित का आरोप है कि थाना पुलिस ने उसकी शिकायत को तोड़-मरोड़कर अपने हिसाब से मामला दर्ज किया और उसकी बेटी की बरामदगी को लेकर लगातार हीला-हवाली करती रही। थक-हारकर जब पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, तब जाकर पुलिस ने 8 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के इच्छाधारी मंदिर से उसकी पुत्री को आरोपी आकाश के साथ बरामद किया।
लेकिन आरोप यहीं खत्म नहीं होते — पीड़ित का दावा है कि शिकायत के चलते नाराज़ थाना पुलिस ने उसे अपनी बेटी से मिलने तक नहीं दिया और कोर्ट में बेटी से दबाव में बयान दिलवाए गए। यही नहीं, मेडिकल परीक्षण में भी कथित तौर पर गड़बड़ी की गई, और बिना सही जांच के उसकी नाबालिग पुत्री की उम्र 18 वर्ष दर्शा दी गई, जबकि आधार कार्ड में उसकी उम्र केवल 14 साल दर्ज है।

पीड़ित का आरोप है कि अंततः Sambhal पुलिस ने उसकी बेटी को आरोपी पक्ष के हवाले कर दिया, जिससे वह गहरे सदमे में है। अब पीड़ित ने डीजीपी से न्याय की गुहार लगाते हुए अपनी बेटी का डीएनए टेस्ट करवाने की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिले।
यह मामला न केवल बाल संरक्षण कानूनों की अनदेखी, बल्कि पुलिस व्यवस्था की निष्पक्षता और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
Sambhal से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट